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रायपुर प्रेस क्लब और टीआरपी के संयुक्त तत्वावधान में 'द ग्रेट मैंगो फेस्टिवल' का आयोजन

रायपुर- रायपुर प्रेस क्लब और द रूरल पोस्ट ( टीआरपी) के संयुक्त तत्वावधान में रायपुर प्रेस क्लब में पहली बार पत्रकारों के लिए 'द ग्रेट मैंगो फेस्टिवल' का आयोजन शनिवार को किया गया।इसमें बड़ी संख्या में पत्रकारों ने विभिन्न प्रकार के आम के स्वाद का लुत्फ उठाया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जनसंपर्क विभाग के आयुक्त मयंक श्रीवास्तव रहे। उन्होंने कार्यक्रम की तारीफ करते हुए इसे एक अभिनव पहल बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन होते रहना चाहिए। इससे पत्रकारों के साथ मेल-मुलाकात का मौका भी मिल जाता है।

कार्यक्रम में रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह और नगर निगम कमिश्नर अविनाश मिश्रा भी शामिल हुए। उन्होंने भी प्रेस क्लब और टीआरपी के आयोजन की तारीफ की। उन्होंने कहा कि वे पत्रकारों के बीच इस तरह के आयोजन में पहली बार शामिल हो रहे हैं। पत्रकारों ने आम खाने को भी खास बना दिया।

आम उत्सव में दशहरी, लंगड़ा, बैगन फली, कैसर, अलफंजों समेत दर्जनभर प्रकार के आम सलीके से काटकर, स्टॉल में सजाकर उपलब्ध कराया गया। साथ ही मैंगो शेक और आम पना की व्यवस्था थी। जिसका पत्रकारों ने जमकर लुत्फ उठाया। आयोजन में शामिल पत्रकारों ने रायपुर प्रेस क्लब और टीआरपी के इस अभिनव पहल की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

प्रेस क्लब अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर और पदाधिकारियों ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जनसंपर्क विभाग के आयुक्त मयंक श्रीवास्तव को किताब भेंट कर आयोजन में आयोजन में शामिल होने के लिए उनका आभार व्यक्त किया। टीआरपी के प्रधान संपादक उचित शर्मा ने श्री श्रीवास्तव को द रूरल पोस्ट की प्रति भेंट की।

कार्यक्रम में प्रेस क्लब के महासचिव डॉ. वैभव शिव पांडेय, उपाध्यक्ष सन्दीप शुक्ला, कोषाध्यक्ष रमन हलवाई, संयुक्त सचिव अरविंद सोनवानी, तृप्ति सोनी , कार्यकारिणी सदस्य भावना झा, किशन लोखण्डे, नदीम मेमन, सुधीर तम्बोली के साथ वरिष्ठ पत्रकार कौशल किशोर मिश्र, उमाशंकर व्यास, राजेश जोशी, पीसी रथ, समीर दीवान, गोकुल सोनी, नंद कुमार कंसारी, मनोज सिंग बघेल, आशीष तिवारी, ममता लांजेवार, रूपेश गुप्ता, गंगेश द्वीवेदी, रेणु नन्दी, अंकिता शर्मा, प्रशांत दुबे, मृगेंद्र पाण्डे, दिलीप साहू, दानिश अनवर, अफताब बेगम, यशवंत गोहिल के साथ बड़ी संख्या में पत्रकार साथियों ने आम का स्वाद लिया।

