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भूपेश तो कहते थे शराब घोटाला नही हुआ अब आरोपी नकली होलोग्राम की बात स्वीकार कर चूके है : केदार कश्यप

रायपुर-   छत्तीसगढ़ के वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा है कि लोकसभा में मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के सांसद संतोष पांडेय द्वारा महादेव एप का जिक्र किए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बिफरना चोर की दाढ़ी में तिनका की कहावत की पुष्टि करने के लिए पर्याप्त है। कश्यप ने इस भाषण के लिए बघेल द्वारा भाजपा सांसद पांडेय के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की धमकी को निरा हास्यास्पद व बघेल के संसदीय प्रक्रिया के अल्पज्ञान का परिचायक बताया।

प्रदेश के वन मंत्री कश्यप ने कहा कि बघेल पाँच साल मुख्यमंत्री रहे हैं और फिर भी संसदीय प्रक्रिया को भूल रहे हैं, यह विडम्बना ही है। दरअसल, समूची कांग्रेस के राजनीतिक चरित्र का संसदीय गरिमा और मर्यादा से दूर-दूर तक वास्ता नहीं रहा है, इसलिए बघेल अपने अल्पज्ञान का परिचय दे रहे हैं। कश्यप ने कहा कि बघेल को फिर भी इतना सामान्य ज्ञान तो होना ही चाहिए कि संसद के भीतर कहे गये किसी भाषण के लिये बाहर कारवाई नहीं हो सकती। अगर कहीं ऐसा संभव होता तो राहुल गांधी हमेशा जेल में ही रहते। भाजपा सांसद पांडेय ने संसद में किसी का नाम नहीं लिया है, और पूर्व मुख्यमंत्री तो कांग्रेस के भी और भी रहे हैं, लेकिन भूपेश बघेल द्वारा पांडेय के कथन को स्वयं पर लेना चोर की दाढ़ी में तिनका ही है। कश्यप ने कहा कि न केवल महादेव एप, बल्कि शराब समेत अन्य तमाम घोटाले में किंगपिन किसे कहा गया है, पॉलिटिकल मास्टर कौन है, यह किसी से छिपा थोड़े है! कोर्ट ने भी प्रथम दृष्टया मान लिया है कि तब के मुख्यमंत्री की उप सचिव दोषी हैं। गूगल पर केवल 508 करोड़ टाइप करते ही समझ जायेंगे कि कौन सरग़ना और प्रोटेक्शन मनी खाने वाला है?

प्रदेश के वन मंत्री कश्यप ने कहा कि शराब घोटाले में भी भूपेश बघेल कहते थे कि इसमें तानाशाही हो रही है, सरकार को बदनाम करने की कोशिश हो रही है। पर अब शराब घोटाले के जो आरोपी हैं और जो गिरफ्तार हुए हैं, उन्होंने बता दिया है कि हम नकली होलोग्राम बनाते थे। सौम्या चौरसिया, जो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव रही है, उसको आज तक जमानत नहीं मिली है। कश्यप ने कहा कि भूपेश बघेल ही इन घोटालेबाजों के संरक्षक हैं, महादेव एप घोटाला भी उनका, शराब घोटाला भी उनका और कोयला घोटाला भी उनका। कश्यप ने कहा कि घोटालेबाज जो हैं, उनके बारे में विषय उठाने बहुत जरूरी हैं, छत्तीसगढ़ की जनता के हित में है और बघेल अब जो यह प्रपंच रच रहे हैं, यह पाखंड बघेल का विधानसभा चुनाव में फेल हो गया और जनता ने भी भूपेश सरकार को खारिज कर दिया।

मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस से की सौजन्य मुलाकात

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस से राजधानी रायपुर स्थित उनके निवास में सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री साय ने राज्यपाल श्री बैस को पुष्पगुच्छ और शॉल भेंटकर उनका अभिवादन किया और उनसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा भी उपस्थित रहे।

छत्तीसगढ़ को पर्यटन के क्षेत्र में पहचान दिलाने की बृजमोहन अग्रवाल के प्रयासों को केंद्र से मिली मंजूरी

रायपुर-  पूर्व पर्यटन एवं संस्कृति, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री एवं वर्तमान में रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल के छत्तीसगढ़ को आस्था का केंद्र और धार्मिक पर्यटन के रूप में विश्व में पहचान दिलाने के प्रयासों के बाद केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने राज्य सरकार को पत्र जारी किया है।

