औरंगाबाद में नियमों को ताक पर रखकर किया जा रहा फ्लाई ऐश का परिवहन, प्रशासन मौन
औरंगाबाद : जिले के नबीनगर एनटीपीसी से निकलने वाले फ्लाई ऐश के परिवहन एवं भंडारण के लिए विभिन्न नियम एनजीटी द्वारा बनाए गए हैं। स्थानीय प्रशासनिक स्तर पर भी कई नियम इसके लिए बनाए गए हैं। लेकिन इन नियमों को दरकिनार करते हुए फ्लाई ऐश का परिवहन दिन रात धड़ल्ले से किया जा रहा है। एनटीपीसी के द्वारा निकलने वाले फ्लाई ऐश का परिवहन के द्वारा प्रदूषण फैलाया जा रहा है। खास बात यह कि प्रबंधन को इसकी भनक भी नहीं है। या यह कहें कि जानबूझकर प्रबंधन आंखें मूंदे हुए है।
एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि फ्लाई ऐश का परिवहन कर रही इन गाड़ियों में 10 से 12 बकेट फ्लाई ऐश लोड कर दिया जाता है। जबकि परिवहन के लिए वजन का निर्धारण किया जाना चाहिए। लेकिन बिना वजन किए भारी-भरकम वाहन ओवरलोड फ्लाई ऐश लेकर बेखौफ दौड़ती है, इसका अंजाम यह होता है कि फ्लाइ एस पूरे सड़क में उड़ती रहती है। यह अक्सर पी़छे आ रहे वाहन चालकों की आंख में पड़कर सड़क दुर्घटना का कारण बनता है। फ्लाई ऐश के कारण स्थानीय और क्षेत्रीय लोगों का रहना तक दुर्लभ हो जाता है। नियमानुसार फ्लाई ऐश का परिवहन हमेशा बंद गाड़ियों में करने का प्रावधान है। परंतु ठिकेदार के द्वारा डाला बाडी या ओपन गाड़ियों को फ्लाई ऐश के परिवहन के लिए दे दिया जाता है।
परिवहन विभाग एवं स्थानीय पुलिस की भूमिका पर सवाल
फ्लाई ऐश उड़ाकर प्रदूषण फैला रही ऐसी गाड़ियों पर चालानी कार्रवाई किए जाने का दावा आरटीओ एवं संबंधित विभाग,एवं स्थानीय थाना बड़ेम थाना ,एवं खैरा नरारी एवं औरंगाबाद पुलिस के द्वारा किया जाता है। इसके बाद भी खुली गाड़ियों से फ्लाई ऐश का परिवहन होते आसानी से देखा जा सकता है। जो कि नबीनगर बारुण रोड में ग्रामीणों को रहना मुश्किल हो गया है।
वहीं ग्रामीणों ने बताया कि, अगर फ्लाईएश को बंद गाड़ी में नहीं ले जाया जाएगा तो हमलोग उग्र आंदोलन करने के बाध्य हो जाएंगे। एनटीपीसी ,बड़ेम ओबीपुर ,कंकेर महुआव से लेकर माझिआव एवं नबीनगर बारुण रोड के अन्य गांवों तक प्रतिदिन राख खुला खुले वाहन से गिरे हुए होते है।
विरोध करने वालो में अर्जुन सिंह, मिट्ठू प्रजापति, मुन्ना पाठक, विकास मिश्रा,गणेश प्रजापति ब्रजेश कुमार सिन्हा ,दीपक पाठक ,सहित अन्य ग्रामीण जनता शामिल है।
औरंगाबाद से धीरेन्द्र
Oct 07 2024, 19:37