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स्वास्थ्य मंत्री की पहल चार जिलों में नवीन जिला आयुर्वेद कार्यालय की होगी स्थापना,राज्य शासन से 16 पदों की मिली प्रशासकीय स्वीकृति

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की बेहतरी के लिए लगातार प्रयासरत हैं। उनके प्रयासों से राज्य में स्वास्थ्य के क्षेत्र में संसाधनों की वृद्धि और रिक्त पदों पर लगातार भर्तियां की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल स्वास्थ्य अमले में बढ़ोत्तरी और सुविधाओं में इजाफा को लेकर काफी संवेदनशील हैं। इसी कड़ी में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के प्रयासों से राज्य के चार जिलों में जिला आयुर्वेद कार्यालय की स्थापना की जा रही है एवं नवीन पदों का सृजन किया जा रहा है।

चिकित्सा शिक्षा (आयुष) विभाग, महानदी भवन, नवा रायपुर अटल नगर द्वारा जारी आदेश के अनुसार राज्य शासन द्वारा मनेंद्रगढ़-चिरमिरी भरतपुर, सूरजपुर, बलरामपुर और कोंडागांव जिले में जिला आयुर्वेद कार्यालय की स्थापना की जा रही है। इसके लिए राज्य शासन ने कुल 16 पदों के सृजन की प्रशासकीय स्वीकृति की प्रदान कर दी है। आदेश के अनुसार प्रत्येक जिले में एक जिला आयुर्वेद अधिकारी, एक लेखापाल/सहायक ग्रेड 2, एक सहायक ग्रेड 3 और एक भृत्य का पद स्वीकृत किया गया है। इस तरह से जिला आयुर्वेद अधिकारी (वेतन लेवल 13) के 4 पद, लेखापाल/सहायक ग्रेड 2 (वेतन लेवल 6) के 4 पद, सहायक ग्रेड 3 (वेतन लेवल 4) के 4 पद और भृत्य (वेतन लेवल 1) के 4 पदों के सृजन की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गयी है।

पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य से पुलिस ने चार घंटे तक की पूछताछ
दुर्ग- पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल से भिलाई 3 स्थित खूबचन्द बघेल महाविद्यालय के प्रोफेसर से हुई मारपीट के मामले में पुलिस ने चार घंटे पूछताछ की. भिलाई 3 थाने में सीएसपी हरीश पाटिल के साथ थाना प्रभारी मनीष ध्रुव ने पूछताछ की. इस दौरान चैतन्य बघेल के समर्थन में कांग्रेसी कार्यकर्ता और महापौर निर्मल कोसरे थाना परिसर में मौजूद रहे. 

पुलिस पूछताछ खत्म होने के बाद थाने से निकलते समय मीडिया से चर्चा में चैतन्य बघेल ने बताया कि पुलिस ने कल रात आठ बजे मुझे पूछताछ के लिए बुलाया था. उसी संबंध में आज बयान दर्ज कराया हूं. अभी विवेचना चल रहा है, बाकी पुलिस वाले बताएंगे.

बता दें कि भिलाई-3 स्थित खूबचंद बघेल कॉलेज में हिन्दी प्रोफेसर विनोद शर्मा के साथ तीन बाइक सवार युवकों ने गाली-गलौच करते हुए रॉड-डंडों से हमला कर दिया. 19 जुलाई को घटित घटना में गंभीर रूप से घायल प्रोफेसर को रायपुर के निजी अस्पताल ले जाया गया. जहां से उन्हे एयर एम्बुलेंस के माध्यम दिल्ली के वेदांता हॉस्पिटल ले जाया गया. फिलहाल उनका इलाज दिल्ली में चल रहा हैं.

चैतन्य बघेल से पूछताछ के दौरान थाना परिसर में मौजूद कांग्रेसी.

मामले में प्रोफेसर को मारने के लिए सुपारी दिए जाने की बात सामने आई थी. पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद मध्य प्रदेश के रीवा से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इसके बाद दो अन्य आरोपी आरोपी रोहन उपाध्याय, रोहित पाण्डेय की गिरफ्तारी के बाद चैतन्य को नोटिस भेजा गया था. इस तरह से मामले में पांच आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

मामले में चैतन्य बघेल के विठ्ठलपुरम का काम देखने वाले प्रवीर शर्मा, शिवम मिश्रा और धीरज वस्त्रकार अब भी फरार हैं. इन तीनों के लिए पुलिस ने पुलिस ने लुकआउट सर्कुलर जारी किया है, जिसमें जानकारी देने वाले को 10-10 हजार रुपए इनाम दिए जाने की घोषणा की गई है.

