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बिहार किसानों के लिए प्रेरणा: विजय कुमार की बैंगन की खेती से कमाए साढ़े तीन लाख रुपये

बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के तुरकौलिया के अमवा गांव के रहने वाले किसान विजय कुमार ने महज साढ़े चार कट्ठा खेत में बैगन की खेती कर महज दो महीने में साढ़े तीन लाख रुपये से ज्यादा की कमाई की है. उनके बैगन की बंपर की खेती को देखने आ रहे किसान दांतो तले उंगली दबा रहे हैं. बैगन की खेती करने वाला ये किसान पहले बरसों से चली आ रही परंपरागत तरीके से खेती करता आ रहा था.

इससे उसे सिर्फ अपने पेट पालने भर तक का मुनाफा हो पाता था, लेकिन जबसे उसने आधुनिक तकनीक से खेती करना शुरू किया तो मानो उसकी लॉटरी लग गयी है.

खेती करने की इस खास तरकीब से वो एक सफल किसान बन गया है. महज दो से तीन महीनों में उसने बैगन को बेच कर और ज्यादा उन्नत खेती करने के लिए अब अपना ट्रैक्टर भी खरीद लिया है. इससे वो अब ज्यादा खुशी महसूस कर रहा है. किसान विजय के अनुसार पहले उसने खेती की शुरुआत की तो वहां फसल ज्यादा नही हो पाती थी. फिर उसने कृषि विभाग के सलाहकार से मुलाकात कर खेती का नया तरीका जाना और फिर उसके बताये हुए तरीके से करना शुरू कर दिया. इसके बाद उसको फायदा ही फायदा होना शुरू हो गया है.

कौन से तरीके का किया इस्तेमाल?

उसने बताया कि आजकल लोग खेत में लगातार दवाओं का इस्तेमाल करते हैं, जिससे उस जमीन की उर्वरा शक्ति खत्म हो जाती है, लेकिन उसने पुरानी तरकीब अपनाते हुए मवेशी खाद के साथ-साथ वैज्ञानिक पद्वति से रासायनिक खादों का भी प्रयोग करना शुरू किया है. इस कारण उत्पादन और ज्यादा बढ़ता जा रहा है. किसान विजय के मुताबिक वो बैगन से प्रतिदिन आठ से दस हजार रुपये तक की कमाई कर लेता है. इसके बाद वो काफी ख़ुशहाल है. किसान विजय के मुताबिक, इस बार बैगन का बम्पर उत्पादन हुआ है.

वहीं दूसरी तरफ अगर रेट की बात करें तो शादी ब्याह के सीजन में उसने 5000 से लेकर 6000 तक प्रति क्विंटल के दर से बेचा है तो वही अभी सितंबर महीना में 3500 रुपये क्विंटल की हिसाब से अभी विक्री हो रही है. विजय के मुताबिक, जून महीने से लेकर नवंबर महीने तक यानी लगभग आठ महीने तक ये बैगन लगातार निकलता रहेगा. फिर उसके बाद फूल गोभी और फिर से बैगन की खेती करूंगा. ताकि, अभी से ज्यादा मुनाफा मिलता रहेगा और मैं खुशहाल रहूंगा.

छत्तीसगढ़ में आकाशीय बिजली गिरने से राजनांदगांव में 8 लोगों की मौत, 1 घायल

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में एक बड़ा हादसा हो गया. यहां आकाशीय बिजली गिरने से आठ लोगों की मौत हो गई. मामला सोमानी थाना क्षेत्र के जोरातराई गांव का है. जिले से लगभग 12 किलोमीटर दूर जोरातराई गांव पड़ता है जहां दोपहर अचानक मौसम खराब हो गया और आकाशीय बिजली गिरने की घटना सामने आई. इस हादसे में कुल आठ लोगों की मौत हो गई जिसमें से चार युवक और चार स्कूली बच्चे हैं जबकी हादसे में एक व्यक्ति बुरी तरह से घायल है. घायल व्यक्ति का इलाज जारी है.

