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क्यों पहनते हैं समुद्री लुटेरे आंख पर काली पट्टी? जानें इसके पीछे का विज्ञान

जब भी आप फिल्मों में समुद्री लुटेरों या डाकुओं को देखते हैं, तो आपका ध्यान उनकी आंख में बंधी एक काली पट्टी पर जरूर गया होगा. अगर आप समुद्री लुटेरों की ड्रेस पहनेंगे तो बिना काली पट्टी शामिल किए उसे अधूरा ही माना जाएगा. साहित्य और इतिहास में अगर नजर डाले तो जिन समुद्री डाकू की आंखों पर पट्टी होती हो उसे एक मजबूत और हीरो स्टाइल वाले पुरुषों के रूप में बताया गया है.

इस काली पट्टी को देखकर आपके मन में कई बार ये सवाल भी उठा होगा कि आखिर वो इसे क्यों पहनते हैं? इसका कारण क्या है? कोई लोग अभी तक मानते हैं कि ये सिर्फ स्टाइल के लिए ही पहनते हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. इसके पीछे एक साइंस है, आंखो का साइंस और इस रिपोर्ट में जानेंगे कि आखिर ये समुद्री डाकुओं की आंखो के लिए ये क्यों जरूरी होता है.

काली पट्टी पहनने का साइंस

जब कभी आप अंधेरे से रोशनी में आते हैं तो आंखो को एडजस्ट करने में सिर्फ कुछ सेकंड लगते हैं, ज्यादा टाइम नहीं लगता है, लेकिन वहीं इसके उलट जब आप रौशनी से बिल्कुल अंधेरे में आते हैं तो आंखो को एडजस्ट करने में कुछ मिनट लग जाते हैं. लगभग 5 से 10 मिनट. लुटेरों के लिए इतना समय बहुत होता है.

समुद्री डाकुओं को पाइरेट्स भी कहा जाता है. दरअसल ये इन लोगों को अक्सर जहाज के ऊपरी और निचले तल पर जाना पड़ता है. ऊपरी तल पर बढ़िया धूप होती है तो वहीं निचले तल पर काफी अंधेरा होता है. ऐसे में आंखों को एडजस्ट होने में समय लगता है. इसमें ज्यादा समय न लगे इसलिए ये समुद्री लुटेरे एक आंख पर पट्टी बांध लेते हैं.

समुद्री लुटेरे क्यों पहनते हैं आई पैच

इससे जैसे ही वो लुटेरे अंधेरे से रोशनी की तरफ जाते हैं, उसी समय ये तुरंत उस आंख की पट्टी को घुमाकर दूसरी आंख को ढक लेते हैं. इससे वो अंधेरे में आसानी से देख पाते हैं, क्योंकि वो आंख पहले से ही अंधेरा देख रही थी, जब वो धूप में थी तो वो आंख ढकी हुई थी. इसलिए अंधेरे में देखने के लिए उसे एडजस्ट होने में बिल्कुल भी टाईम नहीं लगता है वो अंधेरे में आसानी से देख पाते हैं.

अभी तक इस रिपोर्ट में आपने जान लिया कि ये लुटेरे काली पट्टी क्यों पहनते हैं, लेकिन अब जानेंगे कि हमारी आंख में ऐसा क्यों होता है? क्यों अंधेरे से रोशनी और रोशनी से अंधेरे में जाने पर उनको एडजस्ट होना होता है? दरअसल हमारी आंखो में एक रेटिना होता है, जिसके कारण हम लोगों को देख पाते हैं. ये रेटिना एक तरह से दिमाग से भी जुड़ा होता है

अचानक आंखो के आगे क्यों छा जाता है अंधेरा?

