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बीजेपी की फसल में कीड़े लग गए है,कीटनाशक के छिड़काव की जरूरत, ऐसा क्यों बोले गडकरी

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बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अपने बेबाक बयानों के लिए जानें जाते हैं। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का एक बयान चर्चा में बना हुआ है।नितिन गडकरी ने कहा है कि जब कोई फसल बढ़ती है तो उसमें कीड़े भी ज्यादा लगते हैं। बीते दिनों में भाजपा की फसल काफी बढ़ी है। इस कारण फसल को बीमारी मुक्त करने के लिए कीटनाशक का छिड़काव करने की जरूरत है।

गडकरी ने नागपुर में समाचार चैनल मुंबई तक से बातचीत में कहा कि जब फसल बढ़ती है तो बीमारियां भी बढ़ती है। उन्होंने कहा कि जैसे जैसे पार्टी का विस्तार हो रहा है, कुछ समस्याएं उत्पन्न हो रही है। अच्छे अनाज के साथ बीमारियां भी आ रही है। उन्होंने कहा कि बीते दिनों में भाजपा की फसल काफी बढ़ी है और इसमें कुछ दागी नेता भी आ गए हैं। पार्टी को स्वच्छ बनाएं रखने के लिए सख्‍त कदम उठाने होंगे। बीमार फसलों पर कीटनाशक छिटकना होगा।

उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं की पार्टी है। नए नए लोग अलग अलग कारणों से पार्टी में आ रहे हैं। हमें उन्हें प्रशिक्षण देने के साथ ही विचारधारा और संस्कृति से भी अवगत कराना होगा। उन्हें अपना कार्यकर्ता बनाना होगा।

महाराष्ट्र के लिए बीजेपी का घोषणा पत्र जारी, किसानों-महिलाओं और युवाओं पर खास फोकस

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज है। राजनीतिक दल जनता को रिझाने के लिए एक से एक दांव चल रहे हैं और एक से बढ़कर एक वादे कर रहे हैं।इसी क्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीजेपी का घोषणा पत्र जारी कर दिया है। इस घोषणा पत्र में किसानों, महिलाओं और युवाओं पर खास फोकस किया गया है।

संकल्प पत्र जारी करते हुए अमित शाह ने कहा कि यह महाराष्ट्र की आकांक्षाओं का संकल्प पत्र है। इसमें किसानों का सम्मान और गरीबों का कल्याणा है। इसके अंदर महिलाओं का स्वाभिमान है। ये महाराष्ट्र की उम्मीदों का संकल्प पत्र है। ये संकल्प पत्र पत्थर की लकीर जैसा है। अघाड़ी की सारी योजनाएं सत्ता के लिए है।इस दौरान उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, राज्य भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले, मुंबई भाजपा प्रमुख आशीष शेलार, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और पार्टी के अन्य नेता मौजूद रहे।

फडणवीस ने क्या कहा?

वहीं, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संकल्प पत्र जारी करने के बाद कहा कि AI ट्रेनिंग हब हम बनाएगा, सभी स्कूल और कॉलेज में यह ट्रेनिंग दी जाएगी। हम 25 लाख जॉब का निर्माण करेंगे। सीनियर सिटीजन की पेंशन हम 1500 से 2100 करेंगे। फिन टेका और एयरोनॉटिक पर हमारा जायदा फोकस होगा। ताकि नौजवानों को आगे जायदा मौका मिले।

बीजेपी के घोषणापत्र में जनता के लिए क्या है?

-वृद्धावस्था पेंशन धारकों को 2100 रुपये देने का वादा।

-सरकार बनने के 100 दिन के भीतर विजन महाराष्ट्र 2029 जमा करने का वादा।

– आंगनबाड़ी और आशा सेवकों को 15 हजार रुपये वेतन और बीमा कवर दिया जाएगा।

-25 लाख रोजगार पैदा होंगे।

-10 लाख छात्रों को 10 हजार रुपये प्रति माह ट्यूशन फीस दी जाएगी।

-लड़की बहिन योजना में 2100 रु।

-किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा।

-मूल्य विनिमय योजना लागू की जाएगी – यदि कीमत गारंटी मूल्य से कम है, तो हम गारंटी मूल्य पर खरीदेंगे और किसानों को अंतर का भुगतान किया जाएगा।

-आर्थिक सहायता योजना में 1500 रुपये के बदले 2100 रुपये मिलेंगे।

-आवश्यक वस्तुओं की कीमतें स्थिर करने की योजना।

-सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से गरीबों और मध्यम वर्ग का बिजली बिल कम करेंगे।

-किसानों के लिए मूल्य श्रृंखला बनाना।

-50 लाख लखपति दीदी बनाएंगे।

-साइंस में महाराष्ट्र को नंबर एक बनाने का वादा।

-मेक इन महाराष्ट्र के लिए प्रयास।

-फिनटेक और एआई में करेंगे भारी निवेश।

कब होने हैं चुनाव?

