रामगंगा ने दिखाया रौद्र रूप एक दर्जन गांव प्रभावित
अमृतपुर फर्रुखाबाद। सैलाब की बढ़ती स्थिति में रामगंगा नदी ने भी रौद्र रूप का आइना दिखा दिया।
इस आईने को देखने के बाद क्षेत्रीय बाढ़ पीड़ित चिंतित हो गए हैं। गांव से लेकर घरों तक में सैलाब के पानी ने दस्तक दे रखी है। आने जाने के मार्गों पर तेज रफ्तार वाला 2 फुट से भी अधिक सैलाब का पानी बह रहा है। परंतु इस पानी से निकलना बाढ़ पीड़ितों की मजबूरी है।
क्योंकि रोजमर्रा की वस्तुएं खरीदना उन्हें बेचना बाजार तक जाना बीमार परेशान लोगों की दवाइयां उपलब्ध कराना जरूरी काम से इधर-उधर आवागमन करना इन लोगों की मजबूरी है। ऐसी स्थिति में बहते पानी के अंदर प्रवेश कर जब यह लोग जाते हैं तो इनके पैर लड़खड़ा जाते हैं और फिर दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है।
राजपुर से गुडेरा संपर्क मार्ग पर अमैयापुर डिप के ऊपर इस समय रामगंगा के सैलाब का पानी तेज रफ्तार के साथ बह रहा है। कई गांवो का मुख्य मार्ग होने के कारण यहां से निकालने वालों की संख्या अधिक रहती है। मोटरसाइकिल साइकिल पैदल चलने वाले लोग मजबूरी बस जान जोखिम में डालकर इस सैलाब के पानी से निकलते हैं। बीते दिवस मुख्य विकास अधिकारी ने निरीक्षण के दौरान पाया था कि इस पुलिया के बीचो-बीच गहरा गड्ढा हो गया है और साइड में किसी प्रकार की कोई सुरक्षा कवच मौजूद नहीं है।
ऐसी स्थिति को देखते हुए अधिकारी द्वारा विभाग को निर्देशित किया गया था कि वह बीच में बने इस गड्ढे की भरपाई करें और साइड में सुरक्षा की दृष्टि से मजबूत बेरी कटिंग लगाये। परंतु जिला स्तरीय अधिकारी के निर्देश को हवा में उड़ा दिया गया। बाढ़ की समस्या को देखते हुए जिलाधिकारी के निर्देश पर आज क्षेत्रीय लेखपाल विमल कुमार ने मौके पर पहुंचकर डिप पर बह रहे तेज रफ्तार सैलाब के पानी का निरीक्षण किया परन्तु ना तो बीच का गड्ढा भरा गया और ना ही बेरी केटिंग की गई। आज उसका खामियाजा यहां से निकलने वाले बाढ़ पीड़ित भुगत रहे हैं। अगर यही स्थिति रही तो कभी भी कोई भी बड़ी दुर्घटना होने से इनकार नहीं किया जा सकता। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि यहां पर सुरक्षा की दृष्टि से या तो नाव और उसके साथ में नाविक की व्यवस्था करवाई जाए। जिससे आने-जाने वालों के लिए सुविधा हो सके। रामगंगा के सैलाब के चलते ग्राम अमैयापुर चपरा भावन हीरानगर गुडेरा रुलापुर खाखिन आदि गांव इस सैलाब की चपेट में आ चुके हैं। यहां के रहने वाले वाशिन्दे इन जटिल समस्याओं का सामना कर रहे हैं। आवागमन के संसाधन न होने के कारण इन लोगों की आर्थिक स्थिति कमजोर होती जा रही है। 2 महीने से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी सैलाब कम नहीं हुआ है। जिसके चलते मजदूर रोजमर्रा के काम करने वाले छोटे व्यापारी दुकानदार आदि सभी परेशान हैं। इनकी आमदनी कम हो चुकी है और गरीबी उनके घरों तक दस्तक दे रही है।
इस संबंध में जब एडीएम सुभाष चंद्र प्रजापति से बात की तो उन्होंने बताया कि अभी मैं एसडीएम को अवगत कराता हूं। नाव की व्यवस्था शीघ्र ही करा दी जाएगी।लोगों को होने बाली समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
Sep 18 2024, 17:03