हटिया विधानसभा से चुनाव लड़ने वाली ‘किन्नर’ नगमा की कहानी आप को भावुक कर देगी, जाने किन्नर से नेता तक का सफर
आंखों में आंसू, चेहरे पर शिकन…किन्नर होने के कारण परिवार वालों ने तोड़ा नाता, हटिया विधानसभा की जनता से जोड़ा नाता
रिपोर्टर जयंत कुमार
रांची : झारखंड में विधानसभा चुनाव की बिगुल बजते ही प्रत्याशियों का मैदान में आना शुरू हो गया। झारखंड के 81 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में मतदान होना है। 13 और 20 नवंबर को मतदान होगा। वही 23 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। दो चरण में होने वाले मतदान को लेकर प्रत्याशियों की नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई।
इसी बीच इस बार के हटिया विधानसभा से एक ऐसे उम्मीदवार ने खड़े होने का साहस दिखाया है, जिसे समाज मुख्यधारा से अलग मानता है। मुख्यधारा में आने के लिए सालों से संघर्ष कर रहे हैं। हटिया विधानसभा की वह उम्मीदवार है नगमा रानी। नगमा एक थर्ड जेंडर यानी कि किन्नर समाज से आती हैं।
नगमा मूल रूप से बिहार की राजधानी पटना के फुलवारीशरीफ की है। 40 वर्षीय नगमा का जन्म 1984 को में हुआ था। आंखों में आंसू, चेहरे पर शिकन लिए अपने अतीत में परिवार को याद करते हुए नगमा रानी ने बताया कि हम लोग 3 भाई 2 बहन हैं। केवल किन्नर होने के कारण बचपन में ही परिवार वालो ने इसे नाता तोड़ लिया। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। संगीता नाम की किन्नर ने अनाथ हुई नगमा रानी को गोद ले लिया। और संगीता नाग किन्नर नगमा की पहली गुरु बनी।
हिस्ट्री ऑनर्स से किया है ग्रेजुएशन
अब शुरू होता है पढ़ाई का सिलसिला, किन्नर समाज के लोगों से बचते बचाते हुए नगमा ने आर्ट्स संकाय में हिस्ट्री ऑनर्स से ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई पूरी की। नगमा बताती है किन्नर होने के कारण समाज से हमेशा दुत्कार मिला, लेकिन किन्नर समाज के अनुसार किसी के घर में बच्चों के जन्म की किलकारी पर तो किसी के घर में शादी विवाह के मौके पर नाच गा करउन्हें आशीर्वाद देती रही। बदले में मिलने वाले नेग (पैसों) को वो किसी गरीब की बेटी की शादी में तो किसी गरीब के पढ़ाई पर खर्च कर दिया करती है।
सामाजिक सेवा करने की भावना उनमें शुरू से थी इसलिए उन्होंने अपनी इच्छा जाहिर करते हुए कहा कि हमें पुलिस अधिकारी बनाकर लोगों की सेवा करने का शौक था। लेकिन पुलिस अधिकारी तो नहीं बन पाई अब नेता बनकर लोगों की सेवा करने की भावना जगी है। नगमा रानी ने झारखंड के हटिया विधानसभा सीट से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी अपना नामांकन दाखिल किया, और वह हटिया की जनता को पहले दुआ देती थी अब उनसे दुआ और आशीर्वाद मांग रही है।
नगमा रानी ने बड़ी ही भावुकता के साथ अपने उद्देश्य को बताते हुए कहा कि मैं किन्नर हूं मैं तो हाथ फैला कर किसी से भी मांग लूंगी अपना पेट भर लूंगी लेकिन मेरा उद्देश्य इस विधानसभा क्षेत्र की जनता का पेट भरना है। उन्हें रोजगार देना है, लड़कियों को आत्म स्वालंबन बनाना है।
बरहाल चुनाव में जीत होती है या हार यह जनता पर निर्भर करता है। जिसका नतीजा 23 नवंबर को पता चलेगा। लेकिन ट्रांसजेंडर उम्मीदवार नगमा रानी ने जो साहस दिखाया है। यह इनके जैसे ट्रांसजेंडर समाज के लिए प्रेरणा स्रोत होगा। यूं कह सकते हैं कि अब ट्रांसजेंडर भी समाज के मुख्य धारा से जुड़ते हुए नजर आ रहे हैं।
Oct 24 2024, 11:04