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होने हैं और सभी 288 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतगणना 23 नवंबर को होगी। 2019 के विधानसभा चुनावों में, भाजपा ने 105 सीटें, शिवसेना ने 56 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीतीं। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 122, शिवसेना को 63 और कांग्रेस को 42 सीटें मिली थीं।

भारत के 'पिनाक' का दुनिया में बजा डंका, फ्रांस करना चाह रहा डील, अर्मेनिया पहले ही दे चुका है ऑर्डर

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भारत के'मेक इन इंडिया' की गूंज अब दुनियाभर में देखने को मिल रही है। रक्षा क्षेत्र में भारत तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। कभी हथियारों के लिए विदेश पर निर्भर रहने वाला भारत अब हथियारों का निर्यात भी कर रहा है। भारत में तैयार किए जा रहे एक से बढ़कर एक हथियारों पर अब कई देशों की नजरें टिक गई हैं। उनमें से फ्रांस भी एक है। फ्रांस अपनी रक्षा जरूरतों को पूरी करने के लिए भारत निर्मित पिनाक मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम खरीदने पर विचार कर रहा है। ऐसा कोई सौदा रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया पहल की एक बड़ी सफलता साबित होगा।

आत्मनिर्भर भारत अभियान या रक्षा क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' की ये सफलता तब मिलने जा रही है, जब फ्रांसीसी सेना के ब्रिगेडियर जनरल स्टीफन रिचौ भारत दौरे पर आए। उनका यह दौरान भारत के पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम को खरीदने से भी संबंधित है। ब्रिगेडियर जनरल स्टीफन रिचौ ने बताया,'हम पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम का मूल्यांकन कर रहे हैं क्योंकि हमें इस तरह के सिस्टम की जरूरत है।दोनों देशों के रिश्ते केवल व्यापारिक संबंधों तक ही केंद्रित नहीं हैं और हम साझा सहयोग को और आगे बढ़ाना चाहते हैं।

फ्रांस भारतीय रक्षा उपकरणों का दूसरा सबसे बड़ा आयातक

फ्रांस के वरिष्ठ अधिकारी दोनों पक्षों के बीच वार्ता के सिलसिले में ही आए हैं। वर्ष के शुरू में शुरुआत में सीडीएस जनरल अनिल चौहान की यात्रा के दौरान फ्रांस के साथ इस रॉकेट सिस्टम पर चर्चा हुई थी।फ्रांसीसी अधिकारी ने कहा कि दोनों देश उच्च तकनीक साझा कर रहे हैं क्योंकि वे साथ मिलकर स्कॉर्पीन जैसी उच्च क्षमता वाली पनडुब्बियां बना रहे है। फ्रांसीसी ब्रिगेडियर जनरल ने कहा कि दोनों पक्ष शक्ति श्रृंखला के अभ्यास कर रहे हैं और दोनों देशों के बीच घनिष्ठ साझेदारी के प्रतीक के रूप में एक-दूसरे के राष्ट्रीय दिवस कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया है। उन्होंने कहा कि युद्ध अभ्यास के 25वें संस्करण के लिए, फ्रांसीसी सेना भारतीय सेना की एक मजबूत टुकड़ी को अपने देश में आमंत्रित करेगी। अमेरिका के बाद फ्रांस भारतीय रक्षा उपकरणों का दूसरा सबसे बड़ा आयातक है और भारत से बहुत सारे इलेक्ट्रॉनिक्स सामान वहां जाते हैं।

रक्षा क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भर हो रहा भारत

भारत रक्षा क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भर हो रहा है। भारत जिन देशों से पहले हथियार और रक्षा उपकरण खरीदता रहा है, अब वे देश भारत से रक्षा उपकरण खरीदने को आतुर दिखते हैं। इससे पहले भारत फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का निर्यात कर चुका है। ब्रह्मोस का विकास भारत और रूस ने मिलकर किया है।

क्या है पिनाक की खुबियां?

