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मोहम्मद नौशाद सिद्दीकी ने कोलकाता रेप केस में ये कहा,दोषी को जल्द से जल्द सजा मिले

 पश्चिम बंगाल: इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के विधायक और चेयरमैन पीरजादा मोहम्मद नौशाद सिद्दीकी का कहना है, "हम चाहते हैं कि दोषी को जल्द से जल्द सजा मिले स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार है और स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है।

हम मांग करते हैं कि स्वास्थ्य मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए अगर राज्य सरकार सीबीआई के साथ सहयोग करती है, तो जल्द ही न्याय मिलेगा। 

इसलिए हम चाहते हैं कि बंगाल सरकार को सीबीआई के साथ सहयोग करना चाहिए पुलिस अपना कर्तव्य नहीं निभा रही है। 

हम सभी निर्वाचन क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और हम केवल यही चाहते हैं कि उनके परिवार को न्याय मिले पूरा बंगाल आरजी कर कॉलेज में न्याय चाहता है

कोलकाता रेप केस, CBI का ताबड़तोड़ एक्शन,संदीप घोष के करीबियों पर सीबीआई ने कसा शिकंजा

आरजी कर मेडिकल कॉलेज में वित्तीय भ्रष्टाचार मामले की जांच के सिलसिले में सीबीआई ने कोलकाता और आसपास के जिलों में कई जगहों पर छापेमारी की. बेलियाघाटा से लेकर टाला, केस्टोपुर से लेकर हावड़ा तक-आरजी कर के कई पूर्व अधिकारियों के घरों और दफ्तरों में सीबीआई पहुंच गयी और छापेमारी की. इससे पहले केंद्रीय जांचकर्ताओं ने शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार मामले की जांच में इसी तरह से राज्य में कई जगहों पर छापेमारी की थी. रविवार को फिर से वह तस्वीर बंगाल में लौट आई.

रविवार की शाम को आरजी कर के फॉरेंसिक शिक्षक देबाशीष सोम को सीबीआई निजाम पैलेस ले गई, जहां उनसे आरजी कर में वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में पूछताछ की जा रही है. उस केस के आधार पर रविवार सुबह सीबीआई की एक टीम केस्टोपुर स्थित देबाशीष सोम के घर की तलाशी लेने पहुंची थी.

सुबह से दोपहर तक तलाशी के बाद रविवार शाम करीब 4 बजे सीबीआई देबाशीष सोम के घर से निकली. इसके बाद वे निजाम पैलेस पहुंचे. देबाशीष सोम को पूर्व आरजी कर के प्रिंसिपल संदीप घोष का ‘करीबी’ माना जाता है. उन पर वित्तीय भ्रष्टाचार का भी आरोप है.

रविवार सुबह निजाम पैलेस से सीबीआई की कई टीमें निकली. आरजी कर के पूर्व निदेशक संदीप घोष के बेलियाघाटा स्थित घर पर सीबीआई की टीम पहुंची, लेकिन काफी इंतजार के बाद उन्हें घर में घुसने की अनुमति दी गई. शाम को सीबीआई के कुछ अधिकारी उसके घर से निकल गये हैं, लेकिन अभी भी कुछ घर में ही हैं.

सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, सिर्फ संदीप घोष ही नहीं, सीबीआई ने रविवार को कुल 15 जगहों पर छापेमारी की. सीबीआई की एक टीम आरजी के पूर्व अधीक्षक संजय वशिष्ठ के घर भी गई.

सीबीआई की टीम ने हावड़ा में बिप्लब सिंह के घर पर भी छापेमारी की. वह एक अस्पताल में चिकित्सा आपूर्ति के आपूर्तिकर्ता के रूप में काम करता है. सीबीआई की एक अन्य टीम बेलियागाछा में जेके घोष रोड पर एक कैफे मालिक के घर भी गई. इसके अलावा टाला में चंदन लौह नाम के कारोबारी के घर भी सीबीआई गई. बता दें चंदन के घर के भूतल पर स्थानीय तृणमूल विधायक अतिन घोष का पार्टी कार्यालय है.

आरजी के बाद सीबीआई की एक टीम पहुंची. वे आरजी कर के प्रशासनिक भवन में गयी और तलाशी अभियान चलाया. खबर यह भी है कि आरजी टैक्स के नए प्रिंसिपल मानसकुमार बनर्जी और सुपर सप्तर्षि चटर्जी को अस्पताल लाया गया है. सीबीआई के अधिकारी उनसे बात कर रहे हैं.

