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गोला तहसील में राजस्व वादों का अंबार

गोला गोरखपुर I राजस्व वादों को लेकर भले ही खूब सख्ती बरती जा रही हो लेकिन साधारण मामलों में भी इनका निस्तारण नहीं हो पा रहा है। जमीन बैनामा कराने या वरासत के आधार पर नाम दर्ज कराने के लिए धारा 34 के तहत राजस्व वाद दाखिल किया जाता है।

45 दिन में इसका निस्तारण हो जाना चाहिए लेकिन जिले में 12 हजार से अधिक मामले ऐसे हैं, जिनका तीन माह बीतने के बाद भी निस्तारण नहीं किया जा सका है।

आवेदक तहसीलों का चक्कर लगाकर चप्पलें घिसने को मजबूर हैं। कभी कोर्ट नहीं चलती तो कभी कागजों के नाम पर उन्हें दौड़ाया जाता है। मामला सही नहीं है तो आवेदक खारिज करने की बात भी करते हैं लेकिन उसका कोई असर नहीं दिखता।

विभिन्न तहसीलों में यह है निस्तारण की स्थिति

तहसील तीन माह पांच वर्ष से

अधिक समय

से लंबित

गोला 1676 86

बांसगांव 919 01

क्या कहते हैं नोडल अधिकारी

‼️इस सम्बंध में अपर जिलाधिकारी प्रशासन पुरुषोत्तम दास गुप्ता ने बताया कि राजस्व वादों के निस्तारण के लिए नियमित रूप से निगरानी की जा रही है। नामांतरण के मामले में भी जितने वाद दाखिल हैं, उसके मुकाबले बड़ी संख्या में वाद निस्तारित हो चुके हैं। जिन मामलों में कुछ आपत्ति होती है, उनके निस्तारण में समय लगता है लेकिन उसे भी जल्द से जल्द निस्तारित कराने का प्रयास है।

मातृ शिशु मृत्यु दर रोकने में पोषण की अहम भूमिका

गोरखपुर, पोषण माह के आखिरी दिन चरगांवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में ‘स्वच्छता पोषण संवाद’ का आयोजन सोमवार को किया गया । बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में हुए इस कार्यक्रम में एनीमिया से बचाव में सही पोषण की भूमिका के बारे में विस्तार से चर्चा हुई। गर्भवती और किशोरियों के हीमोग्लोबिन की जांच की गई और प्रतिभागी किशोरियों के बीच सैनेट्री पैड व आयरन फोलिक की गोलियों का वितरण किया गया। सभी प्रतिभागियों को संदेश दिया गया कि मातृ शिशु मृत्यु दर को रोकने में पोषण की अहम भूमिका है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ धनंजय कुशवाहा ने कहा कि जिन गर्भवती में खून की कमी होती है, प्रसव के दौरान उनमें जटिलताएं बढ़ने की आशंका कहीं अधिक होती है। इस स्थिति से बचने के लिए किशोरावस्था से ही पौष्टिक खानपान, स्वच्छता व्यवहार और आयरन फोलिक की गोलियों का सेवन आवश्यक है। हरी पत्तेदार सब्जियां और गुड़ में पर्याप्त मात्रा में आयरन पाया जाता है। इनके सेवन के साथ साथ आयरन फोलिक की गोलियों का सेवन जरूरी है। समय समय पर स्वास्थ्य केंद्र पर या नजदीकी आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर खून की जांच भी बहुत जरूरी है। गर्भावस्था में महिला को अतिरिक्त पोषण की आवश्यकता होती है। इस दौरान आयरन फोलिक के साथ साथ दूसरी तिमाही से कैल्शियम की गोलियां भी खानी चाहिए। प्रसव के बाद भी छह माह तक इन दवाओं का सेवन आवश्यक है ताकि मां बच्चे दोनों को पोषण मिल सके।

चरगांवा ब्लॉक के स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी मनोज कुमार ने कहा कि फास्ट फूड खाने से बचना चाहिए और घर में बना शुद्ध पौष्टिक आहार पोषण का बड़ा स्रोत है। गर्भवती को प्रसव से पूर्व चार बार जांच की सुविधा अस्पताल से उपलब्ध कराई जाती है। इस दौरान खून की भी जांच होती है। जिन गर्भवती में खून की कमी होती है उनमें प्रसव के दौरान मां व बच्चे दोनों की जान को जोखिम होता है। उन्होंने कहा कि माहवारी के दौरान किशोरियों को सैनेट्री पैड का इस्तेमाल अवश्य करना चाहिए। इससे संक्रमण समेत कई प्रकार की बीमारियों से उनका बचाव होता है। स्कूलों के माध्यम से सरकार आरयन फोलिक की गोलियां और सैनेट्री पैड किशोरियों को उपलब्ध करवा रही है।

बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की मुख्य सेविका मोहित सक्सेना ने बताया कि जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ अभिनव कुमार मिश्र और शहरी बाल विकास परियोजना अधिकारी महेंद्र चौधरी के दिशा निर्देशन में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें करीब सत्तर किशोरियों और बीस गर्भवती ने हिस्सा लिया। सभी के खून की जांच की गई और जनजागरूकता के साथ साथ गर्भवती को आयरन फोलिक व कैल्शियम की, जबकि किशोरियों को आयरन फोलिक की गोलियां वितरित की गईं।

इन केंद्रों ने लिया हिस्सा

शहरी बाल विकास परिजोयना के तहत आने वाले आंगनबाड़ी केंद्र चरगांवा, करीमनगर, हमीदपुर, राप्तीनगर, जंगल महुआ, सेमरा और झुंगियां ने आयोजन में प्रतिभाग किया। इस दौरान सभी प्रतिभागी किशोरियों और गर्भवती के वजन एवं लंबाई की भी जांच की गई। जांच के दौरान जिन लोगों के पोषण स्तर में कमी पाई गई है, उनकी सतत निगरानी कर उन्हें सुपोषित बनाया जाएगा। जांच में एक किशोरी का हीमोग्लोबिन आठ पाया गया, जिसकी विशेष निगरानी की जाएगी।

इन्होंने किया सहयोग

बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग से किरन वर्मा, कन्यावती चौरसिया, शशी चौधरी, भामा देवी, विद्यावती, मधु श्रीवास्तव, शुभम श्रीवास्तव, बबिता वर्मा, सीमा यादव, सुनीता सिंह, अर्चना, ज्योतिमा, पूनम त्रिपाठी, सरोज देवी, स्वास्थ्य विभाग के प्रयोगशाला प्राविधिक एवं यूनिसेफ संस्था से चिरंजीव ने आयोजन में विशेष सहयोग प्रदान किया।

