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बैलिस्टिक मिसाइल से हमला कर सकता है ईरान, इजरायल बोला- ईरान, लेबनान, इराक या यमन सबको देख लेंगे


डेस्क: मध्य पूर्व में बड़ी जंग के हालात बढ़ते जा रहे हैं। हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह को हाल ही में इजरायल ने मार गिराया था। इसके बाद अब इजरायली सेना अब लेबनान में में जमीनी हमले के लिए भी घुस गई है। इजरायल का कहना है कि वह लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों को निशाना बना रहा है। हालांकि, इस बीच खबर आई है कि ईरान, इजरायल के ऊपर बैलिस्टिक मिसाइल से हमला करने की तैयारी कर रहा है।

एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि ईरान इजरायल के ऊपर जल्द ही  बैलिस्टिक मिसाइल से हमले की तैयारी में है। अमेरिका ने ईरान को चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि उसे इजरायल पर किसी भी सीधे सैन्य हमले का गंभीर परिणाम भुगतना पड़ सकता है।

कई ओर से हमले झेल रहे इजरायल ने भी खतरे को लेकर बयान जारी किया है। इजरायली सेना के प्रवक्ता ने कहा है कि उनके एयर डिफेंस सिस्टम किसी भी खतरे के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। इजरायल ने कहा है कि हम ईरान, लेबनान, इराक या यमन से किसी भी हमले का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

अमेरिकी अधिकारियों के जानकारी दी है कि हाल ही में ईरान में मिसाइल लॉन्च पैड की गतिविधियों का पता लगाया गया है। अमेरिकी सैन्य अधिकारी के मुताबिक, ईरान आज रात इजरायल पर ड्रोन और क्रूज मिसाइलें लॉन्च कर सकता है। इजरायल में अमेरिकी दूतावास ने अपने कर्मचारियों को हाई लेवल चेतावनी जारी की है। अमेरिकी दूतावास ने नागरिकों से घर लौटने और शेल्टर में जाने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है।
राम रहीम के जेल से बाहर आने का विरोध क्यों कर रही कांग्रेस? चुनाव आयोग को लिखा पत्र

डेस्क: हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले हरियाणा कांग्रेस ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पैरोल दिए जाने के खिलाफ चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि हरियाणा में मतदान से पहले राम रहीम को पैरोल नहीं दी जाए, क्योंकि वो वोटर्स को प्रभावित कर सकता है। राम रहीम का पिछला इतिहास इस बात का गवाह है कि उसके हरियाणा में जबरदस्त फैन फॉलोइंग है। वो इसका इस्तेमाल कर सकता है, इसलिए उसे पैरोल नहीं दी जानी चाहिए।

इससे पहले चुनाव आयोग ने 30 सितंबर को राम रहीम की पैरोल को मंजूरी दी थी। हालांकि, आयोग ने तीन शर्तें लगाई हैं। पैरोल के वक्त के दौरान गुरमीत राम रहीम के हरियाणा में दाखिल होने पर रोक रहेगी। गुरमीत राम रहीम किसी भी चुनाव प्रचार की गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकता है और ना ही सोशल मीडिया के जरिए किसी चुनाव प्रचार की गतिविधि में शामिल होगा।

यौन शोषण और मर्डर केस में राम रहीम रोहतक जेल में सजा काट रहा है। पैरोल के दौरान राम रहीम उत्तर प्रदेश के बरनावा आश्रम में रहेगा। साध्वियों के यौन शोषण और मर्डर केस में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख 20 साल की कैद काट रहा है। उसने हाल ही में सरकार से इमरजेंसी पैरोल मांगी थी। जेल विभाग को आवेदन कर 20 दिन की पैरोल देने के लिए कहा। इस दौरान उसने उत्तर प्रदेश के बरनावा आश्रम में रहने की बात कही। इससे पहले राम रहीम अगस्त में 21 दिन की फरलो पर बाहर आया था।

