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विजन डॉक्यूमेंट ‘अमृतकालः छत्तीसगढ़ विजन@2047’ के लिए योजना मंत्री ओपी चौधरी ने पत्र लिख मंत्रियों-विधायकों से मांगे गए सुझाव

रायपुर-   छत्तीसगढ़ के वित एवं योजना मंत्री ओपी चौधरी ने विकसित भारत की तर्ज पर विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने ‘अमृतकाल: छत्तीसगढ़ के लिए जनप्रतिनिधियों और आम लोगों से सुझाव मांगे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने सभी मंत्रियों और विधायकों को पत्र लिखकर विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने सुझाव देने का आग्रह किया है। सुझाव 30 जून तक मंगाए गए हैं। सुझाव लिखित में या फिर वेब पोर्टल मोर सपना-मोर विकसित छत्तीसगढ़ के जरिए दिए जा सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने की परिकल्पना की है। इस परिकल्पना को साकार करने छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र 2024 में घोषणा की गई थी कि राज्य स्थापना दिवस एक नवंबर 2024 को राज्य का विजन डॉक्यूमेंट ‘अमृतकालः छत्तीसगढ़ कर प्रदेश की जनता जनार्दन को समर्पित किया जाएगा।

राज्य शासन ने ‘‘अमृतकालः छत्तीसगढ़ से संबंधित विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने का जिम्मा राज्य नीति आयोग को सौंपा है। इस संबंध में आयोग द्वारा सभी विभागों, सेक्टर विशेषज्ञों से विचार-विमर्श किया जा रहा है।

योजना मंत्री श्री चौधरी ने बताया कि जनप्रतिनिधियों एवं आम नागरिकों से भी विकसित छत्तीसगढ़ की उनकी परिकल्पना साझा करने के लिये आयोग ने एक वेब पोर्टल ‘मोर सपना-मोर विकसित छत्तीसगढ़ तैयार किया गया है। जिसके जरिए वे अपने सुझाव दे सकते हैं।

श्री चौधरी ने मंत्रियों और विधायकों को लिखे पत्र में कहा है कि विकसित उत्तीसगढ़ की परिकल्पना के संबंध में वे अपने सुझाव 30 जून 2024 तक सदस्य-सचिव, राज्य नीति आयोग, नीति भवन, नवा रायपुर को या फिर आयोग के वेब पोर्टल श्मोर सपना-मोर विकसित छत्तीसगढ़ (https://sdgspc.cg.gov.in/viksitcg/#home) के जरिए भेज सकते हैं।

विष्णुदेव साय की संवेदनशील पहल: एक बुजुर्ग व्यक्ति के कानों में फिर से गूंजेगी आवाज,

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की संवेदनशील पहल की वजह से आज एक 72 वर्षीय व्यक्ति फिर से लोगों की आवाज सुन सकेगा। जशपुर जिले के कुनकुरी ब्लॉक के रहने वाले रामदेव राम कायता को कानों में कुछ समस्या होने की वजह से उन्हें सुनाई नहीं दे रहा था। आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने की वजह से उनके पास इलाज के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे। श्री कायता ने 2 दिन पहले मुख्यमंत्री निवास कार्यालय आकर मुख्यमंत्री श्री साय के समक्ष अपनी समस्या के बारे में बताया। मुख्यमंत्री ने तत्काल संबंधित अधिकारियों को इसके निराकरण के निर्देश दिए।

आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के समक्ष ही समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के द्वारा रामदेव राम कायता के दोनों कानों में डिजिटल श्रवण यंत्र फिट किया गया। इस श्रवण यंत्र के माध्यम से वे आसानी से आवाज को सुन सकेंगे। श्री कायता ने मुख्यमंत्री श्री साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा की मुख्यमंत्री गरीबों के मसीहा हैं। मुख्यमंत्री श्री साय की वजह से आज वह फिर से सुन सकेंगे। उनकी समस्या का इतनी जल्दी निराकरण हो जायगा उसकी उन्हें उम्मीद नहीं थी। मुख्यमंत्री के बारे में जैसा सुना था वैसा ही पाया।

इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जयसवाल, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, समाज कल्याण विभाग के अपर संचालक पंकज वर्मा मौजूद थे। रामदेव राम कायता के कानों में जो डिजिटल श्रवण यंत्र फिट किया गया है। यह आधुनिक डिजिटल यंत्र लगभग 50 हजार मूल्य का है। यह बैटरी से संचालित है। इसमें आवाज साफ सुनाई देती है।

बलौदाबाजार हिंसा : भूपेश बघेल ने कहा- सरकार से हुई बड़ी चूक, राज्यपाल और राष्ट्रपति को संज्ञान लेना चाहिए

रायपुर- बलौदाबाजार हिंसा मामले में सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है. दिल्ली से लौटते ही पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार पर कई आरोप लगाए.

पूर्व सीएम बघेल का कहना है कि सरकार से एक बड़ी चूक हुई है. सरकारी सिस्टम घटना को रोक पाने में विफल रहा है. छत्तीसगढ़ के इतिहास में ये अब तक सबसे बड़ी प्रदर्शन के दौरान हिंसा की घटना है. कलेक्टर और एसपी कार्यलय जला देना सामान्य बात नहीं है. इस घटना के लिए जो भी जिम्मेदार है उस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन सवाल उठ रहा है कि प्रदर्शन को इतना उग्र होने किसने दिया ?

बघेल ने सरकार पर आरोप लगाया कि घटना को लेकर अब लीपापोती किया जा रहा है. समाज के लोगों को सरकार शांत करा पाने में नाकाम रही है. न्यायिक जांच की घोषणा पहले क्यों नहीं की गई ? उनका कहना है कि सरकार से कानून व्यवस्था संभल ही नहीं रही. प्रदेशभर में लचर व्यवस्था है. गृहमंत्री को अपना पद छोड़ देना चाहिए, क्योंकि सच्चाई है कि खुफिया विभाग पूरी तरह फेल रहा है.

भूपेश बघेल ने कहा, सतनामी समाज के लोग सत्य और अहिंसा के पुजारी हैं. जैतखाम में जिन लोगों ने तोड़फोड़ की है, जो वास्तविक आरोपी हैं उनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए. हिंसा की घटना की भी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. मैं समाज से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं.

बता दें कि गिरौदपुरी के जैतखाम में तोड़फोड़ से आक्रोशित सतनामी समाज के हजारों लोग सोमवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव करने निकले थे. इस दौरान झूमाझटकी और पथराव भी हुई, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. वहीं कुछ लोगों ने कलेक्ट्रेट और एसपी दफ्तर में आग लगा दी, जिससे सैकड़ों गाड़ियां जलकर राख हो गई.

सीएम साय ने बुलाई हाईलेवल मीटिंग

घटना के बाद से शहर में धारा 144 लागू कर दी गई है. वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी इस पर नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने देर शाम डीजीपी और सीएस को तलब कर मामले की जानकारी ली थी और आईजी को मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए थे. वहीं आज मुख्यमंत्री ने अपना जशपुर जिले का दौरा कार्यक्रम रद्द कर दिया है और बलौदाबाजार मामले में सीएम हाउस में हाईलेवल बैठक बुलाई है. बैठक में डिप्टी सीएम विजय शर्मा और अरुण साव समेत सतनामी समाज के प्रमुख पदाधिकारी मौजूद हैं.

बलौदा बाजार हिंसा के पीछे कांग्रेसियों का हाथ, भाजपा के तीन मंत्रियों ने प्रेस कांफ्रेंस कर लगाया बड़ा आरोप, प्रदर्शन की तस्वीरें भी की जारी

रायपुर-  बलौदाबाजार में सोमवार को हुई हिंसा को लेकर भाजपा के तीन मंत्रियों ने आज प्रेस कांफ्रेंस की. प्रेस कांफ्रेंस में मंत्री दयालदास बघेल, टंकराम वर्मा और श्यामबिहारी जायसवाल शामिल थे. मंत्री बघेल ने कहा कि प्रदर्शन में कांग्रेस के विधायक देवेंद्र यादव, कांग्रेस विधायक कविता प्राण लहरे और पूर्व मंत्री गुरु रुद्र कुमार भी थे.कांग्रेस के नेताओं ने समाज को भड़काने का काम किया है.

