यातायात के नियमो की अनदेखी करके खुद ही हादसो को दावत देते है लोग : नाज़िश नसीर खान
सम्भल । ह्यूमन केयर चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वाधान मे रविवार को पुलिस अधीक्षक संभल महोदय द्वारा माह नवंबर को सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा के अभियान में सहयोग किया गया अभियान के अंतर्गत यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों को यातायात नियमों के अन्तर्गत गाधीगिरी के माध्यम से लोगों को यातायात के नियमो का पालन करने के लिए संकल्प और शपथ के साथ गुलाब का फूल देते हुए लोगों को यातायात के नियमो के प्रति जागरूक किया । ज़िंदगी की अहमियत बताते हुए ट्रस्ट के संस्थापक नाज़िश नसीर खांन ने कहाकि जिंदगी अनमोल होती है ,अगर लोग यातायात के नियमों का पालन करना शुरू कर दे , तो सड़क हादसो मे जांन गंवानो वालो की संख्या में काफी हद तक कमी आयेगी।
कुछ ना समझ लोग यातायात के नियमो की अनदेखी करके खुद ही हादसो को दावत देते है, हमे कभी भी सड़क पर गाडी चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल नही करना चाहिए। बाइक या बड़ा वाहन चलाते समय हमेशा हेलमेट व सीट बेल्ट का इस्तेमाल ज़रूर करना चाहिए, दो पहिए वाहन पर कभी भी तीन सवारी बैठाकर सफर नहीं करना चाहिए , अगर आप यातायात के नियमो का पालन करते हुए वाहन चलाते है , तो यह आपके साथ साथ दूसरो के लिए भी लाभदायक होगा, गाड़ी चलाने के दौरान सावधानी हटने पर अकसर हादसे होते है क्योकि ज़िंदगी अनमोल होती है। इस ज़िन्दगी पर दूसरो का भी हक़ होता हैं। सड़क हादसों में भारत की भागीदारी पूरे विश्व में 15 प्रतिशत है , जोकि गंभीरता दशार्ता है ।सफर के लिए यातायात नियमों का पालन करना बहुत ज़रूरी है। यातायात नियम का पालन करने में युवाओं की अहम भूमिका होती है। अगर युवा नियमों का पालन करने शुरू कर दें , तो ना सिर्फ हादसे रुकेंगे , बल्कि परिवहन विभाग या यातायात पुलिस की कार्यवाही के दायरे में आने से भी बच पाएंगे।
सड़क दुर्घटना में कमी लाना हमारे लिए चुनौती है. 2030 तक सड़क दुर्घटना में 50 फीसदी की कमी लाने का उद्देश्य है. सड़क सुरक्षा को हमें जन आंदोलन का रूप देना होगा. लोगों को हमें जागरूक करना होगा। तभी हम अपना उद्देश्य प्राप्त कर सकेंगे. हम बदलेंगे ,तभी समाज बदलेगा.।कोई व्यक्ति दुर्घटना का शिकार नहीं होना चाहता है. सड़क सुरक्षा से हर व्यक्ति जुड़ा हुआ है. हमें निष्ठा के साथ काम करने वाले लोगों की पहचान करनी चाहिए. उन्हें ऐसे काम में लगाना चाहिए. हर साल, सड़क दुर्घटनाओं के परिणामस्वरूप पूरे भारत में लाखों लोगों की जान चली जाती है और करोड़ों लोग गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं।
सड़क सुरक्षा जागरूकता हमें बढ़ाना होगा जिससे 50 फीसदी सड़क दुर्घटना में कमी लाई जा सके।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों की संख्या में पहले स्थान पर है, जो दुनिया भर में सड़क दुर्घटना से संबंधित मौतों का लगभग 11% है।भारत में ही हर साल हज़ारों लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी ज़िंदगी को देते हैं ।अधिकांश दुर्घटनाओं में चालक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ज़्यादातर मामलों में दुर्घटनाएं या , तो लापरवाही के कारण होती हैं ।या सड़क उपयोगकर्ता की सड़क सुरक्षा जागरूकता की कमी के कारण होती हैं। इसलिए, सड़क सुरक्षा शिक्षा जीवित रहने के किसी भी अन्य बुनियादी कौशल की तरह ही आवश्यक है।
जिसके माध्यम से छात्रों को सड़क सुरक्षा के नियमों के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
गाधीगिरी के माध्यम से लोगों को यातायात के नियमो का पालन करने के लिए गुलाब का फूल देकर यातायात के नियमों का पालन करने की अपील कराते हुए , यातायात नियमों का पालन के लिए शपथ दिलाई गई। लोगों से यातायात नियमों का प्रचार प्रसार करने का आह्वान करते हुए सड़क सुरक्षा, जीवन रक्षा व हेलमेट लगाना है, जीवन को बचाना है , मत करो इतनी मस्ती, ज़िन्दगी नही है सस्ती। दुर्घटना से देर भली आदि नारे लगाए। इस अवसर पर मुहम्मद फ़हीम, रिज़वान खान , नाज़िर खान, अबूज़र मलिक, नाज़िश मियाँ, मुशाहिद खां, सरदार हरज्ञान सिंह, डाक्टर नदीम,चांद खान, मास्टर रेहान,राजू बाल्मीकि, आज़म खान, ज़ुबैर उमर आदि मौजूद रहे।
Nov 05 2024, 17:27