निदेशक , पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार रोशन एम थॉमस ने पत्र जारी करते हुए जानकारी दी है कि, राजिम में राजीव लोचन कॉरिडोर निर्माण, रायपुर के पुरखौती मुक्तांगन में कन्वेंशन सेंटर निर्माण, सिरपुर स्थित बागेश्वरी मंदिर का जीर्णोद्धार को 'PRASAD' योजना के तहत स्वीकृति प्रदान की गई है साथ ही पांच प्रमुख शक्तिपीठों रतनपुर में महामाया, चंद्रपुर में चंद्रहासनी, डोंगरगढ़ में बम्लेश्वरी, दंतेवाड़ा में दंतेश्वरी देवी और सूरजपुर स्थित कुदरगढ़ मंदिर के विकास और उनको जोड़ने के लिए भी केंद्र से स्वीकृति प्रदान की है।

पत्र के अनुसार मंत्रालय, पर्यटन के क्षेत्र में आधारभूत संरचना के लिए "तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक विरासत संवर्धन अभियान (प्रशाद)" और "स्वदेश दर्शन" के तहत आर्थिक सहयोग प्रदान करता है। जिसके लिए डोंगरगढ़ स्थित बमलेश्वरी माता मंदिर को पहले ही 48.44 करोड़ रुपए प्रदान किए जा चुके हैं। साथ ही सूरजपुर स्थित कुदरगढ़ मंदिर और जशपुर-कुनकुरी- मैनपाट कमलेशपुर- महेशपुर - कुरदार सरोधादादर -गंगरेल -कोंडागांव नथियानवागांव - जगदलपुर चित्रकोट, तीरथगढ़, के विकास के लिए 96.10 करोड़ रुपए स्वीकृत किए जाने की जानकारी दी गई है। इसके अलावा स्वदेश दर्शन2.0 के तहत 2 अन्य गंतव्यों को भी चिन्हित किया गया है। जिसके लिए मंत्रालय द्वारा परियोजना विकास प्रबंधन सलाहकार (PDMC)की चयन प्रक्रिया जारी है। निदेशक, केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने राज्य सरकार से पूरा प्रस्ताव और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट मांगी है। साथ ही राज्य में चल रहे कार्यों की वर्तमान स्थिति और प्रगति रिपोर्ट भी मांगी है।

बता दें मंत्री पद पर रहते हुए बृजमोहन अग्रवाल ने राजिम में राजीव लोचन कॉरिडोर, रायपुर के पुरखौती मुक्तांगन में कन्वेंशन सेंटर, सिरपुर स्थित बागेश्वरी मंदिर का जीर्णोद्धार, शक्ति पीठ परियोजना के तहत पांच प्रमुख शक्तिपीठों के विकास और उनको जोड़ने और सूरजपुर स्थित कुदरगढ़ मंदिर के विकास के साथ ही मैनपाट, चित्रकूट, तीरथगढ़, गंगरेल आदि स्थलों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वहां ज्यादा से ज्यादा विकास करने का छत्तीसगढ़ की जनता से वादा किया था। जिसके बाद विभाग की तरफ से कार्योजना बनाकर केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय को भेज दी गई थी।

प्रदेश के सभी सहकारी बैंकों को किया जाए आदर्श बैंक के रूप में विकसित: मंत्री केदार कश्यप

रायपुर-   सहकारिता मंत्री केदार कश्यप की अध्यक्षता में आज अटल नगर नवा रायपुर स्थित अपेक्स बैंक के सभाकक्ष में विभागीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। मंत्री श्री कश्यप ने बैठक में कहा कि प्रदेश के सभी सहकारी बैंकों को आदर्श बैंक के रूप में विकसित किया जाए। किसान धान विक्रय के बाद स्वयं का पैसा निकालने के लिए लंबी-लंबी कतारें लगाकर खड़े रहते हैं। इससे शासन की छवि खराब होती है। उन्होंने अधिकारियों को सभी बैंकों में पैसा निकालने आने वाले किसानों के लिए प्राइवेट बैंक की तरह पंखे और छाया-पानी आदि की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के अनुरूप ‘सहकार से समृद्धि’ को साकार करने के लिए बेहतर कार्ययोजना बनाई जाए और इसका बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित हो। मंत्री श्री कश्यप ने उपार्जन केन्द्रों में धान बेचने आने वाले किसानों को तत्कालिक रूप से राशि उपलब्ध कराने के लिए माइक्रो एटीएम सुविधा को भी सुदृढ़ करने के निर्देश दिए, ताकि किसानों को तत्कालिक रूप से जरूरत के लिए उपार्जन केन्द्र में राशि मिल सके।

सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने खाद-बीज वितरण की समीक्षा करते हुए कहा कि किसानों की मांग के अनुरूप खाद-बीज का वितरण किया जाए। सहकारी समितियों में पर्याप्त खाद-बीज का भंडारण हो। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि खाद-बीज के संबंध में किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों में अनियमितता करने वालों के खिलाफ केवल राशि वसूली तक की कार्यवाही न हो, उन पर सख्त कार्यवाही भी की जाएगी।

मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि धान उपार्जन वर्ष 2023-24 के समितियों में शेष धान का शीघ्र उठाव कर लिया जाए तथा लेखा मिलान भी सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा किसानों को अल्पकालीन कृषि ऋण वितरण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। अधिकारियों ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में 2 हजार 735 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से राज्य के 24.72 किसानों से 144.92 लाख मीटरिक टन धान का उपार्जन किया गया था, इसके एवज में किसानों को समर्थन मूल्य के रूप में 31 हजार 665 करोड़ 18 लाख रूपए तथा कृषक उन्नति योजना के तहत 13 हजार 260 करोड़ 55 लाख रूपए का भुगतान किया गया है। कुल उपार्जित धान में से 141.92 लाख मीटरिक टन धान मिलर्स द्वारा उठाव कर लिया गया है तथा 2.48 लाख मीटरिक टन धान विपणन संघ के संग्रहण केन्द्रों में भेजा गया है। वर्तमान में उपार्जन केन्द्रों में 0.52 लाख मीटरिक टन धान शेष है, जिसका तेजी से उठाव किया जा रहा है। इसके साथ ही विपणन संघ एवं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के मध्य लेखा मिलान का कार्य जारी है।

अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के किसानों की मांग के अनुरूप पर्याप्त मात्रा में खाद-बीज उपलब्ध है। इस खरीफ वर्ष में किसानों की मांग के अनुरूप 9 लाख 13 हजार 310 मीटरिक टन खाद वितरण का लक्ष्य रखा गया है। इसके विरूद्ध 6 लाख 96 हजार मीटरिक टन खाद का भंडारण समितियों में किया गया है तथा 5 लाख 61 हजार 733 मीटरिक टन रासायनिक खाद का वितरण किया जा चुका है। गत वर्ष इसी अवधि में 4 लाख 58 हजार मीटरिक खाद का वितरण किसानों को किया गया था। ज्यादा से ज्यादा किसानों को अल्पकालीन कृषि ऋण प्रदान करने के लिए व्यापक स्तर पर किसानों को जागरूक किया जा रहा है।

मंत्री श्री कश्यप ने संबंधित अधिकारियों से कहा कि रिकॉगनाईज्ड चार्टेडेड एकाउंटेड के माध्यम से जल्द सहकारी समितियों का ऑडिट कराया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने गड़बड़ी को उजागर करने और विभाग में पारदर्शिता लाने हेतु ऑडिट व्यवस्था को दुरूस्थ करने के सुझाव भी दिए और कहा कि सहकारी समितियों में शत-प्रतिशत कम्प्यूटीकरण का कार्य किया जाए। उन्होंने नवगठित प्राथमिक साख सहकारी समितियों में गोदाम सह-कार्यालय निर्माण की समीक्षा करते हुए कहा कि जल्द निर्माण कार्यों को पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने खेतों में रासायनिक दवाईयों के छिड़काव हेतु ड्रोन पद्धति को अपनाने पर भी बल दिया। मंत्री कश्यप ने शक्कर कारखानों की समीक्षा करते हुए कहा कि कारखानों को लाभकारी बनाने और सुदृढ़ करने की आवश्यकता है। उन्होंने इस मौके पर कम्प्यूटीकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सहकारी समितियों और बैंकों को सम्मानित किया।

