देश के संविधान एवं संस्कृति की रक्षा हेतु रांची में 19-20 अक्टूबर को हिंदुराष्ट्र अधिवेशन
रिपोर्टर जयंत कुमार
रांची : देश में 'एक देश एक कानून' का विरोध जनप्रतिनिधि करते हैं। ‘सेक्युलरवाद’ के नाम पर आधुनिकतावादियों द्वारा ‘हिन्दू राष्ट्र’का विरोध किया जा रहा है । आश्चर्य की बात है कि यही आधुनिकतावादी ‘गजवा-ए-हिन्द’ के विषय में एक शब्द नहीं बोलते। फलस्वरूप हिजबुला आतंकी संगठन के चीफ नसरूला ईरान में मारे जाने पर भारत में इजरायल के विरोध में रैलियां निकाली जाती हैं। एक तरफ मदरसों को सरकारी अनुदान दिया जाता है, वहीं दूसरी तरफ मंदिरों का सरकारीकरण किया जाता है। इसका दुष्परिणाम, तिरुपति देवस्थान के प्रसाद में पशु चर्बी का तेल मिलाकर हिंदुओ का धर्मभ्रष्ट करने का षड़यंत्र है।
झारखंड में स्थानीय धर्माधों के साथ-साथ कट्टर बांगलादेशी एवं रोहिंग्या मुसलमान हिन्दू युवतियों को ‘लव जिहाद’ के जाल में खींच रहे हैं । बंगाल में बांग्लादेशी मुसलमान घुसपैठियों को सभी सुखसुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। इसलिए हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा रांची में आयोजित ‘हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ के माध्यम से पूर्व एवं पूर्वोत्तर भारत के हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन 19 और 20 अक्टूबर को, संगठित होकर हिन्दुओं में बृहद स्तर पर जागृति लाने का कार्य करनेवाले हैं ।
अधिवेशन के इन दो दिनों की अवधि में हिन्दुओं की रक्षा के उपाय, हिन्दू राष्ट्र हेतु संवैधानिक प्रयास, मंदिर संस्कृति की रक्षा के उपाय, विश्व के स्तर पर हिन्दुत्व की रक्षा, देश की अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती बनी हलाल अर्थव्यवस्था पर उपाय आदि विषयों पर विचारमंथन कर सर्वसम्मति से कार्यान्वयन की दिशा सुनिश्चित की जाएगी। अधिवेशन में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता और ज्ञानव्यापी, मथुरा, मुक्त कराने की सफल कानूनी लड़ाई दे रहे। विश्व हिन्दू परिषद के झारखंड प्रांत अध्यक्ष चंद्रकांत रायपत, झारखंड - बिहार माहेश्वरी सभा के अध्यक्ष राजकुमार मारू के साथ कई हिंदुत्वनिष्ठ, हिंदू संगठनों के प्रमुख प्रतिनिधि, अधिवक्ता, उद्योगपति और कार्यकर्ता बड़ी संख्या के उपस्थित होने वाले हैं ।
Oct 18 2024, 20:39