प्रेसवार्ता में मंत्री दयालदास बघेल ने सवाल पूछते हुए कहा कि सतनामी समाज के कार्यक्रम में यादवों का क्या काम है. कार्यक्रम में देवेंद्र यादव बैठे थे उनका क्या रोल. भाजपा ने पूर्व मंत्री और विधायकों के फोटो जारी किए हैं.

मंत्री बघेल ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने लोगों को भड़काने का काम किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने 15 हजार प्रदर्शनकारियों के लिए भोजन की व्यवस्था की थी. मंत्री बघेल ने कहा कि सतनामी समाज के कार्यक्रम में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव क्यों आए?. कांग्रेस पार्टी ने षड्यंत्र रचने का काम किया. मंत्री बघेल ने कहा कि अपनी हार को नहीं पचा पाने के करना कांग्रेस ने घटना को अंजाम दिया.

प्रेसवार्ता में मंत्री बघेल ने कहा कि कई कांग्रेस नेता प्रदर्शन कार्यक्रम में शामिल हुए. पूर्व मंत्री गुरु रुद्र कुमार ने लोगों को भड़काया. उन्होंने कहा कि सतनामी समाज के लोग अहिंसा के पुजारी हैं. समाज के बीच कुछ असामाजिक लोगों ने घटना को अंजाम दिया. यह बहुत ही दुखद घटना है.

किसानों को गुणवत्तापूर्ण खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित हो: मंत्री रामविचार नेताम

रायपुर-   कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री रामविचार नेताम ने आज मंत्रालय महानदी भवन में कृषि एवं संबंधित विभागों के आला अधिकारियों की बैठक लेकर खरीफ 2024-25 की तैयारियों की गहन समीक्षा की। मंत्री श्री नेताम ने अधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण खाद एवं प्रमाणित बीज एवं अन्य कृषि आदानों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी डिमांड के अनुरूप खाद-बीज की आपूर्ति सुनिश्चित करना विभागीय अधिकारियों की जिम्मेदारी है। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निरंतर अपने-अपने इलाको का दौरा कर खाद-बीज के भण्डारण एवं उठाव पर निगरानी रखने के साथ ही इनकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सैम्पलिंग और जांच पड़ताल जारी रखने के निर्देश दिए।

बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार ने जानकारी दी कि पिछले खरीफ विपणन वर्ष 2023 में सहकारिता क्षेत्र में समग्र रुप से 4.62 लाख क्विंटल बीज का वितरण किया गया था। चालू खरीफ वर्ष 2024 में सहकारी क्षेत्र में 5.44 लाख क्विंटल बीज मांग का आंकलन किया गया है। वर्तमान में बीज निगम के पास कुल 6.31 लाख क्विंटल बीज उपलब्ध है, जो मांग का 116 प्रतिशत है। 10 जून की स्थिति में कुल 4.16 लाख क्विंटल बीज का भण्डारण विभिन्न सहकारी सोसाटियो में किया गया है, जो मांग लगभग 76 प्रतिशत है। कृषकों द्वारा अभी तक 2.41 लाख क्विंटल बीज का उठाव किया जा चुका है, जो विगत वर्ष की इसी अवधि में हुए उठाव 1.64 लाख क्विंटल की तुलना में 47 प्रतिशत अधिक है।

बैठक में श्रीमती निगार ने बताया कि सहकारी क्षेत्र में उर्वरक का वर्तमान भण्डारण 6.20 लाख टन है, जो मांग का 72 प्रतिशत है। कृषकों ने अब तक 3.29 लाख टन खाद का उठाव किया है। जो मांग का 38 प्रतिशत है।