गृह निर्माण मंडल की आवासीय मद की संपत्ति फ्री होल्ड, लेकिन इस भूमि पर निराकरण तक रोक

रायपुर-     छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल की संपत्तियों के फ्री-होल्ड पर रोक नहीं लगाई गई है. सिर्फ बिना व्यपवर्तन वाली कृषि दर्शित भूमि के फ्री-होल्ड पर ही मामले के निराकरण होने तक गृह निर्माण मंडल ने रोक लगाई है. हितग्राही बिना किसी हिचक के फी-होल्ड के लिए आवेदन मंडल के नजदीकी संपदा कार्यालयों में कर सकते हैं. यह जानकारी छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के मुख्य संपदा अधिकारी ने दी है.

छग गृह निर्माण मंडल की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, वर्तमान में कुछ प्रकरणों में राजस्व अभिलेख में धारणाधिकार आवासीय के स्थान पर कृषि प्रदर्शित हो रही है. भविष्य में हितग्राहियों को फ्री होल्ड पश्चात भूमि के व्यपवर्तन के लिए कठिनाई का सामना न करना पड़े, इसके लिए मंडल ने ऐसे प्रकरणों के निराकरण के लिए राजस्व विभाग से समन्वयन कर भूमि के व्यपवर्तन एंव धारणाधिकार में पहले परिवर्तन किए जाने के लिए कुंदन कुमार (आईएएस) आयुक्त, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल द्वारा निर्देश दिए गए हैं.

निर्णय लिया गया है कि कृषि प्रयोजन अंकित भूमि का डायवर्सन पश्चात ही फ्री-होल्ड किया जाए. पुनः स्पष्ट किया जाता है कि ऐसे भूमि जो आवासीय मद में दर्ज है, वहां फ्री-होल्ड की प्रक्रिया यथावत जारी रहेगी. जो भूमि कृषि प्रयोजनार्थ अंकित है, उन भूमियों की फ्री-होल्ड प्रक्रिया डायवर्सन पश्चात ही की जाएगी, ताकि हितग्राहियों को असुविधा ना हो. डायवर्सन की कार्यवाही त्वरित करने के लिए भी हाऊसिंग बोर्ड द्वारा प्रयास किया जा रहा है. मंडल को आबंटित शासकीय भूमि के अंतर्गत आबंटित भवनों/भूखण्डों के फी-होल्ड में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आ रही है. हितग्राही बिना किसी हिचक के फी-होल्ड के लिए आवेदन मंडल के नजदीकी संपदा कार्यालयों में कर सकते हैं.

अवैध रेत का परिवहन करते पुलिस ने 6 हाइवा को पकड़ा

महासमुंद-  जिले के तुमगांव में पुलिस ने अवैध रेत उत्खनन और उसके परिवहन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने कुल 6 हाइवा ट्रकों को पकड़ा है, जो अवैध रूप से रेत परिवहन कर रहे थे। इनमें से 5 हाइवा सिरपुर पेट्रोल पंप के पास और 1 हाइवा गढ़सिवनी के पास से जब्त किया हैं। आगे की कार्रवाई के लिए खनिज विभाग को सौंपा दिया।

पुलिस के अनुसार, ये सभी हाइवा बलौदाबाजार जिले के बल्दाकछार से रेत लेकर आ रहे थे। पुलिस ने इस मामले को आगे की जांच और कार्रवाई के लिए खनिज विभाग को सौंप दिया है, जिससे आगे की आवश्यक प्रक्रिया पूरी की जा सके।

खनिज विभाग अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ एक्शन मोड पर है और लगातार कार्रवाई कर रहा है। प्रदेश भर में अवैध रेत उत्खनन पर रोक लगाने के लिए खनिज विभाग अभियान चला रहा है। रेत का अवैध परिवहन करने वाले वाहनों को पकड़ा जा रहा है और उन पर प्रतिबंधित कार्रवाई की जा रही है।

प्रधानमंत्री आवास योजना से कुम्हार अमीरचंद को मिली आर्थिक स्थिरता, अपनी कला, परंपरा और संस्कृति को संजोए रखने में मिली मदद