इस अवसर पर सहकारिता विभाग के सचिव डॉ. सी.आर. प्रसन्ना, पंजीयक सहकारी संस्थाएं कुलदीप शर्मा, मार्कफेड के प्रबंध संचालक रमेश शर्मा सहित अपेक्स बैंक के वरिष्ठ अधिकारी, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा अन्य संबंधित अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ को पर्यटन के क्षेत्र में पहचान दिलाने की बृजमोहन अग्रवाल के प्रयासों को केंद्र से मिली मंजूरी

रायपुर-  पूर्व पर्यटन एवं संस्कृति, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री एवं वर्तमान में रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल के छत्तीसगढ़ को आस्था का केंद्र और धार्मिक पर्यटन के रूप में विश्व में पहचान दिलाने के प्रयासों के बाद केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने राज्य सरकार को पत्र जारी किया है।

निदेशक , पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार रोशन एम थॉमस ने पत्र जारी करते हुए जानकारी दी है कि, राजिम में राजीव लोचन कॉरिडोर निर्माण, रायपुर के पुरखौती मुक्तांगन में कन्वेंशन सेंटर निर्माण, सिरपुर स्थित बागेश्वरी मंदिर का जीर्णोद्धार को 'PRASAD' योजना के तहत स्वीकृति प्रदान की गई है साथ ही पांच प्रमुख शक्तिपीठों रतनपुर में महामाया, चंद्रपुर में चंद्रहासनी, डोंगरगढ़ में बम्लेश्वरी, दंतेवाड़ा में दंतेश्वरी देवी और सूरजपुर स्थित कुदरगढ़ मंदिर के विकास और उनको जोड़ने के लिए भी केंद्र से स्वीकृति प्रदान की है।

पत्र के अनुसार मंत्रालय, पर्यटन के क्षेत्र में आधारभूत संरचना के लिए "तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक विरासत संवर्धन अभियान (प्रशाद)" और "स्वदेश दर्शन" के तहत आर्थिक सहयोग प्रदान करता है। जिसके लिए डोंगरगढ़ स्थित बमलेश्वरी माता मंदिर को पहले ही 48.44 करोड़ रुपए प्रदान किए जा चुके हैं। साथ ही सूरजपुर स्थित कुदरगढ़ मंदिर और जशपुर-कुनकुरी- मैनपाट कमलेशपुर- महेशपुर - कुरदार सरोधादादर -गंगरेल -कोंडागांव नथियानवागांव - जगदलपुर चित्रकोट, तीरथगढ़, के विकास के लिए 96.10 करोड़ रुपए स्वीकृत किए जाने की जानकारी दी गई है। इसके अलावा स्वदेश दर्शन2.0 के तहत 2 अन्य गंतव्यों को भी चिन्हित किया गया है। जिसके लिए मंत्रालय द्वारा परियोजना विकास प्रबंधन सलाहकार (PDMC)की चयन प्रक्रिया जारी है। निदेशक, केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने राज्य सरकार से पूरा प्रस्ताव और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट मांगी है। साथ ही राज्य में चल रहे कार्यों की वर्तमान स्थिति और प्रगति रिपोर्ट भी मांगी है।

बता दें मंत्री पद पर रहते हुए बृजमोहन अग्रवाल ने राजिम में राजीव लोचन कॉरिडोर, रायपुर के पुरखौती मुक्तांगन में कन्वेंशन सेंटर, सिरपुर स्थित बागेश्वरी मंदिर का जीर्णोद्धार, शक्ति पीठ परियोजना के तहत पांच प्रमुख शक्तिपीठों के विकास और उनको जोड़ने और सूरजपुर स्थित कुदरगढ़ मंदिर के विकास के साथ ही मैनपाट, चित्रकूट, तीरथगढ़, गंगरेल आदि स्थलों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वहां ज्यादा से ज्यादा विकास करने का छत्तीसगढ़ की जनता से वादा किया था। जिसके बाद विभाग की तरफ से कार्योजना बनाकर केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय को भेज दी गई थी।

दिव्यांग संतेाषी की खुशी हुई दोगुनी , राशन कार्ड, युडीआईडी, बस-पास और व्हीलचेयर लेकर लौटी घर, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को दिया धन्यवाद

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर और दिव्यांग लोगों को तत्काल सहायता दी जा रही है। उनकी संवेदनशीलता से मौके पर ही दिव्यांगजनों को राशनकार्ड, व्हीलचेयर एवं शासन की योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। फरियाद लेकर आने वाले दिव्यांग संतेाषी को तत्काल सहायता मिलने पर आंखों में खुशी छलक उठी। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।