पिनाक रॉकेट सिस्टम 75 किलोमीटर से भी अधिक दूरी तक लक्ष्य को भेद सकती है। भारत पहले से ही इसका निर्यात कर रहा है। आर्मेनिया ने इसके लिए ऑर्डर दिया है। कई अन्य देश भी इसमें रुचि दिखा रहे हैं। इस वर्ष की शुरुआत में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान की उच्च स्तरीय यात्रा के दौरान फ्रांसीसी पक्ष के साथ इस रॉकेट सिस्टम पर चर्चा हुई थी। पिनाक का विकास डीआरडीओ ने सोलार इंडस्ट्रीज, लार्सन एंड टुब्रो, टाटा जैसी कंपनियों और आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के साथ मिलकर किया है।

कानून द्वारा शासित समाज में ‘बुलडोजर न्याय’ का कोई स्थान नहीं : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राज्य के अधिकारियों द्वारा मनमाने ढंग से की जाने वाली तोड़फोड़ के खिलाफ पहली बार दिशा-निर्देश जारी किए, जिसमें कहा गया कि नागरिकों की आवाज़ को “उनकी संपत्ति को नष्ट करने की धमकी देकर नहीं दबाया जा सकता” और इस तरह के “बुलडोजर न्याय” का कानून द्वारा शासित समाज में कोई स्थान नहीं है।

“बुलडोजर के माध्यम से न्याय किसी भी सभ्य न्याय व्यवस्था के लिए अज्ञात है। एक गंभीर खतरा है कि अगर राज्य के किसी भी विंग या अधिकारी द्वारा मनमानी और गैरकानूनी व्यवहार की अनुमति दी जाती है, तो नागरिकों की संपत्तियों को बाहरी कारणों से चुनिंदा प्रतिशोध के रूप में ध्वस्त किया जाएगा,” भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) धनंजय वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने शनिवार को न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की सेवानिवृत्ति की पूर्व संध्या पर अपलोड किए गए एक विस्तृत आदेश में कहा।

सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए अनिवार्य सुरक्षा उपाय निर्धारित करते हुए, अदालत ने फैसला सुनाया कि किसी भी तोड़फोड़ से पहले उचित सर्वेक्षण, लिखित नोटिस और आपत्तियों पर विचार किया जाना चाहिए। इन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई और आपराधिक आरोप दोनों लगाए जाएंगे, पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे। राज्य सरकार द्वारा इस तरह की मनमानी और एकतरफा कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जा सकती। अगर इसकी अनुमति दी गई तो अनुच्छेद 300ए के तहत संपत्ति के अधिकार की संवैधानिक मान्यता खत्म हो जाएगी।

न्यायालय ने विकास परियोजनाओं के लिए भी किसी भी संपत्ति को गिराने से पहले छह आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया। पहला, अधिकारियों को पहले मौजूदा भूमि रिकॉर्ड और मानचित्रों का सत्यापन करना चाहिए; दूसरा, वास्तविक अतिक्रमणों की पहचान करने के लिए उचित सर्वेक्षण किया जाना चाहिए; तीन, कथित अतिक्रमणकारियों को लिखित नोटिस जारी किए जाने चाहिए; चौथा, आपत्तियों पर विचार किया जाना चाहिए और बोलने के आदेश पारित किए जाने चाहिए, पांच, स्वैच्छिक हटाने के लिए उचित समय दिया जाना चाहिए और छह, यदि आवश्यक हो तो अतिरिक्त भूमि कानूनी रूप से अधिग्रहित की जानी चाहिए।

बुलडोजर विध्वंस दिशा-निर्देश

दिशा-निर्देश सितंबर 2019 में यूपी के महाराजगंज जिले में पत्रकार मनोज टिबरेवाल आकाश के पैतृक घर को गिराए जाने से जुड़े एक मामले से सामने आए। अधिकारियों ने दावा किया कि राष्ट्रीय राजमार्ग के विस्तार के लिए तोड़फोड़ जरूरी थी, लेकिन जांच में उल्लंघनों का एक पैटर्न सामने आया, जिसके बारे में अदालत ने कहा कि यह राज्य की शक्ति के दुरुपयोग का उदाहरण है।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने पाया कि कथित तौर पर सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने वाली संपत्ति का केवल 3.70 मीटर हिस्सा ही था, जबकि अधिकारियों ने बिना कोई लिखित नोटिस दिए 5-8 मीटर के बीच की जमीन को ध्वस्त कर दिया। तोड़फोड़ से पहले केवल ढोल बजाकर सार्वजनिक घोषणा की गई थी। टिबरेवाल ने आरोप लगाया था कि तोड़फोड़ उनके पिता द्वारा ₹185 करोड़ की सड़क निर्माण परियोजना में कथित अनियमितताओं की एसआईटी जांच की मांग करने के प्रतिशोध में की गई थी। हालांकि अदालत ने सीधे तौर पर इस दावे पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन उसने चुनिंदा सजा के तौर पर तोड़फोड़ के इस्तेमाल के खतरों पर जोर दिया।