पूरे देश में इस वक्त अजीब का मौसम हो गया है. जहां कई इलाकों में बाढ़ जैसी हालत है तो वहीं कई इलाकों में तेज धूप और चिपचिपी गर्मी हो रही है. इसी बीच छत्तीसगढ़ में बारिश ने हाहाकार मचा रखा है. यहां के कई ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ आई हुई है तो वहीं कई जगह पर तेज बारिश और कड़कड़ाती बिजली ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है.

बिजली गिरने से 8 लोगों की मौत

ऐसे ही सोमवार दोपहर, राजनांदगाव जिले के सोमानी थाना क्षेत्र के जोरातराई में अचानक मौसम खराब हो गया और तेज बारिश के साथ आकाशीय बिजली गिरने से 8 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. मिली जानकारी के मुताबिक, बिजली गिरने से जहां चार युवकों की मौत हो गई तो वहीं आकाशीय आपदा की चपेट में आने से चार स्कूली बच्चों की भी दर्दनाक मौत हो गई. घटना से आसपास के इलाकों में हड़कंप मच गया. इस दुर्घटना में एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया है. युवक को लोगों ने तुरंत इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया है.

मौके पर पहुंचा राहत दल

अस्पताल में युवक का इलाज चल रहा है. वहीं घटना की जानकारी के बाद स्थानीय प्रशासन और राहत दल मौके पर पहुंच गए हैं और राहत का काम शुरू कर दिया गया है. ग्रामीणों में इस हादसे को लेकर डर का माहौल है. प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वो बारिश और खराब मौसम के दौरान सुरक्षित स्थानों पर रहें और किसी भी खुले क्षेत्र में न जाएं. साथ ही बच्चों और बूढ़ों को भी जितना हो सके ऐसे मौसम में बाहर ना रहने दें.

बीजेपी का महासदस्यता अभियान: 25 सितंबर को एक करोड़ लोगों को जोड़ने का लक्ष्य

25 सितंबर को बीजेपी महासदस्यता अभियान चलाएगी. अपने इस अभियान में बीजेपी ने देश के एक करोड़ लोगों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है. इस तारीख को पार्टी केंद्र, राज्य, जिला, मंडल से लेकर बूथ स्तर तक सदस्यता महाअभियान का विशेष ड्राइव चलाएगी. बता दें कि इस दिन बीजेपी के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्मदिन है

बीजेपी ने देशभर में मेगा सदस्यता अभियान की शुरुआत की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अभियान का पहला सदस्य बनकर इसकी शुरुआत की. बीजेपी के इस अभियान में ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ रहे हैं

किसने किया अभियान की शुरूआत

गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी ने 2 सितंबर को इस अभियान की शुरुआत की थी. देशभर में इस सदस्यता अभियान का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. इस अभियान के तहत सबसे पहले खुद पीएम मोदी ने सदस्यता ग्रहण की, वहीं पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें सदस्यता दिला. इस अभियान के तहत अगर किसी को पार्टी का सदस्य बनना है, तो वह घर बैठे ही ऑनलाइन मोड के माध्यम से सदस्य बन सकता है.

कौन बन सकता है सदस्य?

पार्टी का यह सदस्यता अभियान ऑनलाइन मोड पर शुरू किया गया है. इस अभियान में मिस्ड कॉल, नमो ऐप, वेबसाइट और क्यूआर कोड स्कैन करके कोई भी व्यक्ति सदस्य बन सकता है. भारतीय जनता पार्टी में कोई भी व्यक्ति सिर्फ 6 साल के लिए ही पार्टी का सदस्य रह सकता है. 6 साल के बाद फिर से सदस्यता लेनी होती है. बीजेपी हर पांच साल में सदस्यता अभियान चलाती है. इस बार बीजेपी ने 10 करोड़ नए सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है. यह अभियान 51 दिनों तक चलेगा. इसकी खास बात यह है कि सभी कार्य पार्टी को 51 दिनों के अंदर ही पूरा करना है. वर्ष 2014 में जब पार्टी ने सदस्यता अभियान चलाया था, तब 11 करोड़ से अधिक सदस्य जोड़े गए थे और यह अभियान करीब 6 महीने तक चला था.

