17 दिन के बाद भी पीएम रिपोर्ट तक नहीं मंगा पाई है कौंधियारा पुलिस
विश्वनाथ प्रताप सिंह, प्रयागराज। यमुनानगर के कौंधियारा थाना क्षेत्र स्थित जारी निवासी वरिष्ठ पत्रकार एवं अधिवक्ता राजेंद्र प्रताप सिंह, जो पिंटू सिंह पत्रकार के नाम से क्षेत्र में सच्चे और इमानदारी पत्रकारिता के लिए जाने और मानें व पहचानने जाते थे। उनकी कलम की धार से अपराधियों, अवैध कारोबारियों और भ्रष्ट अफसरों में हमेशा खलबली मची रहती थी। वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र प्रताप उर्फ पिंटू सिंह बीते 13 जुलाई 2024 को नारीबारी क्षेत्र से समाचार संकलन कर लगभग साढे आठ बजे रात्रि प्रहार अपने घर की ओर बाइक द्वारा जा रहे थे। जैसे ही वह राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर मैदा रोड के समीप कौंधियारा थाना क्षेत्र इलाके में पहुंचे तो उनका शरीर सड़क पर गंभीर हालत में बरामद हुआ था।
बताया जाता है कि एक कार ने वरिष्ठ पत्रकार को जोरदार टक्कर मारते हुए फरार हो गई। परिजन व अन्य लोगों ने वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र प्रताप उर्फ पिंटू सिंह के गंभीर घायल शरीर को जारी बाजार स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में प्राथमिक उपचार के बाद रात्रि प्रहर में प्रयागराज के पार्वती हॉस्पिटल में दाखिल कराया। जहां तीन दिन के बाद गंभीर हालत में लखनऊ स्थित केजीएमयू में रेफर कर दिया गया जहां। पांच दिन के बाद इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई 21 जुलाई को हो गया। कागजी कोरम को पूरा करते हुए पुलिस ने ट्रामा सेंटर में शव का पोस्टमार्टम कराया। उसके बाद मृतक वरिष्ठ पत्रकार की पत्नी की तहरीर पर 31 जुलाई को कौंधियारा थाने में मुकदमा अपराध संख्या 147/24 के तहत नए कानून के अंतर्गत बीएनएस एक्ट धारा 103 (1) के अंतर्गत जारी बाजार निवासी विकास गुप्ता उर्फ शालू पुत्र छोटेलाल जो कपड़ा व्यवसायी हैं और दूसरे जो शराब व्यवसायी बताए जाते हैं।
विष्णु गुप्ता पुत्र माखन लाल निवासी लोटार, जारी के रहने वाले हैं। उक्त दोनों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया। लगभग 17 दिन बीत चुके हैं कौंधियारा थाने की तेज तर्रार पुलिस के हाथ अब तक आरोपी बनाए गए वांछित आरोपियों को गिरफ्तार करना तो दूर, सुराग तक हासिल नहीं कर पाए हैं। इतना ही नहीं घटना में शामिल कार को भी बरामद नहीं कर पाए हैं। साथ ही पीएम रिपोर्ट तक नहीं मांगा पाए हैं। इस संबंध में कौंधियारा थाना प्रभारी गणेश तिवारी का कहना है कि आरोपी फरार चल रहे हैं और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए दबिश दी जा रही है। पीएम रिपोर्ट अभी तक ट्रामा सेंटर से लखनऊ से नहीं आ पाया है। वहीं दूसरी तरफ 17 दिन के बाद भी आरोपियों का कोई सुराग और गिरफ्तारी न होने से क्षेत्र में पुलिस की कार्य प्रणाली को लेकर कई तरह की चर्चाएं विषय का केंद्र बना हुआ है। बता दें कि उस समय आला अफसरों ने आश्वासन दिया था कि जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार कर विधि कार्रवाई की जाएगी, लेकिन 17 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस हाथ पर हाथ रखे बैठी हुई है और आरोपी बनाए गए वांछित आरोपियों को नहीं पकड़ पाई है।
Aug 19 2024, 19:16