बहराइच में बवालःयुवक की मौत पर प्रदर्शन उग्र, हिंसा के बीच कांग्रेस ने मांगा सीएम का इस्तीफा
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उत्तर प्रदेश के बहराइच में दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए बवाल ने बड़ा रूप ले लिया है। सोमवार सुबह एक बार फिर से बहराइच में आगजनी और तोड़फोड़ की गई। कई दुकानों और घरों में तोड़फोड़ की गई। बाइक के शोरूम और एक अस्पताल में आग लगा दी गई है। वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया है। दवाइयों को जला दिया गया है। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में भी हिंसा बढ़ गई है।
मुख्यमंत्री ने मांगी रिपोर्ट
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, सोमवार सुबह रामगोपाल मिश्रा की हत्या के बाद एक समुदाय के लोग भड़क गए। भीड़ हाथ में डंडे और लाठी लेकर सड़क पर उतर आए। बाइक शोरूम और एक अस्पताल में आगजनी और तोड़फोड़ की गई है। अस्पताल के अलावा दुकानों और वाहनों में भी आग लगाई है। यूपी के सीएम योगी ने दंगाइयों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए हैं। साथ ही ताजा हालात पर रिपोर्ट मांगी है। अफवाह फैलाने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सीएम योगी ने हत्या के आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने के लिए कहा है।
सीएम योगी को अब वापस मठ चले जाना चाहिए-अजय राय
बहराइच हिंसा को लेकर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस पार्टी ने इस हिंसा को लेकर यूपी सरकार पर निशाना साधा, प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि बीजेपी सरकार में पूरे प्रदेश में जंगल राज कायम हैं। बहराइच में गोली चली, बनारस में 481 साल में भरत मिलाप के दौरान रामभक्तों पर इस सरकार ने लाठी चलवाई। अब उनके बस का कुछ नहीं रह गया है। सीएम योगी को अब वापस मठ चले जाना चाहिए।
सपा ने की सेना बुलाने की मांग
वहीं, समाजदवादी पार्टी ने बहराइच में आगजनी तोड़फोड़ की घटनाओं को लेकर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला किया है। सपा नेता आईपी सिंह ने हिंसा को रोकने के लिए सेना को बुलाने की मांग। आईपी सिंह ने पुलिस अधिकारियों के पास बुलेट प्रूफ जैकेट नहीं होने पर भी सवाल उठाए और कहा कि सरकार को हिंसा को रोकने के लिए सेना को बुलाना चाहिए। आईपी सिंह ने एक्स पर लिखा- 'इस हिंसा को रोकने के लिए सेना बुलाई जाए। हिंसा के दौरान बिना जीवन रक्षक बुलेट प्रूफ जैकेट आदि के एडीजी स्तर के ऐसे किसी पुलिस अफसर को आगे नहीं बढ़ना चाहिए।'
क्या है पूरा मामला
बहराइच में महसी तहसील के महराजगंज कस्बे में गाने को लेकर हुए विवाद के बाद दूसरे समुदाय के युवकों ने पथराव शुरू कर दिया। स्थानीय लोगों के मुताबिक, आज तक इस इलाके में जुलूस या विसर्जन के दौरान कभी हिंसा नहीं हुई थी। इस बार हिंसा की शुरुआत डीजे पर आपत्तिजनक नारे लगाने की वजह से हुई। आरोप ये भी है कि मृतक रामगोपाल ने एक जगह हरा झंडा उखाड़कर भगवा झंडा फहराया था, जिसके बाद आपत्तिजनक नारेबाजी और तेज हो गई। जिस इलाके में नारेबाजी की जा रही थी, वह मुस्लिम बाहुल्य इलाका था। आपत्तिजनक नारेबाजी सुनने के बाद दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए और देखते ही देखते पत्थरबाजी शुरू हो गई। पत्थरबाजी के दौरान ही दूसरे पक्ष की ओर से फायरिंग की गई, जिसमें रामगोपाल को गोली लगी और वह मर गया। राम गोपाल के अलावा कुछ और लोगों को गोली लगी।
Oct 14 2024, 15:26