देश और छत्तीसगढ़ की जनता को नमन: किरण देव

रायपुर-   भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने मतदान पश्चात (एक्जिट पोल) के सामने आए अनुमानों को भाजपा के लिए उत्साहजनक बताते हुए कहा कि ये अनुमान इस बात के प्रमाण हैं कि भाजपा ने भारत और विशेषकर छत्तीसगढ़ की जनता जनार्दन के निर्णय का धरातल पर रहकर सटीक आँकलन किया है। देव ने कहा कि भाजपा अपने लक्ष्य ‘अबकी बार 400 पार’ को हासिल करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार भाजपानीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की एक सशक्त सरकार के साथ सत्ता में लौटेगी।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष देव ने कहा कि एक्जिट पोल के ये आँकड़े इस बात की तस्दीक भी कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र की सरकार ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के अपने उद्घोषमें निहित ‘सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण’ के संकल्प के साथ काम किया है और इसलिए ‘एंटी इन्कम्बेंसी’ जैसे मिथक को ‘प्रो-इन्कम्बेंसी’ में तब्दील होते देखना भारतीय राजनीति में एक सुखद संकेत है। देव ने कहा कि एक्जिट पोल के अनुमानों से परे जाकर भाजपा-एनडीए को ऐतिहासिक बहुमत के साथ जनता जनार्दन सत्ता सौंप रही है, इसमें कोई संदेह नहीं है। इससे पहले पिछले दो लोकसभा चुनावों में भी भाजपा-एनडीए के लिए एक्जिट पोल के जो आँकड़े सामने दर्शाए गए थे, भाजपा ने उन अनुमानों से परे जाकर न केवल 2014 में अकेले 282 सीटों पर जीत हासिल की थी, अपितु 2019 के चुनाव में एक्जिट पोल के आँकड़े को झुठलाकर 303 सीटों पर जीत दर्ज की थी। उन दोनों चुनावों में एऩडीए को क्रमश: 336 और 353 सीटें मिली थीं। 2023 के विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ के एक्जिट पोल के आँकड़ों के विपरीत भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। इसलिए हमारा यह अटूट विश्वास है कि भाजपा-एनडीए इन चुनावों में 400 पार के अपने लक्ष्य को आसानी से हासिल करने जा रहा है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष देव ने छत्तीसगढ़ के सभी 11 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा को अभूतपूर्व जनसमर्थन मिलने का विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि बस्तर, काँकेर, राजनांदगाँव, महासमुंद, दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, जांजगीर-चाँपा और सरगुजा लोकसभा की जनता-जनार्दन ने पूरे छत्तीसगढ़ के विकास के लिए भाजपा के पक्ष में भारी संख्या में जो स्वस्फूर्त मतदान किया है, उससे भाजपा का यह विश्वास फलीभूत होने जा रहा है कि प्रदेश की सभी 11 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो रहा है। देव ने कहा कि देश की जो जनभावना प्रधानमंत्री मोदी के साथ जुड़ी है, मोदी के नेतृत्व पर जनता-जनार्दन का जो अटूट विश्वास स्थापित हुआ है, वह अभूतपूर्व है और इसीलिए हम जन सहयोग से छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटों पर विजय प्राप्त करेंगे, यह तय है। छत्तीसगढ़ के भाजपा कार्यकर्ताओं की मेहनत, कार्यकुशलता, प्रबंधन क्षमता अद्भुत है। इसकी चर्चा सभी जगह होती है। न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि अन्य राज्यों में प्रचार के लिए जब छत्तीसगढ़ के कार्यकर्ता गए तो झारखंड और ओड़िशा के नेताओं ने सार्वजनिक तौर पर यह बात कही। भाजपा पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं के पुरुषार्थ के बल पर भाजपा का राजनीतिक पराक्रम छत्तीसगढ़ में 4 जून को दृष्टिगत होगा।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष देव ने कहा कि छत्तीसगढ़ के सभी संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में सम्पन्न तीनों चरणों के मतदान के रूझान से ही यह स्पष्ट हो गया था कि प्रदेश में भाजपा कार्यकर्ताओं ने पूर्ण उत्साह और समर्पण के साथ भाजपा के पक्ष में अभूतपूर्व जनसमर्थन जुटाया और भाजपा की ऐतिहासिक जीत की पटकथा लिखी है और छत्तीसगढ़ की सभी सीटों पर भाजपा प्रचंड मतों से विजयी होगी। भ्रष्टाचार, कांग्रेस के छलावों, झूठ और दंभपूर्ण अमर्यादित टिप्पणियों के दंश से आक्रोशित छत्तीसगढ़ की जनता ने अब छत्तीसगढ़ को कांग्रेसमुक्त राज्य बनाने के अभियान पर पक्की मुहर लगाई है, जो 4 जून को प्रदेश देखने जा रहा है। प्रदेश की जनता ने विकसित और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ जुड़कर भाजपा के पक्ष में जो मतदान किया था, उसकी तस्दीक एक्जिट पोल के आँकड़े भी कर रहे हैं। यह स्पष्ट है कि देश और प्रदेश एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी के सशक्त व सक्षम नेतृत्व में, दृढ़ राजनीतिक इच्छा-शक्ति वाली सरकार के नेतृत्व में विकसित भारत – विकसित छत्तीसगढ़ के संकल्प के साथ कदमताल करने का ख्वाहिशमंद है।

चिंतन शिविर में विषय विशेषज्ञों से हुआ विमर्श सरकार के काम आएगा: डिप्टी सीएम विजय शर्मा

रायपुर-   भारतीय प्रबंधन संस्थान 

(आईआईएम) नया रायपुर में आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर में छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्रिमंडल सदस्य विद्यार्थी भाव से सम्मिलित हुए. इसमें उन्होंने “विकसित भारत” की संकल्पना को साकार करने में अपनी प्रादेशिक सहभागिता के साथ “विकसित छत्तीसगढ़” का विजन पूरा करने के लिए देश भर के विषय विशेषज्ञों से विमर्श किया.