बाराबंकी में फेक किडनैपिंग: तीन बच्चों ने स्कूल नहीं जाने के लिए रची झूठी कहानी, जाने पूरी मामला

ऐसा कहा जाता है कि बच्चे बड़ी जल्दी चीजों को सीखते हैं इसलिए इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि वो टीवी या फिर फोन पर क्या देख रहे हैं. ताजा मामला उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से सामने आया. यहां तीन बच्चों ने अपनी ही फेक किडनैपिंग की कहानी पुलिस को बता दी. बाराबंकी में तीन बच्चों की बताई गई किडनैपिंग की पूरी स्टोरी झूठी निकली. जांच में सामने आया कि बच्चे स्कूल नहीं जाना चाहते थे. घर वालों के दबाव के चलते बच्चे घर से तो जरूर निकले लेकिन उन्होंने बैग रास्ते में ही कहीं रख दिया और घूमते रहे, फिर किसी राहगीर के फोन से घर वालों को किडनैपिंग की पूरी झूठी कहानी बता डाली.

बच्चों के बयान के आधार पर जब पुलिस वालों ने अपनी तहकीकात शुरू की और रास्ते में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो पूरा सच सामने आ गया. बाद में बच्चों ने बताया कि क्राइम सीरियल्स और मूवी देखकर उन्होंने यह पूरा प्लान बनाया था.

स्कूल नहीं जाना चाहते थे बच्चे

पूरा मामला नगर कोतवाली क्षेत्र के दशहराबाग के पास नीलकंठ चिल्ड्रेंस एकेडमी से जुड़ा है. यहां पढ़ने वाले तीन बच्चे, जिसमें दो सगी बहनें और एक पड़ोस में रहने वाला लड़का शामिल हैं, ये तीनों छठी और सातवीं के छात्र हैं. इन तीनों ने अपनी किडनैपिंग की झूठी कहानी गढ़ डाली. बच्चे घर वालों के डर से बैग लेकर स्कूल जाने के लिये जरूर निकले, लेकिन पहुंचे नहीं. रास्तें में तीनों ने कहीं अपना बैग रखा और काफी देर तक घूमते रहे, फिर काफी देर के बाद एक राहगीर के फोन से परिजनों को अपने अपहरण की झूठी कहानी बताई.

पुलिस की जांच में खुला मामला

अपहरण की बात सुनकर बच्चों के माता-पिता के हाथ-पैर फूल गये और वह आनन-फानन में मौके पर पहुंचे. सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंची. बच्चों से एक-एक बात की जानकारी ली लेकिन जब पुलिस ने अपनी पड़ताल शुरू की और बच्चों के बयान के आधार पर रास्ते में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो पूरी कहानी ही उल्टी निकली. जांच में पता चला कि बच्चे झूठ बोल रहे हैं और उनका कोई अपहरण हुआ ही नहीं था, बल्कि वह स्कूल नहीं जाना चाहते थे. घरवालों के डर से वह घर से निकले लेकिन फिर घूमने-फिरने निकल गये. पुलिस की पूछताछ में बच्चों ने बताया कि उन्हें ये आइडिया मोबाइल और टीवी पर क्राइम सीरियल्स और मूवी देखकर आया था.

ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान की मुश्किलें बढ़ीं: न्यायिक हिरासत 7 अक्टूबर तक बढ़ी

आम आदमी पार्टी के दिल्ली के ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान की न्यायिक हिरासत को 7 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है. उन्हें दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान नियुक्तियों में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हिरासत में लिया गया था. हालांकि राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में अपना मेडिकल रिकॉर्ड ले जाने की इजाजत दे दी है. कोर्ट ने जेल के अधिकारियों से भी रिपोर्ट मांगी.

अमानतुल्लाह खान के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग में जांच दो FIR के चलते शुरू हुई है, जिनमें एक दिल्ली वक्फ बोर्ड से जुड़ी अनियमितताओं में CBI ने दर्ज की थी और दूसरी FIR दिल्ली एंटी करप्शन ब्रांच ने आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में की. ईडी ने दावा किया है कि उन्होंने दिल्ली वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती के जरिए एक बड़ी रकम हासिल की है और अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदने के लिए निवेश किया.