औद्योगिक विकास मंत्री ने नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने की गीडा के विकास कार्यों की समीक्षा

गोरखपुर पहुंचे उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने रविवार को गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण के विकास कार्यों की समीक्षा की। जिसमें मंत्री नन्दी ने अधिकारियों को औद्योगिक क्षेत्रों को सजाने, संवारने और मूलभूत सुविधाओं को व्यवस्थित बनाने के साथ ही ई-टेंडर के जरिये ही कार्यों का आवंटन किए जाने के निर्देश दिए।

गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण के विकास कार्यों से मंत्री नन्दी को अवगत कराते हुए सीईओ गीडा श्रीमती अनुज मलिक ने कहा कि गीडा के विकास योजना के तहत 99 गांवों में अधिसूचित क्षेत्रफल 27 हजार 135 एकड़ है। जिसमें से अब तक गीडा द्वारा 3110 एकड़ भूमि एक्वायर किया गया हैं। कहा कि गीडा को 33 सेक्टर में विभाजित किया गया है। बताया कि 2024-25 में 31 अगस्त तक पांच महीने में 365 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई है। भूमि क्रय करने की प्रगति के लिए रिटायर्ड लेखपाल और कानूनगो रखे गए हैं। प्रतिनियुक्ति पर कर्मचारियों के नियुक्ति की मांग की गई है। बताया कि प्रस्तावित लैंड बैंक में दो गांव पिपरा और सेनुहारी ऐसे हैं, जिसकी 45 एकड़ भूमि पर उच्चतम न्यायालय में मामला लम्बित है। जिस पर मंत्री नन्दी ने न्यायालय में प्रभावी पैरवी किए जाने के निर्देश दिए।

मंत्री नन्दी ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों को सबसे पहले सुंदर और आकर्षक बनाए जाने की जरूरत है। जिसके लिए गीडा की जमीनों पर आगे गेट बनाया जाए। पूरे क्षेत्र और प्लॉट को अट्रैक्टिव बनाया जाए। कहा कि नाली-रोड अच्छा हो, इसका विशेष ध्यान दिया जाए। टेंडर प्रतिष्ठित फर्मों को ही दिया जाए ताकि काम अच्छा हो।

मंत्री नन्दी ने कहा कि आउटसोर्सिंग पर जो कर्मचारी रखे जा रहे हैं, वो एजेंसी के जरिये रखे जाते हैं। लेकिन निगरानी विभाग ही करता है। एजेंसी द्वारा भी कर्मचारियों के कार्यों की निगरानी की जानी चाहिए। नहीं तो लापरवाही पाए जाने पर उनका बिल काटा जाए। आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को एजेंसी द्वारा जो कार्य और जिम्मेदारी जा रही है, इसकी जवाबदेही एजेंसी द्वारा तय की जानी चाहिए। मंत्री नन्दी ने विद्युत विभाग के कार्यों की जानकारी ली।

मंत्री नन्दी ने कहा कि सॉफ्टवेयर ऐसा बनाया जाए जिससे पूरी जानकारी पारदर्शी हो। एक ही स्थान पर सेक्टर वाइज पूरी जानकारी आ जाए। डिफाल्टर आदि की लिस्ट भी एक ही स्थान पर ऑनलाइन मौजूद हो। मंत्री नन्दी ने कहा कि नक्शा पास कराने की प्रक्रिया ऑनलाइन की जय। ऑफलाइन में समय ज्यादा लगता है।

*नागरिक कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन होगी भाईजी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि : सीएम योगी*

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध धार्मिक-आध्यात्मिक पत्रिका कल्याण के आदि संपादक हनुमान प्रसाद पोद्दार ‘भाईजी’ का पूरा जीवन धर्म, लोक और राष्ट्र कल्याण को समर्पित था। अपने समय में उन्होंने जीवन के प्रत्येक पक्ष में समाज का मार्गदर्शन किया। आज हम अपने नागरिक कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन कर भाईजी को सच्ची श्रद्धांजलि दी सकते हैं।

सीएम योगी रविवार सायंकाल गीता वाटिका में विश्व प्रसिद्ध धार्मिक पत्रिका कल्याण के आदि संपादक हनुमान प्रसाद पोद्दार 'भाईजी' की 132वीं जयंती पर आयोजित श्रद्धार्चन सभा को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के धार्मिक, आध्यात्मिक और सामाजिक जगत का कैसा कोई कार्य गत सदी में नहीं है जिसमें कम से कम 70 वर्ष के कालखंड में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से भाईजी की सहभागिता न रही हो। गोरखपुर को उन्होंने अपनी साहित्यिक साधन का केंद्र बनाया। 1927 में धार्मिक-आध्यात्मिक पत्रिका कल्याण का गोरखपुर से प्रकाशन शुरू करने वाले इसके आदि संपादक भाईजी ने कल्याण को न केवल हर सनातनी के घर पहुंचाया बल्कि इसे सदगृहस्थ जीवन के लिए मार्गदर्शिका बनाया। देश-दुनिया के सनातनियों के घर अगर कल्याण पत्रिका पहुंची तो इसका श्रेय भाईजी को ही जाता है।

भाईजी की साधना में था धर्म, देश और लोक कल्याण का भाव

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि साधना का एक पक्ष होता है। जिस भाव से हम साधना करेंगे परिणाम भी उसी के अनुरूप आएगा। भाईजी की साधना में धर्म, लोक और राष्ट्र कल्याण का भाव था। उन्होंने आजादी के आंदोलन में भी भाग लिया। इसके लिए ब्रिटिश हुकूमत ने उन्हें यातना दी, प्रताड़ित किया कल्याण पत्रिका को जब्त भी किया। इसके बावजूद स्वाधीनता आंदोलन के दौर में ऐसा कोई प्रबुद्ध नेता या प्रबुद्ध क्रांतिकारी नहीं था जो भाई जी के संपर्क में न रहा हो। उन्होंने साहित्य साधना से आजादी के आंदोलन को आगे बढ़ाया।