मंत्री श्री नेताम ने बीज एवं उर्वरक के भंडारण की स्थिति पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि संपूर्ण खरीफ सीजन में भण्डारण की इस गति को बरकरार रखा जाए, ताकि आपूर्ति बाधित न होने पाए। मंत्री श्री नेताम ने अधिकारियों को भारत सरकार के कृषि एवं रासायन मंत्रालय एवं उर्वरक प्रदाय कंपनियों से निरंतर समन्वय बनाये रखने के निर्देश दिए। उन्होंने नैनो फर्टिलाईजर को बढ़ावा देने, सीमावर्ती जिलों में उर्वरक परिवहन पर निगरानी रखने के भी निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने अपेक्स बैंक के अधिकारियों से कहा कि समितियों में भण्डारण क्षमता का आंकलन कर लिया जाए, यदि भण्डारण हेतु अतिरिक्त गोदाम की आवश्यकता हो तो इसका प्रस्ताव तत्काल उपलब्ध कराया जाए। बैठक में संचालक कृषि डॉ सारांश मित्तर, मार्कफेड, बीज निगम, अपेक्स बैंक, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अधिकारियों सहित कृषि और उद्यानिकी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

बलौदाबाजार हिंसा : पूर्व मंत्री डहरिया ने कहा- सरकार का इंटेलिजेंस फेलियर, डिप्टी सीएम साव बोले- होगी कठोर कार्रवाई

रायपुर-     बलौदाबाजार जिले के ग्राम महकोनी में बीते दिनों जैतखाम में हुए तोड़फोड़ मामले में कार्रवाई से असंतुष्ट सतनामी सामाज के लोगों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारी उग्र और हिंसक हो गए. उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाते हुए कलेक्टर और एसपी कार्यालय को आग के हवाले कर दिया साथ ही 100 से ज्यादा दोपहिया और 30 चार पहिया वाहनों में तोड़फोड़ कर उन्हें आग के हवाले कर दिया. घटना के बाद शहर में 16 जून तक धारा 144 लागू कर दिया गया है. इस घटना को लेकर विपक्ष सरकार पर निशाना साध रहा है. पूर्व मंत्री शिवकुमार डहरिया ने कहा कि सरकार की पूरी तरह लापरवाही है. सरकार का इंटेलिजेंस फेलियर है. वहीं इंटेलिजेंस फेलियर के सवाल पर डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा घटना की जांच की शुरुआत हो गई है. समाज को बदनाम करने वाले तत्व पर कठोर कार्रवाई होगी.

धरना प्रदर्शन के दिन की गई न्यायिक जांच की घोषणा – शिवकुमार डहरिया

बलौदाबाजार घटना पर पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि जैतखाम काटने से विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई. समाज ने न्यायिक जांच की मांग की थी. सही समय पर कार्रवाई नहीं की गई. बीजेपी ने समाज की कोई बात नहीं सुनी और धरना प्रदर्शन के दिन न्यायिक जांच की घोषणा की गई. सरकार की पूरी तरह लापरवाही है, सरकार का इंटेलिजेंस फेलियर है. सतनामी समाज के लोग हमेशा प्रताड़ित हुए हैं, नहीं ध्यान दिये जाने की वजह से ये आंदोलन हुआ. छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पहली बार ऐसी घटना हुई, यह बेहद शर्मनाक है.

गृहमंत्री विजय शर्मा के सतनामी समाज के लोगों से बात करने वाले बयान पर पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि बीजेपी के कुछ नेताओं और उनके समर्थकों को बुलाकर बैठक लिया गया. सरकार के कुछ लोगों के साथ बात कर लेना समाज के लोगों के साथ बात करना नहीं है. समाज के लोगों के साथ बात करनी चाहिए.

छत्तीसगढ़ की शांति और सद्भावना से खिलवाड़ करने की किसी को इजाजत नहीं – डिप्टी सीएम साव

मामले पर डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ शांति और सद्भावना का गढ़ रहा है. कल जो घटना हुई है उसकी जितनी निंदा की जाये उतनी कम है. जिस तरह से ये घटना घटित हुई है, बहुत ही चिंता का विषय है. हमारी सरकार ने घटना को गंभीरता से लिया है. सीएम ने घटना की विस्तृत समीक्षा की है. उपद्रवियों पर कड़ी से करवाई के निर्देश दिये हैं. मुख्यमंत्री की समाज प्रमुखों से भी चर्चा हो रही है. मुस्तैदी से जांच की जा रही है. आरोपियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा. आज तक छग में ऐसी घटना का इतिहास नहीं रहा. छग की शांति और सद्भावना से खिलवाड़ करने की किसी को इजाजत नहीं है.

