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जहरीला विशाक्त खाकर महिला ने किया आत्महत्या
नैमिषारण्य/ सीतापुर

नैमिषारण्य तीर्थ गौरिया मठ के पीछे 54वर्षीय महिला ने जहरीला पदार्थ खाकर की आत्महत्या l स्थानीय पुलिस को 4बजे एक अज्ञात महिला का शव मिलने की सूचना पर पहुंची पुलिस ने महिला के पास मिले नंबर से जब सम्पर्क किया तो उसके बेटे यश सिंह ने अपनी माँ होना बताया मृतक मीनू सिंह पति रमेश सिंह सीतापुर तिवारी चौराहा की रहने वाली हैं l बेटे ने बताया कल सुबह घर से 9 बजे आँख अस्पताल दिखाने निकली थी जब काफी समय बाद नहीं पहुंची तो हम लोगो उनकी खोजबीन में लग गये थे बेटे ने बताया काफी दिनों बीमार चल रही थी l मृतक के शव के पास पानी की बोतल और जहरीला विशाक्त पड़ा पाया गया l पुलिस शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया हैl
भगवान के प्रसाद से मन बुद्धि चित्त होता है निर्मल : गोविन्द शास्त्री
विवेक शास्त्री
नैमिषारण्य

भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है। श्रीमद भागवत से जीव में भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है। यह प्रवचन भागवत व्यास गोविन्द शास्त्री भागवत कथा के चौथे दिन कहा । नैमिष स्थित सत्यनारायण धाम में सप्त दिवसीय भागवत कथा का दिव्य आयोजन चल रहा है ।

उन्होंने कहा कि प्रसाद तीन अक्षर से मिलकर बना है। पहला प्र का अर्थ प्रभु, दूसरा सा का अर्थ साक्षात व तीसरा द का अर्थ होता है दर्शन। जिसे हम सब प्रसाद कहते हैं। हर कथा या अनुष्ठान का तत्वसार होता है जो मन बुद्धि व चित को निर्मल कर देता है। मनुष्य शरीर भी भगवान का दिया हुआ सर्वश्रेष्ठ प्रसाद है। जीवन में प्रसाद का अपमान करने से भगवान का ही अपमान होता है। भगवान का लगाए गए भोग का बचा हुआ शेष भाग मनुष्यों के लिए प्रसाद बन जाता है। कथा के चौथे दिन कथाव्यास ने श्री कृष्ण जन्मोत्सव का बहुत ही मनोहारी वर्णन किया । उन्होंने कहा कि असुरों के विनाश और धर्म की संस्थापना के लिए भगवान पृथ्वी पर अवतार लेते हैं ।
इस अवसर मुख्य कथा परीक्षित सत्य नारायण धाम के संस्थापक पूर्व सभासद देवीप्रसाद तिवारी, दुर्गा प्रसाद तिवारी, धनीराम तिवारी ने भागवत भगवान की आरती उतारी । इस अवसर पर भगवती प्रसाद तिवारी, प्रबंधक पप्पू तिवारी, मनीराम तिवारी एवं समस्त तिवारी परिवार समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
नैमिषारण्य में पिछली बार के मुकाबले घटा मतदान प्रतिशत पिछली बार से 2.25 प्रतिशत कम हुआ मतदान
ऋषि मुनियों की पावन तपोभूमि क्षेत्र नैमिषारण्य तीर्थ में  लोकसभा के चुनाव पर्व पर्व पर स्थानीय मतदाताओं में खासा उत्साह नहीं दिखा । नगर के आठ बूथों पर कुल 43.28 प्रतिशत ही मतदान हुआ । पिछली बार के मुकाबले यहां मतदान 2.25 प्रतिशत कम हुआ, वर्ष  2019 में यहां 45.53 प्रतिशत मतदान हुआ था । यहां कुल 6095 मतदाता पंजीकृत थे जिनमें से सिर्फ 2634 लोगो ने ही मत का प्रयोग किया । नैमिष में कुल 6 मतदान केंद्र बनाए गए थे । नैमिष में कुल 6 बूथ केंद्र बनाएं गए थे जिसमे बूथ संख्या 388 में कुल पंजीकृत 388 वोट में 149 वोट पड़े वहीं बूथ संख्या 389 में 997 में 358 वोट पड़े बूथ संख्या 390 पर 1162 में 455 पड़े बूथ संख्या 391 पर 994 में  553 वोट पड़े बूथ संख्या 392 पर 1305 में 548 मत पड़े बूथ संख्या 393 पर 1249 में 575 मत पड़े। यहां कुल पंजीकृत 3412 पुरूष मतदाताओं में 1569 वहीं कुल पंजीकृत 2685 महिला मतदाताओं में से 1071 ने मताधिकार का प्रयोग किया । नैमिष के बुजुर्ग साधु संतो ने बड़ी संख्या में मत का प्रयोग किया लेकिन नगर के लोग तपती दुपहरी में मतदान करने से कतराए देर शाम मतदान के लिए तेजी बढ़ी लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के जैसी लंबी लंबी कतारें यहाँ देखने को नहीं मिली ।


साधुसंतों ने जमकर किया मताधिकार का प्रयोग

हनुमान गढ़ी महंत बजरंग दास, पवन दास, कालीपीठाधीश गोपाल शास्त्री, सत्यनारायण मंदिर की रामानुजकुमारी माताजी, महंत संतोष दास खाकी, चक्रतीर्थ पुजारी राजनारायण पांडेय, ललिता देवी मंदिर पुजारी लाल बिहारी शास्त्री, सूत गद्दी महंत मनीष शास्त्री, आचार्य सर्वेश शुक्ल समेत पहला आश्रम, नारदानंद आश्रम, धोबी आश्रम आदि के साधु संतों ने वोट डाला । तपती दुपहरी में खाली रहे पोलिंग बूथ 

लोकसभा चुनावों पर गर्मी का असर दिखा। सभी बूथों पर सवेरे भीड़ रही, लेकिन तपती दुपहरी में अधिकांश बूथ सूने नजर आए। सवेरे 8 बजे से बूथों पर मतदाताओं की भीड़ बढऩी शुरू हो गई थी और 9 से 11 बजे के बीच लोगों ने लंबी कतारों में खड़े रहकर वोट दिया । जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, वैसे-वैसे बूथों पर मतदाताओं की संख्या भी घटती गई। दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक अधिकांश बूथों पर एक्का-दुक्का लोग वोट देने पहुंचे ।