इस कड़ी में गरियाबंद जिले के नगर पंचायत कोपरा निवासी कुमारी संतोषी साहू जो कि जन्म से ही अस्थि बाधित दिव्यांग है। उन्होंने प्रशासन को अपनी समस्या से अवगत कराते कहा कि आधार कार्ड बनाने के लिए आधार सेंटर जाती थी तो मेरे बौनापन से छोटे-छोटे होने के कारण उनका आधार कार्ड बनाने के लिए किये गये रजिस्ट्रेशन बार-बार रिजेक्ट हो जाता था। जिस कारण आधार कार्ड नहीं बन पा रहा था। इस पर उनके अभिभावकों के साथ जिला कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर को अपनी समस्या बताई। कलेक्टर ने संतोषी साहू की समस्या को तत्काल संज्ञान मे लेकर संबंधित विभाग को शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश दिये थे।

अधिकारियों ने उनकी समस्या को देखते हुए संतोषी के लिए आधार कार्ड के साथ-साथ मेडिकल प्रमाण पत्र, यूडीआईडी कार्ड, राशन कार्ड, निःशुल्क बस यात्रा पास तथा आने-जाने के लिए व्हीलचेयर दिया गया। अब वह शासन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ उठा पायेगी, राशन दुकान से अब उन्हें प्रति माह राशन सामग्री मिलेगी। वह अपने जरूरी काम व्हीलचेयर माध्यम से कहीं भी जाकर कर सकेगी। जिला प्रशासन ने उनके लिए निःशुल्क बस यात्री पास बनाकर भी दिया है। ताकि वह यात्रा कर सके। संतोषी छत्तीसगढ़ शासन की बहुत सारी योजनाओं का लाभ पाकर गदगद हो गई।

मुख्यमंत्री ने उद्योग विभाग के सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 का किया शुभारंभ

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है छत्तीसगढ़ में निवेश करने वाले और उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा। हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता सुशासन और भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति है। इसी क्रम में आज निवेशकों और नए उद्योग लगाने वालों की सुविधा के लिए विभिन्न क्लीयरेंस और स्वीकृतियां त्वरित रूप से प्रदान करने के लिए सिंगल विंडो पोर्टल 2.0 का शुभारंभ किया गया है।

प्रशासनिक दखल कम कर प्रक्रिया को सरलीकृत बनाने के लिए यह बड़ी पहल की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पोर्टल उद्यमियों के लिए अत्यंत आसान और उपयोग करने में सुगम होगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज यहां अपने राजधानी रायपुर स्थित निवास कार्यालय से सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 पोर्टल शुभारंभ करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रदेश में संसाधनों के विपुल भंडार है और औद्योगिक विकास के भी असीम अवसर उपलब्ध हैं। उद्योग विभाग की इस नई व्यवस्था से सभी सुविधाएं एक क्लिक पर उपलब्ध होगी। उद्योगों की स्थापना की प्रक्रिया आसान होने से निवेश में उनकी रुचि बढ़ेगी और युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। व्यवसायियों को आवश्यक विभागीय अनुमति-सहमति और क्लीयरेंस के लिए भटकना नहीं पड़ेगा और ना ही अलग-अलग विभागों में आवेदन करने की आवश्यकता होगी।

उन्होंने कहा कि नए पोर्टल में विभागीय अधिकारियों को भी जिम्मेदारियां दी गई है और उन पर आवेदनों के समय पर निराकरण की जवाबदेही भी होगी। मुख्यमंत्री ने उद्योग विभाग के अधिकारियों को समय-समय पर इसकी समीक्षा करने के निर्देश भी दिए।

उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने सभी व्यापारियों को बधाई देते हुए कहा कि इससे समय पर आवेदनों का निराकरण होगा और आवेदक सिंगल क्लिक पर अपने आवेदन की स्थिति के बारे में जान पाएंगे।

वाणिज्य और उद्योग विभाग के सचिव अंकित आनंद ने सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 16 से अधिक विभागों की 100 से अधिक सुविधा इस पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध होगी। आवेदक को एक बार ही लॉगिन करना होगा और दोबारा आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी। पूरी प्रक्रिया के दौरान किसी भी विभाग द्वारा यदि कोई जानकारी मांगी जाएगी तो आवेदक लॉगिन कर इसके बारे में जान पाएंगे।