आरोपियों पर होगी कठोर कार्रवाई- डिप्टी सीएम साव

इंटेलिजेंस फेलियर के सवाल पर डिप्टी सीएम अरुण साव साव ने कहा कि घटना की जांच की शुरुआत हो गई है. गृहमंत्री देर रात तक घटना स्थल पहुंचे. घटना स्थल का अवलोकन किया है, शांति और सौहार्द बनाये रखने की अपील की है. समाज को बदनाम करने वाले तत्व पर कठोर कार्रवाई होगी.

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं के प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र को किया संबोधित

रायपुर-    उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने आज लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं के लिए आयोजित प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सड़क और पुल-पुलिया निर्माण की नई तकनीकों के ज्ञान से अभियंताओं की दक्षता बढ़ेगी। इस प्रशिक्षण के माध्यम से वे पुलिया तथा लघु एवं मध्यम पुलों की डिजाइन, निर्माण व रखरखाव की नई और आधुनिक तकनीकों से रू-ब-रू होंगे। राज्य में पुलिया तथा लघु एवं मध्यम पुलों के गुणवत्तापूर्ण निर्माण और रखरखाव सुनिश्चित करने में इससे मदद मिलेगी।

राज्य शासन के लोक निर्माण विभाग और केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के भारतीय राजमार्ग अभियंता अकादमी (IAHE – Indian Academy of Highway Engineers) द्वारा रायपुर के नवीन विश्राम भवन में लोक निर्माण विभाग के रायपुर और दुर्ग संभाग के अभियंताओं के लिए इस चार दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है। इसमें दोनों संभागों के विभागीय उप अभियंताओं, सहायक अभियंताओं, कार्यपालन अभियंताओं और अधीक्षण अभियंताओं को पुलिया तथा लघु एवं मध्यम पुलों की डिजाइन, निर्माण, रखरखाव और मरम्मत के साथ ही गुणवत्ता नियंत्रण की बारीकियों की जानकारी दी जा रही है। विभिन्न संस्थाओं और निर्माण एजेंसियों के विषय विशेषज्ञ उन्हें इनका प्रशिक्षण दे रहे हैं।

उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री अरुण साव ने अभियंताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती। व्यक्ति जब तक काम करता है, लगातार सीखता रहता है। समय के साथ कार्यक्षेत्र की जरूरत बदलती है, नई तकनीकें आती जाती हैं। इनके अनुरूप हमें भी अपडेट होना पड़ता है। तभी हमारी उपयोगिता और प्रासंगिकता रहती है। उन्होंने कहा कि आज सड़कों पर लगातार ट्रैफिक बढ़ रहा है, तेज रफ्तार वाली गाड़िया भी आ गई हैं। इन्हें ध्यान में रखते हुए सड़क और पुल-पुलियों के निर्माण में सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन जरूरी है।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कहा कि प्रदेश में विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए डीपीआर, टेंडर एग्रीमेंट, गुणवत्ता का निरीक्षण व नियंत्रण तथा कार्यों का भुगतान लोक निर्माण विभाग करता है। इसलिए निर्माण कार्यों में गुणवत्ता, सुरक्षा मानक और समय-सीमा का पालन सुनिश्चित करना भी विभाग की जिम्मेदारी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि विभागीय अभियंता इस प्रशिक्षण के दौरान देश-दुनिया की नई तकनीकों और नए मानकों से रू-ब-रू होंगे और उन्हें फील्ड में अमल में लाएंगे। इस प्रशिक्षण से हमारे अभियंताओं की योग्यता, कार्यकुशलता और दक्षता में बढ़ोतरी होगी। श्री साव ने इस वृहद प्रशिक्षण के आयोजन के लिए आईएएचई को धन्यवाद दिया।

लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं के चार दिवसीय प्रशिक्षण में आईएएचई के निर्देशक संजीव कुमार, सीआरआरआई (Central Road Research Institute) की पूर्व प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. लक्ष्मी परमेश्वरन और सतेन्दर कुमार तथा एलिगेंट कन्सल्टेंट (Elegant Consultant) के प्रबंध निर्देशक आलोक पाण्डेय पुलिया तथा लघु एवं मध्यम पुलों की डिजाइन, निर्माण, रखरखाव और मरम्मत के साथ ही गुणवत्ता नियंत्रण की बारीकियों के बारे में बताएंगे। आईएएचई के संयुक्त निदेशक दिनेश कुमार शर्मा, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता के.के. पीपरी और मुख्य अभियंता (सेतु बंध) एम.एल. उरांव सहित सभी मुख्य अभियंता प्रशिक्षण के शुभारंभ सत्र में मौजूद थे।

मुख्यमंत्री श्री साय 13 जून से करेंगे विभागों की समीक्षा, विभागों के आला अधिकारी बैठक में होंगे शामिल

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय लोकसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद शासकीय काम-काज में कसावट और तेजी लाने के लिए 13 जून से विभिन्न विभागों के काम-काज और योजनाओं की प्रगति की समीक्षा शुरू करने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री द्वारा ली जाने वाली इस समीक्षा बैठक में संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहेंगे।

मुख्यमंत्री श्री साय 13 जून को दोपहर 01 बजे से मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में कृषि एवं उद्यानिकी विभाग तथा अपरान्ह 3 बजे से पशुधन विकास, मत्स्यपालन एवं दुग्ध महासंघ के काम-काज की समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री 14 जून को पूर्वान्ह 11.30 बजे से स्वास्थ्य विभाग तथा अपरान्ह 3 बजे चिकित्सा शिक्षा, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की समीक्षा बैठक लेंगे। मुख्यमंत्री 15 जून को पूर्वान्ह 11.30 बजे से लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी तथा दोपहर 2 बजे से गृह एवं जेल विभाग की समीक्षा बैठक लेंगे।

‘विकसित छत्तीसगढ़ विजन’: नई ऊंचाईयों को छूने का संकल्प

रायपुर-     आजादी के 100 वर्ष पूरे होने पर छत्तीसगढ़ एक समृद्ध और विकसित राज्य के रूप में आकार लेगा तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘‘विकसित भारत‘‘ के संकल्प को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। इस संकल्प को पूरा करने के प्रथम कदम के रूप में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और राज्य मंत्रिमण्डल के सदस्यों ने ‘विकसित छत्तीसगढ़’ के विजन पर गत दिनों भारतीय प्रबंधन संस्थान रायपुर में नीति निर्माताओं और विभिन्न क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञों के साथ दो दिनों तक विचार मंथन किया गया।

छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों, खनिज और वन सम्पदा तथा कुशल मानव संसाधन से सम्पन्न राज्य है। छत्तीसगढ़ को वर्ष 2047 तक विकसित राज्य बनाने के लिए विशेषज्ञों ने शासन-प्रशासन के विभिन्न क्षेत्रों में आधुनिक तकनीकी के दक्षतापूर्ण उपयोग, नवाचार, राज्य के संसाधनों के कुशलतापूर्वक उपयोग की आवश्यकता बताई। इसे पूरा करने के लिए ‘‘विकसित छत्तीसगढ़‘‘ का स्पष्ट विजन तय कर उस पर दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ना होगा।

विकसित छत्तीसगढ़ निर्माण के लिए विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य, अधोसंरचना, प्राकृतिक संसाधनों के कुशल उपयोग, खनन क्षेत्र में सुधार, प्रगतिशील अर्थव्यवस्था के लिए कुशल वित्त प्रबंधन, सुशासन के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी और डेटा विश्लेषण, कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों के विकास, शिक्षा और लोगों के जीवन को आसान बनाने की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता बताई। प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं विकसित करने, कृषि के क्षेत्र में भण्डारण सुविधा बढ़ाने, मंडी विकास, सिंचाई सुविधा में बढ़ोत्तरी, उत्पादकता में वृद्धि, फसल विविधिकरण और फूड प्रोसेसिंग को प्रोत्साहन, पर्यटन से जुड़ी अधोसंरचना के विकास, उद्योग हितैषी नीतियों के निर्माण और विभिन्न क्षेत्रों में निजी क्षेत्रों के सहयोग से आगे बढ़ने पर विशेषज्ञों ने बल दिया।