अदालत ने कहा, "एक इंसान के पास जो अंतिम सुरक्षा होती है, वह उसका घर होता है। कानून निस्संदेह सार्वजनिक संपत्ति पर अवैध कब्जे और अतिक्रमण को उचित नहीं ठहराता। जहां ऐसा कानून मौजूद है, वहां इसमें दिए गए सुरक्षा उपायों का पालन किया जाना चाहिए।" अदालत ने राज्य को याचिकाकर्ता को 25 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा देने का निर्देश दिया और यूपी के मुख्य सचिव को अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने और बिना नोटिस जारी किए या संबंधित सड़क के विस्तार को उचित ठहराने के लिए कोई रिकॉर्ड पेश किए बिना घर को ध्वस्त करने के लिए जिम्मेदार दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश दिया।

अदालत ने जोर देकर कहा, "सार्वजनिक अधिकारियों के लिए सार्वजनिक जवाबदेही आदर्श होनी चाहिए। राज्य के अधिकारी जो इस तरह की गैरकानूनी कार्रवाई करते हैं या मंजूरी देते हैं, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए और कानून का उल्लंघन करने पर आपराधिक दंड लगाया जाना चाहिए।" मुख्य सचिव को पर्याप्त सूचना के बिना क्षेत्र में किए गए इसी तरह के विध्वंस की भी जांच करनी चाहिए और एनएचआरसी के निर्देशानुसार, यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एफआईआर दर्ज की जाए और सीबी-सीआईडी ​​द्वारा जांच की जाए। मुख्य सचिव को एक महीने के भीतर आदेश का क्रियान्वयन करना होगा और अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू होने की तारीख से चार महीने में पूरी करनी होगी।

यह फैसला ऐसे समय में आया है जब न्यायमूर्ति भूषण आर गवई की अध्यक्षता वाली एक अन्य पीठ ने हाल ही में राज्यों में मनमाने ढंग से किए गए विध्वंस को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर आदेश सुरक्षित रखा है। हाल के वर्षों में कई ऐसे उदाहरण देखने को मिले हैं, अदालत ने निर्देश दिया कि इन दिशा-निर्देशों की प्रतियां तत्काल क्रियान्वयन के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को भेजी जाएं। यह स्पष्ट करते हुए कि कानून अवैध अतिक्रमणों को बढ़ावा नहीं देता है, अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि हटाने के लिए स्थापित कानूनी प्रक्रियाओं और सुरक्षा उपायों का पालन किया जाना चाहिए।

दिल्ली के मुंडका इलाके में गोली मारकर एक शख्स की हत्या, तिहाड़ जेल से हाल ही में बाहर आया था

डेस्क : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली एक बार फिर गोलियों की आवाज से कांप उठी है। बाहरी दिल्ली के मुंडका इलाके में एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। बाइक सवार बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया है।

बदमाशों ने शख्स पर करीब 6 राउंड फायर किए हैं। घटना को अंजाम देने के बाद हमलावर फरार भी हो गए। मृतक की पहचान अमित नाम के शख्स के तौर पर हुई है। अमित लूट के मामले में तिहाड़ जेल में बंद था और अभी हाल ही में जेल से बाहर आया था। अब पुलिस इस मामले में जांच कर रही है कि ये गैंगवार है या निजी दुश्मनी है।

हालही में खबर सामने आई थी कि दिल्ली के वेलकम इलाके में भी बाइक सवार बदमाशों ने फायरिंग की, जिसमें एक शख्स की मौत हो गई और एक अन्य घायल है। बताया जा रहा है कि घटना को अंजाम देने के बाद 3 नाबालिग बदमाश अपनी मोटरसाइकिल छोड़कर फरार हो गए। बदमाशों के हमले में जिस शख्स की मौत हुई, उसकी पहचान नदीम के रूप में हुई है। वहीं शहनवाज नाम का एक अन्य शख्स घायल हो गया।

