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कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच गठबंधन के बाद भी सीट बंटवारें पर फंसा पेंच, जानें कहां अटक रही बात

#jkassemblyelectionseatsharingformulabetweennccongress 

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए अक्टूबर में चुनाव होने हैं।इस चुनाव में कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन किया है। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने 22 अगस्त को सभी 90 सीटों पर गठबंधन का ऐलान किया। सीट बंटवारे को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और कांग्रेस के बीच अब तक बात नहीं बन पाई है।

सूत्रों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस 52 और कांग्रेस 38 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। दोनों पार्टियों के बीच अभी भी कुछ सीटों को लेकर पेंच फंसा है। इन सीटों में नगरोटा, विजयपुर और हब्बा कदल की सीटें शामिल हैं। इसको लेकर दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान के बीच चर्चा चल रही है।

सीटों के बंटवारे पर एनसी के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि "ज्यादातर सीटों पर हम सर्वसम्मति बना चुके हैं।कुछ सीटों पर हम अड़े हुए हैं और कुछ सीटों पर कांग्रेस के क्षेत्रीय नेता अड़े हुए हैं। आज हम फिर चर्चा करेंगे और कोशिश करेंगे कि जहां तक हो सके बाकी सीटों को गठबंधन की सीमा में लाकर अपने उम्मीदवारों का एलान करें।

पहले चरण की 24 सीटों में कांग्रेस 9 या 10 सीटें लड़ेगी

फिलहाल पहले चरण की 24 सीटों में कांग्रेस 9 या 10 सीटें पर लड़ेगी, जिसमें वो घाटी की 4 सीटों पर दावा ठोक रही है। इसमें दो सीटें देवसर और शांगस पर कांग्रेस ने 2014 में जीत हासिल की थी। तीसरी दुरु विधानसभा सीट है, जहां गुलाम अहमद मीर 161 वोट के करीबी मार्जिन से पीडीपी के उम्मीदवार सैयद फारूक अहमद अंदराबी से हार गए थे। वहीं चौथी कोकर नाग विधानसभा सीट है, जहां से कांग्रेस के सीनियर लीडर पीरजादा मोहम्मद सैयद आते हैं। इसलिए यह सीट कांग्रेस मांग रही है। हालांकि 2014 के विधानसभा चुनाव में यहां से पीडीपी जीत गई थी। इस चुनाव में कांग्रेस को 34 प्रतिशत वोट मिला जबकि पीडीपी को 42 प्रतिशत वोट मिला था। पीडीपी के अब्दुल रहीम राथर चुनाव जीत गए थे।कुल मिलाकर कांग्रेस अपनी सिटिंग सीट और पीडीपी की सीटें मांग रही है, जहां से उसके उम्मीदवार रनर अप रहे थे।

आज जारी हो सकती है कैंडिडेट्स की पहली लिस्ट

वहीं, खबर है कि एनसी-कांग्रेस गठबंधन के कैंडिडेट्स की पहली लिस्ट शनिवार (24 अगस्त) को जारी होगी। सूत्रों के मुताबिक, पहली लिस्ट में नेशनल कॉन्फ्रेंस के 13 से 17 और कांग्रेस के 7 से 10 कैंडिडेट के नामों की घोषणा हो सकती है।

2014 में हुए थे आखिरी विधानसभा चुनाव

आखिरी बार 2014 में जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव हुए थे। तब बीजेपी और पीडीपी ने गठबंधन सरकार बनाई थी। 2018 में गठबंधन टूटने के बाद सरकार गिर गई थी। इसके बाद राज्य में 6 महीने तक राज्यपाल शासन (उस समय जम्मू-कश्मीर संविधान के अनुसार) रहा। इसके बाद राष्ट्रपति शासन लागू हो गया।

राष्ट्रपति शासन के बीच ही 2019 के लोकसभा चुनाव हुए, जिसमें बीजेपी भारी बहुमत के साथ केंद्र में लौटी। इसके बाद 5 अगस्त 2019 को बीजेपी सरकार ने आर्टिकल-370 खत्म करके राज्य को दो केंद्र-शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया था। इस तरह जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं।

भारत चाहे तो रूस से युद्ध रुक जाए, पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे के बाद बोले जेलेंस्की

