सम्पादकीय: पटना में छात्र हर्षराज की हत्या से पुलिस,सरकार के साथ कॉलेज प्रशासन भी कटघड़े में, इस तरह की घटना पर शख्त कार्रवाई की है जरूरत
विनोद आनंद
पटना विश्वविधालय के लॉ कॉलेज के थर्ड ईयर का छात्र हर्ष राज की हत्या कॉलेज परिसर में पीट पीट कर ,कर दी जाती है।वह बीएन कॉलेज में परीक्षा दें रहा था।परीक्षा देकर ज्योहीं कक्षा से बाहर निकला कि कॉलेज परिसर में घात लगाए कुछ लोगों ने उनपर हमला कर दिया।
ईट और लाठी से पीट पीट कर उसे बेहोश कर दिया। उसे इतने बेरहमी से पीटा गया कि अस्पताल जाते -जाते उसने दम तोड़ दिया।
इस हत्याकांड ने बिहार की शासन व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है। जिस तरह परीक्षा के दौरान कॉलेज परिसर में पीट पीट कर हत्या कर दी गयी। ना तो कॉलेज प्रशासन द्वारा उस छात्र को बचाने का प्रयास किया गया और नही स्थानीय पुलिस को सूचना देकर उस छात्र की जीवन रक्षा की गई।इस मामले में सरकार, पुलिस व्यवस्था के साथ कॉलेज के प्रचार्य,विश्वविधालय के उप कुलपति भी दोषी है।और अपराधियों के साथ साथ इन पर भी कार्रवाई की जरूरत है।
हालांकि राज्यपाल ने इसे सज्ञान में लिया है और पटना विश्वविद्यालय के उप कुलपति को तलब किया गया है। लेकिन आंदोलित छात्रों की मांग है कि इनपर भी कार्रवाई हो।प्रचार्य और भी सी को बर्खास्त किया जाए और दोषी हत्यारा को फांसी की सजा मिले।इस मामले में पुलिस ने चंदन यादव को गिरफ्तार किया है,जिसे मुख्य आरोपी बताया जा रहा है।
यूं तो बिहार में हत्या और हत्यारा को खुले आम पुलिस पकड़ से बाहर घूमना कोई नई बात नही है। इसके पूर्व भी कवि कुमार नामक छात्र की हत्या कॉलेज परिसर में हो चुकी है।उसे गाड़ी से कुचल कर मार डाला गया था।
बेगूसराय के बखरी निवासी कवि कुमार की हत्या पटना के बोरिंग रोड स्थित एएन कॉलेज के कैंपस में अपराधियों ने स्कॉर्पियो गाड़ी से कुचल कर की थी।
एएन कॉलेज कैंपस के अंदर ही श्री कृष्णापुरी थाना भी है। थाने से कुछ ही दूर पर यह हत्या हुई थी।इस हत्या के बाद बेगूसराय से लेकर पटना तक छात्र कवि कुमार को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन करते रहे, लेकिन, कवि कुमार हत्याकांड में भी कुछ नहीं हुआ।जबकि पुलिस के पास सीसीटीबी फुटेज है,स्कार्पियो भी बरामद हुआ पर हत्यारा आजाद है।
हालांकि अभी चुनाव का समय है आचार सहिंता लागू है इस लिए पुलिस ने तत्परता दिखलायी और चंदन यादव गिरफ्तार हुए लेकिन पुलिस नीतीश सरकार के शासनकाल में इस घटना में संलिप्त और अपराधियों को पकड़ पाती है और उसे कठोर से कठोर सजा दिला पाती है या कवि कुमार के तरह इसे भी ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है यह तो बक्त बताएगा।
कवि कुमार हो या हर्ष राज की हत्या बिहार के पुलिस व्यवस्था के साथ ही सरकार भी कटघडे में है।
क्योंकि गिरफ्तार चंदन कुमार महागठबंधन के उम्मीदवार का प्रचार करते देखे गए।कम्युनिष्ट संघटन से जुड़ा हुआ है।इस लिए पुलिस को यह अनुसंधान करना पड़ेगा कि हर्षराज की हत्या का कारण क्या है,इसके पीछे कहीं और तार तो नही जुड़े हुए हैं।और इन विन्दुओं पर पुलिस कितना ईमानदारी से काम कर पायेगी यह तो समय बताएगा।लेकिन नीतीश सरकार इस तरह की घटना के बाद पुलिस को शक्त हिदायत दे तो शायद दोषी को सजा मिल सकती है।
आज 5 माह गुजर गए कवि कुमार के पिता को अपने बेटे की हत्यारे को पकड़े जाने की उम्मीद नही रही।इसी तरह पत्रकार अजीत कुमार को अपने बेटा हर्षराज को न्याय मिल पायेगा इस पर संशय है।
हर्षराज ने लोजपा प्रत्याशी शांभवी के लिए प्रचार भी किया था।उसे वह अपना बहन मानता है इस ख्याल से इस मामले में सरकार में शामिल भाजपा को सज्ञान लेकर अपराधी को कठोर सजा मिले इसके लिए पहल करना चाहिए।साथ ही प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी की भी यह कोशिश होनी चाहिए कि कोई भी हो किसी भी पार्टी का हिस्सा हो इस तरह के अपराध करने वाले को कठोर सजा मिले।इसके लिए उन्हें भी सरकार पर दवाब बनाना चाहिए।
आज बिहार ने इसी अपराध और आतंक के कारण बहुत कुछ खोया है।देश भर में अपना छवि बिगड़ा, शिथिल पुलिस व्यवस्था,सरकारी ऑफिस में भ्रष्ट कर्मचारी,अपराधियों का आतंक,जैसे कारण है कि बिहार में कोई निवेशक यहां उधोग नही लगाना चाहता। लोगों को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ता है।
इसलिए अपराध पर नियंत्रण के लिए ऐसे अपराधी जिस से राज्य में आतंक बढ़ता है, वह किसी भी जाति वर्ग, पार्टी या संघठन से जुड़ा हो उसे नही बख्सा जाना चाहिए।
Jul 16 2024, 09:53