मिली जानकारी के मुताबिक, इन्ही बदमाशों ने एक अन्य घटना को भी अंजाम दिया। इन बदमाशों ने ज्योतिनगर इलाके में स्थित न्यू करदमपुरी की गली नंबर 5 में हवा में फायरिंग की और मौके से भाग गए। घटनास्थल से 7 खाली कारतूस और एक जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं। पुलिस ने तीनों नाबालिग बदमाशों को पकड़ लिया है।

मिली जानकारी के मुताबिक, इन तीनों आरोपियों में से एक आरोपी ने नदीम से 10 हजार रुपये ब्याज पर लिए थे और नदीम आरोपी पर ब्याज देने का दबाव बना रहा था और इसी के चलते तीनों ने नदीम की हत्या कर दी। इन्हीं तीनों नाबालिग लड़कों ने ज्योतिनगर इलाके में भी एक शख्स के घर के बाहर गोली चलाई थी। लड़कों के पास से 3 देशी कट्टे बरामद हुए हैं और फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

सीएम मोहन यादव ने किया ऐलान, लाड़ली बहन योजना के तहत 5 हजार तक बढ़ाई जाएगी सहायता राशि

डेस्क: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार को कहा कि लाड़ली बहना योजना के तहत पात्र महिलाओं को मासिक वित्तीय सहायता दी जाती है, उसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 5 हजार रुपये प्रतिमाह की जाएगी। पिछले साल विधानसभा चुनावों से पहले शुरू हुई इस योजना के तहत वर्तमान में पात्र महिला लाभार्थियों के बैंक खाते में राज्य सरकार द्वारा 1250 रुपये प्रतिमाह ट्रांसफर किए जाते हैं। सीएम मोहन यादव ने बुधनी में लोगों को संबोधित करते हुए कहा, बहनों, कांग्रेस के लोगों से पूछिएगा कि क्या कभी आपके बैंक खाते में किसी ने पैसे जमा किए हैं? आप (कांग्रेस) लोगों से लूटते और छीनते हैं।

बता दें कि बुधनी विधानसभा सीट पर 13 नवंबर को मतदान होने जा रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चुनावों के दौरान आरोप लगाया था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा चुनावों को ध्यान में रखते हुए इस योजना को शुरू किया गया है और चुनावों के बाद इसे बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आप शोर मचाते रहिए, हम बैंक खातों में पैसे जमा करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार 1250 रुपये जमा करती रही। सरकार आज 1250 रुपये जमा करेगी। इस मासिक सहायता को 3 हजार से बढ़ाकर 5 हजार किया जाएगा। सरकार की यही नीति है।

बता दें कि शनिवार की शाम सीएम मोहन यादव ने एक आयोजित सभा से लाड़ली बहना योजना के लाभार्थियों के बैंक खातों में 1250 रुपये की मासिक सहायता राशि को ट्रांसफर किया। बता दें कि विदिशा से लोकसभा चुनाव में जीत मिलने के बाद शिवराज सिंह चौहान की पारंपरिक बुधनी विधानसभा सीट से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था और यह सीट तब से ही रिक्त है। ऐसे में इस सीट पर अब 13 नवंबर को उपचुनाव होने जा रहे हैं। बुधनी सीट से भाजपा ने रमाकांत भार्गव को चुनावी मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने पूर्व राज्य मंत्री राजकुमार पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया है। बता दें कि रमाकांत भार्गव विदिशा से सांसद भी रह चुके हैं।

छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में सड़क पर लेटी महिलाएं, ऊपर से दौड़ते चले गए पुरुष, जानिए, इस विशेष पूजा पद्धति का ऐतिहासिक महत्व

छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाला परंपरागत देव मड़ई मेला क्षेत्र की सांस्कृतिक तथा धार्मिक धरोहर का प्रतीक बन चुका है। यह मेला विशेष रूप से आदिवासी समुदाय की धार्मिक परंपराओं को जीवित रखने का एक माध्यम है, जिसमें भक्तों का विशाल समुदाय हिस्सा लेता है। इस मौके पर, आसपास के सभी देवी-देवता, डांग डोरी, बैगा, सिरहा, एवं गायता पुजारी एक साथ आकर सामूहिक रूप से इस मेलें का आयोजन करते हैं। यह मेले की एक विशेष परंपरा है, जो क्षेत्रवासियों के बीच गहरी श्रद्धा और विश्वास को दर्शाती है।