शिविर में प्रतिभागी उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने चिंतन शिविर के दौरान मीडिया को अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हम सबसे कहा है कि हमको अध्ययन अनवरत जीवन भर करना चाहिए. मंत्रिमंडल के हम सदस्य स्कूल के बच्चों की तरह कलम और कागज कॉपी लेकर के बैठ रहे हैं. प्रश्नोत्तरी हो रही है. विभिन्न विषयों पर देशभर के विख्यात विषय विशेषज्ञों से लगातार बात हो रही है. आगे सरकार को काम करने में ये सारी चीजें का काम आएंगी.

डिप्टी सीएम शर्मा ने कहा कि सीखना तो जीवन के हर क्षण में, हर पल में होता है और यह बहुत आवश्यक विषय भी है. सरकार के लिए भी, नवाचार के लिए भी. और मैं यह सोचता हूं कि व्यक्तिगत तौर पर भी सभी चीजों में ये हेल्पफुल है.

आईआईएम रायपुर में आयोजित चिंतन शिविर में डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने ‘जनकल्याण से सर्वोदय‘ पर दिया व्याख्यान

रायपुर- आईआईएम रायपुर में आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर में आईसीसीआर के अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने आज ‘जनकल्याण से सर्वोदय‘ विषय पर जीवन को आसान बनाने के लिए व्याख्यान दिया। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर सुशासन और विकसित छत्तीसगढ़ का रोड मैप तैयार करने के लिए 31 मई और 1 जून को देश के जाने-माने विषय-विशेषज्ञों के साथ बौद्धिक विचार-विर्मश के लिए दो दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन किया गया था। इस शिविर में छत्तीसगढ़ सरकार के उप मुख्यमंत्री द्वय और सभी मंत्रीगण शामिल हुए।

साय केबिनेट के चिंतन शिविर पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति, पूर्व मंत्री मूणत बोले- कांग्रेस की टांग अड़ाने की आदत

रायपुर- नया रायपुर स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) में शुक्रवार को छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्रिमंडल का दो दिवसीय चिंतन शिविर प्रारंभ हुआ. इस चिंतन शिविर पर कांग्रेस ने आपत्ति जताते हुए चुनाव आयोग से लिखित में शिकायत की है. कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा है कि ये खुलेआम आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला है. चुनाव आयोग को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए. कांग्रेस के लगाए जा रहे आरोपों पर पूर्व मंत्री एवं विधायक राजेश मूणत ने पलटवार किया है. इसके साथ ही उन्होंने मतगणना के लिए बीजेपी की तैयारियों को लेकर जानकारी दी.

पूर्व मंत्री एवं विधायक राजेश मूणत ने साय सरकार के चिंतन शिविर पर कांग्रेस की आपत्ति को लेकर कहा कि इसमें किस तरह से आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा है ? चिंतन शिविर में किसी तरह का कोई लीगल डिसीजन नहीं लिया जा रहा हैं. समय का सदुपयोग करते हुए छत्तीसगढ़ की आम जनता की समस्याओं का समाधान किस तरह से किया जा सकता है, जनता के साथ सरकार के विकास के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है. पूर्व मंत्री मूणत ने इस दौरान कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस की टांग अड़ाने की आदत है. कांग्रेस के एग्जिट पोल डिबेट के बहिष्कार पर पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने कांग्रेस ने साधते हुए कहा कि कांग्रेस को भाग लेने की क्या जरूरत है. उन्होंने कहा कि जब रिजल्ट क्लियर है तो भाग लेने नहीं लेने से क्या फर्क पड़ने वाला है.

चावल घोटाले की जांच के लिए बनाए बनाई गई जांच समिति पर राजेश मूणत ने कहा कि चावल घोटाला कई दिनों से चर्चा में है. इसकी जांच के लिए विधायकों की विधानसभा स्तरीय समिति बनी है. पुन्नूलाल मोहले की अध्यक्षता में अभी विधायक तथ्यों की जांच कर रहे है. विवेचना पूर्ण होने के बाद जो भी तथ्य निकलकर सामने आएंगे उसपर विधानसभा निर्णय लेगी.