रायपुर-   प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभान्वित अमीरचंद प्रजापति की कहानी बहुत प्रेरणादायक है। मिट्टी के दिए बनाकर जीवन गुजारा करने वाले अमीरचंद के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना एक वरदान साबित हुई है। इस योजना की मदद से उन्हें अपना खुद का पक्का घर मिला जिससे उनके सपने हकीकत में तब्दील हुई है। अब अमीरचंद न केवल अपने परिवार के साथ सुरक्षित जीवन जी रहे हैं, बल्कि उन्होंने अपने घर में एक छोटी सायकल एवं गाड़ी पंचर की दुकान भी शुरू कर दी है। यह न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार कर रहा है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बना रहा है।

बलरामपुर जिले के विकासखण्ड वाड्रफनगर के ग्राम पंचायत ओदारी निवासी अमीरचंद प्रजापति बताते है कि वे पेशे से कुम्हार है। मिट्टी को आकार देकर दीया एवं विभिन्न मिट्टी की वस्तुओं का निर्माण कर अपने परिवार का पालन-पोषण करते है। उनका काम ही केवल उनकी रोजी-रोटी का साधन है, ऐसे में उनके पक्के आवास बनाना असंभव सा प्रतीत होता था लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अमीरचंद प्रजापति को अपना खुद का घर मिलना किसी वरदान से कम नही है। वे बताते है जैसे ही उन्हें आवास की स्वीकृति मिली और उनका आवास पूर्ण हो गया है। आवास मिलने से उन्हें काफी मदद मिली है और वे सकुशल अपने परिवार के साथ जीवन व्यतीत कर रहे है। और भरण पोषण के लिए उनका कुम्हार का कार्य उनकी कला और रचनात्मकता का भी प्रतीक है।

वे मिट्टी को आकार देकर न केवल अपनी कला को व्यक्त करते हैं, बल्कि वे अपने परिवार के लिए भी एक स्थिरता के साथ बेहतर जीवन तैयार कर रहे हैं। अमीर चंद प्रजापति की कहानी से हमें सीख मिलती है कि, किस तरह उन्होंने प्रधानमंत्री आवास मिलने से अपने काम को संजोए रखा है। श्री अमीरचंद ने गरीब लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का आवास देने के लिए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है।

प्रधानमंत्री आवास योजना से डोंगरहा पटेल को मिला पक्का आवास, मुख्यमंत्री के सुशासन में जिंदगी ने पकड़ी रफ्तार

रायपुर-    प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कबीरधाम जिले के ग्राम सैगोना निवासी डोंगरहा पटेल को पक्का आवास मिलने से उनके जीवन में खुशियों की नई किरणें बिखरी हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन में सरकार की अनेक योजना का लाभ मिलने से उनकी जिंदगी ने एक नई रफ्तार पकड़ी है। डोंगरहा पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना से अब सपना नहीं, हकीकत में अपना घर है। इसके अलावा शासन की महतारी वंदन योजना, पेंशन योजना, धान खरीदी से आर्थिक रूप से शसक्त हुए है। श्री पटेल बताते है कि उनके और उनके परिवार के लिए पक्का मकान मिलना किसी सपने के साकार होने जैसा है। पहले जहाँ उनका परिवार कच्चे मकान में रहता था, वहाँ अब उन्हें एक मजबूत और सुरक्षित घर मिला है।

डोंगरहा पटेल ने बताया कि बारिश और मौसम की मार से अब उनका परिवार सुरक्षित है। पहले जहां हर मौसम में घर की मरम्मत और अन्य समस्याओं से जूझना पड़ता था, अब उन चिंताओं से मुक्ति मिल गई है। इसके साथ ही, समाज में उनकी प्रतिष्ठा बढ़ी है। पक्के मकान ने न सिर्फ उनके जीवन को आर्थिक रूप से स्थिर किया है, बल्कि उनके आत्मसम्मान और सामाजिक सम्मान में भी वृद्धि की है। परिवार में खुशियों का माहौल है और अब वे भविष्य को लेकर अधिक सकारात्मक और आत्मविश्वास से भरे हुए हैं। श्री डोंगराहा पटेल ने बताया कि सिर्फ आवास ही नही बल्कि उन्हें और उनकी पत्नी बिसाहींन पटेल दोनों को शासन की योजना के तहत पेंशन मिलता है, जिससे उनका बुढ़ापा सुरक्षित हुआ है। उनके पास लगभग पौने 2 एकड़ खेती की जमीन है। खेती से शासन की योजना के तहत 3100 रुपए में धान विक्रय से आर्थिक लाभ मिल रहा, जो उन्हें आत्मनिर्भर बनाती है। उन्होंने बताया कि उनके तीन बेटे और तीन बहुएं हैं, जो परिवार को संबल प्रदान करती हैं। उनके तीनों बहुओं को महतारी वंदन योजना के तहत प्रतिमाह एक हजार रुपए मिल रहा हैं, जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। इस योजना ने न केवल उनके जीवन में स्थिरता लाई है, बल्कि आत्मसम्मान और खुशी भी बढ़ाई है।

