संभावना: मानसून की विदाई भी इस बार रिकॉर्ड बनाकर होगी
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
सितंबर के 14 दिन बीत गए लेकिन धुआंधार बारिश जारी है। यूपी के कई जिलों में मानसून कहर ढा रहा है। मौसम वैज्ञानिक अचरज में है कि इस बार मानसून की विदाई के लक्षण अभी तक नहीं दिख रहे हैं। हर साल एक सितंबर तक मानसून की विदाई शुरू हो जाती है और 25 सितंबर तक यह देश से चला जाता है। इस बार अनुमान है कि मानसून 25 अक्टूबर के बाद तक होगा। यानी विदाई में रिकॉर्ड देरी होगी। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक 2021 में मानसून छह अक्टूबर को विदा हुआ था। 2022 में 20 सितंबर और 2023 में 25 सितंबर को मानसून लौट गया था। इस बार बारिश का ढर्रा पुरी तरह बदला हुआ रहा। ज्यादातर इलाकों में पोकेरेन ( छोटे-छोटे टुकड़ों में बारिश हुई। बादलों के छोटे-छोटे टुकड़े ( सामान्य आकार 100 किमी की तुलना में आधे) बने, जिनमें घर्षण कम हुआ। इससे बादलों का गर्जन हु कम सुना गया। यह जलवायु परिवर्तन के कारण माना जा रहा है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार मानसून के देर तक टिकने की एक वजह यागी तूफान है। दरअसल 2017 के बाद मानसून वापस देरी शुरू हुई थी, जो इस बार उच्चतम स्तर पर देखी जा रही है। पिछले साल 25 सितंबर को मानसून की वापसी धीमी गति से शुरू हुई थी। तब पूरे देश से मानसून की वापसी 19 अक्टूबर को पूरी हुई थी। मौसम विशेषज्ञ बताते हैं कि मानसून वापसी के कुछ मानक है। जैसे लगातार पांच दिनों तक बारिश की गतिविधियां बंद होनी चाहिए। निचले वायुमंडलीय उच्च दबाव क्षेत्र बनना चाहिए। नमी की कमी दिखाई देनी चाहिए।
Sep 15 2024, 20:03