उन्होंने बताया कि अब किसी भी कार्यालय से ऑफलाइन मोड में संपर्क करने की आवश्यकता नहीं है। सचिव श्री आनंद ने बताया कि ई-चालान के माध्यम से पेमेंट की सुविधा भी मिलेगी। नई सुविधाओं की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि अब किसी भी उद्योग को लगाने से पूर्व किन-किन विभागों से अनुमति की आवश्यकता होगी, यह जानकारी भी पोर्टल में उपलब्ध कराई गई है। सभी विभागीय अधिकारियों को आईडी-पासवर्ड भी दिए गए हैं, जिससे वह समय-समय पर आवेदनों का निराकरण कर पाएंगे। अब इसकी मॉनिटरिंग आसान होगी और अनुमति के लाइसेंस के लिए समय-समय पर संबंधित विभाग अधिकारियों को अलर्ट भी भेजा जाएगा।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विभिन्न मौकों पर कहा है कि उद्योगों की स्थापना से न केवल प्रदेश का विकास होगा बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उद्योगों की स्थापना प्रक्रिया जितनी अधिक पारदर्शी और आसान होगी, उद्यमी उतने ही अधिक आकर्षित होंगे और निवेश बढ़ने से आर्थिक विकास को गति मिलेगी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर उद्योगों की स्थापना को सुगम बनाने वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा पुराने पोर्टल को अपग्रेड करते हुए सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 तैयार किया गया है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार धीरेन्द्र तिवारी, सचिव पी दयानंद और उद्योग विभाग के संचालक अरूण प्रसाद सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने ली समीक्षा बैठक, मिशन मोड में कार्य कर छत्तीसगढ़ को कुपोषण मुक्त बनाना है,

रायपुर-   महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने आज मंत्रालय महानदी भवन में महिला बाल विकास विभाग के कार्यों की विस्तार से समीक्षा की। श्रीमती राजवाड़े ने अधिकारियों को प्रत्येक आंगनबाड़ी की सतत औचक निरीक्षण करने के निर्देशित की। उन्होंने हितग्राहियों को दिए जा रहे पोषण-आहार एवं अन्य सुविधाओं की नियमित जांच कर उसकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। बैठक के दौरान विभागीय अधिकारियों ने पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के जरिए विभागीय कार्यक्रमों और योजनाओं की जानकारी दी। बैठक में विभाग की सचिव शम्मी आबिदी, संचालक तूलिका प्रजापति सहित अन्य विभागीय अधिकारी भी मौजूद थे।

महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने एकीकृत बाल विकास सेवाओं को धरातल में कारगर ढ़ंग से सुलभ कराने के निर्देश देते हुए कहा कि शासन की अन्य कल्याणकारी योजनाओं से भी क्षेत्र की महिलाओं को योजनाबद्ध तरीके से लाभ पहुंचाया जाना सुनिश्चित करें। इस दिशा में सेवाओं को परिणामदायी बनाने हेतु जनजागरूकता लाने सहित सेवाओं की गुणवत्ता एवं सेवाओं के विस्तार के लिए प्रभावी पहल किया जाए। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि महिला बाल विकास विभाग की महतारी वंदन योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना, रेडी-टू-ईट, नोनी सुरक्षा योजना, शुचिता योजना, बाल सन्दर्भ योजना का लाभ सभी हितग्राहियों को मिले। उन्होंने महतारी वंदन योजना की सभी पात्र हितग्राहियों के बैंक खाते को आधार कार्ड के लिंक्ड कराने के निर्देश दिए। उन्होंने गर्भवती, शिशुवती माताओं, बच्चों और किशोरी बालिकाओं का नियमित अंतराल पर स्वास्थ्य परीक्षण, टीकाकरण और वजन लेने कहा। वहीं स्कूल पूर्व प्रारंभिक शिक्षा, पूरक पोषण आहार तथा पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा को परिणाममूलक बनाने के लिए संवेदनशीलता के साथ दायित्व निर्वहन किये जाने के निर्देश दिए। श्रीमती राजवाड़े ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में सही लाभार्थी को लाभ मिले इस बात की पारदर्शिता रखें। आवेदन प्राप्त कर अधिकारी उसका सत्यापन करें ताकि वास्तविक व्यक्ति को लाभ मिले।

पोषण पुनर्वास केन्द्रों में कुपोषित बच्चों को भर्ती करने रोस्टर तैयार करने के निर्देश