इस बीच, CBI दफ्तर में कुछ दस्तावेज के साथ आरजे कर मेडिकल कॉलेज के स्टॉफ पहुंचे. सीबीआई ने ऑन ड्यूटी स्टाफ को बुलाया था. घटना की रात के ऑन ड्यूटी स्टाफ सीबीआई दफ्तर पहुंचे. उनसे ट्रेनी डॉक्टर से रेप के मामले में पूछताछ की जा रही है.

ट्रेनी डॉक्टर की रेप कर हत्या मामले में एक्शन

9 अगस्त की सुबह आरजी कर मेडिकल कॉलेज से एक महिला डॉक्टर का शव बरामद किया गया था. उसके साथ कथित तौर पर बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. पूरे देश में हंगामा मच गया है. इस संदर्भ में आरोप लगाया गया है कि आरजी कर अस्पताल में तीन साल से अधिक समय से वित्तीय भ्रष्टाचार चल रहा है. पूर्व अधिकारी अख्तर अली ने हाईकोर्ट ने याचिका दायर की थी.

उस मामले में न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की एकल पीठ ने शुक्रवार को एसआईटी की जगहसीबीआई जांच का आदेश दिया था. वह निर्देश मिलने के बाद शनिवार को सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की. रविवार सुबह से ही सीबीआई की लगातार रेड चल रही है.

पीड़िता की तस्वीर और पहचान को लेकर निर्देश

इस बीच, आरजी कर रेप केस मामले में पीआईबी ने एक बयान जारी कर कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भारत में संचालित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को लेकर निर्दश जारी किया है. बयान में किन्नोरी घोष बनाम अन्य बनाम भारत संघ और अन्य- आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना में मृतक के नाम और फोटो के प्रसार के मामले में पर कहा है कि 20 अगस्त, 2024 को दिए गए सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश का पालन किया जाए.

मृतक को दर्शाने वाली किसी भी वीडियो क्लिप या तस्वीर के साथ ही मृतक की पहचान के संकेत सभी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एवं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से तुरंत हटाने का निर्देश दिया गया है.

जन्माष्टमी की पूजा में जरूर शामिल करें ये 5 चीजें

हिन्दू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हर साल बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. यह पर्व आमतौर पर भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन, भक्त भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं. इस दिन भगवान विष्णु के आठवें अवतार, श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए भगवान कृष्ण ने अपने जीवनकाल में कई राक्षसों का वध किया और धर्म की स्थापना की थी. यह पर्व भगवान कृष्ण की भक्ति का प्रतीक भी माना जाता है.

इस बार जन्माष्टमी पर दुर्लभ संयोग बन रहा है. जन्माष्टमी पर अर्द्धरात्रि मेंं सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ ही अष्टमी तिथि ओर रोहिणी नक्षत्र भी होगा. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. इस बार भी उदया तिथि में श्री कृष्ण जी की जन्म की तिथि और नक्षत्र एक साथ नहीं मिल रहे हैं. अर्द्धरात्रि में अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र एक साथ मिल जाने से जयन्ती योग में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व 26 अगस्त सोमवार को मनाया जाएगा.

1,श्री कृष्ण की मूर्ति या चित्र: पूजा का केंद्रबिंदु श्री कृष्ण की मूर्ति या चित्र होता है. आप अपनी पसंद के अनुसार छोटी या बड़ी मूर्ति या चित्र का चयन कर सकते हैं.

2,फूल और माला: ताजे फूलों की माला से भगवान कृष्ण को सजाया जाता है. तुलसी के पत्ते, मोगरे, चमेली या अन्य सुगंधित फूलों का उपयोग किया जा सकता है.

3,धूप और दीप: धूप और दीप जलाकर वातावरण को पवित्र किया जाता है. आप घी का दीपक या अगरबत्ती जला सकते हैं.

4,फल और मिठाई: भगवान कृष्ण को भोग लगाने के लिए विभिन्न प्रकार के फल और मिठाइयां चढ़ाई जाती हैं. माखन, मिश्री, पेड़ा, लड्डू आदि भगवान कृष्ण को प्रिय हैं.