डोंगरहा पटेल ने अपने नए पक्के मकान में प्रवेश करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार के प्रति अपनी खुशी और आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह मकान हमारे लिए केवल एक छत नहीं, बल्कि हमारी मेहनत और सपनों की साकारता है।“ श्री डोंगरहा ने बताया कि पक्का आवास मिलने से उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है। पहले जिन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था, अब वे दूर हो गई हैं। उनका परिवार अब सुरक्षित और खुशहाल जीवन जी रहा है। उन्होंने सरकार की योजनाओं को सराहते हुए कहा कि इस प्रकार की पहल न केवल लोगों को स्थायी आवास प्रदान करती हैं, बल्कि समाज में एक नई आशा और आत्मविश्वास भी जगाती हैं। उनका यह आभार न केवल व्यक्तिगत है, बल्कि पूरे समुदाय के लिए है, जिसने एक स्थायी और सुरक्षित घर की उम्मीद की थी। इस नए आवास के साथ, डोंगरहा पटेल और उनका परिवार अब भविष्य के प्रति और भी अधिक उत्साहित और सकारात्मक हैं।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के प्रयासों से कबीरधाम जिले में 112 विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए 5 करोड़ 7 लाख रूपए की मिली स्वीकृति

रायपुर-     उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के प्रयासों से कबीरधाम जिले के समग्र विकास के लिए 5 करोड़ 7 लाख 24 हजार 900 रुपए की स्वीकृति मिली है। क्षेत्र भ्रमण के दौरान ग्रामीणों की विभिन्न निर्माण कार्यों की मांग पर उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने मंडी बोर्ड, मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना और मनरेगा के तहत 112 विकास कार्यों की स्वीकृति दी है। इन कार्यों से जिले में बुनियादी सुविधाओं में सुधार होगा और विकास को गति मिलेगी। इससे क्षेत्रवासियों को मूलभूत सुविधाओं का विस्तार होगा, जिससे उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार होगा। नए विकास कार्यों में सड़कें, भवन, तालाब सौंदर्यीकरण, नाली निर्माण, सामुदायिक भवन और रंगमंच जैसी सुविधाओं का समावेश होगा, जिससे कबीरधाम जिले के वासियो को सीधा लाभ मिलेगा। यह पहल ग्रामीण विकास को सशक्त बनाने के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगी।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के विशेष प्रयासों से कबीरधाम जिले के समग्र विकास के लिए 5 करोड़ 7 लाख 24 हजार 900 रुपए की स्वीकृति मिली है। इन कार्यों मे मंडी बोर्ड से 20 कार्यों के लिए 1 करोड़ 55 लाख 77 हजार रुपए के कार्य शामिल है। इनमे सामुदायिक भवन के 07 कार्य, सीसी रोड के 10 कार्य, सांस्कृतिक मंच के 02 कार्य और भवन 01 कार्य शामिल है। मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना से 84 कार्यों के लिए 2 करोड़ 81 लाख 30 हजार रुपए के कार्य शामिल है। इनमे सामुदायिक भवन के 14 कार्य, सीसी रोड के 37 कार्य, रंगमंच के 10 कार्य, आंगनबाड़ी भवन के 03 कार्य, नाली निर्माण के 13 कार्य, पुलिया निर्माण के 03 कार्य, पीडीएस भवन, मुक्तिधाम, निर्मलघाट, तालाब सौंद्रीकरण के 01-01 कार्य शामिल है। इसी तरह मनरेगा के तहत 08 कार्य के लिए 70 लाख 17 हजार 900 रुपए के कार्य शामिल हैं। इनमे नाली निर्माण के 02 कार्य, पुलिया निर्माण के 03 कार्य, मुक्तिधाम, 03 कार्य शामिल है।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि साय सरकार का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में समग्र विकास करना है। उन्होंने कहा कि स्वीकृत निधियों का उपयोग सही तरीके से सुनिश्चित किया जाएगा ताकि स्थानीय समुदाय को अधिकतम लाभ मिल सके। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने क्षेत्रवासियों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि सभी विकास कार्यों में पारदर्शिता और गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के लिए जो राशि स्वीकृत की गई है, उसका प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाएगा। उन्होंने विश्वास दिलाया कि उनकी मांगों को प्राथमिकता दी जाएगी और सभी परियोजनाएं समय पर पूरी की जाएंगी।