वक्फ बोर्ड की संपत्ति का फायदा

एजेंसी ने एक बयान में आरोप लगाया था कि वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती हुई और अमानतुल्लाह खान के अध्यक्ष पद पर रहने के दौरान वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को गलत तरीके से पट्टे पर देकर अवैध तरीके से फायदा उठाकर कमाई की. इसके साथ ही एजेंसी ने इस मामले में जनवरी में एक चार्जशीट दायर की थी और अमानतुल्लाह के तीन सहयोगियों जीशान हैदर, दाउद नासिर और जावेद इमाम सिद्दीकी सहित चार लोगों को नामजद किया था.

2 सितंबर को हिरासत में लिया गया था

अमानतुल्लाह खान को 2 सितंबर को हिरासत में लिया गया था. इससे पहले उनके घर पर छानबीन की गई थी और उनसे कुछ सवाल किए गए थे, जिसके जवाब वो सही तरह से नहीं दे पाए थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद उन्हें 23 सितंबर तक यानी आजतक के लिए हिरासत में भेजा गया था और अब उन्हें फिर से 7 अक्टूबर तक हिरासत में भेज दिया गया है.

यह आप नेता भी हो चुके हैं गिरफ्तार

अमानातुल्लाह खान भी आप के उन नेताओं में शामिल हैं, जिन्हें एजेंसी ने अलग-अलग मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में गिरफ्तार किया है. इन नेताओं में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सांसद संजय सिंह और पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन का नाम शामिल है. हालांकि केजरीवाल, सिसोदिया और संजय सिंह अब जमानत पर जेल से बाहर हैं.

पितृपक्ष में चावल से पिंडदान का महत्व: आखिर क्यों चावल से ही बनाता है पिंड?

पितृ पक्ष 2024 चल रहा है. सोमवार 23 सितंबर को छठवें दिन का श्राद्ध है. इसे षष्ठी का श्राद्ध भी कहते हैं. इस दिन उन पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है जिनका निधन हिंदू पंचांग की षष्ठी तिथि को हुआ हो.

श्राद्ध को पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए किया जाता है. ये 16 दिन की अवधि होती है जिसमें हर दिन के हिसाब से श्राद्ध के नियम होते हैं. पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध और पिंडदान होता है. इसे विधि पूर्वक किया जाता है और हर एक बारीक बातों का भी ध्यान रखा जाता है. जैसे कि हमेशा कुशा के साथ ही पितरों का तर्पण किया जाता है. वहीं पिंडदान में जो पिंड बनाए जाते हैं वो चावल के ही बनाए जाते हैं. क्या आपको पता है कि ऐसा क्यों किया जाता है?

चावल से क्यों बनता है पिंड

चावल से पिंड दान करने के पीछे की वजह है इसके गुण. चावल की तासीर ठंडी होती है और इसके गुणों की सक्रियता भी लंबे समय तक रहती है. पूर्वजों को शीतलता मिले और लंबे समय तक उनके मन में आत्म संतुष्टि का भाव रहे, इसलिए चावल से पिंड बनाए जाते हैं. चावल का सीधा संबंध चंद्रमा से है.

इससे जोड़ते हुए भी इसे देखा जा सकता है. दरअसल चंद्रमा के माध्यम से ही पिंड, पितरों तक पहुंचता है. इसलिए पिंड बनाने के लिए चावल को श्रेष्ठ माना जाता है. चावल के अलावा जौ से या फिर काले तिल से भी पिंड बनाया जाता है.

कुशा से ही क्यों किया जाता है तर्पण

तर्पण के वक्त कुशा धारण करने के कई दृष्टिकोण और मान्यताए हैं. मान्यताओं की मानें तो समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश से अमृत की कुछ बूंदें कुशा पर गिर गई थी. इससे कुशा हमेशा के लिए अमर हो गई. ये कभी भी नष्ट नहीं होती है.

