पुलिस की वर्दी पहन लोगों पर रौब दिखाता है यह युवक, मासूम लोगो को बनाता है अपना शिकार, फोटो हुआ वायरल
औरंगाबाद : जिले में पुलिस की वर्दी में एक युवक का फोटो बड़ी तेज़ी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा हैं। दरअसल मामला जिले के गोह थाना से जुड़ा हुआ है। वायरल युवक की पहचान गोह थाना क्षेत्र के शेखपुरा गांव निवासी सुदर्शन पासवान उर्फ़ भोला पासवान हैं।
आरोप है कि युवक पुलिस की वर्दी पहनकर इलाके में रौब झाड़ता हैं और लोगों को चूना लगाकर अपनी जीविका चलता हैं। मासूम लोग भी वर्दी के डर से कुछ कहे बिना चुपचाप से इसका कहना मान लेते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार इस शख्स पर थानेदार की बड़ी कृपा हैं। यदि थाने का सीसीटीवी कैमरे फुटेज निकाला जाए तो पता चल जाएगा कि यह अपना अधिकांश समय थाने में बीताता है। इतना ही नहीं पुलिस की रात्रि गस्ती के दौरान खाकी वर्दी पहनकर थाना क्षेत्र में निकलता है और थानेदार की मिलीभगत से छोटे - बड़े केस में पैसों की डील करता है। बताया जा रहा है कि तस्वीर में दिख रहा बैकग्राउंड गोह थाने की ही हैं।
इस शख्स के खिलाफ बीते बुधवार को थाना क्षेत्र के देवहरा गांव निवासी गोरख चौधरी के पुत्र रवि कुमार ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आवेदन समर्पित किया है। उसने बताया कि एक केस के सिलसिले में पैरवी के नाम पर उसने सुदर्शन को कुल - 35000 रूपये दिए हैं जिसमें 14000 हज़ार पे - फोन पर भुगतान किया हैं, जबकि शेष राशि नगद दिए हैं। जबकि मामले में पैरवी भी नहीं हुआ। जब रवि ने पैसों की मांग की, तो सुदर्शन ने बताया कि उक्त सारे पैसे थानाध्यक्ष कमलेश पासवान को दे दिया है। अब वह पैसा नहीं मिलेगा।
सुदर्शन के खिलाफ शेखपुरा गांव निवासी यमुना सिंह के पुत्र 48 वर्षीय मनोज कुमार ने भी चाकूबाजी का आरोप लगाया है। जिसमें वह बीते दिनों जख्मी हो गया। इलाज से के संबध में उसने एक मेडिकल पर्चा भी उपलब्ध करवाया है। घटना को लेकर पीड़ित ने थाने में एक आवेदन समर्पित किया है लेकिन अब तक आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किया गया है।
इस संबध में वायरल फ़ोटो के आधार पर सुदर्शन से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनका फोन स्विच ऑफ बताया। वहीं थानाध्यक्ष कमलेश पासवान ने बताया कि ऐसी कोई मामले की जानकारी मुझे नहीं है।
अब देखना होगा कि इस वायरल फ़ोटो के आधार पर खाकी वर्दी में दिख रहे इस शख्स पर , या थानेदार पर लगे आरोप पर पुलिस के आलाधिकारी क्या कार्रवाई करते हैं , या फिर कार्रवाई के नाम पर केवल लीपा-पोती होती हैं। वैसे थानेदार के खिलाफ ऐसे कई मामलों में अवैध रूप से पैसे लेनदेन का आरोप लगते रहे हैं, लेकिन कहते हैं जब विभाग और आलाधिकारी मेहरबान है तो क्या ही कर लेगा।
औरंगाबाद से धीरेन्द्र
Oct 18 2024, 10:50