#volodymyr_zelensky_on_pm_modi_ukraine_visit

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को यूक्रेन की सात घंटे की यात्रा के बाद यहां से रवाना हो गए। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ वार्ता की और रूस के साथ जारी युद्ध को समाप्त करने में व्यक्तिगत रूप से योगदान देने का आश्वासन दिया। पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा पर जेलेंस्की ने कई अहम बात की हैं।उन्होंने पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा को सराहा। साथ ही कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति प्रतिबद्ध है और कीव की संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करता है।

राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पीएम मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि भारत और यूक्रेन के बीच संबंध लगातार अच्छे रहे हैं, और लंबे भी। उन्होंने ये भी कहा कि पीएम की ये यात्रा ऐतिहासिक है, क्योंकि यह 30 सालों में पहली बार है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन आया है। जेलेंस्की ने मोदी से बातचीत के दौरान कृषि, बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और रक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की उम्मीद जताई है।

जेलेंस्की ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, 'आज इतिहास रच दिया गया। आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन का दौरा किया, जो भारत और स्वतंत्र यूक्रेन के बीच संबंधों की स्थापना के बाद से इस तरह की पहली यात्रा है। हमारे बीच हुईं बातचीत व्यापक थीं, जिनमें यूक्रेन के खिलाफ रूस का युद्ध और न्यायपूर्ण शांति का मुद्दा शामिल था। हम दिल से सराहना करते हैं कि प्रधानमंत्री ने रूस के हमले में मारे गए यूक्रेनी बच्चों की स्मृति का सम्मान करते हुए अपनी यात्रा शुरू की। मैं इस पूरे युद्ध के दौरान भारत द्वारा प्रदान किए गए मानवीय सहायता पैकेजों के लिए आभारी हूं।

उन्होंने आगे कहा कि यह जरूरी है कि अधिक से अधिक वैश्विक नेता स्पष्ट रूप से अपना रुख व्यक्त करें और ठोस शब्दों में अपना समर्थन प्रदर्शित करने के लिए यूक्रेन का दौरा करें। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा, ''हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति प्रतिबद्ध है और हमारी संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता के मूल सिद्धांतों का समर्थन करता है। भारत शांति फार्मूले पर हमारे कार्य में भी शामिल है, जिसका शांति शिखर सम्मेलन में प्रतिनिधित्व किया गया है और संबंधित समूहों में भाग लिया गया है। यह सब हमें उम्मीद देता है और यह महत्वपूर्ण है कि जितना संभव हो उतने वैश्विक नेता अंतरराष्ट्रीय कानून के मूलभूत मानदंडों पर अपना रुख स्पष्ट रूप से व्यक्त करें और अपना समर्थन दिखाने के लिए यूक्रेन का दौरा करें।'

वहीं, पीएम मोदी से मुलाकात के बाद समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए जेलेंस्की ने कहा, 'भारत अपनी भूमिका निभाएगा। मुझे लगता है कि भारत ने यह पहचानना शुरू कर दिया है कि यह केवल संघर्ष नहीं है। यह एक असली युद्ध है, जिसे एक व्यक्ति पुतिन ने एक पूरे देश यूक्रेन के खिलाफ छेड़ा हुआ है। आप एक बड़े देश हैं। आपका प्रभाव बहुत बड़ा है और आप पुतिन को रोक सकते हैं और उनकी अर्थव्यवस्था को रोक सकते हैं और उन्हें वास्तव में उनकी जगह पर ला सकते हैं।'