बता दें कि हरियाणा विधानसभा की सभी 90 सीटों पर 5 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। चुनाव की तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं। ऐसे में तमाम दलों की ओर से वोटर्स को अपने पक्ष में करने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर घोषित किए जाएंगे।
देश का "सबसे गरीब" परिवार, पूरे परिवार की सालाना आय है मात्र 2 रुपये, सच्चाई जानकर चौंक जाएंगे आप

डेस्क: अक्सर छात्रवृति या सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए या कहीं एडमिशन पाने के लिए आय प्रमाण पत्र की मांग की जाती है। अमूमन गांवों या देहात के इलाकों में वकीलों को पैसे दे दिए जाते हैं और वो आय प्रमाण पत्र बनवाकर दे देते हैं। अधिकांश आय प्रमाण पत्र में कम से कम आय 24 हजार रुपये सालाना दिखाई जाती है, ताकि कम आय की वजह से कई तरह की सरकारी सुविधाओं का लाभ मिल सके। लेकिन क्या आपने कभी ऐसा देखा या सुना है कि किसी की सालाना आय 2 रुपये है और वकील द्वारा 2 रुपये की सालाना आय वाली आय प्रमाण पत्र भी बना दी जाए।

दरअसल ये पूरा मामला मध्य प्रदेश के सागर जिले का है, जहां बंडा तहसील से अजब-गजब मामला सामने आया है। यहां तहसील कार्यालस से एक शख्स का मात्र 2 रुपये सालाना आय का प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है। प्रमाण पत्र तहसीलदार के हस्ताक्षर के बाद ही जारी हुआ है। प्रमाण पत्र को देखने पर पता चलता है कि जनवरी 2024 में इसे बनाया गया है। बता दें कि यह मामला प्रकाश में सोशल मीडिया के जरिए आया। दरअसल इस आय प्रमाण पत्र में पूरे परिवार की कुल आय मात्र 2 रुपये सालाना दर्शाई गई है। बंडा तहसीलदार महेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि यह मामला प्रकाश में आया है। मेरी पदस्थापना से पहले का यह प्रकरण है। आय प्रमाण पत्र की जांच करा रहे हैं। यदि यह संशोधित नहीं हुआ है, तो इसे ठीक कराया जाएगा।

तहसीलदार ने कहा कि सोशल मीडिया पर इसके वायरल होने के बाद इसकी पड़ताल की गई। पता चला कि इनकम सर्टिफिकेट बंडा ब्लॉक के घूघरा गांव के रहने वाले बराम चढ़ार का है। उन्होंने जनवरी महीने में आवेदन किया था। इस वक्त बलराम चढ़ार ने सालाना इनकम 40 हजार रुपये लिखी थी, लेकिन संबंधित सेंटर में आवेदन को ऑनलाइन करते समय सलाना इनकम 2 रुपये लिख दी गई।

ऑनलाइन आवेदन में इनकम रुपये लिखने के बाद सर्टिफिकेट को बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई। इस दौरान आवेदन क्लर्क से लेकर तहसीलदार तक पहुंचा। तत्कालीन बंडा तहसीलदार ज्ञानचंद्र राय ने आवेदन पर हस्ताक्षर कर 8 जनवरी 2024 को सर्टिफिकेट जारी कर दिया। उन्होंने इस दौरान यह भी नहीं देखा कि आवेदन की आय मात्र 2 रुपये लिखी है। उन्होंने कहा कि जब इस मामले में ज्ञानचंद्र राय से बात की तो उन्होंने बगैर जवाब दिए ही फोन काट दिया। तहसीलदार ने कहा कि मामले की पड़ताल की जा रही है।

हिजबुल्लाह के मिसाइल हमले के बाद इजरायल ने बढ़ाई सतर्कता, सार्वजनिक समारोह और समुद्री तट बंद