उजाले से अंधेरे में आंखों को देखने में समय लगता है क्योंकि आंखों की पुतलियों को उजाले के हिसाब से आकार बदलने में समय लगता है. आंखों की पुतलियों को आइरिस कहा जाता है. यह उजाले के मुताबिक अपने आकार को बड़ा या छोटा करती है. जब हम रोशनी वाली जगह पर होते हैं, तो आइरिस सिकुड़ कर छोटा हो जाता है. वहीं, जब हम अंधेरे में जाते हैं, तो आइरिस फैल कर बड़ा हो जाता है. वहीं आइरिस का अचानक बड़ा या छोटा होना बिल्कुल भी संभव नहीं होता है. इसीलिए पाइरेट्स इसका इस्तेमाल करते हैं.

साइकोलॉजिकल नजरिए से भी मिलता है फायदा

इस काली पट्टी से समुद्री लुटेरों की भयानक छवि दिखती है, इससे भी इनको मनोवैज्ञानिक लाभ फायदा मिलता है. इन लुटेरों की सफलता में इसकी भी बड़ी भूमिका होती है, दरअसल आंख पर पट्टी बांधने से उनकी भयावह छवि और भी बढ़ जाती है, जिससे वे लड़ाई और लूट के दौरान ज्यादा अनुभवी लगते हैं. इससे सामने वाले सोचता है कि ये लुटेरा और भी कई बड़ी लूट कर चुका है, जिससे सामने वाले का मनोबल गिर जाता है, और वो मन में एक तरह से हार मान लेते हैं.

वीर गुप्ता

स्टारशिप रॉकेट का पांचवां टेस्ट सफल, एलन मस्क ने कहा - यह दुनिया का सबसे ताकतवर रॉकेट है"

एलन मस्क और उनकी कंपनी स्पेसएक्स एक बार फिर सुर्खियों में है और इसकी वजह है उनका स्टारशिप रॉकेट. यह रॉकेट अपने नाम की ही तरह एक स्टार साबित हुआ है. रविवार को स्पेसएक्स ने अपने सबसे ताकतवर रॉकेट स्टारशिप का पांचवां टेस्ट किया जो कि सफल रहा है.

इसकी खास बात यह रही कि इस रॉकेट को न केवल लॉन्च किया गया बल्कि लॉन्चिंग पैड पर वापस लाया गया जहां पर बने एक टावर ने इस रॉकेट को कैच किया. रॉकेट को पकड़ने के लिए इस टावर में दो मेटल आर्म लगाए गए हैं, जिसे ‘चॉपस्टिक’ नाम दिया गया है.

स्टारशिप का पांचवां टेस्ट कामयाब

स्टारशिप रॉकेट की लॉन्चिंग, रीएंट्री और टावर पर वापस लौटने की यह पूरी प्रक्रिया करीब एक घंटे 5 मिनट में पूरी हुई. 13 अक्टूबर की शाम 5:55 मिनट पर स्टारशिप रॉकेट को टेक्सास के बोका चिका से लॉन्च किया गया था. उड़ान के कुछ मिनट बाद रॉकेट का सुपर हैवी बूस्टर दूसरे हिस्से (स्पेसक्राफ्ट) से अलग हो गया.

इस स्पेसक्राफ्ट की जहां हिंद महासागर में कंट्रोल्ड लैंडिंग कराई गई. तो वहीं इस दौरान रॉकेट का सुपर हैवी बूस्टर पृथ्वी से करीब 96 किलोमीटर दूर जाकर दोबारा लॉन्चपैड पर वापस लौटा और टावर ने इसे कैच किया. स्पेसएक्स ने इसे इंजीनियरिंग के इतिहास का सबसे बड़ा दिन बताते हुए स्टारशिप को दुनिया का सबसे ताकतवर रॉकेट बताया है.

दुनिया का सबसे ताकतवर रॉकेट है स्टारशिप

जानकारी के मुताबिक स्टारशिप पृथ्वी की कक्षा में 150000 किलोग्राम तक पेलोड ले जाने में सक्षम होगा. इसके अलावा यह मून मिशन, अर्थ टू अर्थ ट्रांसपोर्टेशन और इंटरप्लेनेटरी ट्रांसपोर्टेशन में भी सक्षम है. इसकी दूसरी खासियत की बात करें तो स्टारशिप की ऊंचाई 164 फीट की है और डायमीटर 9 मीटर का है. इसकी पेलोड कैपिसिटी 100 से 150 टन है तो वहीं इसमें 6 इंजन लगाए गए हैं. इसमें से 3 रैप्टर और तीन रैप्टर वैक्यूम इंजन हैं.

