बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में हुआ विशेष व्याख्यान का आयोजन
लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में दिनांक 24 अक्टूबर को इंटर्नल कंप्लेंट कमेटी की ओर से 'आईसीसी का क्षेत्र, दायरा और कार्यप्रणाली' विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर यूथ वेलफेयर की सेवानिवृत्त डायरेक्टर जनरल एवं रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी की सदस्य डिम्पल वर्मा, मुख्य वक्ता के तौर पर सेवानिवृत्त पुलिस अधीक्षक, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन रुचिता चौधरी , आमंत्रित वक्ता के तौर पर बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए यूपी राज्य आयोग की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी और समाज सेविका डॉ. पूजा ठाकुर सिकेरा एवं आईसीसी, बीबीएयू की चेयरपर्सन प्रो. आभा मिश्रा मौजूद रहीं। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं बाबासाहेब के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। इसके बाद आयोजन समिति की ओर से अतिथियों को पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह भेंट करके सम्मानित किया गया। सर्वप्रथम प्रो. आभा मिश्रा ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों का स्वागत किया एवं कार्यक्रम के उद्देश्य एवं रूपरेखा की जानकारी दी।
यूथ वेलफेयर की सेवानिवृत्त डायरेक्टर जनरल श्रीमती डिम्पल वर्मा ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में महिला सुरक्षा एक बड़ी चिंता का विषय है। पिछले कुछ सालों में देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध काफी हद तक बढ़ गए हैं। कहीं- न- कहीं यौन उत्पीड़न का कारण लिंग-अनुकूल वातावरण की कमी और अनुचित कार्यात्मक बुनियादी ढाँचा है। मुख्य वक्ता एवं सेवानिवृत्त पुलिस अधीक्षक रुचिता चौधरी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि विचारों की हिंसा सबसे खतरनाक होती है। इसीलिए विचारों को स्वच्छ रखते हुए सभी को सभ्य समाज का परिचय देना चाहिए। क्योंकि सभ्य समाज में ही प्रत्येक नागरिक स्वयं को सुरक्षित महसूस करता है।
आमंत्रित वक्ता डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने चर्चा के दौरान कहा कि आज के समय में महिलाओं को सुरक्षित वातावरण देने के साथ-साथ उन्हें सशक्त बनाना भी अत्यंत आवश्यक है। जिससे वह स्वयं से जुड़े फैसले खुद लें सकें और अपना वास्तविक अधिकार हासिल कर सकें। सरकार द्वारा महिला सुरक्षा एवं सशक्तिकरण के क्षेत्र में विभिन्न योजनाएं लागू की गई है जो कि वास्तव में एक सकारात्मक कदम है। आमंत्रित वक्ता डॉ. पूजा ठाकुर सिकेरा ने कार्य स्थल पर महिलाओं के साथ होने वाले उत्पीड़न के विषय पर प्रकाश डाला। इसी के साथ उन्होंने डिजिटली सुरक्षा के लिए उपयोगी एप्लिकेशन्स की भी जानकारी दी। उन्होंने 'चुप्पी तोड़ो , खुलकर बोलो' नारे की गंभीरता को समझाते हुए प्रत्येक नागरिक को महिला सुरक्षा के क्षेत्र में कदम उठाने को प्रेरित किया।
कार्यक्रम के दौरान आईसीसी द्वारा 'स्त्री' विषय पर आयोजित कला प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। समस्त कार्यक्रम के दौरान प्रो. सुदर्शन वर्मा, प्रो. दीपा.एच. द्विवेदी, प्रो. शूरा दारापुरी, डॉ. बलजीत श्रीवास्तव, डॉ. रवि शंकर वर्मा, डॉ. रुबीलता , अन्य शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहें।
Nov 04 2024, 17:34