डेस्क: इजरायल ने हिजबुल्लाह के मिसाइल हमले के बाद देश भर में सतर्कता और बढ़ा दी है। इजरायल में सभी सार्वजनिक समारोहों और समुद्री तटों को बंद करे का ऐलान किया गया है। आज हिजबुल्लाह ने दावा किया किय उसने इजरायली सेना की खुफिया एजेंसी मोसाद के हेड क्वॉर्टर पर फादीर-4 मिसाइल से बड़ा मिसाइल किया है। हिजबुल्लाह ने कहा कि उसने यह हमला दक्षिणी लेबनान में इजरायल के जमीनी अभियान के विरोध में किया है। हिजबुल्लाह के इस हमले में इजरायल में 2 लोगों के घायल होने की भी खबर है।

रिपोर्टों में कहा गया है कि लेबनानी आतंकवादी समूह ने हर्ज़लिया के पास ग्लिलोट बेस पर "फादी-4" मिसाइलें दागीं। इस दौरान आईडीएफ की सैन्य खुफिया इकाई और मोसाद मुख्यालय हिजबुल्लाह के इस हमले को रोकने से चूक गए। हिजबुल्ला के इस दावे के बाद इजरायल ने हिज़्बुल्लाह की ओर से मिसाइल हमले किए जाने की पुष्टि की।

हालांकि यह नहीं बताया कि ये हमला मोसाद हेड क्वॉर्टर पर हुआ है। आईडीएफ ने कहा कि हिजबुल्लाह द्वारा दागी गई एक मिसाइल सीधे मध्य इज़रायल के एक अरबी गांव कफ़र कासेम में गिरी। ऐसा पहली बार नहीं है जब इस क्षेत्र में हिजबुल्लाह ने मिसाइल हमला किया है। हिज़्बुल्लाह केवल इजरायलियों को नुकसान पहुंचाना चाहता है, वह कोई भी हो और कैसा भी हो। इजरायल ने इसका वीडियो भी जारी किया।
बदलापुर यौन शोषण केस: दो आरोपियों की नहीं हुई गिरफ्तारी, बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुलिस को फटकारा


डेस्क : बदलापुर स्कूल यौन उत्पीड़न कांड को लेकर बंबई हाई कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। इस दौरान हाई कोर्ट ने जांच के तहत दो आरोपी ट्रस्टियों को गिरफ्तार नहीं कर पाने पर विशेष जांच दल यानी SIT से नाराजगी जताई। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने सवाल उठाया कि पुलिस जो आमतौर पर आरोपियों को पकड़ने के लिए किसी भी हद तक चली जाती है, लेकिन इस मामले में उन्हें गिरफ्तार करने में असमर्थ कैसे है? मामले में अदालत ने अगस्त में स्वत: संज्ञान लिया था।

बता दें कि महाराष्ट्र के ठाणे जिले में बदलापुर कस्बे के एक स्कूल में 4 साल और 4 साल की दो बच्चियों का एक कर्मचारी ने यौन उत्पीड़न किया था। आरोपी अक्षय शिंदे को घटना के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था और 23 सितंबर को एक मुठभेड़ में वह पुलिस की गोली लगने से मारा गया। महाराष्ट्र सरकार ने अगस्त में कहा था कि पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी की अगुवाई वाली एसआईटी घटना की जांच करेगी। मामले में आरोपियों के तौर पर स्कूल के दो ट्रस्टियों अध्यक्ष और सचिव के भी नाम आए। दोनों पर घटना की जानकारी तत्काल पुलिस को नहीं देने और लापरवाही बरतने के आरोप में बच्चों का यौन अपराधों से संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत मामला दर्ज किया गया।

महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने पीठ को सूचित किया कि दोनों आरोपी अब भी फरार हैं और उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। दोनों ने हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है। अदालत ने कहा, "पुलिस किसी आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए किसी भी हद तक जाती है। वे इन दोनों को कैसे गिरफ्तार नहीं कर पाए? क्या पुलिस उन्हें अग्रिम जमानत मिलने का इंतजार कर रहे हैं?" बीरेंद्र सराफ ने कहा कि पुलिस दोनों को पकड़ने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है। हाई कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 23 अक्टूबर की तारीख तय
हिजबुल्लाह ने Fadi-4 मिसाइल से किया इजरायली सेना की खुफिया एजेंसी मोसाद के हेड क्वॉर्टर पर बड़े हमले का दावा, इजरायल में खलबली



डेस्क: हिजबुल्लाह ने इजरायली सेना की खुफिया एजेंसी मोसाद के हेड क्वॉर्टर पर बड़ा मिसाइल हमला करने का दावा किया है। इससे इजरायल में खलबली मच गई है। हिजबुल्लाह का दावा है कि उसने इजरायल के जमीनी अभियान के विरोध में दक्षिणी लेबनान पर मोसाद खुफिया एजेंसी के मुख्यालय को निशाना बनाया है। रिपोर्टों में कहा गया है कि लेबनानी आतंकवादी समूह ने हर्ज़लिया के पास ग्लिलोट बेस पर "फादी-4" मिसाइलें दागीं। कहा गया है कि आईडीएफ की सैन्य खुफिया इकाई और मोसाद मुख्यालय हिजबुल्लाह के इस हमले को रोकने से चूक गए।

न्यूजवीक की रिपोर्ट के अनुसार हिजबुल्लाह के मोसाद हेड क्वॉर्टर पर हमले के दावे के बाद इजरायल में मैगन डेविड एडोम एम्बुलेंस सेवा के अनुसार रॉकेट की चपेट में आने के बाद एक सड़क अवरुद्ध हो गई है। एम्बुलेंस सेवा ने कहा कि उसने घटनास्थल पर दो लोगों का इलाज किया, जिनमें छर्रे लगने से घायल एक बस चालक और एक अन्य मोटर चालक शामिल थे। फादी-4 हिजबुल्लाह की सबसे घातक मिसाइल है।

ईरान की मेहर न्यूज एजेंसी के अनुसार मीडिया सूत्रों ने मंगलवार सुबह बताया कि इजरायल पर हिजबुल्लाह के मिसाइल हमले के बाद तेल अवीव में सायरन बज गया। तेल अवीव सहित कब्जे वाले फिलिस्तीन के पूरे मध्य क्षेत्र में अलार्म सायरन बजने से लोगों के बीच अफरातफरी मच गई। वहीं अल मनार ने ज़ायोनी सूत्रों के हवाले से बताया कि तेल अवीव हवाई क्षेत्र में कई विस्फोट सुने गए। इस बीच, सोशल मीडिया पर प्रकाशित वीडियो में दिखाया गया है कि हिजबुल्लाह की मिसाइलों ने इजरायल के कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों पर हमला किया है। एक इजरायली अखबार ने बताया कि तेल अवीव की ओर 5 मिसाइलें दागी गईं। इज़रायली सेना ने लेबनान से मिसाइल हमले की भी सूचना दी।
आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण का बयान, बोले- 219 मंदिरों को किया गया अपवित्र, मूर्तियां की गईं खंडित



डेस्क: आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने अपनी "प्रायश्चित दीक्षा" को लेकर बयान जारी किया है। उन्होंने कहा, "पिछले 5-10 सालों से लगातार किसी न किसी तरह की अपवित्रता हो रहा है। करीब 219 मंदिरों को अपवित्र किया गया। रामतीर्थम में भगवान राम की मूर्ति को खंडित किया गया। इसलिए, यह सिर्फ एक प्रसाद का मामला नहीं है। यह 'प्रायश्चित दीक्षा' सनातन धर्म परिरक्षक ट्रस्ट को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता है, यह बहुत जरूरी है। इस तरह की घटनाओं को रोका जाना चाहिए और अलग-अलग स्तर पर अलग तरीके से संबोधित किया जाना चाहिए। एक बार जब मैं यह दीक्षा पूरी कर लूंगा, तो कल हम एक घोषणा करेंगे।"