भारत चाहे तो रूस से युद्ध रुक जाए, पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे के बाद बोले जेलेंस्की*
#volodymyr_zelensky_on_pm_modi_ukraine_visit
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को यूक्रेन की सात घंटे की यात्रा के बाद यहां से रवाना हो गए। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ वार्ता की और रूस के साथ जारी युद्ध को समाप्त करने में व्यक्तिगत रूप से योगदान देने का आश्वासन दिया। पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा पर जेलेंस्की ने कई अहम बात की हैं।उन्होंने पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा को सराहा। साथ ही कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति प्रतिबद्ध है और कीव की संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करता है। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पीएम मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि भारत और यूक्रेन के बीच संबंध लगातार अच्छे रहे हैं, और लंबे भी। उन्होंने ये भी कहा कि पीएम की ये यात्रा ऐतिहासिक है, क्योंकि यह 30 सालों में पहली बार है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन आया है। जेलेंस्की ने मोदी से बातचीत के दौरान कृषि, बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और रक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की उम्मीद जताई है। जेलेंस्की ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, 'आज इतिहास रच दिया गया। आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन का दौरा किया, जो भारत और स्वतंत्र यूक्रेन के बीच संबंधों की स्थापना के बाद से इस तरह की पहली यात्रा है। हमारे बीच हुईं बातचीत व्यापक थीं, जिनमें यूक्रेन के खिलाफ रूस का युद्ध और न्यायपूर्ण शांति का मुद्दा शामिल था। हम दिल से सराहना करते हैं कि प्रधानमंत्री ने रूस के हमले में मारे गए यूक्रेनी बच्चों की स्मृति का सम्मान करते हुए अपनी यात्रा शुरू की। मैं इस पूरे युद्ध के दौरान भारत द्वारा प्रदान किए गए मानवीय सहायता पैकेजों के लिए आभारी हूं। उन्होंने आगे कहा कि यह जरूरी है कि अधिक से अधिक वैश्विक नेता स्पष्ट रूप से अपना रुख व्यक्त करें और ठोस शब्दों में अपना समर्थन प्रदर्शित करने के लिए यूक्रेन का दौरा करें। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा, ''हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति प्रतिबद्ध है और हमारी संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता के मूल सिद्धांतों का समर्थन करता है। भारत शांति फार्मूले पर हमारे कार्य में भी शामिल है, जिसका शांति शिखर सम्मेलन में प्रतिनिधित्व किया गया है और संबंधित समूहों में भाग लिया गया है। यह सब हमें उम्मीद देता है और यह महत्वपूर्ण है कि जितना संभव हो उतने वैश्विक नेता अंतरराष्ट्रीय कानून के मूलभूत मानदंडों पर अपना रुख स्पष्ट रूप से व्यक्त करें और अपना समर्थन दिखाने के लिए यूक्रेन का दौरा करें।' वहीं, पीएम मोदी से मुलाकात के बाद समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए जेलेंस्की ने कहा, 'भारत अपनी भूमिका निभाएगा। मुझे लगता है कि भारत ने यह पहचानना शुरू कर दिया है कि यह केवल संघर्ष नहीं है। यह एक असली युद्ध है, जिसे एक व्यक्ति पुतिन ने एक पूरे देश यूक्रेन के खिलाफ छेड़ा हुआ है। आप एक बड़े देश हैं। आपका प्रभाव बहुत बड़ा है और आप पुतिन को रोक सकते हैं और उनकी अर्थव्यवस्था को रोक सकते हैं और उन्हें वास्तव में उनकी जगह पर ला सकते हैं।'
शिखर धवन ने क्रिकेट को कहा अलविदा, वीडियो शेयर कर की संन्यास की घोषणा
#shikhar_dhawan_takes_retirement_from_international_cricket
* शिखर धवन ने इंटरनेशनल और घरेलू क्रिकेट से रिटायरमेंट ले लिया है।उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा। 37 साल के इस खिलाड़ी ने 2010 में भारत के लिए डेब्यू किया था। अपने 13 साल के करियर में वह 34 टेस्ट, 167 वनडे और 68 टी20 मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। शनिवार 24 अगस्त की सुबह एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने संन्यास की घोषणा करते हुए सभी फैंस को शुक्रिया कहा। क्रिकेट को अलविदा कहते हुए उन्होंने खासतौर से अपने परिवार, बचपन के कोच, टीम इंडिया और बीसीसीआई को धन्यवाद कहा। शिखर ने वीडियो पोस्ट कर कहा,” नमस्कार आज मैं एक ऐसे मोड़ पर खड़ा हूं जहां से पीछे देखने पर सिर्फ यादें नजर आती है। मेरी हमेशा से एक ही मंजिल थी कि मैं इंडिया के लिए खेलूं, जो कि हुआ भी। जिसके लिए मैं कई लोगों का शुक्रगुजार हूं। सबसे पहले मेरी फैमिली, मेरे बचपन के कोच। जिनके अंडर मैंने क्रिकेट सीखी। धवन ने आगे कहा कि कहते हैं न कि कहानी में आगे बढ़ने के लिए पन्ने पलटने जरूरी है। बस, मैं भी ऐसा करने जा रहा हूं। मैं अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट से संन्यास का एलान कर रहा हूं। अब जब मैं इस क्रिकेट यात्रा को अलविदा कह रहा हूं कि तो मेरे दिल में एक सुकून है कि मैं लंबे समय तक देश के लिए खेला। मैं बीसीसीआई और डीडीसीए को भी शुक्रिया कहना चाहूंगा कि उन्होंने मुझ पर भरोसा जताया। मैं अपने फैंस का भी शुक्रिया अदा करता हूं, जिन्होंने मुझे बहुत प्यार दिया। मैं बस खुद से यही कहता हूं कि तुम इस बात से दुखी मत हो कि अब तुम देश के लिए नहीं खेलोगे, बल्कि इससे खुश हो कि तुम देश के लिए बहुत खेले।' बता दें कि शिखर पिछले डेढ़ साल से टीम इंडिया से बाहर चल रहे थे।शिखर धवन ने इंटरनेशनल क्रिकेट में अपनी शुरुआत 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे मैच से की थी। विशाखापट्टनम में खेले डेब्यू मैच की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी. वो बिना रन बनाए पारी की दूसरी गेंद पर ही आउट हो गए थे। इसके बाद 2011 में उन्होंने टी20 इंटरनेशनल में वेस्टइंडीज के खिलाफ डेब्यू किया। वहीं 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था। अपने टेस्ट डेब्यू में धवन ने 187 रन की शानदार पारी खेली थी।2013 के चैंपियंस ट्रॉफी की जीत में उनका बेहद अहम योगदान था। वो प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुने गए थे। धवन ने भारत के लिए कुल 269 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 10867 रन बनाए। धवन ने टेस्ट में 34 मुकाबले खेल, जिसकी 58 पारियों में 40.61 की औसत से 2315 रन बनाए। वहीं वनडे के 167 मुकाबलों में 44.11 की औसत से 6793 रन और टी20 के 68 मैचों में 1759 रन बनाए। धवन ने अपने इंटरनेशनल करियर में 24 शतक और 55 अर्धशतक जड़े हैं। वनडे में उनके नाम 17 सेंचुरी और 39 हाफ सेंचुरी है। वहीं टेस्ट में 7 शतक और 5 अर्धशतक बनाए हैं। धवन ने टी20 में भी 11 अर्धशतक बनाए हैं।
हिंद महासागर में चीन का बढ़ता प्रभाव भारत के लिए बड़ा “सिरदर्द