मतगणना के लिए बीजेपी की तैयारियों पर पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने कहा कि चुनाव के समापन के साथ सभी को रिजल्ट का इंतज़ार होता है. छोटी-छोटी चीजों को देखना पड़ता है. ताकि, कोई चूक ना हो जाए जिससे रिजल्ट प्रभावित हो. हम दो चुनाव से बहुत कुछ सीख चुके हैं. हमारा उद्देश्य कार्यकर्ता, पोलिंग एजेंट और मतगणना एजेंट और आर.ओ को जागरूक करना है. पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने बताया कि मतगणना के मद्देनजर बीजेपी ने लोकसभा से लेकर विधानसभा स्तर तक एक टीम बनाई है. मतगणना के दौरान किन-किन बातों पर नजर रखनी चाहिए, किसकी जांच होनी चाहिए जानकारी देंगे, ताकि मतगणना व्यवस्थित तरीके से हो सके.

रायपुर से बीजेपी उम्मीदवार और रायपुर दक्षिण विधायक बृजमोहन अग्रवाल को अग्रिम बधाई के लगे पोस्ट पर राजेश मूणत ने कहा कि यह ओवर कॉन्फिडेंस नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव ने चुनाव लड़ा, लेकिन कहीं मैदान पर कही दिखाई दिया क्या ? यह प्रश्न मैंने पहले भी खड़ा किया था की ये कांग्रेस का प्रत्याशी नहीं कांग्रेस राष्ट्रीय सचिव का चुनाव था. जिस पश्चिम विधानसभा चुनाव में हमने उन्हें पहले हराया है. अब लोकसभा में उससे डबल आंकड़ों से उन्हें हराएंगे.

सुशासन और विकास को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार ने देश के जाने-माने विशेषज्ञों से किया विचार-विमर्श, विकसित छत्तीसगढ़ का रोड मैप तैयार करने पर हुआ मंथन

रायपुर। शासन और प्रबंधन दो अलग-अलग शब्द हैं, दो अलग-अलग कार्य हैं, लेकिन एक-दूसरे से जुड़े हुए भी हैं। एक के हिस्से में नीति के निर्माण का दायित्व है, तो दूसरे के हिस्से में क्रियान्वयन की जिम्मेदारी। भारतीय लोकतांत्रिक ढांचे में नागरिकों की अपेक्षाओं को पूरा करने की जवाबदेही जहां शासन पर रही, वहीं प्रबंधन की बारीकियों से जनप्रतिनिधियों का आमतौर पर ज्यादा लेना-देना नहीं रहा। लेकिन हाल ही में छत्तीसगढ़ में कुछ ऐसा नया घटित हुआ कि अब इस विचित्र विडंबना का अंत होता दिख रहा है।

छत्तीसगढ़ के मंत्रियों को प्रबंधन की बारिकियां समझाने, सहयोग, नवाचार और दूरदर्शिता को बढ़ावा देने, राज्य के समृद्ध और समावेशी भविष्य के लिए आवश्यक सुधारों के बारे में विचार-विमर्श करने तथा विकास को लेकर जनप्रतिनिधियों की अंतर्दृष्टि को परिष्कृत करने के लिए बीते दो दिनों तक, यानी 31 मई से लेकर 01 जून तक इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, रायपुर ने स्वयं के द्वारा डिजाइन किया गया एक अनूठा आयोजन किया। इस आयोजन को आईआईएम ने चिंतन-शिविर नाम देकर पारंपरिक आयोजनों का टच देते हुए एक बिलकुल नयी और ताजी परंपरा की शुरुआत कर दी। देश में संभवतः पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी चिंतन-शिविर में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने राजनीतिक रणनीति के बजाय दायित्वों के निर्वहन के लिए रणनीति पर गहन मंथन किया है।

राज्य की विष्णु देव साय सरकार की पहल पर ही आईआईएम ने इस बौद्धिक अनुप्रयोग का आयोजन किया था। इसमें गुड गवर्नेंस से बेस्ट गवर्नेंस की ओर बढ़ने और सुशासन की संकल्पना को मूर्त रूप देते हुए विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए सरकार के विजन को और तीक्ष्ण करने के संबंध में विषय-विशेषज्ञों से मंत्रियों ने विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और मंत्रिमंडल के उनके सहयोगियों ने सुशासन तथा बेस्ट प्रक्टिसेस के संबंध में विषय विशेषज्ञों के साथ अपने आइडियाज साझा किए। साथ ही अपनी जिज्ञासाएं भी रखी। इस दौरान मुख्यमंत्री और उनके सहयोगी लगातार दो दिनों तक आईआईएम की कक्षा में न केवल उपस्थित रहे, बल्कि इस दौरान उन्होंने सम्पूर्ण छात्र जीवन को अपनाए भी रखा।