इससे पूर्व तिरुपति मंदिर के लड्डुओं (प्रसाद) में मिलावटी घी के इस्तेमाल के आरोपों के बाद भगवान को प्रसन्न करने के लिए अपने 11 दिन के प्रायश्चित के तहत आंध्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री पवन कल्याण ने कहा कि यहां कनक दुर्गा मंदिर में शुद्धिकरण अनुष्ठान में हिस्सा लिया। इस दौरान पार्टी के नेता भी उनके साथ थे। उन्होंने मंदिर की सीढ़ियों को ब्रश से रगड़कर साफ किया और धोया । कल्याण ने मंदिर में पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं सनातन धर्म (हिंदुत्व) का दृढ़ता से पालन करता हूं। हम राम के भक्त हैं और अपने घरों में राम नाम का जाप करते हैं।’’ उन्होंने साथ ही कहा कि भारत में मुस्लिम, ईसाई और पारसी जैसे सभी धर्मों को समान रूप से आदर किया जाता है। जनसेना के नेता ने हालांकि कहा कि धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा एकतरफा नहीं हो सकती बल्कि यह दोतरफा मार्ग है जिसमें सभी धर्मों का सम्मान करना होगा।

लड्डू विवाद को लेकर अपने ट्वीट के जवाब में अभिनेता प्रकाश राज की टिप्पणी पर कल्याण ने आपत्ति जताते हुए सवाल किया कि इस मामले से अभिनेता का क्या लेना देना है। उन्होंने पूछा, ‘‘प्रकाश राज ने मेरे खिलाफ टिप्पणी की है। मैं हिंदुओं के साथ हुए दुर्व्यवहार के बारे में बात कर रहा था। इसमें प्रकाश राज की क्या भूमिका है? क्या मैंने किसी धर्म का अपमान किया?, क्या मैंने इस्लाम का अपमान किया?, क्या मैंने ईसाई धर्म का अपमान किया? अगर कोई गलती होती है, अगर अशुद्धिकरण होता है तो क्या मुझे उस पर बात नहीं करना चाहिए?’’
LAC पर क्या फिर होने वाली है कुछ बड़ी हलचल, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने क्यों कहा सामान्य नहीं हैं हालात



डेस्क: भारत-चीन सीमा पर क्या फिर कुछ बड़ा होने वाला है, क्या भारत और चीन के रिश्तों में अभी भी पहले जैसा तनाव कायम है, क्या सीमा पर दोनों पक्षों की ओर से सैन्य वापसी के बाद भी स्थिति नहीं सुधरी है? अगर स्थिति ठीक हुई है तो फिर थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी आखिर यह बयान क्यों देते कि सीमा पर हालात अभी भी सामान्य नहीं हैं। सेना प्रमुख के बयान से साफ है कि चीन अभी भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। लिहाजा भारतीय सेना भी चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हर वक्त कमर कसे बैठी है।

आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवदी से जब सीमा पर मौजूदा हालात को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति स्थिर, लेकिन संवेदनशील है और सामान्य नहीं है। जनरल द्विवेदी ने कहा कि हालांकि, विवाद के समाधान पर दोनों पक्षों के बीच कूटनीतिक वार्ता से एक ‘‘सकारात्मक संकेत’’ सामने आ रहा है, लेकिन किसी भी योजना का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर सैन्य कमांडरों पर निर्भर करता है। वह चाणक्य रक्षा संवाद पर एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध का जल्द से जल्द समाधान तलाशने के उद्देश्य से जुलाई और अगस्त में दो चरणों में कूटनीतिक वार्ता की थी। उन्होंने एक सवाल पर कहा, ‘‘कूटनीतिक वार्ता से सकारात्मक संकेत मिल रहा है लेकिन हमें यह समझने की आवश्यकता है कि कूटनीतिक वार्ता विकल्प और संभावनाएं देती हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जब जमीनी स्तर पर लागू करने की बात आती है तो इसका निर्णय लेना दोनों पक्षों के सैन्य कमांडरों पर निर्भर करता है।’’ सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘स्थिति स्थिर है लेकिन यह सामान्य नहीं है। और संवेदनशील है। अगर ऐसा है तो हम क्या चाहते हैं? हम चाहते हैं कि अप्रैल 2020 से पहले वाली स्थिति बहाल हो।’’ दोनों सेनाओं के बीच सैन्य गतिरोध मई 2020 की शुरुआत में शुरू हुआ।