#chinas_increasing_influence_in_the_indian_ocean

भारत और चीन के बीच लंबे समय से सीमा विवाद चला आ रहा है। साल 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई सैन्य झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव ज़्यादा गहरा गया है। जानकारों की मानें तो ये तनाव हिन्द महासागर में भी महसूस हो रहा है क्योंकि दोनों ही देश इस इलाक़े में अपना दबदबा बनाना चाहते हैं। हिंद महासागर में चीन की बढ़ती समुद्री गतिविधियों के बीच हाल ही में भारतीय विदेश मंत्री ने बड़ा बयान दिया है। एस जयशंकर का कहना है कि हिंद महासागर में अशांति पैदा करने वाले बदलाव होने की आशंका है और भारत को इसके लिए तैयार रहने की जरूरत है।

हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी नौसेना की बढ़ती उपस्थिति और गतिविधियां भारतीय नीति निर्माताओं और सुरक्षा विशेषज्ञों के लिए चिंता और चर्चा का विषय बनी हुई है। रक्षा विश्‍लेषकों का कहना है कि जिस तरह से चीन हिंद महासागर में अपनी ताकत बढ़ा रहा है, उसको देखते हुए भारत को तत्‍काल इस बात की आवश्‍यकता है कि वह अंडमान के पास अपनी नौसैनिक उपस्थिति को जोरदार तरीके से बढ़ाए। 

हिन्द महासागर में चीन जिस रणनीति को विकसित करता दिख रहा है उसे "स्ट्रिंग ऑफ़ पर्ल्स" के नाम से जाना जाता है। इस रणनीति के मुताबिक़ हिंद महासागर के आसपास के देशों में रणनीतिक बंदरगाहों और बुनियादी ढांचे का निर्माण और सुरक्षा शामिल है जिसका उपयोग ज़रूरत पड़ने पर सैन्य उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। माना जाता है कि ये "पर्ल्स" चीन की ऊर्जा हितों और सुरक्षा उद्देश्यों की रक्षा के लिए मध्य पूर्व से दक्षिण चीन सागर तक समुद्री मार्गों पर कई देशों के साथ रणनीतिक संबंध बनाने में मदद करने के लिए बनाए जा रहे हैं।

चीन हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका में जिबूती में और पाकिस्तान के ग्वादर में बंदरगाह बना रहा है। साथ ही उसने श्रीलंका के हंबनटोटा को 99 साल की लीज़ पर ले लिया है। ये बंदरगाह चीन को हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी नौसैनिक पहुँच और प्रभाव बढ़ाने में मददगार हैं।