आईआईएम के इस आयोजन में राज्य सरकार ने देशभर के विषय विशेषज्ञों के साथ विकसित छत्तीसगढ़ की डिजाईन तथा क्रियान्वयन के रोड मैप पर बौद्धिक विमर्श किया। साथ ही इस संबंध में भी विमर्श हुआ कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत के बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए किस तरह विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए समयबद्ध लक्ष्य निर्धारित किए जा सकते हैं।

इस सार्थक संवाद की खूबी यह रही कि इसमें छत्तीसगढ़ की जरूरतों, प्राथमिकताओं, संभावनाओं पर चर्चा के साथ-साथ विशेषज्ञों से महत्वपूर्ण सुझाव भी सरकार को प्राप्त हुए। नीति आयोग के सीईओ बी.वी.आर. सुब्रमण्यम ने आगामी 10 वर्षाें में विकसित छत्तीसगढ़ निर्माण की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते 10 वर्षाें में देश की अर्थव्यवस्था को एक नई ऊंचाई दी है। सामाजिक-आर्थिक विकास को लेकर छत्तीसगढ़ में अपार संभावनाएं हैं। देश की अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने में छत्तीसगढ़ महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। नीति आयोग के पूर्व सीईओ और जी 20 के शेरपा श्री अमिताभ कांत ने कहा कि छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक सुन्दरता भी है और प्रचुर खनिज संपदा भी। राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए खनिजों का विवेकपूर्ण दोहन जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही महत्वपूर्ण यहां पर पर्यटन की संभावनाओं का विकास और उसकी ब्रांडिंग भी है।

आयोजन में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ उपमुख्यमंत्री द्वय अरूण साव एवं विजय शर्मा, आदिम जाति विकास एवं कृषि मंत्री राम विचार नेताम, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, वन एवं जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप, वाणिज्य उद्योग एवं श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन, लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाडे, खेलकूद एवं युवा कल्याण मंत्री टंक राम वर्मा उपस्थित थे।

केन्द्रीय जेल रायपुर में बंदी कैदियों को सीसीटीवी इंस्टालेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम

रायपुर-  छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान, आरसेटी-रायपुर के माध्यम से केन्द्रीय जेल रायपुर में विचाराधीन एवं सजायाफ्ता कैदियों को कौशल विकास एवं स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 13 दिवसीय इंस्टालेशन ऑफ सीसीटीवी कैमरा, फायर अलार्म एवं स्मोक डिटेक्टर विषय पर 34 कैदी को प्रशिक्षण प्रदाय किया गया, जिसमें सीसीटीवी इंस्टालेशन की तकनीकी तथा उद्यमिता विकास के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदाय की गई। प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन संचालक नम्रता जैन की उपस्थिति में किया गया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर मिशन संचालक द्वारा प्रशिक्षार्थी कैदियों से प्रशिक्षण कार्यक्रम संबंधी उनके अनुभव एवं प्रशिक्षण से लाभ के संबंध में जानकारी ली गई, साथ ही जेल में बंद कैदियों को और किन-किन तरह के ट्रेड में प्रशिक्षण प्रदाय किया जा सकता है इत्यादि विषयों पर सुझाव मांगे गए। जिस पर कुछ प्रशिक्षार्थी कैदियों द्वारा जेल परिसर में सामान्यतः ग्रामीण जनजीवन को आधार बनाकर कृषि, पशुधन से संबंधित विषयों पर प्रशिक्षण प्रदान करने और बंदी कैदियों को बाहरी दुनिया में बेहतर अवसर प्रदान किए जाने की मांग की गई। कैदियों की क्षमताओं का सृजनात्मक उपयोग के लिए आगे भी जेल परिसर में विभिन्न प्रकार ट्रेड जैसे-कृषि कार्य, नर्सरी, सिलाई एवं बेकरी इत्यादि में मांग अनुरूप स्वरोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण करवाने हेतु मिशन संचालक महोदया द्वारा आश्वासन दिया गया। उक्त प्रशिक्षण के समापन कार्यक्रम के दौरान अमित शांडिल्य केन्द्रीय जेल अधीक्षक रायपुर, दीपक मिश्रा, उप आंचलिक प्रबंधक बैंक ऑफ बड़ौदा रायपुर, मनोज मिश्रा सहायक राज्य कार्यक्रम प्रबंधक-जॉब्स्, एसआरएलएम स्टेट आरसेटी नोडल, अरूण कुमार सोनी स्टेट कंट्रोलर ऑफ आरसेटी, अशोक कुमार सिंह स्टेट डायरेक्टर ऑफ आरसेटी, नवीन कुमार सिंग, निदेशक आरसेटी, कौशल कुमार मिश्रा, सीनियर फेकल्टी आरसेटी रायपुर, शशांक दीवान जेल शिक्षक, चंदन साहू प्रशिक्षक एवं दिलीप कुमार यदु एफएलसी उपस्थित रहे।

