*शंकरगढ़ पुलिस के लिए चुनौती बने दलाल पत्रकार, लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर उठ रहे सवाल*
विश्वनाथ प्रताप सिंह
प्रयागराज- इन दिनों शंकरगढ़ थाना व सरकारी संस्थाओं में दलाल पत्रकार शंकरगढ़ पुलिस के चुनौती बन गए हैं। ऐसे लोग खुद को प्रेसकर्मी बताकर थाना व सरकारी संस्थाओं में रौब जमाते हैं। इन दलाल पत्रकारों के चलते लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर सवाल उठने लगा है। लोगो के लिए असली और दलाल की पहचान करना कठिन हो गया है। इनमे सबसे अधिक परेशानी शंकरगढ़ पुलिस व सरकारी कर्मचारियों को हो रही है।
प्रेस के नाम पर दबाव डालकर उनसे काम कराने की कोशिश की जाती है। कई बार तो ये अपने मकसद में सफल भी हो जाते है। पुलिस व सरकारी कर्मचारी प्रेस के सम्मान में इनके काम कर देती है। लेकिन वह इस बात से अनजान रहते हैं कि आखिर ये दैनिक अखबार के हॉकर हैं या संवाददाता है। दलाल पत्रकारों की अच्छी खासी संख्या क्षेत्र में हो चुकी है। वह पूरे दिन थाना व विकास खंड शंकरगढ के इर्दगिर्द मंडराते रहते हैं और फरियादियों को अपनी जाल ने फंसाकर मदद के नाम पर उनका शोषण करते हैं। पुलिसकर्मियों व विकास खंड अधिकारियों से सम्बंध की बात कहकर काम कराने का ठेका लेने वाले ये दलाल पत्रकार पुलिस व सरकारी कर्मचारियों के नाम पर फरियादियों से रुपए भी ऐंठ लेते हैं।
दलाल पत्रकारों ने कुछ पुलिसकर्मियों व विकास खंड के सरकारी कर्मचारियों से अच्छी पैठ बना ली है। ऐसे पुलिसकर्मी व विकास खंड के सरकारी कर्मचारी इन्हें तवज्जों देते हैं जो लेंन - देंन में माहिर है। दलाल पत्रकारों की बाढ़ से असली पत्रकारों के सामने अपने अस्तित्व व मान सम्मान को बचाने का खतरा पैदा हो गया है। इनसे लाभ पाने वाली पुलिस व विकास खंड के सरकारी कर्मचारी इन्ही को असली बाकी पत्रकारों को नकली या दलाल मानती हैं। अच्छे और ईमानदार विकास खंड के कर्मचारी व पुलिस कर्मी दलाल पत्रकारों के चलते काफी परेशान है, उनके समझ मेम नहीं आ रहा है कि इनसे कैसे निपटा जाए।
वहीं क्षेत्र के विजय कुमार मिश्रा सहित शंकरगढ़ के तमाम निष्पक्ष पत्रकारों ने ट्विटर के माध्यम से कमिश्नर प्रयागराज से मांग किया है कि शंकरगढ़ थाना का लगभग छः माह की सीसीटीवी फुटेज निकलवा कर जांच कराकर दलाल पत्रकारों पर आवश्यक कार्रवाई कराएं ताकि प्रेस की शुचिता बनी रहे।
Aug 28 2024, 19:44