2010 के अंत से ही, श्रीलंका, म्यांमार और मालदीव जैसे रणनीतिक महत्त्व के देशों के आस-पास के एरिया में चीन जासूसी जहाजों को तैनात कर रहा है, हालांकि वह कहता रहा है कि यह समुद्री रिसर्च के लिए तैनात किए गए जहाज़ हैं। वे समुद्र पर प्रभुत्व के लिए अपनी नौसैनिक क्षमताओं को मजबूत करने के चीन के व्यवस्थित प्रयासों के साथ-साथ अपनी समुद्री क्षमताओं को मजबूत करते हुए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपने प्रभाव का विस्तार करने के देश के प्रयास पर प्रकाश डालते हैं। विशेष रूप से ध्यान देने योग्य बात यह है कि चीन के पास दोहरे उद्देश्य वाले नागरिक अनुसंधान जहाजों के दुनिया के सबसे बड़े बेड़े का कब्ज़ा है, जो स्पष्ट रूप से वैज्ञानिक और वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए तैनात किया गया है, लेकिन इसके व्यापक रणनीतिक उद्देश्यों के साथ भी जुड़ा हुआ है।

हाल ही में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और चीन के बीच मतभेद सीमा विवाद से कहीं आगे तक जाते हैं। यह निर्विवाद रूप से हिंद महासागर क्षेत्र तक विस्तृत है। पिछले साल सितंबर में, विदेश मंत्री ने कहा था, चीनी नौसेना के आकार और हिंद महासागर क्षेत्र में तैनाती में बहुत तेज वृद्धि हुई है। भारतीय दृष्टिकोण से, हमारे लिए तैयारी करना बहुत उचित है। हमने पहले की तुलना में कहीं अधिक बड़ी चीनी उपस्थिति देखी है।

चीन के बढ़ते नौसैनिक प्रभाव के बीच बड़ा सवाल ये है कि चीनी नौसेना भारत के लिए कितना बड़ा ख़तरा है और उसके मुक़ाबले भारतीय नौसेना कहां खड़ी है?

पीएम मोदी और जेलेंस्की के बीच हुई वार्ता, भारत-यूक्रेन ने इन 4 समझौतों पर किए हस्ताक्षर*
#important_talks_between_pm_modi_and_zelensky
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों यूरोप में हैं। वह 21 और 22 अगस्त को दो दिवसीय पोलैंड यात्रा पर राजधानी वारसॉ में थे। इसके बाद पीएम मोदी ट्रेन से युद्धग्रस्त यूक्रेन पहुंचे। यूक्रेन में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से वार्ता की। जिसके बाद भारत और यूक्रेन ने 4 अहम एमओयू (समझौता ज्ञापन) साइन किए हैं।पहला एमओयू भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और यूक्रेन के मंत्री के बीच मानवीय मदद को लेकर किया गया है। अन्य तीन एमओयू भारत सरकार के सचिवों और यूक्रेन सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों ने साइन किए हैं।पहले एमओयू में मानवीय मदद, दूसरे में एग्रीकल्चर, फूड और तीसरे एमओयू में कल्चरलर कोऑपरेशन को स्थान दिया गया है।चौथा एमओयू मेडिसिन एंड ड्रग को लेकर साइन किया गया है। यूक्रेन के राष्‍ट्रपति ने पीएम मोदी के साथ मुलाकात के बाद कहा कि मेरी भारतीय प्रधानमंत्री से गर्मजोशी भरी मुलाकात हुई। इस मुलाकात के दौरान मैंने रूसी हमले में मारे गए बच्‍चों को याद किया। उन्‍होंने कहा, 'हर देश में बच्‍चों को सुरक्षित जीने का अधिकार है। हमें इसे निश्‍चित रूप से संभव बनाना होगा।' *भारत और यूक्रेन संबंधों के लिए ऐतिहासिक दिन- पीएम मोदी* पीएम मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से द्विपक्षीय वार्ता के दौरान कहा, मैं आपको (राष्ट्रपति जेलेंस्की को) मेरे और मेरे प्रतिनिधिमंडल के गर्मजोशी से स्वागत के लिए धन्यवाद देता हूं। आज भारत और यूक्रेन संबंधों के लिए एक बहुत ही ऐतिहासिक दिन है। भारत का कोई प्रधानमंत्री पहली बार यूक्रेन आया है जो अपने आप में एक ऐतिहासिक घटना है। कल आपका राष्ट्रीय दिवस है और हम आपको इसके लिए बधाई देते हैं। हम (यूक्रेन में) शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। *भारत शांति के प्रयास में भूमिका निभाने को तैयार- पीएम मोदी* जेलेंस्की से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने कहा, समाधान का रास्ता बातचीत और डिप्लोमेसी से निकलता है। हमें बिना समय गंवाए उस दिशा में बढ़ना चाहिए। बच्चों की शहादत की जगह को देखकर मेरा मन भरा हुआ है। मैं विशेष रूप से आपसे शांति को लेकर चर्चा करना चाहता हं। मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं कि शांति के हर प्रयास में भारत अपनी सक्रिया भूमिका निभाने के लिए तैयार है। अगर इसमें कोई योगदान हो सकता है तो एक मित्र के रूप मैं जरूर करना चाहूंगा। *भारत कभी तटस्थ नहीं रहा, हमने हमेशा शांति का पक्ष लिया-पीएम मोदी* पीएम मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से कहा कि जब युद्ध के शुरुआती दिन थे तो यूक्रेन ने भारतीय नागरिकों और छात्रों को निकालने में मदद की थी। संकट के इस समय में आपकी मदद के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं। दुनिया यह अच्छी तरह से जानती है कि युद्ध के दौरान हमने दो भूमिकाएं निभाईं। पहली भूमिका मानवीय दृष्टिकोण की थी। मानवीय दृष्टिकोण से चाहे जो भी आवश्यकता हो भारत हमेशा आपके साथ खड़ा रहेगा और दो कदम आगे रहेगा। भारत कभी तटस्थ नहीं रहा। हमने हमेशा शांति का पक्ष लिया।
शरद पवार को जेड प्‍लस क्‍यों दी गई, क्या महाराष्ट्र की सियासत लेने वाली है करवट?