घरेलू और गैर घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली की दरों में हुई बीस पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि…

रायपुर-  छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए वार्षिक राजस्व आवश्यकता एवं उपभोक्ताओं के लिए विद्युत दरों का निर्धारण किया है. राज्य शासन द्वारा की गई राजस्व घाटे की आंशिक प्रतिपूर्ति को समायोजित करते हुए आयोग ने सभी उपभोक्ता श्रेणियों में औसत 8.35 प्रतिशत वृद्धि अनुमोदित की गई है.

छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष हेमंत वर्मा और सदस्य प्रमोद कुमार गुप्ता ने प्रेस कांफ्रेंस में विद्युत दरों में हुई बढ़ोतरी की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि राज्य की विद्युत कंपनियों के विगत वर्षों के राजस्व घाटा तथा राजस्व आधिक्य पर विचारोपरान्त वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए विद्युत वितरण कंपनी द्वारा मांग की गई वार्षिक राजस्व आवश्यकता 26037 करोड़ रुपए के स्थान पर 24594 करोड़ रुपए मान्य किया गया है.

इसी तरह से वितरण कंपनी द्वारा आगामी वित्तीय वर्ष हेतु अनुमानित 33875 मिलियन यूनिट के स्थान पर 34091 मिलियन यूनिट मान्य किया गया है. इसी तरह वितरण कंपनी द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए विद्युत की अनुमानित बिक्री पर प्रचलित टैरिफ से अनुमानित 4420 करोड़ रुपए राजस्व घाटे के स्थान पर 2819 करोड़ रुपए को मान्य किया गया है.

राज्य शासन ने वितरण कंपनी के सकल राजस्व घाटा को कम करने हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 1000 करोड रुपए की प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा करने का निर्णय लिया गया है. फलस्वरूप वितरण कंपनी को वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रचलित दरों से 1819 करोड़ रुपए का राजस्व घाटा अनुमानित है. राज्य वितरण कंपनी द्वारा दायर याचिका के विश्लेषण से राजस्व घाटे की प्रतिपूर्ति हेतु औसत 20.45 प्रतिशत वृद्धि अनुमानित थी, परंतु राज्य शासन द्वारा की गई राजस्व घाटे की आंशिक प्रतिपूर्ति तथा आयोग द्वारा विचारोपरान्त सभी उपभोक्ता श्रेणियों में औसत 8.35 प्रतिशत वृद्धि अनुमोदित की गई है.

औसत विद्युत प्रदाय दर एवं औसत विद्युत बिलिंग दर

वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए औसत विद्युत प्रदाय दर (Average cost of supply) 6.92 प्रति यूनिट रुपए अनुमानित की गई है. आयोग द्वारा वर्तमान टैरिफ आदेश में लिए गए निर्णयों एवं राज्य शासन द्वारा वितरण कंपनी के घाटे की प्रतिपूर्ति के फलस्वरूप औसत विद्युत बिलिंग दर 6.92 पैसे रुपए अनुमानित है, जो कि वर्तमान प्रचलित दर से औसत 53 पैसे अधिक है. तदनुसार वर्तमान प्रचलित दर से विद्युत दरों में औसत 8.35 प्रतिशत की वृद्धि अनुमोदित की गई है.

वर्तमान आदेश के मुख्य बिन्दु

- घरेलू एवं गैर घरेलू उपभोक्ताओं के विद्युत दरों में 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है.

- कृषि पम्पों के लिए विद्युत की दरों में 25 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है.

- मांग एवं उपलब्ध विद्युत उत्पादन के विश्लेषण उपरान्त TOD की संरचना में परिवर्तन किया गया है.