मेले का एक प्रमुख हिस्सा है "परण", जिसमें संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाली महिलाएं विशेष रूप से हिस्सा लेती हैं। इस अवसर पर, महिलाएं मां अंगारमोती के मंदिर में जाती हैं तथा संतान के लिए आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करती हैं। परंपरा के अनुसार, महिलाएं पेट के बल लेटकर बैगा जनजाति के लोगों के ऊपर से गुजरने का इंतजार करती हैं। माना जाता है कि जिन महिलाओं के ऊपर से बैगा का पैर गुजरता है, उन्हें देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है तथा उनकी गोद भर जाती है। यह एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मान्यता है, जो इस इलाके के आदिवासी समुदाय में बहुत सम्मानित मानी जाती है।

मेले के चलते, महिलाएं पूजा सामग्री जैसे नींबू, नारियल, और अगरबत्ती लेकर खुले स्थान पर पेट के बल लेट जाती हैं, जबकि बैगा जनजाति के लोग उनके ऊपर से होकर गुजरते हैं। इस के चलते बैगा खास तौर पर देवी के रूप में प्रकट होते हैं, जिनकी उपस्थिति पूजा की गंभीरता और शक्ति को प्रतीकित करती है। इस अनुष्ठान को श्रद्धा और विश्वास का रूप माना जाता है।

दीवाली के बाद लगा मेला

देव मड़ई मेला हमेशा दिवाली के पश्चात् पहले शुक्रवार को आयोजित होता है, जो क्षेत्रवासियों के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन होता है। इस दिन में 52 गांवों के देव विग्रहों की पूजा की जाती है। आदिशक्ति मां अंगारमोती ट्रस्ट के अध्यक्ष जीवराखन मरई बताते हैं कि मां अंगारमोती गोंड़ों की कुल देवी मानी जाती हैं। उनका वास स्थान पहले महानदी के किनारे और आसपास के कुछ गांवों के सीमा क्षेत्र में था। यह स्थान सदियों से श्रद्धा एवं आस्था का केंद्र रहा है, जहां गोंड़ समाज के लोग नियमित रूप से पूजा और सेवा करते थे।

सदियों पुरानी परंपरा के मुताबिक, दीवाली के बाद के पहले शुक्रवार को देव मड़ई मेला का आयोजन किया जाता है, जो अब गंगरेल में पुनर्स्थापित किया गया है। गंगरेल बांध बनने के पश्चात् इस क्षेत्र के अधिकांश लोग विस्थापित हो गए थे, किन्तु पूजा और परंपराओं का निर्वाह आज भी उसी श्रद्धा और धरोहर के साथ किया जाता है।

निसंतान महिलाएं मन्नतों के साथ पहुंचती हैं मां के दरबार में

इस मेले में बड़े आंकड़े में निसंतान महिलाएं विशेष रूप से भाग लेती हैं। भक्तों का विश्वास है कि मां अंगारमोती की कृपा से निसंतान महिलाएं संतान सुख प्राप्त कर सकती हैं। महिलाएं इस दिन मां के दरबार में पहुंचकर विशेष पूजा अर्चना करती हैं और परण अनुष्ठान का पालन करती हैं। यहां की मान्यता के अनुसार, माता स्वयं सिरहा के शरीर में प्रवेश कर मेला स्थल का भ्रमण करती हैं, और उनके इस रूप में पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

गंगरेल के मेला स्थल पर हर साल सैकड़ों महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए मां अंगारमोती की पूजा करती हैं। वे मंदिर के सामने हाथों में पूजा सामग्री लेकर कतार में खड़ी रहती हैं और जो महिलाएं जमीन पर पेट के बल लेटी होती हैं, उनके ऊपर से बैगा गुजरते हैं। इस दौरान श्रद्धालुओं की गहरी श्रद्धा और विश्वास दिखाई देता है, जबकि ढोल-नगाड़ों की ध्वनि माहौल को और भी भव्य बना देती है।

दंडवत लेटी महिलाएं, दौड़ते चले गए बैगा

इस दिन 300 से अधिक महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए मन्नत मांगने पहुंची। महिलाएं मंदिर के सामने हाथ में नारियल, अगरबत्ती, तथा नींबू लेकर कतार में खड़ी थीं। जमीन पर लेटी महिलाओं के ऊपर से बैगा चलते हुए निकले। कहा जाता है कि यहां वे सभी बैगा भी आते हैं, जिन पर देवी सवार होती हैं। वे झूमते-झूपते थोड़े बेसुध से मंदिर की तरफ बढ़ते हैं। चारों ओर ढोल-नगाड़ों की गूंज रहती है। बैगाओं को आते देख, कतार में खड़ी सारी महिलाएं पेट के बल दंडवत लेट गईं तथा बैगा उनके ऊपर से गुजरते हुए चले गए।