मंत्री महिला एवं बाल विकास ने पोषण पुनर्वास केन्द्रों पर कुपोषित बच्चों के उपचार के लिए नियमित रूप से शत-प्रतिशत बिस्तरों के अनुरूप भर्ती करने कहा। इस हेतु प्रत्येक 15 दिवस में भर्ती करने के लिए कुपोषित बच्चों का रोस्टर तैयार कर लाभान्वित किये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजनांतर्गत निर्धन जरूरतमन्द महिलाओं को लाभान्वित कर योजना के उद्देश्य की सार्थकता साबित करने कहा। वहीं मिशन वात्सल्य के अंतर्गत बाल देखरेख संस्थाओं में निवासरत बच्चों को नियमित स्कूल या ओपन स्कूल के माध्यम से शिक्षा प्रदान करने एवं उन्हें कौशल विकास प्रशिक्षण देने के लिए कार्ययोजना प्रस्तुत किये जाने के निर्देश दिए। बैठक में बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ सहित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनबाड़ी सहायिका के रिक्त पदों पर भर्ती, आंगनबाड़ी केन्द्र भवन निर्माण की स्वीकृति, संचालित एवं प्रगतिरत भवनों की समीक्षा भी की।

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार वर्ष 2024 के नामांकन हेतु ऑनलाईन आवेदन 15 जुलाई तक

रायपुर-  भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार वर्ष 2024 के लिए शिक्षकों से आवेदन ऑनलाईन आमंत्रित किए गए है। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 15 जुलाई तक निर्धारित की गई है। इस संबंध में छत्तीसगढ़ लोक शिक्षण संचनालय इंद्रावती भवन नवा रायपुर द्वारा समस्त संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग एवं समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं।

लोक शिक्षण संचालनालय से जारी निर्देश के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार वर्ष 2024 के लिए शिक्षको को स्वयं समस्त प्रविष्टयां ऑनलाईन पोर्टल www.nationalawardstoteachers.education.gov.in के माध्यम से करनी होगी। पंजीयन की तिथि 23 जून से 15 जुलाई 2024 तक निर्धारित की गई है। आवेदन के लिए राज्य एवं केन्द्र शासन से मान्यता प्राप्त विद्यालयों (प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय) के शिक्षक पात्र होंगे। नामांकन हेतु सेवा निवृत्त शिक्षक, संविदा शिक्षक, शिक्षा मितान, शैक्षिक प्रशासक एंव निरीक्षक पात्र नहीं होंगे।

जारी परिपत्र के माध्यम से निर्देशित किया गया है कि जिला स्तरीय चयन समिति के अध्यक्ष जिला शिक्षा अधिकारी होंगे तथा राज्य स्तर से संबंधित जिलों के डाईट प्राचार्य प्रतिनिधि सदस्य होंगे। जिन जिलों में डाईट प्राचार्य नहीं है, उनके लिए संभागीय मुख्यालय स्थित डाईट के प्राचार्य को प्रतिनिधि नामांकित किया गया है। साथ ही जिला कलेक्टर द्वारा नांमित प्रतिष्ठित अकादमिक सदस्य होंगे।

जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि शिक्षकों को इस संबंध में अवगत कराते हुए इसका उचित प्रचार-प्रसार किया जाना सुनिश्चित करें। जिला शिक्षा अधिकरियों द्वारा शिक्षकों को शिकायत, जांच लंबित नहीं होने संबंधी प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। चयन समिति को निर्देशित किया गया है कि सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टियों को ही चयनित किया जाए। पुरस्कार हेतु नामांकित शिक्षक को अपना प्रस्तुतीकरण देना होगा। जिले से चयनित प्रविष्टियों को 22 जुलाई तक अंतिम रूप से छत्तीसगढ़ लोक शिक्षण संचालनालय में ऑनलाईन पोर्टल के माध्यम से ही प्रेषित किया जाए। शिक्षकों द्वारा किसी आवेदन की हार्ड कॉपी स्वीकार नहीं की जाएगी। उक्त दिशा निर्देशों की विस्तार पूर्वक जानकारी हेतु भारत सरकार से प्राप्त पत्रों का अवलोकन कर अग्रिम कार्यवाही करते हुए समय-सीमा का विशेष ध्यान रखना सुनिश्चित करें।