वहीं इसके बूस्टर की बात करें तो यह पूरी तरह से रियूजेबल है. यह रॉकेट लॉन्चिंग के थोड़ी देर बाद पृथ्वी के वायुमंडल में दोबारा लौट सकता है साथ ही इस लॉन्चिंग साइट पर बने टावर के जरिए कैच किया जा सकता है. इसमें 33 रैप्टर इंजन लगे हैं.

खास बात यह है कि स्टारशिप एलन मस्क और उनकी स्पेसएक्स का एक बहुत अहम प्रोजेक्ट है. नासा के आर्टेमिस प्रोग्राम (इसके जरिए चांद पर एक बार फिर इंसानों को भेजा जाएगा) में भी स्टारशिप एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया जाना है साथ ही एलन मस्क इसे मंगल पर भेजने की भी योजना बना रहे हैं

पहले 3 टेस्ट में फेल हुआ था स्टारशिप

20 अप्रैल 2023 को स्टारशिप का पहला ऑर्बिटल टेस्ट किया गया था, तब यह फेल हो गया था. दरअसल लॉन्चिंग के कुछ ही मिनटों पर स्टारशिप हवा में ब्लास्ट कर गया. हालांकि तब स्पेसएक्स ने लॉन्च पैड से इसकी उड़ान को ही बड़ी सफलता मानी थी.

वहीं दूसरे टेस्ट में भी स्टारशिप कोई खास कमाल नहीं कर पाया था. 18 नवंबर 2023 को हुए दूसरे टेस्ट में सेपरेशन स्टेज में खराबी आ गई थी. तब बूस्टर जिसे की वापस लॉन्चिंग पैड पर उतरना था वह पृथ्वी में 90 किलोमीटर की ऊंचाई पर विस्फोट हो गया. वहीं थोड़ी देर बाद दूसरे हिस्से यानी स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट में भी तकनीकी खामी आ गई जिससे उसे नष्ट करना पड़ा.

तीसरे टेस्ट की बात करें तो 14 मार्च 2024 को इसे अंजाम दिया गया था. इस दौरान यह काफी हद तक सफल रहा लेकिन रीएंट्री के बाद स्टारशिप से संपर्क टूट गया. इस दौरान स्टारशिप ने ऑर्बिट में पहुंचने के बाद पेलोड डोर को खोला और बंद दिया साथ ही वायुमंडल में रीएंट्री करने में भी यह कामयाब रहा लेकिन संपर्क टूट जाने के लिए कारण यह टेस्ट पूरी तरह से सफल नहीं हो पाया.

चौथे टेस्ट में मिली थी सफलता

करीब 3 महीने बाद 6 जून को स्पेसएक्स ने स्टारशिप का चौथा टेस्ट किया. स्टारशिप की यह टेस्टिंग पूरी तरह कामयाब रही. टेक्सास के बोका चिका से इसे लॉन्च किया गया था, करीब एक घंटे के मिशन के दौरान स्टारशिप को अंतरिक्ष में ले जाकर वापस पृथ्वी में कंट्रोल्ड लैंडिंग कराई गई. तब इसके बूस्टर को मैक्सिको की खाड़ी में लैंड कराया गया था.

जम्मू-कश्मीर के मारवाह वार्डवान गांव में लगी भीषण आग , 70 से ज्यादा परिवार हुए बेघर"महबूबा मुफ्ती ने सरकार से की ये अपील

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के मारवाह वार्डवान गांव में आग लगने की घटना सामने आई है. बताया जा रहा है कि यह आग पहले एक घर में लगी और तेजी से फैल गई, जिसके चलते इस आग की चपेट में लगभग 65 घर आ गए और जलकर खाक हो गए. इन घरों में रहने वाले करीब 70 से 80 परिवार उनके घर जलने की वजह से बेघर हो गए हैं. आग किन कारणों से लगी, इसका पता अभी नहीं लग पाया है.