निर्माण कार्यों की स्वीकृति मिलने से क्षेत्रवासियों में उत्साह

निर्माण कार्यों की स्वीकृति मिलने से क्षेत्रवासियों में उत्साह है। लोग इस बात से खुश हैं कि उन्हें बेहतर बुनियादी सुविधाएं मिलेंगी, जिससे उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार होगा। ग्रामीणों ने अपनी मांगों के लिए उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा का धन्यवाद किया और आशा व्यक्त की कि ये विकास कार्य जल्दी पूरे होंगे। यह पहल न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी, बल्कि सामुदायिक सहयोग को भी बढ़ावा देगी।

उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने माओवादी हिंसा से पीड़ित बस्तर के नागरिकों का अपने निवास में किया गर्मजोशी से स्वागत, सामग्री का भी किया वितरण

रायपुर-    आज उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने अपने निवास कार्यालय पर माओवादी हिंसा से पीड़ित बस्तर के लगभग 55 नागरिकों का गर्मजोशी से स्वागत किया, जो अपनी व्यथा और समस्याओं को लेकर दिल्ली गए थे। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने व्यक्तिगत रूप से प्रत्येक पीड़ित से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। उपमुख्यमंत्री ने उनकी पीड़ाओं को ध्यान से सुना। इस मौके पर उन्होंने पीड़ितों को दैनिक आवश्यकताओं की वस्तुएं जैसे रेडियो, घड़ी, थाली, लोटा, गिलास, टॉर्च, छत्तीसगढ़ी व्यंजन, बैग और बच्चों के लिए चॉकलेट का वितरण कर उनकी सहायता की।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि "बस्तर के गांव-गांव में विकास के मार्ग को नक्सलियों ने आईईडी से जकड़ रखा है। ये आईईडी न गांववालों को पहचानती है, न जानवरों को। इसके धमाकों में सैकड़ों लोग अपंग हो चुके हैं। किसी का पैर कट गया है, किसी की आंखें चली गई हैं, तो कोई अपने हाथ खो चुका है। यह माओवादी हिंसा गांवों को दहशत में डालने का काम कर रही है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यहां उपस्थित सभी लोग उन मानवाधिकार समर्थकों से सवाल कर रहे हैं जो नक्सलियों का समर्थन करते हैं। आखिर क्यों कोई बस्तर के लोगों के दर्द पर चर्चा नहीं करता? बस्तर के गांववालों की जिंदगी पर कोई क्यों नहीं बोलता? यह अत्याचार कब तक चलेगा?"

उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने यह भी कहा की माननीय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संकल्प के अनुसार बस्तर और पूरे छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद का अंत किया जाएगा। जो लोग सुरक्षा बलों के मनोबल को तोड़ने की कोशिश करते हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि यह केवल बस्तर का नहीं बल्कि पूरे देश का मुद्दा है। नक्सली बस्तर के विकास और लोगों की शांति को बर्बाद करने में लगे हुए हैं और इसका प्रतिकार अब आवश्यक हो गया है।

इस दौरान उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने बस्तर के पीड़ितों का हौसला बढ़ाया और उनके साथ मजबूती से खड़े रहने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि बस्तर के लोग माओवादी आतंक के खिलाफ मजबूती से खड़े हैं और सरकार उनके साथ पूरी शक्ति से इस लड़ाई को लड़ेगी।

नई दिल्ली में आयोजित प्राक्कलन समिति की बैठक में शामिल हुए सांसद बृजमोहन अग्रवाल, छत्तीसगढ़ में नए कृषि विज्ञान केंद्र खोलने का मुद्दा उठाया