संस्कारयुक्त परिवार के लिए भाईजी ने दी लेखनी को धार

सीएम योगी ने कहा कि हमें यह ध्यान रखना होगा कि जीवन केवल जीने के लिए नहीं होता है। यदि हम ऊंचे लक्ष्यों के लिए प्रयास करेंगे और उसी आधार पर आचरण करेंगे तो परिणाम भी उसी अनुरूप आएगा। आजादी के बाद भारत को कैसे बनना चाहिए, इसको ध्यान में रखकर संस्कारयुक्त परिवार के लिए भाईजी ने अपनी लेखनी को धार दी।

गीता प्रेस को सनातन साहित्य का सबसे बड़ा केंद्र बनाने में भाईजी की साधना का योगदान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गीता प्रेस अगर आज दुनिया में सनातन साहित्य के प्रकाशन और प्रचार-प्रसार का सबसे बड़ा केंद्र है तो इसके मूल में भाईजी हनुमान प्रसाद पोद्दार की साहित्यिक साधना ही है। उन्होंने वैदिक साहित्य की चिंतन परंपरा को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गोरखपुर में गीता प्रेस की स्थापना सेठ जयदयाल गोयंदका ने की थी लेकिन इसे साहित्यिक साधन से भाईजी ने ही आगे बढ़ाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि वैदिक साहित्य उत्कृष्ट नहीं होते तो जर्मनी जैसा देश इस पर शोध करके खुद को एक बड़ी ताकत के रूप में प्रस्तुत नहीं कर पाता। गुलामी का कालखंड तभी झेलना पड़ा जब हमने अपने वैदिक साहित्य पर आत्म गौरव की अनुभूति नहीं की, अपनी विरासत को विस्मृति किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गीताप्रेस की स्थापना का गत वर्ष शताब्दी महोत्सव मनाया गया। यह कोई सामान्य बात नहीं थी इसलिए शताब्दी महोत्सव के उद्घाटन में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और समापन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आगमन हुआ। गीता प्रेस की साहित्यिक साधना के लिए गत वर्ष इसे गांधी शांति पुरस्कार भी मिला।

महानता के गुण से ही होता है लंबी अवधि के बाद भी स्मरण

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी व्यक्ति के जीते जी अलग-अलग कारण से सभी लोग उसे याद रखते हैं लेकिन यदि लंबी अवधि के बाद भी किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व और कृतित्व का स्मरण किया जाता है तो निश्चित ही उस व्यक्ति में महानता के गुण होंगे। उसने देश, धर्म और समाज के लिए अविस्मरणीय योगदान दिया होगा। हम श्रीराम और श्रीकृष्ण को आज भी ऐसे ही योगदान के कारण दैवीय विभूति के रूप में स्मरण कर श्रद्धावनत होते हैं। भाईजी हनुमान प्रसाद पोद्दार का भौतिक देह 53 वर्ष पूर्व से नहीं है लेकिन आज भी हम उनकी साहित्य साधना, शिक्षा, गोरक्षा के क्षेत्र में योगदान और आध्यात्मिक, सांस्कृतिक आंदोलनों के लिए याद करते हैं। उन्होंने कहा कि महापुरुषों का कृतित्व शाश्वत सत्य की व्यवस्था पर आधारित होता है।

समाज में लोक कल्याण का भाव कमजोर होना चिंतनीय

सीएम योगी ने कहा कि डिजिटल युग में जब हर हाथ में स्मार्टफोन है, साहित्यिक साधना कमजोर पड़ती दिखाई दे रही है। देश, समाज और संस्कृति के मूल्यों को लेकर लोक का स्वर मंदित पड़ता दिखाई देता है। आज लोक कल्याण का भाव सरकार में तो है लेकिन इस भाव का समाज में कमजोर होना चिंतनीय है। यदि हम आराम का जीवन बिता रहे हैं और बगल में कोई भूखों मर रहा है तो हमारा पहला दायित्व उसकी सेवा करने का है। भाईजी का जीवन इसी की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा था कि चुपचाप मदद करो, किसी को एक हाथ से दान ऐसे दो कि दूसरे हाथ को भी पता न चले।

हरेक क्षेत्र में ईमानदारी से दायित्व निर्वहन से बनेगा विकसित भारत

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का संकल्प देशवासियों को दिया है। इसके लिए संभावना और परिस्थितियां भी अनुकूल हैं। ऐसे में जरूरी है कि हम अपने अपने कार्यक्षेत्र में अपने दायित्वों का निर्वाह ईमानदारी से करें। ऐसा करने से भाईजी की आत्मा को भी संतुष्टि मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की दुनिया में एकपक्षीय ध्रुव संभव नहीं है। आज के नए भारत और मजबूत भारत के चलते दुनिया का हर देश चाहता है कि भारत उसके साथ खड़ा रहे। भाईजी और उनके अनन्य सहयोगी राधा बाबा को नमन करते हुए मुख्यमंत्री ने दोनों विभूतियों को दो शरीर और एक आत्मा बताया। उन्होंने कहा कि भाईजी ने अपने कालखंड में धर्म, लोक, समाज और राष्ट्र के कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया।

भाई जी के प्रति श्रद्धार्चन के इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनकी समाधि स्थली पर भी गए और पुष्पांजलि अर्पित कर अपनी श्रद्धा निवेदित की। इस अवसर पर कथावाचक नरहरि दास जी महाराज, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य सचिव प्रो. सच्चिदानंद जोशी, अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय संगठन सचिव डॉ. बालमुकुंद पांडेय, भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के निदेशक (शोध एवं प्रशासन) ओम जी उपाध्याय, हनुमान प्रसाद पोद्दार स्मारक समिति के सचिव उमेश सिंहानिया, संयुक्त सचिव रसेंदु फोगला, विष्णु प्रसाद अजितसरिया आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

पूरी तरह सौर ऊर्जा पर संचालित होगा महायोगी गोरखनाथ विवि

गोरखपुर, 29 सितंबर। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम बालापार गोरखपुर ने ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। यह विश्वविद्यालय आने वाले दिनों में ऊर्जा संबंधी आवश्यकताओं के लिए पूरी तरह सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करेगा। विश्वविद्यालय की कार्य परिषद ने रविवार को हुई बैठक में शत प्रतिशत सौर ऊर्जा के उपयोग और इस संबंध में जरूरी व्यवस्थाओं से जुड़े प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। कार्य परिषद ने सौर ऊर्जा के रूप में क्लीन एनर्जी के प्रयोग के साथ ही कैम्पस को ग्रीन बनाने के लिए 11 हजार पौधरोपण, 15 हजार की क्षमता के स्टेडियम और 1500 की क्षमता के अत्याधुनिक ऑडिटोरियम के निर्माण के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी है।

महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी की अध्यक्षता एवं कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव के संचालन में हुई कार्यपरिषद की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए उप कुलसचिव (प्रशासन) श्रीकांत ने बताया कि कार्य परिषद ने तय किया है कि जल्द ही विश्वविद्यालय में ऊर्जा संबंधी सभी जरूरतें सौर ऊर्जा से पूरी की जाएंगी। इसके लिए जरूरी सिस्टम की स्थापना को मंजूरी दे दी गई है। कार्य परिषद ने इस बात पर हर्ष व्यक्त किया कि विश्वविद्यालय में सभी कक्षाओं को स्मार्ट क्लास रूम में अपग्रेड कर दिया गया है।

आने वाले समय में विश्वविद्यालय का अपना सिम्यूलेशन लैब भी होगा। इससे जुड़े प्रस्ताव को बैठक में स्वीकार कर लिया गया है। कार्य परिषद ने इस प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है कि ग्रीन कैम्पस की परिकल्पना को साकार करने के लिए परिसर में 11000 पौधों का रोपण कराया जाए। शैक्षणिक व अन्य गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 1500 की क्षमता का बहुउद्देश्यीय ऑडिटोरियम बनाने और विश्वविद्यालय के अपने स्टेडियम के निर्माण के लिए रखे गए प्रस्तावों को भी कार्य परिषद के सदस्यों ने सर्वसम्मति से स्वीकृति प्रदान की। यह भी तय किया गया है कि विश्वविद्यालय आने वाले समय में वाटर स्पोर्ट्स की गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा।

अगले सत्र से होगी फोरेंसिक साइंस और एआई की पढ़ाई

स्थापना के बाद से समयानुकूल पाठ्यक्रमों को संचालित कर रहे महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में अगले सत्र से फोरेंसिक साइंस, आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और ड्रोन टेक्नोलॉजी की भी पढ़ाई होगी। इसके लिए पाठ्यक्रम तैयार किए जाएंगे। इससे जुड़े प्रस्ताव पर भी कार्य परिषद की बैठक में मुहर लगा दी गई है।

एमबीबीएस और बीएएमएस का नया सत्र 14 अक्टूबर से

विश्वविद्यालय की कार्य परिषद की बैठक में इस सत्र से एमबीबीएस कोर्स को मान्यता मिलने और सभी सीटों पर प्रवेश होने पर प्रसन्नता व्यक्त की गई। बैठक में बताया गया कि स्टेट कोटा नीट काउंसिलिंग में छात्रों ने महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के श्री गोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर को पहली प्राथमिकता दी है। बैठक में एमबीबीएस और बीएएमएस के नए सत्र का संचालन 14 अक्टूबर से शुरू किए जाने के प्रस्ताव को भी स्वीकार कर लिया गया।

कार्य परिषद की बैठक में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की आचार्य डॉ. शोभा गौड़, महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के सदस्य प्रमथ नाथ मिश्र, महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य रामजन्म सिंह, प्रदेश शासन के उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव के प्रतिनिधि संयुक्त सचिव उच्च शिक्षा प्रेम कुमार पांडेय, वरिष्ठ कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. सीएम सिन्हा महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता डॉ. सुनील कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक अमित कुमार सिंह, आयुर्वेद कॉलेज के सह आचार्य डॉ. सुमित कुमार एम., सहायक आचार्य डॉ. प्रिया एसआर नैयर, सीए अनिल कुमार सिंह, मुख्य अभियंता नीरज कुमार गौतम, सहायक अभियंता आशीष सिंह व्यक्तिगत रूप से तथा देवीपाटन शक्तिपीठ के महंत योगी मिथिलेशनाथ, चिकित्सा संकाय के अधिष्ठाता डॉ. हरिओम शरण, महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के प्रमथनाथ मिश्र ऑनलाइन माध्यम से उपस्थित रहे।

जिला उपाध्यक्ष के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं ने सुनी मन की बात

खजनी गोरखपुर।पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज भाजपा जिला उपाध्यक्ष हरिकेश त्रिपाठी के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने रूद्रपुर गांव के बूथ संख्या 46 पर पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम के 114 वें एपीसोड को सामूहिक रूप से सुना।

प्रधानमंत्री के द्वारा मन की बात कार्यक्रम के 10 वर्ष पूरे होने के जिक्र करने तथा श्रोताओं को असली सूत्रधार बताए जाने पर तथा विभिन्न स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के द्वारा बुंदेलखंड, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, छतरपुर में चलाए गए जल संरक्षण के कार्यों की सराहना करने, अमेरिका से लौटाई गई 300 दुर्लभ कलाकृतियों और मूर्तियों को देश में वापस ले आने, संथाली भाषा के संरक्षण, जड़ी-बूटियों के बगीचे, मेक इन इंडिया और स्वच्छता मिशन के 10 वर्ष पूरे होने का जिक्र किए जाने पर हर्ष जताते हुए तालियां बजाकर स्वागत किया।

इस अवसर पर बृजकिशोर उर्फ गुलाब त्रिपाठी, खजनी मंडल मंत्री आदर्श राम त्रिपाठी, अनिल पाण्डेय, विजय त्रिपाठी बूथ अध्यक्ष ग्राम प्रधान संगम त्रिपाठी उर्फ राहुल,अतुल त्रिपाठी बृजेश त्रिपाठी, उत्तम मिश्रा, गंगेश्वर त्रिपाठी, अश्वनी मिश्रा उर्फ अमर, सोमनाथ पांडेय, अनूप मिश्रा, दीनदयाल, शुभम राम त्रिपाठी सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।

आचार्य पवन त्रिपाठी को मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में कोषाध्यक्ष बनाए जाने पर हर्ष

खजनी गोरखपुर।क्षेत्र के गाजर वंशमन गांव के मूल निवासी दयाशंकर त्रिपाठी के पुत्र भारतीय जनता पार्टी मुंबई के उपाध्यक्ष आचार्य पवन त्रिपाठी को मुंबई के प्रभादेवी में स्थित प्रसिद्ध सिद्धविनायक गणेश मंदिर का कोषाध्यक्ष बनाए जाने पर क्षेत्र में उनके समर्थकों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई।