5,पंचामृत: पंचामृत एक पवित्र मिश्रण है जो दूध, दही, शहद, घी और केसर से बना होता है. इसे भगवान कृष्ण को अर्पित किया जाता है

ऐसे मनाएं कृष्ण जन्माष्टमी

कृष्ण जन्माष्टमी के दिन मंदिरों और घरों में भगवान कृष्ण की पूजा करें. इस दिन उपवास रखें और मध्यरात्रि में भगवान कृष्ण को भोग लगाएं. मंदिरों में विशेष उत्सव आयोजित किए जाते हैं, जिसमें भजन, कीर्तन और नाटक शामिल होते हैं. भगवान कृष्ण की मूर्तियों को फूलों और मालाओं से सजाएं. भगवान कृष्ण को उनके प्रिय भोग जैसे मक्खन, मिश्री और फल चढ़ाएं.

कोलकाता रेप केस,संजय रॉय का हुआ पॉलीग्राफ टेस्ट, क्या सच उगलवा पाई CBI?

कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में रेप कांड के मुख्य आरोपी संजय रॉय का रविवार को प्रेसिडेंसी जेल में पॉलीग्राफी टेस्ट किया गया. इसके साथ ही साल्टलेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सीबीआई कार्यालय में कुछ और लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट चल रहा है. संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट दोपहर 12:30 से 3:00 बजे तक किया गया. विशेषज्ञ डॉक्टरों और विभिन्न उपकरणों के साथ लंबी पूछताछ के बाद सीबीआई अधिकारी प्रेसीडेंसी जेल से बाहर निकल गये हैं. निर्धारित प्रश्नों और विभिन्न परीक्षण सामग्रियों से पूछताछ के बाद अधिकारियों के हाथ क्या नई जानकारी आई है. अभी इसका खुलासा होना बाकी है.

ट्रेनी डॉक्टर से रेप-हत्या के मामले में वारदात के दूसरे दिन कोलकाता पुलिस ने सिविक वॉलेंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद संजय रॉय ने खुद ही अपराध कबूल किया था, लेकिन जब से सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ली है. वह लगातार अपना बयान बदल रहा है. सियालदह कोर्ट में उसने खुद को निर्दोष बताया था. सीबीआई पूछताछ में भी वह स्पष्ट जवाब नहीं दे रहा था. उसके बयान में लगातार विसंगतियां पाई जा रही थी.

लगातार बयान बदलता रहा है संजय रॉय

केंद्रीय जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, संजय रॉय ने हिरासत में रहते हुए एक-एक करके अलग- अलग जानकारी देकर सीबीआई को गुमराह करने की कोशिश की. अस्पताल में प्रवेश करने का कारण, अस्पताल में प्रवेश करने का समय, अस्पताल के सेमिनार हॉल में प्रवेश करने का कारण या यहां तक सेमिनार हॉल से लेकर हत्या सभी मामले में वह लगातार अपना बयान बदल रहा है.

उसके बाद उसका पॉलीग्राफी टेस्ट जरूरी हो गया था. सीबीआई ने सियालदह कोर्ट में पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए फरियाद की थी. कोर्ट ने संजय रॉय सहित कुल सात लोगों का पॉलीग्राफी टेस्ट की अनुमति दे दी थी. इन आरोपियों की सहमति के बाद शनिवार को चार लोगों को पॉलीग्राफी टेस्ट हुआ था. रविवार को संजय रॉय सहित और तीन लोगों को पॉलीग्राफी टेस्ट हुआ है.

इससे पहले शनिवार को सीबीआई की एक टीम प्रेसीडेंसी जेल गई थी. कोर्ट के आदेश पर गिरफ्तार सिविक वॉलेंटियर प्रेसीडेंसी जेल के वीआईपी वार्ड में है. सीबीआई ने शनिवार को प्रेसीडेंसी जेल का दौरा किया और पॉलीग्राफ टेस्ट के मामले की जांच की. जांचकर्ताओं ने जेल अधिकारियों से यह भी बात की कि परीक्षण कहां किया जाएगा, परीक्षण के लिए कौन से उपकरण की आवश्यकता होगी, आदि.

15 ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी

रविवार सुबह सीबीआई दोबारा प्रेसीडेंसी जेल गई. सूत्रों के मुताबिक सुबह से ही पॉलीग्राफ टेस्ट की प्रक्रिया शुरू हो गयी. यह प्रक्रियादोपहर तीन बजे तक चली. दूसरी ओर, सीबीआई अधिकारी सीजीओ कॉम्प्लेक्स में दो मेडिकल छात्रों का पॉलीग्राफ टेस्ट भी कर रही है.