#sharad_pawar_z_plus_security_maharashtra_election

महाराष्‍ट्र में अगले महीनों में चुनाव होने जा रहे हैं । इससे पहले केन्द्र की मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने राकांपा-एसपी के प्रमुख शरद पवार को जेड-प्लस सुरक्षा देने का फैसला किया। बुधवार अचानक खबर आई कि केंद्र सरकार ने शरद पवार को जेड प्‍लस सिक्‍योरिटी देने का फैसला ले लिया है। यह अतिविशिष्ट व्यक्ति (वीआईपी) को दी जाने वाली सर्वोच्च श्रेणी की सुरक्षा है। इस खबर ने सबको चौंकाया। जाहिर है कि ये सवाल बनता था कि महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव के ऐन पहले केंद्र ने ऐसा फैसला क्‍यों किया?

भले ही केंद्रीय एजेंसियों की ओर से खतरे के आकलन की समीक्षा के आधार पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ से शरद पवार को जेड प्लस सिक्योरिटी कवर देने को कहा है। हालांकि, महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।उससे ठीक पहले केन्द्र की ओर से उठाए गए इस कदम के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।

अब जेड-प्लस सुरक्षा मिलने पर शरद पवार ने खुद ही सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि ‘मुझे कुछ नहीं पता, मुझे क्यों सुरक्षा दी गई। इसी के साथ उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि आखिर सरकार को उनकी अतिरिक्त सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत क्यों पड़ी? हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि चुनाव सामने है इसलिए सुरक्षा मिलनी भी चाहिए। शरद पवार ने इसी के साथ अतिरिक्त सुरक्षा देने के फैसले पर निशाना भी साधा है। उन्होंने कहा कि राज्य में चुनाव होने वाला है, हो सकता है मेरे बारे में आधिकारिक सूचना प्राप्त करना चाहते होंगे इसलिए मेरी सुरक्षा बढ़ाई गई है। उन्होंने बताया कि यह मेरे बारे में प्रामाणिक जानकारी हासिल करने का प्रमुख जरिया हो सकता है।

बता दें कि पांच साल पहले 2019 में बीजेपी से अलग महाविकास आघाड़ी की सरकार बनवा कर शरद पवार ने साबित कर दिया था कि महाराष्ट्र की राजनीति में तो उनकी ही चलती है। यही नहीं, लोकसभा चुनाव के नतीजे भी तो यही बता रहे हैं कि सब कुछ गंवा देने के बावजूद महाराष्ट्र की राजनीति के असली रिंग-मास्टर वही हैं।