- पर्यावरण संरक्षण एवं कार्बन फुटप्रिन्ट घटाने हेतु अक्षय ऊर्जा (Green Energy) क्रय करने हेतु इच्छुक उपभोक्ताओं की सुविधा हेतु ग्रीन एनर्जी चार्ज का निर्धारण किया गया है.

- रेलवे के टैक्शन लोड हेतु लागू 20 प्रतिशत की लोड फैक्टर रिबेट को समाप्त कर दिया गया है.

- HV-5 एवं LV-5 श्रेणी के अन्तर्गत आने वाले पोहा एवं मुरमुरा मिल को ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट को जारी रखा गया है.

- जारी की जा रही नई विद्युत दरें जो कि संलग्नक-1 और संलग्नक-2 में उपलब्ध हैं. 1 जून, 2024 से प्रभावशील होंगी.

कृषि एवं कृषि संबंधी उपभोक्ता

- गैर सबसिडी वाले कृषि विद्युत पंप वाले उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रभार में 20 प्रतिशत छूट जारी रहेगी.

- किसानों को खेतों में लगे विद्युत पम्पों और खेतों की रखवाली के प्रयोजनार्थ पम्प कनेक्शन के अंतर्गत वर्तमान में पम्प के समीप 100 वॉट के भार उपयोग की सुविधा प्रभावशील है. किसानों के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए आयोग द्वारा 100 वॉट तक लाईट एवं पंखे की स्वीकृति जारी रखी गई है.

ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा प्रदाय करने वाली संस्था

- राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों, बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्रधिकरण तथा सरगुजा एवं उत्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण में संचालित अस्पताल, नर्सिंग होम एवं डायग्नोस्टिक सेंटर के लिए प्रचलित विद्युत दरों के ऊर्जा प्रभार में दी जा रही 5 प्रतिशत की छूट को जारी रखा गया है.

गैर घरेलू उपभोक्ता

- पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए इलेक्ट्रीकल व्हीकल चार्जिंग इकाईयों हेतु इलेक्ट्रीकल व्हीकल चार्जिंग की टैरिफ को औसत विद्युत लागत के बराबर अर्थात् रू.6.92/- प्रति यूनिट निर्धारित किया गया है.

- महिला सशक्तिकरण हेतु पंजीकृत महिला स्वसहायता समूहों द्वारा संचालित उद्योग गतिविधियों और व्यवसायिक गतिविधियों को ऊर्जा प्रभार में 10 प्रतिशत की छूट जारी रखी गई है.

- राज्य के नक्सलवाद प्रभावित दूरस्थ जिलों में संचार व्यवस्था को सुदृढ़ कर मोबाईल संपर्क की सुविधा को विस्तारित करने के लिए नये मोबाईल टॉवर की स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु दिनांक 01.04.2019 के पश्चात् लगने वाले मोबाईल टॉवर के ऊर्जा प्रभार में 50 प्रतिशत की छूट को 25 प्रतिशत किया गया है.

निम्नदाब उद्योग

- निम्न दाब पर विद्युत प्राप्त करने वाले पोहा एवं मुरमुरा मिलों को प्रचलित ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट को जारी रखी गई है.

उच्चदाब उपभोक्ता

- रक्षा स्थापना (डिफेंस स्टेब्लिसमेंट) को ऊर्जा प्रभार में 15 प्रतिशत की रियायत जारी रखी गई है.

- उच्च दाब पर विद्युत प्राप्त करने वाले राईस मिलों, पोहा एवं मुरमुरा मिलों को प्रचलित ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट जारी रखी गई है.

- सभी उच्चदाब स्टील उपभोक्ताओं की विद्युत दरों में 25 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है एवं लागू लोड फेक्टर रिबेट में परिवर्तन करते हुए लोड फैक्टर रिबेट की अधिकतम सीमा 10 प्रतिशत निर्धारित की गई है.

हमने बिजली बिल हाफ किया, इन्होंने बिजली हाफ कर दी : भूपेश बघेल

रायपुर- छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बिजली कटौती को लेकर मौजूदा सरकार पर निशाना साधा है। भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया X पर लिखा कि हमने तो बिजली बिल हाफ किया था, इन्होंने बिजली ही हाफ कर दी।

भूपेश बघेल ने लिखा कि एक तरफ सांय-सांय बिजली का बिल बढ़ाने की तैयारी चल रही है तो दूसरी तरफ इस भयानक गर्मी में प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में जमकर बिजली की कटौती की जा रही है। प्रदेश की जनता बेहद परेशान है, लेकिन “गारंटी” लेने वाले अभी सत्ता की मदहोशी में सो रहे हैं।