इस बीच आरजी कर के वित्तीय भ्रष्टाचार मामले की जांच के लिए रविवार सुबह सीबीआई की 15 टीमों ने शहर के अलग-अलग हिस्सों में छापेमारी की. सुबह करीब 6:30 बजे सीबीआई आरजी कर के इस्तीफा दे चुके प्रिंसिपल संदीप घोष के घर गई और पूछताछ कर रही है. सीबीआई ने केस्टपुर में पूर्व आरजी कर अधीक्षक संजय वशिष्ठ और एक अन्य डॉक्टर देबाशीष सोम के घरों पर भी छापेमारी की है.

आम आदमी पार्टी के 5 पार्षद बीजेपी में हुए शामिल

दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) बड़ा झटका लगा है. रविवार को आम आदमी पार्टी के 5 पार्षद बीजेपी में शामिल हो गए. जिन पांच पार्षदों ने बीजेपी ज्वाइन की है उसमें राम चंद्र बवाना, पवन सहरावत बवाना, मंजू निर्मल, सुगंधा बिधूड़ी और ममता पवन शामिल हैं.

आम आदमी पार्टी के जिन पांच पार्षदों ने पाला बदला है उसमें राम चंद्र वार्ड नंबर 28, पवन सेहरावत वार्ड नंबर 30, मंजू निर्मल वार्ड नंबर 180, सुगंधा बिधूड़ी वार्ड नंबर 178 और ममता पवन वार्ड नंबर 177 के पार्षद हैं. इन पार्षदों के पाल बदलने के बाद अब सत्ताधारी पार्टी के सामने बाकी पार्षदों को एकजुट करके रखने की चुनौती पैदा हो गई है.

पांच पार्षदों के पार्टी छोड़ने के बाद आम आदमी पार्टी के नेता और मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि देश में डर का माहौल है, जिसे जाना है वो जाएगा. कौन किस वजह से पार्टी से जाने का फैसला किया है इसके बारे में तो मुझे जानकारी नहीं है, लेकिन देश में डर का माहौल है. इस वक्त दिल्ली के अंदर जो माहौल है. बीजेपी के सामने बड़े-बड़े अफसर नतमस्तक हैं तो उनके सामने छोटे-छोटे पार्षद क्या हैं.

वहीं, दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि ये जो पांच पार्षद भाजपा में शामिल हुए हैं वे आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार और काम न करने के रवैये से तंग आ चुके हैं. इन सभी की एक ही राय है कि जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी सबको साथ लेकर चल रहे हैं, उसी तरह से वे भी दिल्ली में अपने लोगों के लिए ऐसा ही काम करना चाहते हैं. हम सभी पार्षदों का स्वागत करते हैं.

गृह मंत्री अमित शाह ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का किया उद्घाटन

गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को रायपुर में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) का वर्चुअल उद्घाटन किया, साथ ही बैठक में भी शामिल हुए. इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णु देव साय, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा भी मौजूद रहे.

इस मौके पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, मोदी सरकार ने भारत को नशामुक्त बनाने का संकल्प लिया हुआ है और इस के लिए बहुत काम हो रहा है. उन्होंने आगे कहा, यह एक वैश्विक समस्या है, 

इस लड़ाई को शिद्दत और जुनून के साथ लड़ना होगा. इस मौके पर उन्होंने कहा हमने लक्ष्य रखा है कि देश में हर राज्य में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो बनाया जाए स्थापना की जाए.

नशे का पैसा नक्सलवाद में होता है इस्तेमाल”

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का उद्घाटन करने के बाद अमित शाह ने कहा, दुनिया के कई देश नशे के खिलाफ लड़ाई हार चुके हैं. उन्होंने आगे कहा, नारकोटिक्स से कमाया हुआ पैसा आतंकवाद और नक्सलवाद में इस्तेमाल होता है. नारकोटिक्स से अर्जित किया हुआ धन देश को बर्बाद करने में लगा है.

अमित शाह ने सामने रखे आंकड़े

अमित शाह ने नारकोटिक्स ऑफिस की जानकारी देते हुए कहा, नशे की रोकथाम के लिए यह प्रभावी कदम उठाया गया है और 5000 वर्ग फीट में रायपुर में नारकोटिक्स का ऑफिस फैला हुआ है. साथ ही उन्होंने चिंता जताते हुए कहा, ड्रग ट्रैफिकिंग का ट्रेंड बदल रहा है, सिंथेटिक ड्रग का इस्तेमाल बढ़ रहा है ये काफी खतरनाक है.

