अगर रात में सोते वक्त बार बार बदलते है करवटें,बार-बार खुल जाती है नींद, तो आइए जानते है इसके पीछे की वजह
दिल्ली:- हमलोग जानते है कि जल्दी सोना और जल्दी जागना स्वस्थ जीवन की निशानी है। जल्दी सोने से और जल्दी सुबह उठने से हम हर कार्य समय पर करते है क्योंकि आजकल के टाइम में इंसान इतना व्यस्त रहता है खुद के लिए टाइम नहीं होता और अपने आप पर ध्यान नहीं दे पाता इसलिए टाइम से सोने और टाइम से जागने से सारा रूटिंग सही रहता है।
दिनभर के स्ट्रेस और थकान को दूर करने के लिए रात में सुकून की नींद पाना काफी ज्यादा जरूरी होता है। अगर आप, कम से कम 7-8 घंटे की नींद नहीं ले रहे हैं, तो ये खतरे की घंटी हो सकती है। वैसे तो, बार-बार आंख खुलना और करवटें बदलना आज के लाइफस्टाइल में काफी कॉमन है, लेकिन कई लोग इसके पीछे की असल वजह से अनजान रहते हैं। अच्छी और गहरी नींद के लिए तरह-तरह के तरीके अपनाना अपनी जगह है, लेकिन इसकी वजह को समझना सबसे जरूरी है। आइए जानते हैं बार बार नींद खुलने के कारण।
सोशल मीडिया
इंटरनेट पर हर वक्त एक्टिव बने रहना भी नींद को प्रभावित करता है। बता दें, कि मोबाइल की रोशनी आंखों पर पड़ने से बॉडी में मेलाटोनिन और स्लीप हार्मोन का प्रोडक्शन बाधित होता है, जो खराब नींद के तौर पर देखने को मिलता है।
दवाओं के साइड-इफेक्ट्स
गहरी नींद न आने के पीछे कई बार दवाओं के साइड इफेक्ट्स भी जिम्मेदार हो सकते हैं। एंटी-डिप्रेसेंट्स, ड्यूरेटिक्स, बीटा-ब्लॉकर या खांसी-जुकाम के लिए ली जाने वाली दवाएं भी नींद में खलल डालने का काम करती हैं।
इन्सोम्निया
स्लीप डिसऑर्डर इन्सोम्निया के कारण भी नींद में बाधा पैदा होती है, जिससे आपको दिनभर थकावट महसूस होती है। बार-बार नींद खुलना, नींद न आना और करवटें बदलते रहना इसी के लक्षणों में गिना जाते हैं।
थायराइड
अगर आप थायराइड के पेशेंट हैं, तो ये भी खराब नींद के पीछे की वजह हो सकती है। बता दें, कि इस बीमारी में हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं, जिनका असर स्लीपिंग शेड्यूल पर भी साफ नजर आता है। ऐसे में, एड्रेनालाईन हार्मोन के स्तर में इजाफा होता है और नींद की कमी देखने को मिलती है।
Jul 06 2024, 10:20