मुंबई उत्तर भारतीय मंच के अध्यक्ष एवं भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेताओं में शुमार आचार्य पवन त्रिपाठी प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य हैं, उनकी एस्ट्रोलॉजी टुडे पत्रिका तथा राष्ट्रीय सहारा,यशोभूमि, नवराष्ट्र, तरूण भारत, महानगर, नवभारत टाइम्स, दैनिक भास्कर जैसे समाचार पत्रों में निरंतर प्रकाशित होने वाले सामयिक लेखों से आर्थिक राजधानी मुंबई समेत देश भर में हमेशा चर्चा में बने रहते हैं।

प्रसिद्ध मंदिर के कोषाध्यक्ष बनाए जाने पर उनके बड़े सहोदर भाई गोरखपुर जिले के भाजपा उपाध्यक्ष हरिकेश राम त्रिपाठी का मुंह मीठा कराते हुए एडवोकेट विनोद पांडेय, जगदंबा शुक्ला, बृजकिशोर उर्फ गुलाब त्रिपाठी, धरणीधर राम त्रिपाठी, आदर्श राम त्रिपाठी, प्रभात दूबे, राहुल त्रिपाठी, अनिल कुमार पांडेय, रिंकू दुबे, विजय शुक्ला, राम अशीष, परमात्मा दूबे,अवध बिहारी मिश्रा समेत सभी स्थानीय शुभचिंतकों, क्षेत्रवासियों ग्रामवासियों भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने हर्ष जताया और बधाई दी है।

जीरो टॉलरेंस नीति से अपराधियों और उनके आकाओं को ही परेशानी : सीएम योगी

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सुरक्षा के बेहतरीन माहौल में ही निवेश आता है। जब व्यक्ति ही सुरक्षित नहीं रहेगा तो उसकी पूंजी कैसे सुरक्षित रह पाएगी। पर, सुरक्षा के इस शानदार माहौल से, अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति से उन लोगों और उनके आकाओं परेशानी होती है जिनके लिए अपराध ही पेशा था। जो अपराध करने को ही बड़प्पन मानते थे। सरकार कानून व्यवस्था को लेकर जीरो टॉलरेंस के लिए प्रतिबद्ध है क्योंकि इससे ही वर्तमान सुरक्षित रहेगा और बेहतर भविष्य के लिए वर्तमान का सुरक्षित रहना आवश्यक है।

सीएम योगी रविवार को गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के समीप बस रहे औद्योगिक गलियारे में गीडा के सेक्टर 27 में बहुराष्ट्रीय कंपनी पेप्सिको की फ्रेंचाइजी मेसर्स वरुण बेवरेजेज के 1170 करोड़ रुपये के निवेश से लगी यूनिट (शीतल पेय बॉटलिंग एवं डेयरी उत्पाद संयंत्र) का औपचारिक उद्घाटन करने के बाद यहां आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं का आह्वान किया है कि वे नौकरी की बजाय उद्यमिता पर अधिक ध्यान दें। रोजगार के लिए और अधिक अवसर पाने के लिए उद्यमिता सबसे महत्वपूर्ण माध्यम है। आधुनिक विकास की नई ऊंचाइयों को छूने वाले जिन देशों ने उद्यमिता, शोध और नवाचार पर ध्यान दिया है, वही देश आर्थिक परिदृश्य में केंद्र बिंदु में हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं के रोजगार के लिए, जन आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए जो अवसर चाहिए उनमें निवेश सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। सुखद स्थिति है कि बीते सात साल में उत्तर प्रदेश निवेश का बेहतरीन गंतव्य बन चुका है।

यूपी में निवेश के सवाल को लिया चुनौती के रूप में, संकल्प से बनाया बेहतरीन डेस्टिनेशन

सीएम योगी ने कहा कि 2017 में जब पहली बार उनकी सरकार बनी तो उत्तर प्रदेश में निवेश की संभावनाओं को तलाशने के लिए टीम को लगाया गया। टीम ने रिपोर्ट दी कि प्रदेश में 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश आ सकता है। तत्समय 23 करोड़ की आबादी वाले राज्य में मात्र 20 हजार करोड़ के निवेश को लेकर बताया गया कि यूपी में निवेश कौन करेगा। सीएम योगी ने कहा कि उन्होंने इस सवाल को चुनौती के रूप में स्वीकार किया और संकल्प लिया कि उत्तर प्रदेश को ऐसा बनाएंगे जहां देश और दुनिया के निवेशक निवेश करने आएंगे। इसके लिए जिस स्पीड में काम किया गया उसका परिणाम रहा कि फरवरी 2023 में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में यूपी को 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले। इनमें से 10 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों का पीएम मोदी की उपस्थिति में हुए ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में शिलान्यास हो चुका है। जबकि 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव धरातल पर उतरने के लिए पाइप लाइन में हैं।

निवेश से बढ़ी औद्योगिक विकास की आस

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा निवेश के रूप में उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास की आस भी बढ़ रही है और रोजगार भी आ रहा है। उन्होंने वरुण बेवरेजेज की गीडा यूनिट का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां पूंजी तो आई ही, प्रशासन ने 48 एकड़ भूमि देकर काम आगे बढ़ाया। नतीजा है कि आज यहां 1500 से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। इनमें से 90 प्रतिशत लोग यूपी और यूपी में भी 70 प्रतिशत से अधिक लोग गोरखपुर और आसपास के हैं। उन्होंने कहा कि युवा पहले नौकरी के लिए बेंगलुरु, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, थाईलैंड या सिंगापुर जाने को विवश होते थे। आज उन्हें घर के पास ही नौकरी और रोजगार की सुविधा मिल रही है। पर, यह सुविधा अचानक नहीं आई है।

तीन-चार साल में ही गीडा में हुआ 12 हजार करोड़ का निवेश

सीएम ने कहा कि गीडा के शिलान्यास के बाद 1998 तक उद्योग लगने का नाम तक नहीं था। धरना प्रदर्शन, लाठी चार्ज, गोली चलने से कोई निवेश के लिए आना नहीं चाहता था। इन समस्याओं का समाधान किया गया, निवेशकों से संवाद बढ़ाया गया। परिणाम है कि बीते तीन-चार सालों में ही गीडा में 12 हजार करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है।