ये सूखती है और फिर से उग जाती है. वहीं जब इंसान शरीर त्याग देता है तो आत्मा के पास तर्पण ग्रहण करने का माध्यम नहीं होता है. इसलिए कुशा से तर्पण करने पर जल, पितरों तक पहुंच जाता है और वे इसे आसानी से ग्रहण कर लेते हैं. कुछ लोग कुशा हाथ में लेते हैं तो कुछ इसकी अंगूठी बनाकर पहनते हैं.

वहीं इसे अगर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो भी कई फायदे हैं. कुशा एक ऐसी पवित्र घास है जिसकी तासीर शीतल होती है. ऐसे में इसे धारण कर के पितरों का पिंडदान और तर्पण करने से पितरों तक शीतलता पहुंचती है और पूर्वज खुशी-खुशी इसे ग्रहण करते हैं.

दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी ने संभाला कार्यभार, अरविंद केजरीवाल की कुर्सी पर नहीं बैठीं

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने सीएम पद की कमान संभाल ली है. सीएम आतिशी आज पहली बार दिल्ली सचिवालय पहुंची, लेकिन सीएम आतिशी दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की कुर्सी पर नहीं बैठीं. सीएम आतिशी सचिवालय अपनी एक कुर्सी लेकर पहुंची और वो उसी कुर्सी पर बैठीं जोकि सफेद रंग की है. उनकी कुर्सी के साथ ही दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल की लाल रंग की कुर्सी रखी हुई है.

सीएम आतिशी ने कहा, आज मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला लिया है. आज मेरे मन की वैसी ही व्यथा है जोकि भरत जी की थी, जिस तरह से भरत जी ने भगवान श्रीराम के खड़ाऊं रखकर काम किया वैसे ही मैं अगले 4 महीने मुख्यमंत्री का पद संभालूंगी.

यह कुर्सी केजरीवाल जी की है”

सीएम आतिशी ने कहा, पिछले 2 साल से बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल पर कीचड़ उछालने में कोई कसर नहीं छोड़ी, 6 महीने के लिए उन्हें जेल में डाला. कोर्ट ने भी कहा कि अरविंद केजरीवाल को एजेंसी ने दुर्भावना से गिरफ्तार किया. आतिशी ने आगे कहा, यह कुर्सी अरविंद केजरीवाल जी की है, मुझे भरोसा है कि फरवरी में होने वाले चुनाव में दिल्ली की जनता अरविंद केजरीवाल जी को जीताकर फिर से मुख्यमंत्री बनाएगी. तब तक अरविंद केजरीवाल जी की ये कुर्सी यहीं रहेगी.

आतिशी ने आगे कहा, अपने भरोसे के साथ विश्वास के साथ हम एक बार फिर से अरविंद केजीरवाल जी को इस कुर्सी पर बैठाएंगे और तब तक यह कुर्सी इसी कमरे में रहेगी.

केजरीवाल की हरियाणा में हुंकार: आम आदमी पार्टी के संयोजक का रोड शो और जनसभा से मतदाताओं को आकर्षित करने की रणनीति

हरियाणा विधानसभा चुनाव में कुछ ही समय बाकी है. इस बार कहा जा रहा है कि कांग्रेस सत्ता में वापसी कर सकती है. दूसरी ओर बीजेपी भी पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ रही है. वहीं आम आदमी पार्टी ने भी हरियाणा की सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी भी टक्कर में हैं. इसी बीच आप के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हुंकार भरने के लिए आज से हरियाणा के तीन दिवसीय दौरे पर हैं.

अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद हरियाणा दौरे पर गए हैं, जहां वह रोड शो करेंगे. इसके साथ ही वह हरियाणा में जनसभा भी करेंगे. केजरीवाल हरियाणा की डबाली और रानिया विधानसभा सीट से रोड शो करेंगे. इसके अलावा वह मेहम और भिवानी में जनसभा को संबोधित करेंगे. रविवार को केजरीवाल ने दिल्ली के जंतर-मंतर में ‘जनता की अदालत’ लगाई थी और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा था. इस्तीफा देने के बाद उन्होंने पहली बार जनता को संबोधित किया था.