मजबूत निगरानी और नियंत्रण तंत्र

विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन में राज्य सरकार की भूमिका के संबंध में विशेषज्ञों का सुझाव था कि विकास योजनाओं के निर्माण के साथ-साथ विकसित छत्तीसगढ़ के विजन के क्रियान्वयन की निगरानी और नियंत्रण का लगातार कार्य राज्य सरकार को करना होगा। इसके लिए कुशल निगरानी तंत्र बनाने की जरूरत होगी, उन्होंने कहा कि वर्तमान में निगरानी और नियंत्रण तंत्र को और अधिक मजबूत बनाने की जरुरत है। इसके साथ ही साथ आर्थिक प्रगति के लिए राज्य की नई क्षमताएं पहचाननी होगी। यह भी आवश्यक है कि स्थानीय स्तर पर योजनाएं बनाई जाए और नागरिकों के साथ निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी का प्रयास सुनिश्चित की जाए।

सरप्लस रिवेन्यू अर्थव्यवस्था की ताकत

साथ ही निजी क्षेत्र को परियोजनाओं में निवेश और संचालन के लिए प्रोत्साहित किया जाए। विशेषज्ञों ने छत्तीसगढ़ की बेहतर अर्थव्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा कि सरप्लस रिवेन्यू, अच्छा फिजिकल डिसीप्लिन, लो डेब्ट एण्ड जीडीपी रेश्यो राज्य की अर्थव्यवस्था की ताकत है। भौगोलिक रूप से देश के मध्य में स्थित छत्तीसगढ़ के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर उद्योगों के विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देना अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूती प्रदान करेगा।

योजना में जियो टैगिंग का उपयोग

खनन, पर्यावरण, स्वाईल हेेल्थ, विकास परियोजनाओं के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी और डेटा विश्लेषण का उपयोग कर अच्छे परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां सैटेलाईट मैपिंग का कार्य 1990 के दशक में हो चुका है। जियो टैगिंग ऑफ विलेज का काम पूरा होने पर जिला, तहसील, गांव, सर्वे नंबर, ऑनरशिप, क्षेत्रफल, टाइप ऑफ लैंड सहित अनेक जानकारियां एक क्लिक पर उपलब्ध हो सकेंगे, इससे नीतियों का निर्माण और परियोजनाओं का क्रियान्वयन कुशलतापूर्वक और तेजी से किया जा सकेगा। छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने के लिए ‘विजन डाक्यूमेंट’ बनाने का काम राज्य योजना आयोग को सौंपा गया है। उम्मीद है कि आने वाले समय में समृद्ध और विकसित छत्तीसगढ़ राज्य जन-आकांक्षाओं को पूरा करने वाला एक हरित राज्य भी होगा।

नागपंचमी के स्थान पर देवउठनी एकादशी को स्थानीय अवकाश

रायपुर-    राज्य शासन ने नागपंचमी के स्थान पर देवउठनी एकादशी पर्व के अवसर पर रायपुर शहर एवं नया रायपुर स्थित शासकीय कार्यालयों में स्थानीय अवकाश घोषित किया है। इस आशय का संशोधित आदेश सामान्य प्रशासन विभाग अटल नगर नवा रायपुर द्वारा जारी कर दिया गया है। कैलेण्डर वर्ष 2024 के लिए पूर्व में जारी आदेश में संशोधन करते हुए नागपंचमी के अवसर पर 9 अगस्त 2024 को घोषित स्थानीय अवकाश को परिवर्तित करते हुए मंगलवार, 12 नवम्बर 2024 को देवउठनी एकादशी (तुलसी पूजा) पर स्थानीय अवकाश घोषित किया है। जारी आदेश में कहा गया है कि यह अवकाश बैंक, कोषालय, उप कोषालय के लिए लागू नहीं होगा।