फायर डिपार्टमेंट को आग लगने की जानकारी दी गई, जिसके बाद अग्निशमन की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं. इसके साथ ही एडमिनिस्ट्रेशन और पुलिस भी मौके पर पहुंच गई है. अग्निशमन और इमरजेंसी सर्विस के एक अधिकारी ने कहा कि आग पर काबू पाने की कोशिशों की निगरानी करने और अग्निशमन दल की सहायता के लिए एक दर्जन से ज्यादा कर्माचारियों को बुलाया गया है. किश्तवाड़ के एक उच्च जिला अधिकारी ने कहा कि आग ने कई परिवारों को बेघर कर दिया है, और प्रभावित लोगों के लिए सहायता शुरू की जा रही है.

महबूबा मुफ्ती ने क्या कहा?

उन्होंने पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद देने का आश्वाशन दिया है. हालांकि राहत की बात यह रही कि इस आग की चपेट में सिर्फ घर ही आए. किसी तरह की जान की हानी नहीं हुई है लेकिन माल की हानी की जानकारी जरूर सामने आई है. इस घटना पर पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती का भी बयान सामने आ गया है. उन्होंने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए सरकार से पीड़ित परिवारों की मदद करने की अपील की.

पीड़ित परिवार के लिए अपील

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक्स पर लिखा, “किश्तवाड़ के मारवाह वार्डवान गांव में लगी आग से 70 आवासीय घर जलकर खाक हो गए. उम्मीद करती हूं कि सरकार तुरंत इन परिवारों को सहायता देगी. खासकर इसलिए क्योंकि सर्दियां आने ही वाली हैं.”

एनसीपी में शामिल हुए कांग्रेस विधायक हीरामन खोसकर, अजित पवार ने किया स्वागत

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज है. राज्य में चुनाव के कुछ ही समय बचा है, सही राजनीतिक पार्टियां चुनाव की तैयारी में जोरशोर से लगी हुई हैं. नेताओं का एक पार्टी को छोड़कर दूसरी पार्टी में आना-जाना भी लगा हुआ है. इसी कड़ी में कांग्रेस के इगतपुरी से विधायक हीरामन भीका खोसकर ने पार्टी का साथ छोड़कर उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पार्टी एनसीपी का दामन थाम लिया

एनसीपी में उनका स्वागत खुद अजित पवार और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील तटकरे ने किया. पार्टी में उनके शामिल होने पर तटकरे ने कहा कि श्री खोसकर के शामिल होने से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले नासिक और आसपास के इलाकों में पार्टी मजबूत होगी. खोसकर जो कि आदिवासी समुदाय से आते हैं, नासिक के आसपास क्षेत्र में इनका प्रभाव माना जाता है.

कई सदस्यों के साथ थामा पार्टी का साथ

कांग्रेस विधायक का स्वागत करते हुए एनसीपी ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि पार्टी में शामिल होने वाले सभी सदस्यों का स्वागत है।. पोस्ट में बताया गया है कि शामिल होने वाले नए सदस्यों में कई जिला परिषद के सदस्य हैं और कई लोग विभिन्न जिलों में पूर्व अधिकारी भी रहे हैं.

पार्टी में शामिल होने वालों में संदीप गोपाल गुलवे, सम्पतन साकाले, पूर्व जिला परिषद सदस्य जर्नादन मामा माली, पूर्व जिला परिषद सदस्य उदय जाधव, विनायक मालेकर, जयराम धांडे, प्रशांत कडू, पांडुमामा शिंदे, ज्ञानेश्वर कडू, सरपंच जगन कदम, फिरोज शेख, दिलीप चौधरी, तुकाराम सहाने, रमेश जाधव, दशरथ भागड़े, सुदाम भोर, अरुण गायकर और शिवाजी सिरसत शामिल हैं.