दोनों पक्षों ने गतिरोध वाले बिन्दुओं से कई सैनिकों को हटाया है लेकिन इसके बावजूद अभी तक सीमा विवाद का पूर्ण समाधान नहीं निकला है। जनरल द्विवेदी ने कहा, ‘‘जब तक स्थिति बहाल नहीं होती है, हालात संवेदनशील रहेंगे और हम किसी भी प्रकार की आकस्मिक स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।’’ उन्होंने कहा कि इस पूरे परिदृश्य में विश्वास को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। उन्होंने चीन के प्रति भारतीय सेना के समग्र दृष्टिकोण पर भी संक्षिप्त चर्चा की। सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘जहां तक चीन का संबंध है तो वह काफी समय से हमारे मन में कौतूहल पैदा कर रहा है। मैं कह रहा हूं कि चीन के साथ आपको प्रतिस्पर्धा करनी होगी, आपको सहयोग करना होगा, आपको एक साथ रहना होगा, आपको मुकाबला करना होगा।’’

पिछले महीने, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने इस विवाद का जल्द समाधान तलाशने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में वार्ता की थी। ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) देशों के सम्मेलन से इतर हुई बैठक में दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों को पूरी तरह से पीछे हटाने के लिए ‘‘तत्परता’’ से काम करने और अपने प्रयासों को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की थी। बैठक में डोभाल ने वांग को बताया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और एलएसी का सम्मान द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति बनाने के लिए जरूरी है। जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव पैदा हो गया था।
लेबनान के इजरायली हमले में फिलिस्तीनी कमांडर के मारे जाने की आशंका, सीरिया एयरस्ट्राइक में भी 3 मौतें



डेस्क: इजरायल ने लेबनान में घातक हवाई हमला किया है। इस दौरान दो फिलिस्तीनी सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार मंगलवार तड़के बेरूत में एक इजरायली हमले में फिलिस्तीनी फतह आंदोलन की सैन्य शाखा अल-अक्सा शहीद ब्रिगेड की लेबनानी शाखा के कमांडर मुनीर मकदाह को निशाना बनाया गया। इस हमले में उसके मारे जाने की आशंका है। इस घातक हमले के बाद मकदाह का भाग्य अज्ञात बना था कि वह मारा गया या जीवित है।

सूत्रों ने बताया कि यह हमला दक्षिणी शहर सिडोन के पास भीड़भाड़ वाले ऐन अल-हिलवेह में फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविर की एक इमारत पर हुआ। बता दें कि लगभग एक साल पहले हिज़्बुल्लाह और इज़रायल के बीच सीमा पार दुश्मनी शुरू होने के बाद से फिलिस्तीनी शिविर पर आईडीएफ का यह पहला हमला था, जो लेबनान में कई फिलिस्तीनी शिविरों में से सबसे बड़ा था। सरकारी मीडिया का कहना है कि दमिश्क पर इज़रायली हवाई हमले में तीन नागरिकों की मौत हो गई।