सुगमता से बढ़ते कार्यक्रम से आ रहा निवेश, बढ़ रहा रोजगार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि निवेश को धरातल पर उतारने के लिए लैंड बैंक, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का बेहतरीन होना जरूरी है। सरकार ने इन सब पर पूरा ध्यान दिया। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए डिजिटल प्लेटफार्म तैयार किए। निवेश मित्र पोर्टल जहां 450 से अधिक एनओसी के लिए सिंगल विंडो प्लेटफार्म है तो वहीं निवेश सारथी से निवेश एमओयू की मॉनिटरिंग होती है और जब निवेश धरातल पर उतर जाता है तो निवेशकों को इंसेंटिव देने के लिए भी ऑनलाइन व्यवस्था है। साथ ही निवेशकों की समस्याओं के समाधान के लिए सीएम फेलो को भी लगाया गया है। सीएम योगी ने कहा कि जब सुगमता से कार्यक्रम आगे बढ़ते हैं तो निवेश और रोजगार सृजन भी दिखता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गीडा में आईजीएल, गैलेंट, अंकुर उद्योग, केयान डिस्टिलरी, ज्ञान डेयरी, तत्वा प्लास्टिक ने भी निवेश किया है। गीडा की तरफ से प्लास्टिक पार्क, फ्लैटेड फैक्ट्री और रेडीमेड गारमेंट पार्क का काम भी युद्ध स्तर पर आग बढ़ाया जा रहा है।

धुरियापार को बड़ा औद्योगिक क्षेत्र बनाने की कार्यवाही शुरू

मुख्यमंत्री ने कहा कि धुरियापार में सीबीजी प्लांट की स्थापना हो चुकी है। यहां पराली से एथेनाल बनाने के साथ ग्रीन एनर्जी की तरफ कदम बढ़ा दिया गया है। अब धुरियापार को बड़ा औद्योगिक क्षेत्र बनाने की कार्यवाही भी आगे बढ़ाई जा रही है। सीएम योगी ने कहा कि आज यूपी के पास एक्सप्रेसवे का संजाल है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे से इस क्षेत्र की जनता और उद्यमियों को काफी सहूलियत होगी।

बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर की तरह बनेगा महिलाओं का समूह

सीएम योगी जी कहा कि वरुण बेवरेजेज ने बेहतरीन डेयरी प्रोडक्ट बन रहे हैं। अभी स्थानीय स्तर पर पर्याप्त दूध न मिल पाने से प्लांट के लिए दूध बाहर से मंगाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस दिक्कत को देखते हुए सरकार ने बुंदेलखंड की बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर की तर्ज पर महिलाओं का समूह बनाने के लिए 20 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। इसे तत्काल आगे बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि वरुण बेवरेजेज को दूध गोरखपुर, बस्ती और आजमगढ़ मंडल के जिलों से ही मिलने लगे। इससे किसानों की आय कई गुना बढ़ेगी और पशुधन भी बचेगा। उन्होंने वरुण बेवरेजेज प्रबंधन से कहा कि वे प्रगतिशील किसानों को प्लांट का विजिट कराएं।

साढ़े छह लाख को सरकारी नौकरी, दो करोड़ को एमएसएमई-उद्योग में रोजगार

यूपी को निवेश का बेहतरीन डेस्टिनेशन बताते हुए सीएम योगी ने कहा कि सरकार नौकरी के साथ ही स्टार्टअप्स और उद्योग लगाने के लिए सतत प्रोत्साहन दे रही है। युवाओं को हरेक क्षेत्र में उचित अवसर प्राप्त हो रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में साढ़े छह लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई है। जबकि दो करोड़ को एमएसएमई-उद्योग में रोजगार मिला है, 60 लाख युवाओं को स्वतः रोजगार से जोड़ा गया है।

युवाओं को उद्यमी बनाने के लिए देंगे ब्याजमुक्त लोन

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को उद्यमी बनाने के लिए उनकी सरकार ब्याजमुक्त लोन देने जा रही है। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के अंतर्गत पहले चरण में पांच लाख रुपये तथा दूसरे चरण में दस लाख रुपये का लोन दिया जाएगा।

दुनिया में धूम मचा रहा यूपी का ओडीओपी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के प्रभावी होने के बाद लाखों की संख्या में रोजगार सृजन हुआ है। यूपी का ओडीओपी दुनिया में धूम मचा रहा है और देश में ब्रांड बन गया है।

स्किल डेवलपमेंट के लिए भी हो रहा है कार्य

सीएम योगी ने कहा कि निवेश और रोजगार के साथ ही सरकार स्किल डेवलपमेंट के लिए भी कार्य कर रही है। इसी क्रम में गीडा में भारत सरकार के सहयोग से एक स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग सेंटर खोला गया है। सरकार की कोशिश इंडस्ट्री और इंस्टिट्यूशन को जोड़कर स्किल्ड मैनपॉवर उपलब्ध कराने की है।

सीएम योगी ने जो किया वह देश में मॉडल बनकर उभरा : नंदी

इस अवसर पर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी' ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में चौतरफा विकास का कारवां आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जो कहा, वो कर दिखाया और जो किया वह पूरे देश में मॉडल बनकर उभरा। श्री नंदी ने कहा कि 2017 के पहले के यूपी, पूर्वांचल और गोरखपुर की तुलना आज के दौर से करने और जमीन आसमान का अंतर नजर आएगा। पहले की सरकारें जहां अपना, अपने परिवार, रिश्तेदार और फिर अपनी जाति तक सीमित थीं तो वहीं सीएम योगी ने बिना भेदभाव समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति तक विकास की रोशनी पहुंचाई है। सीएम योगी के नेतृत्व में सिर्फ प्रदेश ही नहीं बदला है बल्कि परिवेश भी बदला है। आज का उत्तर प्रदेश सशक्त, समृद्ध और गतिशील प्रदेश है। उन्होंने कहा कि 2017 के पूर्व उत्तर प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र का बुनियादी ढांचा व्हीलचेयर पर था और आज सीएम योगी के नेतृत्व में यूपी औद्योगिक प्रगति के मामले में फर्राटा भर रहा है।