तिहाड़ से जेल से आए बाहर

अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है और दिल्ली की जिम्मेदारी उन्होंने मुख्यमंत्री आतिशी को सौंपी दी है. ऐसे में अरविंद केजरीवाल फिलहाल किसी भी पद की जिम्मेदारी से फ्री हैं, तो वह हरियाणा में वोट बैंक साधने की कोशिश में लग गए हैं. केजरीवाल हाल ही में 5 से 6 महीने की जेल काटने के बाद तिहाड़ जेल से बाहर आए थे, जिसके तुरंत बाद उन्होंने अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया था और दो दिन बाद इस्तीफा दे दिया था.

कौन मारेगा बाजी?

हरियाणा में एक ही चरण में 5 अक्टूबर को सभी सीटों पर मतदान होंगे, जिसके बाद नतीजे 8 अक्टूबर को जारी किए जाएंगे. ऐसे में देखना होगा कि क्या वाकई कांग्रेस सत्ता में वापसी करती है या फिर इस बार भी सत्ता पर काबिज बीजेपी ही बाजी मार जाती है और नायब सिंह सैनी मुख्यमंत्री बनते हैं, या तीसरी पार्टी यानी आम आदमी पार्टी की किस्मत यहां से चमक जाती है.

तिरुपति मंदिर प्रसाद मिलावट मामला: मंदिर के शुद्धिकरण के लिए महाशांति यज्ञ और पंचगव्य अनुष्ठान का आयोजन

तिरुपति मंदिर के प्रसाद वाले लड्डू में जानवर की चर्बी और मछली के तेल की मिलावट का मामला बढ़ता ही जा रहा है, जहां अब इसको लेकर एक अहम कदम उठाया गया है. चल रहे विवाद के बीच मंदिर के शुद्धिकरण का फैसला लिया गया है. शुद्धिकरण के लिए मंदिर में अनुष्ठान किया जा रहा है. मंदिर का पंचगव्य से शुद्धिकरण हो रहा है. यह अनुष्ठान तिरुपति देवस्थानम ने प्रायश्चित के लिए शुरू किया है. अनुष्ठान का उद्देश्य गलती सुधारना और मंदिर की पवित्रता बनाए रखना है.

अनुष्ठान के लिए महाशांति यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है. तिरुपति मंदिर में शुद्धिकरण अनुष्ठान पंचगव्य यानी पांच पवित्र वस्तुओं से पूरी जगह का शुद्धिकरण किया जा रहा है. पंचगव्य में गाय का दूध, दही, घी, मूत्र और गोबर शामिल हैं. इसके बाद लड्डू पोटू यानी लड्डू बनाने वाली रसोई और अन्नप्रसादम पोटू यानी प्रसाद बनाने वाली रसोई में शुद्धिकरण किया जाएगा.

8 पुजारी, 3 आगम सलाहकार

शुद्धिकरण के दौरान 11 खास लोग मौजूद होंगे. पूरे तिरुमला मंदिर परिसर का पंचगव्य से शुद्धिकरण करने के लिए 8 पुजारी और 3 आगम सलाहकार शामिल होंगे. इसके लिए अनुष्ठान का समय सुबह 6:00 बजे शुरू हुआ और 10 बजे तक चलेगा, इसके लिए भरपूर तैयारी की गईं. तिरुपति तिरुमला लड्डू विवाद के बाद यह कदम उठाया गया है.

क्या है मामला?

दरअसल हाल ही में तिरुपति मंदिर के प्रसाद बनाने में इस्तेमाल होने वाले घी में जानवर की चर्बी और मछली के तेल की मिलावट की बात सामने आई थी, जिसको लेकर महंत धीरेंद्र शास्त्री से लेकर कई लोगों ने इसके खिलाफ गुस्सा जाहिर कर कार्रवाई की मांग की थी. इस मामले को लेकर खुद आंध्र-प्रदेश के सीएम ने भी बयान जारी कर कहा था कि करोड़ों भक्तों की भावनाओं, परंपराओं और धार्मिक प्रथाओं के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता. दोषी कर्माचारियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया गया है और जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.