प्रतिष्ठा का सवाल है चुनाव

एनसीपी ने बताया कि खोसकर दूसरे बड़े नेता हैं जिन्होंने हाल में पार्टी का दामन थामा है, इससे पहले दिग्गज अभिनेता सयाजी शिंदे ने हाल ही में पार्टी जॉइन की थी.

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव 288 सीटों पर होंगे. निर्वाचन आयोग ने अभी तक चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की है, लेकिन सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव की तैयारी में जुट गई हैं. यह चुनाव अजित पवार के लिए प्रतिष्ठा का चुनाव बन गया है, क्योंकि चाचा शरद पवार से विद्रोह के बाद लोकसभा में वह कुछ खास नहीं कर पाए थे. यदि विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है तो यह उनके राजनीतिक करियर के लिए सही नहीं होगा.

आगामी महाराष्ट्र चुनाव में महा विकास अघाड़ी गठबंधन, जिसमें शिवसेना यूबीटी, एनसीपी शरद पवार गुट और कांग्रेस शामिल है का मुकाबला महायुति गठबंधन से होगा, जिसमें भाजपा, शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट और एनसीपी अजित पवार गुट शामिल हैं.

इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024: प्रधानमंत्री मोदी ने किया उद्घाटन, 6G टेक्नोलॉजी और AI पर फोकस"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित India Mobile Congress 2024 का उद्घाटन किया. इंडिया मोबाइल कांग्रेस के इस 8वें संस्करण में भारत और दुनियाभर की कई टेक कंपनियां अपनी नई इनोवेटिव टेक्नोलॉजी को लोगों के सामने शोकेस करेंगी. आज यानी 15 अक्टूबर से India Mobile Congress का आगाज़ हुआ है और 18 अक्टूबर तक ये इवेंट चलेगा, गौर करने वाली बात यह है कि इस टेक इवेंट में 190 से भी ज्यादा देश हिस्सा लेने वाले हैं.

India Mobile Congress 2024 की इस बार थीम का नाम ही है The Future is Now. थीम के नाम से काफी कुछ क्लियर होता नजर आ रहा है जैसे कि इवेंट के दौरान फ्यूचर में नजर आने वाली इनोवेटिव टेक्नोलॉजी के बारे में काफी कुछ नया देखने को मिलेगा.

क्या होगा खास?

इस टेक इवेंट में एक नहीं बल्कि बहुत सी चीजों पर फोकस रहेगा जैसे कि 5G के बाद अब भारत में तैयार हो रही 6G Technology पर नए अपडेट्स मिलने की उम्मीद है. 6जी टेक्नोलॉजी के अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उर्फ AI टेक्नोलॉजी, क्लाउड एंड एज कंप्यूटिंग, सेमीकंडक्टर्स, शाओमी कंपनी का नया स्नैपड्रैगन 4एस जेनरेशन 2 प्रोसेसर पर काम करने वाले फोन की झलक, 900 से ज्यादा स्टार्टअप कंपनियों की लेटेस्ट इनोवेशन भी देखने को मिलेंगी.

इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024 के अलावा PM Narendra Modi आज WTSA 2024 यानी वर्ल्ड टेलीकम्युनिकेशन स्टैंडर्डाइजेशन असेंबली का भी उद्घाटन करेंगे. वर्ल्ड टेलीकम्युनिकेशन स्टैंडर्डाइजेशन असेंबली को पहली बार इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन द्वारा भारत में आयोजित किया जा रहा है.

जेनरेटिव एआई का दायरा भी धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है, इस बात को ध्यान में रखते हुए टेक सेक्टर की कई दिग्गज हस्तियां AI पर विचार रख सकती हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल इंडिया मोबाइल कांग्रेस में भारत और दुनियाभर से 50 से ज्यादा स्पीकर्स शामिल होने वाले हैं जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अपने विचार को लोगों के साथ शेयर कर सकते हैं.