अमित शाह ने बताया कैसे बढ़ रहा नशा

गृह मंत्री ने बताया, छत्तीसगढ़ में गांजे की तस्करी एक बहुत बड़ी चुनौती है. छत्तीसगढ़ में गांजे की राष्ट्रीय खपत का अनुपात दोगुना है. जांच एजेसियों को साइंटिफिक अप्रोच ले जाने की जरूरत है. नशे का तंत्र नष्ट होना चाहिए, पूरी चेन को समाप्त करना होगा. साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नशे पुनर्वास केन्द्रों का बराबर अपग्रेडेशन होना चाहिए.

नशे के फैलने के लिए न्यू एज चैलेंज 

का जिक्र करते हुए अमित शाह ने कहा, जैसे क्रिप्टो, ई कामर्स ड्रोन के जरिए डेलिवरी, टेली हेल्थ सेवा, मोबाइल ऐप ऐसी चुनौतियां हैं जो हाल की दिनों में उपजी हैं उनपर काबू पाने के लिए प्रभावी रणनीति बननी चाहिए.

छत्तीसगढ़ बनेगा विकसित राज्य”

अमित शाह ने बताया,छत्तीसगढ़ में नशे का इस्तेमाल 1.45 है जोकि राष्ट्रीय औसत से अधिक है, 22000 करोड़ के ड्रग्स सीज किए गए है. साथ ही उन्होंने कहा, जो लक्ष्य तय किए गए हैं उसका रिव्यू भी किया जाना है. फाइनेंशियल ट्रेंड और फंडिंग का सोर्स बड़ा चैलेंज है, कुछ ही सालों में जैसे छत्तीसगढ़ सरकार काम कर रही है, ये एक विकसित राज्य बनेगा. नशामुक्त भारत में छत्तीसगढ़ अपना प्रमुख योगदान करेगा, नशीले पदार्थों का उपयोगकर्ता विक्टिम है और व्यापार करने वाला अपराधी.

कृष्ण जन्माष्टमी स्पेशल,भगवान कृष्ण ने आखिर क्यों तोड़ दी थी अपनी पसंदीदा बांसुरी,जाने

कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार दुनियाभर में बड़े धूम-धाम से मनाते हैं. 26 अगस्त 2024 को इस बार जन्माष्टमी मनाई जा रही है. इसकी तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. जब भी भगवान कृष्ण की छवि सामने आती है तो उनके हाथ में बांसुरी जरूर होती है. कहा जाता है कि कृष्ण को बांसुरी बहुत प्रिय थी और जब भी वे बांसुरी बजाते थे तो गोपियां उस आकर्षण में खिंची चली आती थीं. सभी कृष्ण की बांसुरी की धुन के दीवाने हो जाते थे. लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया जब कृष्ण ने अपनी सबसे प्रिय बांसुरी तोड़कर फेंक दी थी. बता रहे हैं कि आखिर वो कौन सी बात थी जो कृष्ण को ये कदम उठाना पड़ा था.

क्या है कहानी

राधा और कृष्ण का प्यार दुनियाभर में मशहूर है. आज भी कृष्ण से पहले राधा का नाम लिया जाता है. राधे-कृष्ण के प्रेम की मिसाल दी जाती है. भले ही कृष्ण और राधा ने कभी शादी नहीं की लेकिन उनके मन में राधा के लिए जो स्थान, प्यार और सम्मान था वो और किसी के लिए नहीं था. ये भाव ताउम्र रहा. कहा ये भी जाता है कि कृष्ण सिर्फ राधा रानी के लिए ही बांसुरी बजाते थे. राधा को भी कृष्ण की बांसुरी सुनना बहुत अच्छा लगता था और वे बांसुरी की मधुर धुन से कृष्ण की ओर खिंची चली आती थीं.

जब राधा को छोड़कर मथुरा चले गए

भगवान कृष्ण और राधा एक-दूसरे के लिए बने थे और हमेशा साथ रहते थे. लेकिन वक्त की अपनी मांग होती है. एक समय ऐसा भी आया जब अपने दायित्वों की पूर्ति के लिए कृष्ण भगवान को वृंदावन छोड़कर मथुरा जाना पड़ा. वे राधा से दूर चले गए. जाते-जाते राधा ने कृष्ण भगवान से ये वचन मांगा था कि जब उनका अंतिम समय आएगा तब कृष्ण उन्हें एक बार दर्शन जरूर देंगे. कृष्ण ने भी राधा की इस बात को स्वीकार कर लिया था. वे राधा से दूर तो हो गए थे लेकिन हमेशा अपने साथ बांसुरी रखते थे.

