कवि सम्मेलन में बही काव्य रसधार
अमेठी। स्थानीय ब्लॉक के गायत्री नगर में मंगलवार को कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। कवि सम्मेलन में कवियों ने चंद्रशेखर आजाद जी को अपनी कविताओं से श्रद्धासुमन समर्पित किए।
मंगलवार शाम को गायत्री मंदिर परिसर में ब्राह्मण स्वाभिमान एकता मंच के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिरुद्ध मिश्र द्वारा चंद्रशेखर आजाद जी की जयंती पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन में अनेक कवि और कवयित्रियों ने अपनी कविताओं से सभी को भावविभोर कर दिया।
कवि सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य अतिथि समाजसेवी और ब्राह्मण स्वाभिमान एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित दिनेश तिवारी ने माता सरस्वती और चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन और माल्यार्पण करके किया। कार्यक्रम के संयोजक डा. केशरी शुक्ला और आयोजक अनिरुद्ध मिश्र ने मुख्य अतिथि का माल्यार्पण और अंगवस्त्र भेंट करके स्वागत किया। मुख्य अतिथि ने कार्यक्रम में उपस्थित पूर्व सैनिकों को भी अंगवस्त्र भेंट करके उनका सम्मान किया।
कवि सम्मेलन का शुभारंभ वरिष्ठ गीतकार सुरेश शुक्ल नवीन ने वाणी वंदना के द्वारा किया। वीर रस के कवि अभिजित त्रिपाठी की पंक्तियों स्वतंत्रता का था महाव्रती, मौत से भी वो नहीं डरा। वीर लाडला जगरानी का आजाद जिया, आजाद मरा। पर पूरा पांडाल तालियों से गुंजायमान हो उठा। कवयित्री डा आशा गुप्ता ने श्रृंगार रस की कविताओं के द्वारा लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कवि एवं पत्रकार सुधीर रंजन द्विवेदी ने अपनी अवधी कविता हम नेता नहीं दलाल अही के द्वारा राजनीति पर व्यंग्य किया। कवयित्री अर्चना ओजस्वी की पंक्तियों मैं बेटी भारत माता की, मुझको समझो कमजोर नहीं। के द्वारा नारी सशक्तीकरण पर बल दिया।
कवि अनिरुद्ध मिश्र ने अपनी पंक्तियों कोई सम्राट बनने से नहीं है धन्य हो जाता, वही है धन्य जो निज देश हित बलिदान देता है। के द्वारा वीर बलिदानियों को नमन किया। गीतकार डा केसरी शुक्ला की पंक्तियों यूँ आजाद नहीं बन जाते कुछ दंगों और धरनों से। मातृभूमि हित बलिदानी को पागल होना पड़ता है। ने चंद्रशेखर आजाद के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। शायर शिव भानु कृष्णा की पंक्तियों आपके ब्याह में मैं नहीं आऊँगा। पर लोगों ने खूब तालियां बजाई।
इसके अतिरिक्त कवयित्री सरिता भालोठिया, कवि रामेश्वर सिंह निराश, राजेन्द्र शुक्ल अमरेश, सुरएश शुक्ल नवीन, दिवस प्रताप सिंह, जगदम्बा तिवारी, ज्ञानेंद्र पाण्डेय, रामबदन शुक्ल पथिक आदि ने भी काव्यपाठ प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दिनेश तिवारी ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद आजादी के महानतम नायक थे। वो परतंत्रता के काल में भी आजाद रहे और लोगों को आजादी प्राप्त करने के लिए संघर्ष हेतु प्रेरित किया। इस अवसर पर भूपेंद्र मिश्र, मनोज तिवारी, यतेन्द्र प्रताप त्रिपाठी, डा त्रिवेणी सिंह, अमित तिवारी, गिरजा शंकर शुक्ल आदि उपस्थित रहे।
Jul 25 2024, 19:56