52 गांवों की देवी, ये है मान्यता

प्राचीन कथाओं के मुताबिक, माता अंगारमोती 52 गांवों की देवी मानी जाती हैं। इन गांवों के लोग किसी भी परेशानी या समस्या के समय मां अंगारमोती के पास जाकर मन्नत मांगते हैं तथा मन्नत पूरी होने पर शुक्रवार को विशेष पूजा कराते हैं। विशेषकर निसंतान महिलाएं मातृसुख के लिए मां के दरबार में फरियाद लेकर पहुंचती हैं तथा माता उन्हें अपना आशीर्वाद देती हैं।

पाकिस्तान : क्वेटा रेलवे स्टेशन पर सुसाइड अटैक, 24 लोगों की मौत, 30 घायल, मृतकों की संख्या में इजाफा संभव

पाकिस्तान के क्वेटा में रेलवे स्टेशन के अंदर जोरदार धमाका हुआ है जिसमें 24 लोगों की मौत हो गई है जबकि 30 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। क्वेटा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मोहम्मद बलूच ने मीडिया को बताया कि इस घटना में 16 लोगों की मौत हुई है और 30 से अधिक लोग घायल हुए हैं। प्रारंभिक रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि विस्फोट रेलवे स्टेशन के बुकिंग कार्यालय में ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर पहुंचने से ठीक पहले हुआ। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि जाफर एक्सप्रेस सुबह 09:00 बजे पेशावर के लिए रवाना होने वाली थी। स्टेशन पर भीड़ को देखते हुए मृतकों की संख्या बढ़ने का अनुमान है। बलूच लिबरेशन आर्मी ने इस ब्लास्ट की जिम्मेदारी ली है। बलूच लिबरेशन आर्मी के प्रवक्ता ने कहा कि “हम क्वेटा रेलवे स्टेशन पर पाकिस्तानी सेना पर हुए फिदायी हमले की जिम्मेदारी लेते हैं। आज सुबह क्वेटा रेलवे स्टेशन पर पाकिस्तानी सेना की एक यूनिट पर फिदायीन हमला किया गया जब वे इन्फैंट्री स्कूल से कोर्स पूरा करने के बाद जाफर एक्सप्रेस से लौट रहे थे। इस हमले को बीएलए की फिदायीन यूनिट मजीद ब्रिगेड ने अंजाम दिया। जल्द ही मीडिया को विस्तृत जानकारी दी जाएगी।

एसएसपी मोहम्मद बलूच ने कहा कि यह घटना “आत्मघाती धमाका जैसा लग रहा है। लेकिन अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। विस्फोट की प्रकृति का पता लगाने के लिए जांच चल रही है। इससे पहले ईधी बचाव सेवा के प्रमुख जीशान ने कहा कि विस्फोट “रेलवे स्टेशन के अंदर एक प्लेटफॉर्म पर हुआ है।

उधर बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने एक बयान में कहा कि पुलिस और सुरक्षा बल घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। रिंद ने कहा कि विस्फोट की प्रकृति की जांच की जा रही है। बम निरोधक दस्ता घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र कर रहा है और घटना पर रिपोर्ट मांगी गई है।

सरकारी अधिकारी ने कहा कि वहां के अस्पतालों में ‘इमरजेंसी’ लागू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि “घायलों को चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है।” घटनास्थल की फुटेज में रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर मलबा दिखाई दे रहा है।

अब नहीं जाऊंगा किसी भी श्रीकृष्ण मंदिर’, जानिए, आखिर क्यों जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने लिया ऐसा प्रण

राजस्थान के जयपुर में आयोजित 9 दिवसीय रामकथा के दौरान जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज ने कृष्ण जन्मभूमि को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कथा के चलते व्यास गद्दी पर बैठकर यह कहा कि जब तक मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि का विवाद नहीं सुलझ जाता तथा उस पर फैसला नहीं हो जाता, वह किसी भी कृष्ण मंदिर में दर्शन करने नहीं जाएंगे। यह बयान विशेष रूप से जयपुर के लोकप्रिय श्री गोविंद देव जी मंदिर के संदर्भ में था।

जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में आयोजित इस 9 दिवसीय रामकथा के चलते जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि उन्होंने पहले श्री गोविंद देव जी मंदिर के दर्शन का मन बनाया था, मगर बाद में उनका मन बदल गया। उन्होंने स्पष्ट रूप से संकल्प लिया कि जब तक मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि पर फैसला नहीं आ जाता, तब तक वह किसी भी कृष्ण मंदिर में दर्शन नहीं करेंगे। जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने मंच से कहा, "हमने गोविंद देव जी से बोल दिया है कि आप कितनी भी मनुहार क्यों न कर लें, जब तक मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि पर जीत नहीं मिल जाती, मैं किसी भी कृष्ण मंदिर में दर्शन के लिए नहीं जाऊंगा।" उन्होंने यह भी कहा कि गलता गद्दी पर उनका अधिकार होगा, क्योंकि वह इस धार्मिक स्थल पर भी रामानंदियों का विजय स्तंभ स्थापित करना चाहते हैं।

तुलसी पीठ के पीठाधीश्वर, जगद्गुरु रामभद्राचार्य, लंबे वक़्त तक राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे हैं। जब इस वर्ष राम मंदिर का उद्घाटन होने वाला था, तब शंकराचार्य ने मंदिर के अधूरे निर्माण का विरोध किया था। उस वक़्त रामभद्राचार्य ने कहा था कि शंकराचार्य कभी राम मंदिर आंदोलन से जुड़े नहीं थे। उन्होंने राम मंदिर के उद्घाटन को एक ऐतिहासिक एवं गौरवमयी पल बताया था तथा पूरे उत्साह के साथ इसमें भाग लिया था।

पीएम मोदी बोले, MVA की गाड़ी में न पहिए, न ब्रेक, और ड्राइवर की सीट पर बैठने का है झगड़ा, महिलाएं महाविकास अघाड़ी से रहें सतर्क

पीएम नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के धुले में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए महा विकास अघाड़ी (MVA) पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि MVA की गाड़ी में न पहिए हैं, न ब्रेक, और ड्राइवर की सीट पर बैठने को लेकर झगड़ा चल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि राजनीति में हर व्यक्ति का अपना उद्देश्य होता है, तथा हम जैसे लोग जनता को ईश्वर का रूप मानते हैं।

पीएम ने कहा कि हम राजनीति में जनता की सेवा के लिए आए हैं, जबकि कुछ लोगों की राजनीति का आधार "लोगों को लूटना" है। जब इस तरह के लोग, जैसे महा अघाड़ी, सरकार में आते हैं, तो वे विकास को ठप्प कर देते हैं और हर योजना में भ्रष्टाचार फैलाते हैं। उन्होंने कहा, "आपने महा अघाड़ी के धोखे से बनी सरकार के 2.5 साल देखे हैं। इन लोगों ने पहले सरकार लूटी तथा इसके बाद महाराष्ट्र के लोगों को लूटने में भी लग गए। इन लोगों ने मेट्रो परियोजनाओं को ठप्प कर दिया, वधावन पोर्ट के काम में अड़ंगे डाले तथा समृद्धि महामार्ग की योजना में रुकावटें उत्पन्न कीं। अघाड़ी वालों ने हर उस योजना पर रोक लगा दी, जो महाराष्ट्र के लोगों का भविष्य उज्जवल बना सकती थी। वहीं, महायुति की सरकार ने 2.5 वर्षों में विकास के नए कीर्तिमान स्थापित किए तथा महाराष्ट्र को उसका खोया हुआ गौरव लौटाया।"

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एमवीए के नेता अब महिलाओं को गालियाँ दे रहे हैं। उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र की हर महिला को एमवीए से सतर्क रहना चाहिए। एक विकसित महाराष्ट्र और विकसित भारत के लिए हमारी बहनों और बेटियों का जीवन आसान बनाना, उन्हें सशक्त बनाना बहुत जरूरी है। जब महिलाएं आगे बढ़ती हैं, तो पूरा समाज तेजी से प्रगति करता है। इसीलिए, बीते 10 वर्षों में केंद्र सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई बड़े निर्णय लिए हैं।" पीएम ने यह भी कहा कि पूरा महाराष्ट्र देख रहा है कि कांग्रेस और महा अघाड़ी के नेता अब महिलाओं को गालियाँ दे रहे हैं, तथा अभद्र भाषा का उपयोग कर रहे हैं। महाराष्ट्र की कोई भी मां-बहन कभी भी अघाड़ी वालों के इस कृत्य को माफ नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सत्ता में आने पर लाडली बहना योजना को बंद कर देगी। कांग्रेस ने इसके खिलाफ कोर्ट में याचिका भी दायर की है। वे इस योजना को बंद करवाना चाहते हैं।