सीरिया की राजधानी दमिश्क पर भी इजरायली सेना ने आज भीषण हवाई हमला किया। इस हमले में तीन नागरिक मारे गए और नौ अन्य घायल हो गए। सीरियाई राज्य मीडिया ने मंगलवार सुबह एक सैन्य स्रोत का हवाला देते हुए कहा कि दमिश्क पर इजरायली हमले में उसका एक नुमाइंदा मारा गया था। मगर यह स्पष्ट नहीं था कि मारा गया नुमाइंदा तीन नागरिकों में से था या नहीं। सरकारी मीडिया ने बताया कि इजरायली हवाई हमले से निजी संपत्ति को भी काफी नुकसान हुआ है। राज्य मीडिया ने मंगलवार को पहले कहा था कि राजधानी में सुने गए विस्फोटों के बाद, सीरियाई वायु रक्षा ने दमिश्क के आसपास के क्षेत्र में "शत्रुतापूर्ण लक्ष्यों" को एक रात में लगातार तीन बार रोका।
जम्मू-कश्मीर में पहली बार MLA चुन रहा वाल्मीकि समुदाय, ‘अब मैला ढोने वाला भी बन सकता है विधायक’


डेस्क: लंबे समय से मतदान करने के अधिकार से वंचित वाल्मीकि समुदाय के लोगों ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में पहली बार वोट डाला। अनुच्छेद 370 की वजह से इस समुदाय के लोग विधानसभा चुनावों में मतदान नहीं कर पाते थे। वोट डालने के बाद बेहद खुश नजर आ रहे समुदाय के लोगों ने इसे ‘ऐतिहासिक क्षण’ बताया। वाल्मीकि समुदाय के लोगों को मूल रूप से 1957 में पंजाब के गुरदासपुर जिले से राज्य सरकार द्वारा सफाई कार्य के लिए जम्मू-कश्मीर लाया गया था। सूबे में लंबा समय बिताने के बावजूद इस समुदाय के लोगों को जम्मू-कश्मीर में वोट डालने का अधिकार नहीं मिला था।

जम्मू के एक पोलिंग बूथ पर मतदान करने वाले घारू भाटी ने कहा, ‘मैं 45 साल की उम्र में पहली बार मतदान कर रहा हूं। हम लोग अपने जीवनकाल में पहली बार जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनावों में भाग लेने को लेकर रोमांचित और उत्साह से भरे हुए हैं। यह हमारे लिए एक बड़े त्योहार की तरह है।’ अपने समुदाय के लिए नागरिकता का अधिकार सुनिश्चित करने को लेकर 15 वर्षों से अधिक समय तक इन प्रयासों का नेतृत्व करने वाले भाटी ने कहा, ‘यह पूरे वाल्मीकि समुदाय के लिए एक त्योहार है। हमारे पास 18 साले से लेकर 80 साल तक की उम्र के मतदाता हैं।’

भाटी ने कहा, ‘हमसे पहले की दो पीढ़ियों को इस अधिकार से वंचित रखा गया था, लेकिन जब अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया तो न्याय की जीत हुई और हमें जम्मू-कश्मीर की नागरिकता प्रदान की गई। ‘दशकों से सफाई कार्य के लिए यहां लाए गए हमारे समुदाय को वोट देने के अधिकार और जम्मू-कश्मीर की नागरिकता सहित बुनियादी अधिकारों से वंचित रखा गया था। यह पूरे वाल्मीकि समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। आज हम मतदान कर रहे हैं। कल हम अपने लोगों का प्रतिनिधित्व करेंगे।’

भाटी ने कहा, ‘यह हमारे जीवन में एक नए युग की शुरुआत है। हम अपने मुद्दों को विधानसभा में ले जाएंगे। कल्पना कीजिए कि हमारे समुदाय का एक सदस्य जो कभी केवल मैला ढोना ही अपना भाग्य समझता था, अब विधायक या मंत्री बनने की आकांक्षा रख सकता है। हम इतने बड़े बदलाव को होते हुए देख रहे हैं।’ बता दें कि पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों और गोरखा समुदायों के साथ वाल्मीकि समुदाय के लोगों की संख्या करीब 1.5 लाख है। वे जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों के विभिन्न हिस्सों, खासकर सीमावर्ती इलाकों में रहते हैं।