कटिहार के स्कूल में टीचर ने दलित छात्र को बेरहमी से पीटा, बस इतना सा था मासूम का गुनाह,पुलिस में शिकायत दर्ज


बिहार के कटिहार से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. मामला कटिहार जिले के एक स्कूल है. प्राइवेट स्कूल में डायरेक्टर और टीचर ने एक छात्र को बांध कर बेरहमी से पिटाई कर दी. वहीं मामले की जानकारी हुई तो लोग हैरान रह गए, लोग कहने लगे क्या कोई ऐसा भी करता है? दरअसल, एक दलित छात्र डायरेक्टर के बेड पर सो गया था. छात्र को अपने बेड पर सोता देख डायरेक्टर आग बबूला हो गए. डायरेक्टर ने टीचरों से बच्चे की बेरहमी से पिटाई करवाई. छात्र के पिता ने घटना के बारे में जानकारी होने के बाद स्कूल के डायरेक्टर और टीचरों के खिलाफ पुलिस में शिकायत की है.

कटिहार जिले के पोठिया थाना क्षेत्र के एक प्राइवेट स्कूल में एक दलित छात्र की स्कूल के डायरेक्टर और टीचर ने इस पर पिटाई कर दी कि बच्चा नीचे सोने के बजाय डायरेक्टर के बेड पर सो गया. दलित छात्र को अपने बेड पर सोता देख डायरेक्टर आग बबूला होकर पहले अपने बेड का चादर हटवाया. उसके बाद टीचर की मदद से खिड़की में बच्चे को बांधकर पिटाई कर दी. बच्चें के शरीर का कोई अंग ऐसा नहीं है जिसमें पिटाई के निशान न हो. बच्चें की उम्र 8 वर्ष है, वह एलकेजी का छात्र है.

घर पर भाई ने दी जानकारी

घटना को लेकर बच्चें के पिता मुकेश कुमार मल्लिक ने कहा कि अपने बच्चे की पढ़ाई के लिए ब्राइट फ्यूचर इंटरनेशनल स्कूल, पोठिया बाजार में दाखिला कराया था. बच्चा हॉस्टल में ही रहकर पढ़ाई करता था. उन्होंने बताया कि दूसरे दिन जब उनका बड़ा बेटा स्कूल पढ़ने गया तो बच्चे की पिटाई की बात पता चली. स्कूल जाकर देखा तो बच्चे के पूरे शरीर में चोट के निशान थे और बच्चा रो रहा था. जिसके बाद उसे इलाज के लिए फलका समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है.

परिजनों को मिल रही धमकी

बच्चे के पिता ने बताया कि स्कूल के डायरेक्टर रोहित सिंघानिया और शिक्षक संतोष कुमार उसके बच्चे को नीचे सोने देते थे और अन्य बच्चों से अलग बैठाकर खाना खिलाया जाता था. उन्होंने बताया कि यहां तक कि उसका बर्तन भी अलग कर दिया गया था. जब दोनों से बच्चे को पीटने के बारे में बात की गई तो कोई जवाब नहीं दिया. बच्चे के पिता ने बताया कि स्कूल संचालक दबंग है, अब उसे चुप रहने की धमकी दे रहा हैं.

पिता ने पुलिस से की शिकायत

वहीं घटना की जानकारी मिलने पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी राम दहिम प्रसाद ने कहा कि बच्चे के परिजन से बात की गई है और स्कूली बच्चों से भी पूछताछ की गई हैं. प्रथम दृष्टया में बच्चें के साथ ज्यादती की बात आई हैं. स्कूल को सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है. हॉस्टल के संचालन के लिए सरकार के नियम का पालन नहीं किया गया हैं.

उन्होंने कहा कि सभी बिंदुओं पर जांच कर सीनियर अधिकारियों को इसके बारे में जानकारी दी गई है. वहीं बच्चें की पिटाई के बाद उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. पोठिया थानाध्यक्ष विवेक कुमार ने कहा कि बच्चे के पिता की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है.

पूरे मामले पर स्कूल के डायरेक्टर रोहित सिंघानिया का कहना है कि बच्चा खेल रहा था और बदमाशी कर रहा था, इसलिए वार्डन ने उसकी थोड़ी पिटाई कर दी है.