लोकसभा चुनाव 2024 में महाराष्ट्र की 48 सीटों में बीजेपी 9 सीटों पर जीती। गठबंधन की सहयोगी एनसीपी (अजित पवार गुट) ने एक सीट जीती। शिवसेना (शिंदे गुट) को 7 सीटों पर जीत मिली। इंडिया ब्लॉक में शामिल कांग्रेस ने 13 और शिवसेना (उद्धव गुट) ने 9 सीटों पर जीत दर्ज की। एनसीपी शरद चंद्र पवार ने 8 सीटों पर जीत हासिल की। सांगली सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार जीता।

शरद पवार विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी का हिस्सा हैं, इसमें राकांपा-एसपी के अलावा शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस भी शामिल हैं। वहीं, दूसरी तरफ भाजपा, शिवसेना और राकांपा एकसाथ विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। महाराष्ट्र में इस साल अक्तूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने वाला है। 2019 की तरफ इस बार भी शरद पवार महाविकास आघाड़ी में शरद पवार किंगमेकर की भूमिका में बने हुए हैं। अगर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे भी लोकसभा जैसे आये, फिर तो शरद पवार ही तय करेंगे कि किसे किंग बनाना है, और किसे नहीं।

अब इस एक्ट्रेस ने खोला फिल्म इंडस्ट्री का 'काला सच', सुनाई आपबीती, कहा- यहां भी खूब होता है यौन शोषण, इंडस्‍ट्री में एक्‍ट्रेसेस की हालत बदतर

इन दिनों मलयालम फिल्म इंडस्ट्री अपने ‘काले-कारनामों’ को लेकर सुर्खियों में बनी हुई है। इस बीच साउथ फिल्म इंडस्ट्री भी सवालों के कटघरे में खड़ी नजर आ रही है। इंडस्ट्री की एक फेमस एक्ट्रेस ने एक ऐसा बयान दिया है, जिससे तमिल फिल्म इंडस्ट्री भी चर्चा में आ गई है। 

दरअसल, हम जिसकी बात कर रहे हैं वो कोई और नहीं बल्कि साउथ की मशहूर एक्ट्रेस सनम शेट्टी हैं। सनम का पूरा नाम सनम प्रसाद शेट्टी है और वो ना सिर्फ तमिल बल्कि तेलुगु और मलयालम फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं। बता दें कि सनम साल 2020 में रियलिटी शो बिग बॉस 4 तमिल में भी नजर आई थीं। हाल ही में जस्‍ट‍िस हेमा कमेटी की रिपोर्ट आई, जिस पर सनम शेट्टी ने भी अपना रिएक्शन साझा किया।

इस दौरान सनम ने दावा किया कि तमिल फिल्म इंडस्ट्री में ना सिर्फ महिलाओं बल्कि पुरुषों का भी यौन शोषण होता है। गौरतलब है कि कोलकाता रेप और मर्डर केस को लेकर सनम एक रैली का आयोजन करना चाहती हैं, जिसके लिए परमिशन लेने के लिए वो कमिश्नर ऑफिस गई थी। इस दौरान एक्ट्रेस ने मीडिया से बात करते हुए इसका खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि हेमा कमेटी की रिपोर्ट के बारे में तो मैं ज्यादा नहीं जानती, लेकिन मैं इसका दिल से स्वागत करती हूं।

अब इसी बीच तमिल फिल्‍मों की एक्‍ट्रेस सनम शेट्टी ने कॉलीवुड पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। सनम का कहना है कि तमिल फिल्‍मों की दुनिया में भी महिलाओं का खूब उत्‍पीड़न होता है और वो जो भी कह रही हैं, अपने अनुभवों से कह रही हैं। सनम शेट्टी तमिल फिल्‍मों की जानीमानी एक्‍ट्रेस हैं। वह 'बिग बॉस तमिल' की भी कंटेस्‍टेंट रह चुकी हैं। सनम ने दावा किया कि तमिल फिल्‍म उद्योग में सिर्फ महिलाओं का ही नहीं, पुरुषों का भी यौन शोषण किया जाता है। मंगलवार को एक्‍ट्रेस चेन्नई पुलिस आयुक्त कार्यालय के बाहर जस्‍ट‍िस हेमा कमेटी की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दे रही थीं।

 

