निलम्बन के बहाने मेरी हत्या कराने की साजिश की जा रही है,श्री वंशीधर ब्रजवासी
मुजफ्फरपुर निलम्बन के बहाने मेरी हत्या कराने की साजिश की जा रही है। खुद को संविधान से उपर न समझें कोई भी पदाधिकारी। मेरे साथ किसी प्रकार की अप्रिय घटना घटी तो उसके लिए के०के०पाठक और मुजफ्फरपुर के जिला शिक्षा पदाधिकारी तथा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) जिम्मेवार होंगे।उक्त आरोप परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री वंशीधर ब्रजवासी ने लगाया है। प्रखण्ड नियोजन इकाई, मड़वन द्वारा किये गये निलम्बन के बाद अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर उन्होंने मीडिया के माध्यम से सवाल किया कि प्रखण्ड नियोजन इकाई मड़वन अपने क्षेत्राधिकार से बाहर अवस्थित प्रखण्ड संसाधन केन्द्र सकरा में उनका निलम्बन मुख्यालय कैसे तय कर सकती है।
ज्ञात हो कि नियोजित शिक्षकों का नियोजन इकाई के बाहर स्थानांतरण भी नहीं किया जा सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि साजिश के तहत उन्हें निलम्बित कर सकरा बी०आर०सी० में योगदान का आदेश दिया गया है ताकि रास्ते में आने-जाने के क्रम में उनके साथ अप्रिय घटना को अंजाम दिलाया जा सके। उन्होंने पुलिस प्रशासन से सुरक्षा की माँग करते हुए आशंका जतायी है कि आने-जाने के क्रम में रोड एक्सीडेन्ट कराकर या अपराधियों का सहारा लेकर उनकी हत्या कराई जा सकती है।
संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भारत के हर नागरिक का मौलिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में सैकड़ों करोड़ का घोटाला हुआ है। उन्होंने ही सबसे पहले बेंच डेस्क, समर्सबल और प्रीफैब स्ट्रक्चर घोटाले को उजागर किया था जिसके बाद विभाग ने कुछ एजेंसियों पर जुर्माना लगाने की दिखावे की कार्रवाई की।
श्री ब्रजवासी ने दावा किया कि घोटालों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए शिक्षकों को प्रताड़ित किया जा रहा है। के० के० पाठक के विरूद्ध असंसदीय भाषा का प्रयोग करने के संबंध में उन्होंने कहा कि श्री पाठक स्वयं सभी बिहारियों को अपनी पत्नी का भाई के लिए प्रयुक्त गाली वाले शब्दों का प्रयोग करते हैं और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शिक्षकों को भी गालियाँ देते हैं जिसका वीडियो देश और दुनिया देख चुकी है। आखिर श्री पाठक के असंसदीय व्यवहार के लिए कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है? क्या श्री पाठक किम जोंग बन गये हैं जिनके खिलाफ कोई नहीं बोल सकता ?।
श्री ब्रजवासी ने कहा कि निलम्बन से वे डरने वाले नहीं हैं। शिक्षकों के सम्मान की रक्षा करने के लिए बर्खास्तगी झेलने और अपनी जान भी देने के लिए तैयार हैं।
र्फामूले पर काम कर रहा है। जैसे मुँह दबा कर शिक्षा विभाग सूली और वसूली के बकरे को जबह किया जाता है और मिमियाने भी नहीं दिया जाता है, उसी प्रकार निरीक्षण के नाम पर शिक्षकों से व्यापक पैमाने पर वसूली की जा रही है और विरोध करने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। सूली और वसूली के बीच शिक्षकों की जान सांसत में है।
मानसिक प्रताड़ना के कारण प्रतिदिन राज्य में शिक्षकों का मौत हो रही है और कोई भी मुँह खेलने को तैयार नहीं है।
May 31 2024, 18:36