अयोध्या में दीपोत्सव: रामलला के मंदिर में सीएम ने जलाए श्रद्धा के दीप, हजारों दियों से रोशन हुआ मंदिर प्रांगण
संजीव सिंह बलिया।
अयोध्या:22 जनवरी 2024 को रामलला 500 वर्ष बाद अपने दिव्य-भव्य मंदिर में विराजमान हुए। इसके बाद 30 अक्टूबर को पहला दीपोत्सव हुआ, जब लला स्वयं के महलों में विराजमान होकर अपनी नगरी को अपलक निहारते रहे। अयोध्या का सौंदर्य देख रामलला खुद भी भाव-विह्वल हो उठे। योगी सरकार के आठवें दीपोत्सव में राममंदिर की अनुपम छटा हर किसी को आह्लादित कर रही थी। रामलला की मौजूदगी में बुधवार को पहला दीपोत्सव मनाया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार शाम श्रीराम मंदिर भी पहुंचे। मुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम मयार्दा पुरुषोत्तम श्रीराम का दर्शन किया, फिर उनके चरणों में श्रद्धा निवेदित की। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने प्रभु के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किए। बाहर भी मुख्यमंत्री ने पांच-पांच दीप जलाए। वहीं मंदिर प्रांगण में हजारों दीप प्रज्ज्वलित किए गए। श्रीराम मंदिर में दीप प्रज्ज्वलन के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव संजय प्रसाद, श्रीराम तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्टी अनिल मिश्र, गोपाल जी, विनोद जी आदि भी रहे।


अयोध्या:22 जनवरी 2024 को रामलला 500 वर्ष बाद अपने दिव्य-भव्य मंदिर में विराजमान हुए। इसके बाद 30 अक्टूबर को पहला दीपोत्सव हुआ, जब लला स्वयं के महलों में विराजमान होकर अपनी नगरी को अपलक निहारते रहे। अयोध्या का सौंदर्य देख रामलला खुद भी भाव-विह्वल हो उठे। योगी सरकार के आठवें दीपोत्सव में राममंदिर की अनुपम छटा हर किसी को आह्लादित कर रही थी। रामलला की मौजूदगी में बुधवार को पहला दीपोत्सव मनाया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार शाम श्रीराम मंदिर भी पहुंचे। मुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम मयार्दा पुरुषोत्तम श्रीराम का दर्शन किया, फिर उनके चरणों में श्रद्धा निवेदित की। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने प्रभु के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किए। बाहर भी मुख्यमंत्री ने पांच-पांच दीप जलाए। वहीं मंदिर प्रांगण में हजारों दीप प्रज्ज्वलित किए गए। श्रीराम मंदिर में दीप प्रज्ज्वलन के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव संजय प्रसाद, श्रीराम तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्टी अनिल मिश्र, गोपाल जी, विनोद जी आदि भी रहे।












स्थानीय नगर पंचायत में सामुदायिक शौचालय बनाने की मांग काफी दिनों से की जा रही है. लेकिन नगरा ब्लॉक मुख्यालय पर 6 वर्ष पूर्व बना 2 सीटर सामुदायिक शौचालय में हमेशा ताला लटका रहने से शोपीस बनकर रह गया है. यही कारण है कि आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बताते है कि यह सामुदायिक शौचालय 6 वर्ष पूर्व नगरा ग्राम पंचायत की तत्कालीन ग्राम प्रधान माहेलका द्वारा बनवाया गया था. 2 सीटर शौचालय बना तो दिया गया किंतु अब तक कभी भी इसका ताला नहीं खुला. ब्लॉक के दौरान डबाकरा हाल के समीप एडीओ पंचायत के ऑफिस के ठीक सामने निर्मित शौचालय में पानी की व्यवस्था भी नहीं है. नगरा ग्राम पंचायत को नगर पंचायत का दर्जा मिलने के बाद इसे नगर पंचायत को हस्तानांतरित कर दिया गया, इसके बावजूद इसका ताला नहीं खुला. जिससे ब्लॉक पर आने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
क्षेत्र के भाऊपुर गांव में चल रहे सप्तदिवसीय श्रीमद भागवत के चौथे दिन कथावाचन करते हुए कथावाचक आचार्य श्री रामजी दास महराज ने कहा कि जब-जब धरा पर अत्याचार, दुराचार, पापाचार बढ़ा है, तब-तब प्रभु का अवतार हुआ है।प्रभु का अवतार अत्याचार को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए होता है। जब धरा पर मथुरा के राजा कंस के अत्याचार अत्यधिक बढ़ गए, तब धरती की करुण पुकार सुनकर श्री हरि विष्णु ने देवकी माता के अष्टम पुत्र के रूप में भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लिया। इसी प्रकार त्रेता युग में लंकापति रावण के अत्याचारों से जब धरा डोलने लगी तब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने जन्म लिया, ऐसे तमाम प्रसंग श्रोताओं को सुनाएं, जिसे सुनकर उपस्थित श्रोता भक्ति भाव में तल्लीन हो गए। गोपियों के घर से केवल माखन चुराया अर्थात सार तत्व को ग्रहण किया और असार को छोड़ दिया।प्रभु हमें समझाना चाहते हैं कि सृष्टि का सार तत्व परमात्मा है।
ओमप्रकाश वर्मा नगरा (बलिया)। क्षेत्र के भाऊपुर गांव में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के द्वितीय दिन कथा वाचन करते हुए कथावाचक आचार्य रामजी दास जी महराज ने कहा कि मनुष्य जीवन भर पाप करता है, लेकिन चतुर्थ चरण में पहुंचने के बाद यदि जीवन में एक बार भी श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण कर ले, तो उसे सारे पापों से छुटकारा मिल जाता है।
ठीक वैसे ही साधु, संत, तपस्वी जब अपना जीवन शिव भक्ति में, कृष्ण भक्ति में, ईश्वर की भक्ति में लगा दे तो वह लोगों से दूर रहता है।क्योंकि अगर वह लोगों के बीच गया तो उसका ध्यान भक्ति में कैसे रहेगा,न इसलिए उन्हें अकेला छोड़ देना चाहिए। दिनेश तिवारी , ओमप्रकाश तिवारी , प्रधान देवेंद्र यादव , अंजनी , व्यास तिवारी आदि मौजूद रहे ।
मिट्टी के दीये की रोशनी आंखों को आराम पहुंचाती है । मिट्टी के दीये हमारी संस्कृति के एक अहम अंग हैं। दिवाली पर इसे जलाकर हम अपनी परंपराओं को याद रखते हैं । मिट्टी के दीये बनाने वाले कारीगरों को प्रोत्साहित करने का भी यह अच्छा मौका है उन्होंने कहा कि इस दीपावली, हम सभी मिलकर मिट्टी के दीये जलाएं और एक स्वच्छ और हरा-भरा पर्यावरण बनाने में अपना योगदान दें । इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रसूनपाठक,निरुपमा सिंह उपस्थित रही।
Oct 31 2024, 22:18
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