प्रयागराज में भी बॉटलिंग प्लांट लगा रहा वरुण बेवरेजेज : रविकांत जयपुरिया

स्वागत संबोधन में मेसर्स वरुण बेवरेजेज के चेयरमैन रविकांत जयपुरिया ने कहा कि वरुण बेवरेजेज, पेप्सिको के ब्रांड के विश्व के सबसे बड़े मैन्युफैक्चरर्स में से एक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के मार्गदर्शन और सहयोग से गोरखपुर में वरुण बेवरेजेज की यूनिट बहुत कम समय में तैयार हो गई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में यूपी काफी आगे है। सरकार की इंडस्ट्री फ्रेंडली नीतियों से उत्तर प्रदेश में तीव्र औद्योगिक विकास हो रहा है। बताया कि सरकार के प्रोत्साहन से वरुण बेवरेजेज प्रयागराज में भी बॉटलिंग प्लांट लगाने का काम शुरू कर चुका है। 2025 के शुरुआत में वहां भी प्लांट के लोकार्पण की तैयारी है। उन्होंने बताया कि वरुण बेवरेजेज को प्लास्टिक रिसाइक्लिंग प्लांट लगाने के लिए भी सरकार फर्रुखाबाद में भूमि आवंटन कर चुकी है। श्री जयपुरिया ने बताया कि गीडा यूनिट में सॉफ्ट ड्रिंक्स के साथ ही अब डेयरी उत्पादों का उत्पादन शुरू हो गया है। यह प्लांट गोरखपुर के किसानों से दूध खरीदकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश करेगा। उन्होंने सीएसआर फंड से जन स्वास्थ्य के क्षेत्र में आरुह हेल्थ क्लिनिक की पहल किए जाने और गोरखपुर में भी ऐसी एक क्लिनिक के संचालन की जानकारी भी दी।

वरुण बेवरेजेज की गीडा यूनिट ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का उत्कृष्ट उदाहरण : कमलेश जैन

वरुण बेवरेजेज के अधिशासी निदेशक कमलेश जैन ने कहा कि गोरक्षभूमि पर पेप्सी प्लांट का उद्घाटन वरुण बेवरेजेज के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि सुदृढ़ लॉ एंड ऑर्डर और यूपी सरकार के प्रोत्साहन से वरुण बेवरेजेज की गीडा यूनिट महज एक साल में उत्पादनरत हो गई है। यह प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने बताया कि ग्रुप का टर्नओवर 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक है और ग्रुप में कुल मिलाकर 40 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है। वरुण बेवरेजेज के आठ प्लांट अकेले उत्तर प्रदेश में हैं। गोरखपुर की यूनिट में 1500 को रोजगार मिला है जबकि दस हजार किसानों-पशुपालकों को दूध बेचकर आय बढ़ाने का मौका मिलेगा। वरुण बेवरेजेज के टेक्निकल हेड बग्गा ने प्लांट से जुड़े तकनीकी पहलुओं और सॉफ्ट ड्रिंक्स तथा डेयरी प्रोडक्ट के बनने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

इस अवसर पर सांसद रविकिशन शुक्ल, नेपाल के कृष्णानगर के सांसद अभिषेक प्रताप शाह, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक प्रदीप शुक्ल, फतेह बहादुर सिंह, विपिन सिंह, महेंद्रपाल सिंह, श्रीराम चौहान, सरवन निषाद, एमएलसी एवं भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह, एमएलसी बागीश पाठक, प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, मेदांता ग्रुप के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहन, गीडा की मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनुज मलिक, भाजपा जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

बॉटलिंग प्लांट का निरीक्षण किया मुख्यमंत्री ने

वरुण बेवरेजेज की गीडा यूनिट का फीता काटकर उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बॉटलिंग प्लांट का सघन निरीक्षण भी किया। उन्होंने कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक के मैन्युफैक्चरिंग से लेकर पैकेजिंग तक के प्रोसेस तथा पेप्सिको ब्रांड के विभिन्न उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस अवसर पर वरुण बेवरेजेज के अधिकारियों ने सीएम योगी को यहां लगी अत्याधुनिक हाईटेक मशीनों और बॉटलिंग प्रक्रिया की जानकारी दी।

समाज व देश की बेहतरी के लिए बुद्धिजीवियों ने साझा किए विचार

गोरखपुर। ग़ौसे आज़म फाउंडेशन (जीएएफ़) की ओर से रविवार को मियां साहब इस्लामिया इंटर कॉलेज बक्शीपुर (एमएसआई) के सभागार में सम्मान समारोह व संगोष्ठी का आयोजन हुआ। फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मो. सैफुल्लाह क़ादरी को ग़ौसे आज़म अवार्ड से सम्मानित किया गया। उत्कृष्ट कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं व सहयोगियों को भी सम्मानित किया गया। मेहमानों का स्वागत जिलाध्यक्ष समीर अली व महासचिव हाफ़िज़ मोहम्मद अमन ने किया। संचालन मोहम्मद आज़म ने किया।

संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि मौलाना मो. सैफुल्लाह क़ादरी ने कहा कि ग़ौसे आज़म फाउंडेशन, एक ऐसी संस्था है, जो बिना भेदभाव के, बिना किसी की जाति, धर्म, मज़हब को देखते हुए, ग़रीबों, यतीमों, लाचारों की मदद करती है। इसी तरह हमारे मदरसे, मस्जिदें व ख़ानक़ाहें लगातार भारत में शांति और भाईचारगी का संदेश फैला रहे हैं। सैफुल्लाह क़ादरी ने वक़्फ़ बिल पर कहा कि मुसलमान अपनी ज़मीन जायदाद को ख़ुदा की राह में, ख़ुदा की रज़ा के लिए, क़ुर्बान करता रहता है ताकि दबे कुचले लोगों की मदद हो सके और दूसरे नेकी के कामों को अंजाम दिया जा सके। वक़्फ़ संपत्तियों में दखल का किसी को भी अधिकार नहीं है। सरकार मंहगाई, बेरोज़गारी को कम करने पर विशेष ध्यान दे ताकि देशवासियों का भला हो सके।

विशिष्ट वक्ता मुफ्ती-ए-शहर अख़्तर हुसैन मन्नानी ने कहा कि ग़ौसे आज़म फाउंडेशन एक ऐसी संस्था है, जो हमेशा से देश व समाज की भलाई के लिए काम कर रही है। दोनों लॉकडाउन में जीएएफ ने हज़ारों घरों तक बिना किसी जाति, धर्म को देखे, अपनी ख़िदमत को अंजाम दिया था। इसके और भी बहुत से ख़िदमात हैं, जिन्हें आपने अपनी आंखों से देखा भी होगा या किसी से सुना होगा।