यूपी में स्वास्थ्य कार्यकर्ता भर्ती: 28 अक्टूबर से शुरू होगी आवेदन प्रक्रिया, जानें योग्यता और उम्र सीमा"

उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने स्वास्थ्य कार्यकर्ता (महिला) पदों पर भर्तियों का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. आवेदन की प्रक्रिया 28 अक्टूबर से शुरू होगी. कैंडिडेट UPSSSC की आधिकारिक वेबसाइट upsssc.gov.in पर जाकर 27 नवंबर 2024 तक आवेदन कर सकते हैं. अभ्यर्थी इस बात का ध्यान रखें कि इन पदों के लिए केवल पीईटी 2023 परीक्षा पास करने वाले ही आवेदन कर सकते हैं.

जारी आधिकारिक नोटिफिकेशन के अनुसार इन पदों के लिए केवल महिला कैंडिडेट ही आवेदन कर सकती हैं. अप्लाई करने के लिए पीईटी 2023 परीक्षा पास होना अनिवार्य हैं. वहीं आवेदन करने के बाद कैंडिडेट 4 दिसंबर 2024 तक अपने फाॅर्म में करेक्शन भी कर सकते हैं. आइए जानते हैं कि किस उम्र तक की महिला अभ्यर्थी आवेदन कर सकती हैं और चयन कैसे किया जाएगा.

आवेदन की योग्यता

महिला स्वास्थ कार्यकर्ता पदों के लिए आवेदन करने वाले कैंडिडेट किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं परीक्षा पास होना अनिवार्य हैं. वहीं अभ्यर्थी के पास एएनएम (सहायक नर्स मिडवाइफ) का सर्टिफिकेट भी होना चाहिए. साथ ही यूपी नर्सिंग काउंसिल में रजिस्ट्रेशन भी होना चाहिए.

कितनी होनी चाहिए उम्र?

आवेदक की उम्र 18 वर्ष से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए. वहीं आरक्षित वर्ग के कैंडिडेट को सरकार के नियमानुसार अधिकतम उम्र सीमा में छूट भी दी जाएगी. उम्र की गणना 1 जुलाई 2024 से की जाएगी.

कितनी है एप्लीकेशन फीस?

इस वैकेंसी के लिए सभी कैटेगरी के अभ्यर्थियों को 25 रुपए आवेदन फीस देना होगा. फीस आनलाइन मोड में जमा कर सकते हैं. इस भर्ती का नोटिफिकेशन आयोग ने 14 अक्टूबर को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किया है.

कैसे होगा सिलेक्शन?

महिला स्वास्थ कार्यकर्ता पदों पर आवेदकों चयन मुख्य परीक्षा और डाक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन के जरिए किया जाएगा. आयोग ने अभी एग्जाम डेट नहीं घोषित की है. परीक्षा में शामिल होने के लिए सभी सफल आवेदकों को एडमिट कार्ड जारी किया जाएगा.

चेन्नई में भारी बारिश, देर रात सड़कों पर उतरे डिप्टी CM उदयनिधि

तमिलनाडु में इस समय भारी बारिश हो रही है. इसी बीच देर रात तमिलनाडु के डिप्टी सीएम उदयनिधि स्टालिन चेन्नई में सड़कों पर उतरे और पल्लीकरनई – कोविलंबक्कम के बीच नारायणपुरम झील क्षेत्र का निरीक्षण किया. बारिश के चलते सरकार अलर्ट हो गई है. साथ ही स्कूल और कॉलेज को बंद कर दिया गया है. इसी के चलते राज्य के सीएम सतर्क हो गए हैं. वेदर रिपोर्ट के मुताबिक अगले चार दिन तक राज्य में भारी बारिश होने की संभावना है. तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने सोमवार को भारी बारिश से पैदा होने वाले हालात से निपटने के लिए अधिकारियों ने जो तैयारियां की और कदम उठाए उनका जायजा लिया.