बघेल की गर्मी से बचने की सलाह

सियासी तंज कसने के साथ ही आम लोगों के लिए भूपेश बघेल ने आगे लिखा कि आप सबसे कहना है कि तापमान बहुत अधिक है। गर्मी और लू से हम सबको अपना, अपने बच्चों का और घर के बुजुर्गों का ख़्याल रखना है।

दिन में बच्चों को धूप में न खेलने दें. बुजुर्गों को बाहर जाने से रोकें. बहुत आवश्यक कार्य न हो तो आप भी घर से न निकलें। ORS, नींबू शिकंजी, ग्लूकोज, आम पना इत्यादि ठंडी चीजें पीते रहें।

बिजली का बिल बढ़ाने की है तैयारी

विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में भीषण गर्मी के बीच बिजली उपभोक्ताओं को जून में बड़ा झटका लगने वाला है। बिजली नियामक आयोग नया टैरिफ जारी करेगा। इसके बाद बिजली महंगी हो जाएगी और जुलाई में बढ़ा हुआ बिल भरना पड़ेगा।

आयोग और बिजली कंपनी के अधिकारियों के अनुसार, घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 10-15 पैसे तक अतिरिक्त देने होंगे। इसी तरह कॉमर्शियल और कृषि उपभोक्ताओं को भी अतिरिक्त शुल्क देना होगा। उन्होंने बताया कि नुकसान की भरपाई करने के लिए यह कदम उठाया गया है।

65 लाख से ज्यादा उपभोक्ता

बिजली कंपनी में वर्तमान में 65 लाख से ज्यादा उपभोक्ता है। ये उपभोक्ता बीपीएल, घरेलू, कॉमर्शियल और कृषि उपभोक्ता में बंटे हुए हैं। नए टैरिफ का असर बीपीएल, घरेलू और कृषि उपभोक्ता पर कम और कॉमर्शियल उपभोक्ताओं पर ज्यादा पड़ेगा।

इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने वाले 35 हजार लोगों को मिलेगी 30 करोड़ की सब्सिडी

रायपुर- छत्तीसगढ़ में इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) खरीदने वाले 35 हजार लोगों के बैंक खातों में जून के प्रथम सप्ताह में 30 करोड़ रुपये की सब्सिडी आनलाइन जमा होगी। राज्य सरकार से 30 करोड़ रुपये मिलने के बाद ई-वाहनों को चिह्नांकित किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता समाप्त होते ही ईवी खरीदारों के खातों में राशि हस्तांतरित होगी।

बताया जाता है कि बजट नहीं होने के कारण पिछले 10 महीनों से ईवी खरीदारों को सब्सिडी का भुगतान नहीं किया जा रहा था। खाते में रकम नहीं पहुंचने के कारण ईवी खरीदार बैंक, आटोमोबाइल डीलरों और आरटीओ के चक्कर लगा रहे थे। इसकी जानकारी मिलने पर छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग ने राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजकर 70 करोड़ रुपये बजट मांगा।

साथ ही यह बताया गया कि उनके पास केवल 70.05 लाख रुपये ही शेष बचे हैं। इसके बाद राज्य सरकार के वित्त विभाग ने 30 करोड़ रुपये का बजट जारी कर ईवी खरीदारों को राहत दी है। गौरतलब है कि अगस्त 2022 को पांच साल के लिए राज्य में ईवी पालिसी लागू की गई है। इसके तहत ईवी खरीदने वाले को वाहन की कीमत का न्यूनतम 10 प्रतिशत और अधिकतम 1.50 लाख रुपये सब्सिडी देने का प्रविधान है।

परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ईवी खरीदारों को वर्ष 2023 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा करीब 20 करोड़ रुपये सब्सिडी जारी की गई थी। इसमें से 14 करोड़ 29 लाख 95 हजार 195 रुपये 7,656 ईवी खरीदारों को जारी किए गए थे। इसके बाद जुलाई 2023 में 2,161 वाहन चालकों को अंतिम बार पांच करोड़ 30 लाख 84 हजार 623 रुपये जारी किए गए थे।

ईवी की खरीदी करने वालों को उनके बैंक खातों में जून के प्रथम सप्ताह में सब्सिडी जमा कराने की पूरी कोशिश है। इसके लिए वित्त विभाग से 30 करोड़ रुपये का बजट प्राप्त हुआ है।

– डी.रविशंकर, अतिरिक्त परिवहन आयुक्त