आइआइटी आइएसएम धनबाद में अप्लाइड जियोफिजिक्स विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय जियो कॉन्फ्लूएंस हुआ शुरू
देश भर के आइआइटी व एनआइटी के 170 से अधिक भूभौतिकीविद ले रहे हैं हिस्सा,
झा.डेस्क
धनबाद में देश भर से भू- वैज्ञानिक का हुआ महाजुटान,
आइआइटी आइएसएम के अप्लाइड जियोफिजिक्स विभाग के तीन दिवसीय जियो फेस्ट व विभिन्न आइआइटी व एनआइटी के 170 से अधिक भूभौतिकीविद हिस्सा ले रहे हैं.
इसके साथ ही संस्थान में इमरजिंग ट्रेंडस इन अर्थ साइंसेस, जियो हजार्ड एंड रिसोर्स मैनेजमेंट विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन भी शुरू हो गया. जियो कॉन्फ्लूएंस और सेमीनार का उद्घाटन के एक साथ किया गया.
उद्घाटन के मुख्य अतिथि पद्मश्री हर्ष के गुप्ता ने किया. हर्ष संस्थान के 1963 बैच के पूर्व छात्र भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव हैं. विशिष्ट अतिथि व संस्थान के 1969 बैच की पूर्व छात्र डॉ जेआर कयाल, पूर्व उप महानिदेशक, जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआइ) मौजूद थे.
इस सेमीनार को मुख्य उद्देश्य विचारों के आदान-प्रदान और सीखने के लिए एक मंच प्रदान करना है और ‘मेक इन इंडिया’ प्रोग्राम को धरातल पर लाना है, हर्ष के गुप्ता ने कहा कि पृथ्वी की स्थिरता इस बात पर निर्भर करती है कि हम इसे कैसे समझते हैं. पृथ्वी को समझने में हमें भूविज्ञान मदद करता है. क्योंकि इसमें पृथ्वी को समझने के लिए सभी प्रासंगिक विज्ञान शामिल हैं. उन्होंने सम्मेलन के आयोजकों की सराहना की.
नुकसान से बचने में मदद करती है भू-संकटों की भविष्यवाणी :
डॉ जेआर कयाल ने बताया कि भू-संकटों की भविष्यवाणी जीवन और संपत्ति के नुकसान से बचने में मदद कर सकती है. भूभौतिकीविदों को इस दिशा में काम करना चाहिए, संस्थान के उपनिदेशक प्रो धीरज कुमार ने कार्यक्रम अध्यक्षता की. कहा : खनन इंजीनियरिंग के क्षेत्र में होने के नाते, हम भू-संकटों जैसे भूस्खलनों के निगरानी और मानचित्रण से संबंधित समस्याओं का सामना करते हैं. हम इन समस्याओं के समाधान के लिए भूभौतिकीविदों की मदद लेते है.
उद्घाटन सत्र के समापन पर प्रो संजीत कुमार पाल, अप्लाइड जियोफिजिक्स विभाग के विभागाध्यक्ष ने धन्यवाद ज्ञापन किया. कॉन्फ्लूएंस के पहले कई कार्यक्रम हुए. इनमें सबसे प्रमुख, हैकाथन, जियो टॉक, पोस्टरमेकिंग, क्विज प्रतियोगिता आदि मुख्य आकर्षण रहा.
Sep 28 2024, 18:29