सीएम स्टालिन ने अधिकारियों को चेन्नई, तिरुवल्लूर, कांचीपुरम और चेंगलपट्टू जिलों में स्कूलों और कॉलेजों के लिए 15 अक्तूबर से छुट्टी घोषित करने का निर्देश दिया है. साथ ही आईटी कंपनियों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है कि वो अपने कर्मचारियों को 15 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक घर से काम करने (WORK FROM HOME) की इजाजत दें

सीएम ने जारी किए निर्देश

सीएम स्टालिन ने भारी बारिश को लेकर निर्देश दिया कि तमिलनाडु के जो इलाके बारिश से प्रभावित हो सकते हैं वहां पर एडवांस में ही एनडीआरएफ और तमिलनाडु आपदा बल को तैनात किया जाए. सीएम ने कहा, रेस्कयू बोट उन जगहों पर तैनात की जाएंगी जहां बाढ़ आने की संभावना है. साथ ही पहले से ही राहत शिविर तैयार किए गए हैं.

बारिश से निपटने के लिए कैसी तैयारियां?

सीएम स्टालिन ने कहा कि भारी बारिश के चलते राज्य में जरूरी चीजों की कमी न हो. तमिलनाडु में बारिश के कहर से निपटने के लिए एक मीटिंग हुई थी. इस मीटिंग में डिप्टी सीएम उदयनिधि स्टालिन, राज्य के मंत्री, मुख्य सचिव एन मुरुगानंदम, डीजीपी शंकर जीवाल और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.

इस मीटिंग के दौरान, ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन के अधिकारियों ने किसी भी तरह की इमरजेंसी के लिए 57 ट्रैक्टर और 36 बोट तैयार की हैं. साथ ही अगर बाढ़ जैसे आसार बनते हैं तो 169 राहत केंद्र पहले से ही तैयार कर लिए गए हैं. चार जिलों के कलेक्टरों ने कहा कि वे बाढ़ के चलते जो हालात पैदा होंगे उन से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

तमिलनाडु के साथ -साथ इसके पड़ोसी शहर आंध्र प्रदेश, पुडुचेरी में भी भारी बारिश का अनुमान है. इसी के चलते अराकोणम (तमिलनाडु) से राष्ट्रीय आपदा बचाव बल की तीन टीमें र बचाव अभियान के लिए पहले ही पुडुचेरी पहुंची हैं.

शिवपुरी का चायवाला बना सुर्खियों का हीरो, 90 हजार की लूना पर कर दिए 60 हजार खर्च

मध्य प्रदेश के शिवपुरी से अजब-गजब खबर सामने आई है. यहां चायवाले ने 90 हजार रुपये की लूना खरीदी. उसे लूना (बाइक) खरीदने की इतनी खुशी थी कि चायवाले ने जश्न में ही 60 हजार रुपये खर्च कर डाले. चाय वाला जब शोरूम से लूना की डिलीवरी लेने पहुंचा तो सभी उसे देखकर दंग रह गए.

चायवाला अकेला नहीं बल्कि अपने बहुत से साथियों के साथ शोरूम आया था. इन सबके साथ बैंड, क्रेन और बग्गी भी थी. चायवाले ने इसके लिए पूरे 60 हजार रुपए खर्च किए थे. हैरानी की बात ये थी कि जिन लूना (बाइक) को खरीदने वो आया था, उसकी कीमत महज 90 हजार रुपये थे. जबकि, चाय वाले ने उसे खरीदने के जश्न में 60 हजार रुपये खर्च कर डाले.

लूना के पूजन के बाद अपने साथियों संग ढोल-नगाड़ों की धुन पर जमकर डांस किया. फिर ढोल बजाते हुए बग्गी पर बैठकर लूना को क्रेन से टंगवाकर अपने घर की तरफ चला गया. मुरारी नामक ये शख्स पुरानी शिवपुरी क्षेत्र के नीलगर चौराहा का रहने वाला है. यहां मुरारी कुशवाह एक चाय की दुकान चलाता है. मुरारी कुशवाह अपने बच्चों और दोस्तों संग 90 हजार की लूना लेने के लिए दुर्गादास राठौड़ चौराहा स्थित बाइक शोरूम पर पहुंचा. शोरूम के लोग मुरारी के साथ आए साजो-सामान को देखकर दंग रह गए. उसके साथ क्रेन, बग्गी और डीजे था.