ये एक अच्छी पहल है। उन्होंने कहा कि काम के लिए एडजस्‍ट या कॉम्‍प्रोमाइज करना ही आखिरी रास्ता नहीं है। अगर आपको खुद पर भरोसा है, तो सही समय आने का इंतजार करें। सनम ने आगे कहा कि ये ऐसी इंडस्ट्री है, जहां सिर्फ महिलाओं ही नहीं बल्कि पुरुषों का भी शोषण होता है। हालांकि यहां सभी लोग बुरे नहीं हैं, कुछ अच्छे लोग भी हैं।

इंदौर के महू में हुआ दर्दनाक हादसा, देर रात गिरी निर्माणाधीन फार्म हॉउस की छत, 5 मजदूरों की दर्दनाक मौत

 मध्य प्रदेश के इंदौर के महू के कोरल गांव में देर रात एक बड़ा हादसा हो गया, जिसमें एक निर्माणाधीन फार्महाउस की छत गिर गई। इस हादसे में 4-5 मजदूर मलबे के नीचे दब गए। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। शुरुआत में जेसीबी की अनुपस्थिति के कारण मजदूरों को निकालने में कठिनाई आई, लेकिन बाद में जेसीबी मौके पर पहुंच गई और बचाव कार्य शुरू किया गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, सभी मजदूर छत के नीचे सो रहे थे। इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि मलबे के नीचे 6 मजदूर दबे हैं, जिनमें से एक शव निकाला गया है। ग्रामीण एसपी हितिका वासल के अनुसार, अब तक 5 शव निकाल लिए गए हैं और मलबा हटाने का कार्य जारी है। यह भी पता चला है कि मलबे के नीचे दबे मजदूरों की संख्या अधिक हो सकती है। रिपोर्ट्स के अनुसार, फॉर्म हाउस पर अवैध निर्माण कार्य किया जा रहा था, और इस संदर्भ में जिम्मेदार अधिकारियों पर सवाल उठ रहे हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि हादसे में आधा दर्जन से अधिक मजदूरों की मौत की आशंका है, हालांकि पुलिस ने अभी तक किसी की मौत की पुष्टि नहीं की है। खबरों के अनुसार, मजदूरों को किसी ठेकेदार के माध्यम से मध्य प्रदेश के बाहर से लाया गया था। छत पर लोहे के एंगलों के साथ काम किया जा रहा था। छत गिरने के बाद सिमरोल पुलिस भी मौके पर पहुंच गई है और बड़े पैमाने पर बचाव कार्य जारी है। 

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सभी मजदूरों की मौत हो चुकी है और छत अभी भी मलबे पर पड़ी हुई है। छत दो-तीन दिन पहले डाली गई थी। ग्रामीण एसपी रूपेश द्विवेदी ने कहा कि मलबे को हटाने के लिए 3-4 क्रेन की आवश्यकता होगी, और फिलहाल एक क्रेन मौके पर है। अन्य बचाव दल भी घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं। इस घटना में हाइड्रा, 2 जेसीबी और 1 पोकलेन शामिल है, और एसडीएम चरणजीत सिंह हुड्डा भी मौके पर मौजूद हैं। फॉर्म हाउस पर अलग-अलग कॉटेज बनाए जा रहे थे, और एक कॉटेज के नीचे सभी मजदूर सो रहे थे जब छत गिरी।

आखिर क्यों 23 अगस्त को ही भारत मना रहा है अंतरिक्ष दिवस? डिटेल में जानिए इस दिन का महत्व

भारत 23 अगस्त 2024 को अपना पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाने जा रहा है। यह दिन अंतरिक्ष एवं वैमानिकी के क्षेत्र में मिली एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के सम्मान के रूप में मनाया जाएगा। यह आयोजन देश के अंतरिक्ष अन्वेषण इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा तथा युवाओं को अंतरिक्ष विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में प्रेरित करने का प्रयास करेगा।

चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग

23 अगस्त 2023 को, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रमा पर विक्रम लैंडर की सफल लैंडिंग के साथ एक बड़ी सफलता हासिल की। इस मिशन ने भारत को चांद पर उतरने वाला चौथा देश बना दिया और दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के पास उतरने वाला पहला देश भी बना।

विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर

चंद्रयान-3 मिशन को श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया। विक्रम लैंडर तथा प्रज्ञान रोवर ने चंद्र सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की, जो भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण प्रयासों में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

चंद्रयान-3 ने भारत की क्षमताओं को प्रदर्शित किया

चंद्रयान-3 मिशन की कामयाबी ने न सिर्फ अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत की बढ़ती क्षमताओं को दर्शाया, बल्कि अंतरिक्ष अन्वेषण में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व को भी उजागर किया।