क्यों तोड़ दी बांसुरी

वचन के मुताबिक जब राधा का अंतिम समय आया तो उन्होंने कृष्ण से मिलना चाहा. कृष्ण उस समय द्वारका नगरी बसा चुके थे और द्वारकाधीश थे. उन्होंने अपना वर्षों पुराना वचन निभाया और वे राधा रानी से मिले. ये इस लोक में राधा संग उनकी अंतिम मुलाकात थी. वादे के मुताबिक कृष्ण ने राधा रानी के सामने बांसुरी भी बजाई. बांसुरी की मधुर धुन सुन राधा ने कृष्ण के कंधे पर सिर रखा और धुन सुनते-सुनते ही अपने प्राण त्याग दिए. ये दर्द कृष्ण बर्दाश्त न कर सके और उन्होंने विरह में बांसुरी तोड़ कर झाड़ियों में फेंक दी. इसके बाद कृष्ण ने ये निश्चय किया कि वे कभी बांसुरी नहीं बजाएंगे और उन्होंने फिर कभी बांसुरी नहीं बजाई.

पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पहुंचे पंजाब,बीजेपी पर हमला करते हुए कही ये बात

आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पंजाब पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा, जब जेल में था तो पंजाब के लोगों को बहुत याद करता था, पंजाब की टीम को एक्शन में देखकर खुश भी होता था, यह लोग पंजाब में बहुत काम कर रहे हैं. मनीष सिसोदिया ने कहा, मुझे खुशी है ऊपर वाले ने मुझे बाहर निकाला और अरविंद केजरीवाल भी जल्द बाहर आएगें.

मनीष सिसोदिया सचखंड श्री हरमंदिर साहिब के दरवाजे पर माथा टेकने रविवार को पंजाब पहुंचे हैं, जहां वो पहले माथा टेकेंगे और फिर लोगों से मुलाकात करेंगे.

बीजेपी पर किया हमला

एयरपोर्ट पर उतर कर मनीष सिसोदिया ने बातचीत की और बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, मैं जब जेल में था तो ऊपर वाले से दुआ करता था कि जिस तरह से बीजेपी साजिश रच रही है, उसमें दो ही चीजें काम आएंगी. पहली, भगवन की कृपा और दूसरा देश का संविधान. उन्होंने आगे कहा, देश के संविधान की ताकत की बदौलत इनकी साजिश नाकाम हुई और मैं बाहर आया.

माथा टेकने पहुंचे पंजाब

मनीष सिसोदिया ने बताया कि वो पंजाब सचखंड श्री हरमंदिर साहिब के दरवाजे पर माथा टेकने आए हैं. उन्होंने कहा, जेल से ही मैंने सचखंड श्री हरमंदिर साहिब को प्रणाम किया था और अरदास की थी कि मैं बाहर आकर दर्शन करने आऊंगा. मेरी यह इच्छा अब पूरी हो गई है, इसीलिए मैं माथा टेकने आया हूं.

केजरीवाल भी जल्द बाहर आएंगे”

मनीष सिसोदिया ने कहा, पंजाब की सरकार सीएम भगवंत मान के नेतृत्व में शानदार काम कर रही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जल्द अरविंद केजरीवाल भी जेल से बाहर आएंगे फिर वह इकट्ठे होकर देश के लोगों के लिए काम करेंगे. हालांकि जम्मू और हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव पर पूछे गए सवाल का जवाब देने से मनीष सिसोदिया बचते हुए नजर आए. दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पिछले 17 महीने से कथित शराब घोटाले के चलते जेल में बंद थे, जिसके बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी और वो 9 अगस्त को जेल से बाहर आए.

अगर कोई महिलाओं के खिलाफ सोशल मीडिया पर अश्लील या भद्दा कमेंट या पोस्ट करते हैं तो हो जाएँ सावधान, हो सकती हैं सजा

भारत में सभी के पास फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन इस्तेमाल करने का अधिकार होता है. यह अधिकार संविधान ने सबको दिया है. लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं होता कि आप फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन की आड़ में किसी को भी कुछ भी कह दें. सोशल मीडिया लोगों की जिंदगी में हावी हुआ है. तब से लोग किसी को भी कुछ भी बिना किसी अकाउंटेबिलिटी के कह देते हैं.