रायपुर-    छत्तीसगढ़ के किसानों की आमदनी बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल लगातार प्रयासरत है। इसी तारतम्य में बृजमोहन अग्रवाल ने गुरुवार को नई दिल्ली में आयोजित प्राक्कलन समिति की बैठक में छत्तीसगढ़ में नए कृषि विज्ञान केंद्र खोलने और वन क्षेत्रों वाले जिलों में जैविक एवं प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का मुद्दा उठाया। बैठक का आयोजन "कृषि विज्ञान केन्द्रों (केवीके) के माध्यम से जलवायु अनुकूल कृषि, प्राकृतिक और जैविक खेती को प्रोत्साहन" विषय कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई और आगामी कार्य योजना तैयार की गई।

इस बैठक का उद्देश्य स्थायी कृषि विकास के लिए एक ठोस आधार तैयार करना था, जिससे किसानों को जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदनशील बनाने और उनकी आजीविका को सुरक्षित रखने में मदद मिल सके। केंद्र सरकार वर्ष 2015-16 से देश में प्राथमिक रूप से जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए पूर्वोत्तर राज्यों को छोड़कर सभी राज्यों में परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) और पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए जैविक मूल्य श्रृंखला विकास मिशन (एमओवीसीडीएनईआर) नामक योजनाएं बनाई गई हैं। दोनों योजनाओं का कार्यान्वयन राज्य सरकार के माध्यम से किया जाता है।

पीकेवीवाई योजना को न्यूनतम 20 हेक्टेयर आकार के क्लस्टर मोड़ में कार्यान्वित किया जा रहा है और राज्यों को जैविक उपज के विपणन (मार्केटिंग) की सुविधा के लिए मैदानी क्षेत्रों में 1000 हेक्टेयर और पहाड़ी क्षेत्रों में 500 हेक्टेयर के क्लस्टर आकार में कार्यान्वित करने के लिए कहा गया है। सभी किसान पात्र हैं, लेकिन किसी समूह के भीतर एक किसान अधिकतम 2 हेक्टेयर तक लाभ उठा सकता है।

अब डिस्पेंसरी मजदूरों को सीधे विशेषज्ञ हॉस्पिटल में कर सकेंगे रेफर, श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने दिए निर्देश

रायपुर-      कर्मचारी राज्य बीमा निगम की क्षेत्रीय परिषद् की बैठक में प्रदेश के श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ऐसी व्यवस्था बनाए जिसमें श्रमिक और उनके परिवार जनों को डिस्पेंसरी से सीधे विशेषज्ञ हॉस्पिटल (अनुबंधित) में रेफर कर सकें। वर्तमान में गंभीर बीमारी से ग्रस्त और इमरजेंसी में मरीजों को पहले ईएसआईसी के डिसपेंसरी फिर मुख्य अस्पताल से अनुबंधित अस्पताल रेफर करवाना पड़ता है। इस जटिल प्रक्रिया की वजह से श्रमिक परिवारों को काफी परेशानी का सामना न करना पड़े इसके लिए मंत्री श्री देवांगन ने कहा की ईएसआईसी जब तक अपने अस्पतालों में सुविधा नही बढ़ाती तब तक मरीजों को अन्य अस्पतालों में पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराएं। कैबिनेट मंत्री ने प्रदेश के राइस मिल, मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, निजी स्कूल समेत अन्य संस्थान के सर्वे कर ज्यादा से ज्यादा कर्मियों को ईएसआईसी में पंजीकृत करने के निर्देश। उन्होंने बस्तर में जल्द कार्यालय और अस्पताल प्रारंभ करने निर्देशित किया। प्रदेश में 4 नए औषधालय शुरु करने के निर्देश दिया। साथ ही ईएसआईसी अस्पतालों में आईपीडी की सुविधा बढ़ाने को कहा।

श्रम मंत्री श्री देवांगन ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा संचालित अस्पतालों में श्रमिकों का बेहतर से बेहतर उपचार हो, उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो। कैबिनेट मंत्री श्री देवांगन आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में कर्मचारी राज्य बीमा निगम के अंतर्गत क्षेत्रीय परिषद जिसमें ईएसआई एवं आरआईटीईएस के अधिकारियों की बैठक में इस आशय के निर्देश दिए। श्री देवांगन ने इएसआईसी अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं का निरीक्षण करने हेतु रीजनल बोर्ड के सदस्यों को ईएसआई स्थानीय चिकित्सक द्वारा आमंत्रित करने को कहा। छत्तीसगढ़ क्षेत्र में 4 नए औषधालय जिनमें ग्राम लारा, खरसिया, तिल्दा एवं उरला में खोलने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस संबंध में कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा कार्यवाही की जा रही है।