विशिष्ट वक्ता वरिष्ठ शिक्षक मुख़्तार अहमद ने कहा कि शिक्षा समाज को ज्ञानवान, सशक्त, समृद्ध और सुखी बनाती है। शिक्षा समाज में सामाजिक न्याय, समानता, एकता और शांति को बढ़ावा देती है। शिक्षा समाज में ग़रीबी, अशिक्षा, अज्ञानता, अन्धविश्वास और अन्य सामाजिक बुराइयों को दूर करने में मदद करती है।

विशिष्ट वक्ता एडवोकेट तौहीद अहमद ने कहा कि सोशल मीडिया आज के दौर में ज़रूरत बन गया है। जहां इसके कुछ फायदे हैं, वहीं कुछ नुक़सान भी हैं। ऐसे में सोशल मीडिया के इस्तेमाल में सावधानी बरतनी चाहिए। सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म पर शब्‍दों का चुनाव सोच समझकर ही करना चाहिए। आपकी पोस्ट या टिप्पणी किसी भी तरह के अश्‍लील या किसी की भावनाओं को चोट पहुंचाने वाली नहीं होनी चाहिए।

समारोह में नायब काजी मुफ्ती मो. अज़हर शम्सी, क़ारी शरफुद्दीन मिस्बाही, मौलाना नूरुज्जमा मिस्बाही, मौलाना इदरीस, कारी जमील मिस्बाही, मौलाना रियाजुद्दीन कादरी, अरशद जमाल समानी, हाफिज रहमत अली निज़ामी, मौलाना महमूद रज़ा, वरिष्ठ समाजसेवी आदिल अमीन, सेराज अहमद कुरैशी, कारी मो. अनस रजवी, जहांगीर खान, मो. फ़ैज़, नूर मोहम्मद दानिश, मो. ज़ैद, अमान अहमद, मौलाना अली अहमद, तौसीफ अहमद, रियाज़ अहमद, मो. जै़द क़ादरी, अहसन खान, नवेद आलम, अली ग़ज़नफर अज़हरी, इंजमाम खान, कारी कासिम, अहमद आतिफ, आसिफ महमूद, एडवोकेट आज़म आदि मौजूद रहे।

*शिक्षा और अध्यात्म का समावेश करके ही पाई जा सकती है अराजकता से मुक्ति : योगी आदित्यनाथ*

गोरखपुर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को मेवालाल गुप्त गुरुकुल विद्यालय में नवनिर्मित सभागार, पांच कक्षों और प्रशासनिक भवन का लोकार्पण किया। उन्होंने गुरुकुल के पुनरुद्धार के लिए गोरखपुर गुरुकुल सोसाइटी के पदाधिकारियों को बधाई दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने एक करोड़ पांच लाख रुपये के सीएसआर फंड से यह निर्माण कार्य समय पर पूरा किया गया है।

गुरुकुलों में आध्यात्मिक वातावरण जरूरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुकुलों में यज्ञ और हवन की पुरानी आर्य समाज की पद्धति का अनुसरण होना चाहिए। उन्होंने बताया कि जब तक गुरुकुलों में यह परंपरा जीवित रही, तब तक वहां का वातावरण आध्यात्मिक और अनुशासनपूर्ण था, जिससे पठन-पाठन के बेहतरीन परिणाम सामने आते थे। योगी आदित्यनाथ ने जोर दिया कि आज के समय में शिक्षा और अध्यात्म का समावेश करके ही अराजकता से मुक्ति पाई जा सकती है।

स्किल डेवलपमेंट और उद्यमिता पर जोर

मुख्यमंत्री ने गुरुकुल विद्यालय को शिक्षा के साथ-साथ स्किल डेवलपमेंट और उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि कोई भी वंचित बच्चा शिक्षा से वंचित न रह पाए। हर बच्चा भविष्य के लिए आत्मनिर्भर बने। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे इन प्रयासों से भारत को विकसित भारत बनाने में मदद मिलेगी।

गुरुकुल विद्यालय की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

गोरखपुर गुरुकुल विद्यालय की स्थापना 1935 में हुई थी। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस गुरुकुल में आध्यात्मिक और राजनीतिक गतिविधियों के कारण ब्रिटिश सरकार ने इसे 5 साल तक बंद कर दिया था। इसके बाद यह विद्यालय फिर से सक्रिय हुआ। आज यह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के रूप में संचालित हो रहा है। उन्होंने कहा कि समय के साथ संसाधनों की कमी के कारण विद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या घटने लगी, लेकिन अब नए निर्माण और संसाधनों से इसे फिर से प्रतिष्ठित किया जा रहा है।

शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार के लिए सरकार प्रतिबद्ध

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार हर बच्चे को उत्तम शिक्षा और हर नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने पीएम मोदी की राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि यह नीति छात्रों के सर्वांगीण विकास पर केंद्रित है। इसे आधुनिक जरूरतों के अनुरूप तैयार किया गया है। वहीं स्वास्थ्य के दृष्टि से आयुष्मान कार्ड योजना के तहत 10 करोड़ लोगों को निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की जा रही है।

इससे पहले सीएम योगी ने गुरुकुल विद्यालय के विभिन्न कक्षाओं में जाकर पठन-पाठन की गतिविधियों का अवलोकन किया। उन्होंने बच्चों से मुलाकात भी की और गुरुकुल प्रांगण में पौधरोपण किया। कार्यक्रम की शुरुआत में छात्राओं ने आकर्षक प्रस्तुति के साथ गणेश वंदना की।

इस अवसर पर सांसद रवि किशन शुक्ल, महापौर मंगलेश श्रीवास्तव, गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन, गोरखपुर गुरुकुल सोसाइटी के अध्यक्ष प्रमोद कुमार, कालीबाड़ी के महंत रविंद्र दास, यूपी राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष चारू चौधरी, भाजपा महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता, सीताराम जायसवाल, पार्षद पवन त्रिपाठी, शिवशंकर गुप्त, परमेश्वर प्रसाद गुप्त, इंद्रदेव विद्यार्थी, जगदीश गुप्त, मंडलायुक्त अनिल ढींगरा सहित प्रशासनिक अधिकारी, शिक्षकगण आदि उपस्थित रहे।