सोशल मीडिया से महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाना कानूनन जुर्म

बॉम्बे हाई कोर्ट में 21 अगस्त को एक मामला आया. मामला महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने को लेकर जुड़ा था. सुनवाई कर रही बेंच में शामिल जस्टिस एएस गडकरी और नीला गोखले ने मामले को लेकर कहा कि है 'सोशल मीडिया पर लिखे गए ऐसे शब्द जो किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचा सकते हैं. तो वह आईपीसी की धारा 509 के तहत अपराध है.' जहां एक शिकायतकर्ता महिला ने एक व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा 509 के तहत केस दर्ज कराया

जिसमें महिला ने आरोप लगाया था कि साउथ मुंबई की एक सोसायटी में रहने के समय वहीं एक व्यक्ति ने उस महिला के खिलाफ आपत्तिजनक और अपमानजनक ईमेल लिखे थे. जिसमें महिला के कैरेक्टर पर टिप्पणी की गई थी. तो वहीं उस व्यक्ति ने ईमेल को सोसायटी के दूसरे लोगों को भी भेजा था. 

आईपीसी की धारा 509 के तहत होगी कार्रवाई

महिला के इस आप के खिलाफ व्यक्ति ने हाई कोर्ट में अपील की जहां उसने बताया कि आईपीसी की धारा 509 के तहत बोले गए शब्द अगर किसी महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाते हैं तब कार्रवाई हो सकती है ना कि सोशल मीडिया पोस्ट या किसी ईमेल में लिखे गए. इस पर कोर्ट ने कहा आईपीसी की धारा 509 को लेकर कहा कि सोशल मीडिया हो या मेल यहां भी ऐसी बातें लिखी जाएं जो किसी महिला की गरिमा के खिलाफ है. तो वह कानूनन जुर्म ही है. 

कितनी हो सकती है सजा?

बता दें आईपीसी की धारा 509 के तहत के सोने पर व्यक्ति को तुरंत गिरफ्तार किया जा सकता है और उसके खिलाफ लगाए गए आप अगर साबित होते हैं. तो उसे 3 साल तक की जेल भी हो सकती है इसके साथ ही जुर्माना भी चुकाना पड़ सकता है. 

कोलकाता रेप केस,बार-बार बयान बदल रहा है संजय रॉय

आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर की रेप कर हत्या के मामले में आरोपी सिविक वॉलेंटियर संजय रॉय को कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के बाद संजय रॉय ने अपना अपराध कबूल कर लिया था और उसे फांसी की सजा दी जाए. यह बात कही थी, लेकिन अब सीबीआई ने इस मामले की जांच शुरू की है और सीबीआई ने संजय रॉय को लेकर न केवल आरजीकर अस्पताल गई और वारदात को रिक्रिएट कराया, बल्कि घंटों पूछताछ की है. साइकोलॉजिकल टेस्ट करवाये गये हैं और अब पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए भी कोर्ट से अनुमति मिल गई है.

आरोपी संजय रॉय ने भी खुद पॉलीग्राफी टेस्ट को लेकर सहमति जताई है, लेकिन जैसे-जैसे जांच और पूछताछ आगे बढ़ रही है. आरोपी संजय रॉय गिरगिट की तरह रंग बदल रहा है. गिरफ्तारी के बाद संजय रॉय ने अपराध कबूल किया था, लेकिन अब खुद को को निर्दोष बता रहा है.

सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, आरजी कर मामले में गिरफ्तार आरोपी सिविक वॉलेंटियर संजय रॉय बार-बार अपना बयान बदल रहा है. उसके बयान में काफी विसंगतियां पाई गई हैं. इससे पहले, कोलकाता पुलिस की हिरासत में रहते हुए आरोपी ने पूछताछ के दौरान अपराध कबूल कर लिया था. हालांकि, जांच सीबीआई के हाथ में जाते ही आरोपी गिरगिट की तरह रंग बदलने लगा है. केंद्रीय एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक वह बार-बार अपना बयान बदल रहा है.

सीबीआई सूत्रों के मुताबिक पूछताछ के दौरान वह भ्रामक जानकारी देने की कोशिश कर रहा है. वह अस्पताल जाने के समय और कारण, सेमिनार कक्ष में जाने के समय और सेमिनार कक्ष में जाने के कारण के बारे में अलग-अलग बात कह रहा है.