कैबिनेट मंत्री श्री देवांगन ने बिलासपुर जिले हेतु 100 बेड अस्पताल के निर्माण के संबंध में अधिकारियों से जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल हेतु राज्य शासन के द्वारा भूमि के दिए गए विकल्पों का समिति के द्वारा परीक्षण कर मुख्यालय भेजा गया है। मुख्यालय कर्मचारी राज्य बीमा निगम के द्वारा विकल्पों का मूल्यांकन किया जा रहा है। बस्तर जिले हेतु औषधालय कार्यालय (डीसीबीओ) का अनुमोदन किया गया। जिसमें मुख्यालय कर्मचारी राज्य बीमा निगम के द्वारा लिए गए नीतिगत निर्णयों के अनुसार केवल शासकीय, अर्द्धशासकीय, सार्वजनिक उपक्रम के भवनों में नए कार्यालय खोले जाने है। किन्तु अभी तक उपयुक्त भवन उपलब्ध नही हो पाया है। इस संबंध में कैबिनेट मंत्री ने भारत संचार निगम एवं भारतीय जीवन बीमा निगम को भवन की उपलब्धता हेतु इन संस्थाओं से सम्पर्क करने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया कि राज्य शासन के द्वारा ग्राम कुरूंदी औषधालय सह कार्यालय (डीसीबीओ) के निर्माण हेतु जमीन चिन्हित की गई है। यह जमीन इस हेतु उपयुक्त पायी गई है। निगम के द्वारा राज्य शासन से आबंटन यथाशीघ्र कराने के संबंध में प्रस्ताव भेजने पर सहमती व्यक्त की गई।

अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के चार और जिलों में शाखा कार्यालय जल्द ही खोला जाना है। इनमें सरगुजा, सूरजपुर एवं दंतेवाड़ा में शाखा खोलने हेतु बीएसएनएल से किराये पर भवन ले लिया गया है। जिसका संचालन जल्द ही प्रारंभ किया जाएगा। इसके साथ ही जशपुर में भी शाखा कार्यालय खोलने हेतु भवन किराये पर लेने बीएसएनएल पत्राचार किया जा रहा है। औषधालय उरला एवं तिल्दा में औषधालय निर्माण के लिए भूमि आबंटन हेतु कलेक्टर कार्यालय रायपुर द्वारा बताया गया कि उरला में उपलब्ध सभी खाली भूमि छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम (सीएसआईडीसी) को सौप दी गई है। जिला प्रशासन द्वारा यह आश्वासन दिया गया कि यदि उरला में खाली भूमि उपलब्ध होगी तो (सीएसआईडीसी) से इसकी पूष्टि उपरांत आगे के कार्यवाही के लिए कर्मचारी राज्य बीमा निगम को सूचित किया जाएगा। इस संबंध में जिला प्रशासन से लगातार समन्वय किया जा रहा है। कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल रावाभाठा रायपुर में 100 बिस्तर की क्षमता हेतु अनुमोदित है। वर्तमान में यहां ओपीडी, आईपीडी एवं आपातकालीन केजवल्टि संचालित है। इस अस्पताल में चरणबद्ध रूप से अन्य नई सेवाओं को जोड़ा जा रहा है। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा कोरबा में 100 बिस्तर क्षमता का अस्पताल संचालित है। वर्तमान में यहां ओपीडी, 24 घण्टे आपातकालीन चिकित्सा सेवा एवं लैब सर्विस सेवा संचालित है। इसके अलावा भिलाई एवं परसदा (रायगढ) में 100 बिस्तर अस्पताल में ओपीडी सेवा संचालित है। इन अस्पतालों में चरणबद्ध रूप से अन्य नई सेवाओं को जोड़ा जा रहा है। क्षेत्रीय परिषद के सदस्यों जिनमें हरीश केडिया, डी.के.अग्रवाल एवं एल.पी.कटकवार ने श्रमिकों के हित में अनेक महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

बैठक में सचिव सह श्रमायुक्त अलरमेल मंगई डी., जोनल चिकित्सा आयुक्त ईस्ट जोन रांची डॉ. रचिता विश्वास, कर्मचारी राज्य बीमा निगम रायपुर के अपर संचालक महेन्द्र भोई, सहायक निदेशक सत्यानंद विकास, विशेष सहायक नरेन्द्र पाटनवार, प्रफुल्ल तिवारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।