गाजे-बाजे में खर्च किए 60 हजार

जानकारी के मुताबिक, मुरारी कुशवाह ने 20 हजार रुपयों की डाउन पेमेंट कर 90 हजार की लूना बाइक फाइनेंस करवाई. बाकी पैसों के लिए मुरारी को हर महीना तीन हजार की किस्त भरनी होगी. लोगों को जानकर हैरत हुई कि मुरारी ने 90 हजार की लूना बाइक खरीदने के लिए 60 हजार रूपये क्रेन, बग्गी, डीजे पर खर्च कर दिए. कुछ लोग इस पर उन्हें नासमझ और व्यंग्य कसते नजर आए, लेकिन मुरारी कुशवाह का कहना था कि उसके दो बेटे और एक बेटी है. वह अपने बच्चों की खुशी के लिए यह सब करते हैं.

फोन खरीदने पर खर्चे थे 25 हजार

मुरारी ने बताया- कुछ माह पहले मैंने बेटी के लिए एक नया मोबाइल फोन खरीदा था. इसकी कीमत 12 हजार 500 रुपए थी. मैंने मोबाइल भी फाइनेंस कराया था. उसे भी घर तक ले जाने के लिए डोल ताशे, डीजे व बग्गी में उसने 25 हजार रुपए खर्च कर दिए थे. आज 90 हजार की लूना बाइक के लिए मुरारी चाय बाले ने 60 हजार खर्च कर सुर्खी बटोरी हैं.

5G के बाद 6G की बारी: भारत में जल्द लॉन्च होगा 6G नेटवर्क, सरकार ने की तैयारी

देशभर में 5G की सर्विस चालू हो गई है, भारत दुनिया का पहला देश है जिसने इतनी तेजी के साथ 5G नेटवर्क रोल आउट किया है. अब सरकार 6G नेटवर्क लॉन्च करने की तैयारी कर रही है. इसके लिए सरकार ने कई विदेशी संस्था और कंपनियों के साथ टाइअप किया है जो 6G नेटवर्क विकसित करने में मदद करेगी.

सरकार का मानना है कि 6G नेटवर्क विकसित राष्ट्र के लिए जरूरी है, क्योंकि ये तकनीकी मामलों में एक ब्रिज का काम करता है. वहीं दूरसंचार सचिव नीरज मित्तल ने कहा कि 6G नेटवर्क भारत को वह विकास प्रदान करेगा जो उसे विकसित राष्ट्र बनने के लिए जरूरी है.

6G नेटवर्क के लिए बनाई ये प्लानिंग

दूरसंचार सचिव नीरज मित्तल ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि देश में 5G तकनीक पहले ही शुरू हो गई है. अब हम 6G नेटवर्क की प्लानिंग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 6G नेटवर्क विकसित राष्ट्र का दर्जा हासिल करने में विकास को बढ़ावा देगा, जिसकी हम चाहत रखते हैं.

150 साल पुराना टेलीग्राफ एक्ट बदला

सरकार ने 6G नेटवर्क को बढ़ावा देने के लिए 150 साल पुराने टेलीग्राफ अधिनियम को नए दूरसंचार एक्ट में बदला है. इसमें सरकार ने कई बड़े बदलाव किए हैं, जिनसे दूरसंचार ऑपरेटर को अपना नेटवर्क बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी. साथ ही 6G टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए नए इनोवेशन को मदद मिलेगी.

देश के ज्यादातर शहरों में 5G नेटवर्क रोल आउट हो गया है. गांव देहात में इसके पहुंचाने की तैयारी की जा रही है. ऐसे में 6G नेटवर्क के इनोवेशन के लिए सरकार ने बड़ी तैयारी शुरू कर दी है. सरकार का मानना है कि जो देश दूरसंचार क्षेत्र में आगे होगा वहीं आने वाले सालों में विकसित राष्ट्र बन सकेगा.