पूछताछ के दौरान आरोपी ने दावा किया कि घटना वाले दिन वह सेमिनार रूम में नहीं गया था. उसने झांक कर देखा था. अगले दौर की पूछताछ में उसने बताया कि सेमिनार रूम में उसने किसी को नहीं देखा. साथ ही, उसका ब्लूटूथ हेडफोन घटनास्थल तक कैसे पहुंचा? उसने इसका कोई जवाब नहीं दिया. उसके शरीर पर खरोंच कैसे लगी? इसको लेकर भी सवाल उठते रहे हैं. इस पर भी उनसे कोई सटीक जवाब नहीं दिया है. इसलिए आरोपीका पॉलीग्राफ टेस्ट सीबीआई अधिकारियों के लिए बेहद अहम है.

हर बार एक नई कहानी बता रहा है आरोपी

हालांकि जांच अधिकारियों का दावा है कि उनके पास पर्याप्त सबूत, सीसीटीवी फुटेज, आरोपियों की गतिविधियों से संबंधित विभिन्न फुटेज हैं. इन सब से यह तो साफ है कि आरोपी खुद को सीबीआई के हाथों से बचने की कोशिश कर रहा है. इसलिए जल्द से जल्द आरोपी का पॉलीग्राफी टेस्ट कराने की कोशिश की जा रही है. ज्ञात हो कि आरोपी को आरजी कर की वारदात के बाद 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार किया गया था. सूत्रों के मुताबिक, हिरासत में रहते हुए उसने सारे अपराध कबूल कर लिये थे. पूछताछ के दौरान उसने जांच अधिकारियों से कहा, ‘मुझे फांसी पर लटका दो…’

यही नहीं, जब आरोपी संजय रॉय को शुक्रवार को पेश किया गया था और पॉलीग्राफ टेस्ट पर सहमति मांगी गई तो आरोपी रोने लगा था और कहने लगा था कि वह निर्दोष है. उसने कहा था कि उसने इसीलिए पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए सहमति दी है. इसके साथ ही जब उसे प्रेसिडेंसी जेल में ले जाया गया तो वह उस दौरान भी वह कई लोगों से कहा कि उसने किसी को नहीं मारा है. सीबीआई पूछताछ में भी उसने कहा कि उसने किसी को नहीं मारा है.

क्या पॉलीग्राफी टेस्ट से सच आएगा सामने?

ऐसे में सीबीआई सच जानने के लिए पॉलीग्राफी टेस्ट का सहारा ले रही है. सीबीआई के अधिकारी गिरफ्तार संजय रॉय के पॉलीग्राफ टेस्ट की सभी प्रक्रियाएं पूरी करने के लिए करीब डेढ़ घंटे तक प्रेसीडेंसी जेल रहे और और पूरी प्रक्रिया की तैयारी की. सीबीआई के अधिकारी रविवार और सोमवार को संजय रॉय का पॉलीग्राफी टेस्ट कर सकते हैं.

बता दें कि यदि पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान आरोपी झूठ बोलता है तो आमतौर पर उसकी हृदय गति बढ़ जाती है, रक्तचाप बढ़ जाता है, अत्यधिक पसीना आता है, सांस लेने में कठिनाई होती है, त्वचा में कई तरह के बदलाव देखे जाते हैं. ये पहलू ही इस बात के निर्धारक हैं कि कोई झूठ बोल रहा है या नहीं. उसी के आधार पर यह निर्धारित किया जाता है कि आरोपी झूठ बोल रहा है या सच बोल रहा है.

वरिष्ठ अधिकारी ने पॉलीग्राफी टेस्ट के बारे में बताया कि प्रत्येक प्रश्न को तीन बार पूछा जाता है. आरोपी ने हां और ना में जवाब दिया. यदि उत्तर तीन बार एक ही है, तो इसका मतलब है कि वह झूठ नहीं बोल रहा है और यदि उत्तर में कोई विसंगति है, तो मॉनिटर आरोपी के विभिन्न शारीरिक परिवर्तनों को दिखाता है, हालांकि अदालतें पॉलीग्राफ टेस्ट रिपोर्ट पर विशेष निर्भरता नहीं रखना चाहती है, लेकिन जैसा कि होता है, मन पर नियंत्रण हमेशा नहीं रहता. इसलिए कई लोग पकड़े जाते हैं और सीबीआई पॉलीग्राफी टेस्ट से यही हासिल करना चाहती है.