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आगजनी की घटनाओं को लेकर सरकार चिंतित, सीएम साय ने होटल, उद्योगों और मॉल में अग्निशामक यंत्रों की सख्ती से जांच के दिए निर्देश…

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेश के सभी शासकीय कार्यालयों, छोटे-बड़े उद्योगों, होटलों, बहुमंजिला इमारतों, मॉल, गेमिंग जोन, अस्थाई प्रदर्शनियों, पेट्रोल पंप आदि का मौका मुआयना कर अग्निशामक यंत्र की सुविधाएं सुनिश्चित करने के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं।

सीएम साय ने कहा, कि भीषण गर्मी के इस दौर में देश में लगातार अग्नि संबंधी दुर्घटनाएं हो रही है, जिससे जान-माल का नुकसान हो रहा है। दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिये नियमों का कड़ाई से पालन होना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने ऐसे सभी संस्था संचालकों से आग्रह किया है, कि वे अपने प्रतिष्ठान में अग्निशामक यंत्रों का होना सुनिश्चित करें और समय-समय पर उसका निरीक्षण-परीक्षण भी करें। जिससे आपात स्थिति में हालात को तुरंत नियंत्रित किया जा सके और जनहानि से बचा जा सके।

मत्स्य विभाग में करोड़ों का घोटाला, अफसर ने रिश्तेदारों को आबंटित कर दिया केज, जानिए पूरा मामला…

राजनांदगांव- मत्स्य विभाग राजनांदगांव में मछली पालन के लिए अपने ही करीबियों के नाम पर करोड़ों के केज आबंटन कर शासन की योजनाओं से मिलने वाली सब्सिडी पर भ्रष्टाचार किए जाने का मामला सामने आया है. इस मामले में मतस्य विभाग के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है. पूरे मामले में शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगाया गया है. मत्स्य विभाग संचालनालय इस फर्जीवाड़े की जांच कर रहा है.

राजनांदगांव मत्स्य विभाग में पदस्थ तत्कालीन सहायक संचालक गीतांजलि गजभिए ने अपने कार्यालय में ही पदस्थ कर्मी की नाबालिग बेटी, अपनी ननद, वाहन चालक की मां और एक अन्य आदिवासी व्यक्ति के नाम पर लाखों का केज का आबंटन कराया. यह केज खैरागढ़ – छुईखदान – गंडई जिले के नवागांव स्थित सिंचाई जलाशय में लगाए गए हैं. प्रत्येक यूनिट में 18 केज शामिल हैं. इस तरह यहां कुल 72 केज लगाए गए हैं.

इन 4 यूनिट केज में से प्रत्येक की कीमत 56 लाख है. इसमें लाभार्थियों को प्रत्येक केज के लिए शत प्रतिशत सब्सिडी दी गई है. इसमें प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से 60 प्रतिशत और लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिस्म डिवीजन से 40 प्रतिशत यानी कुल 100 प्रतिशत आर्थिक सहायता मिली है. इस तरह संयुक्त संचालक कार्यालय के अधिकारियों ने बड़े फर्जीवाड़े को अंजाम देते हुए दो करोड़ 24 लाख रुपए के केज अपने रिश्तेदार और विभाग में पदस्थ कर्मियों के रिश्तेदारों के नाम पर आबंटित करा लिए.

जांच के बाद दाेषियों पर होगी कार्रवाई : कलेक्टर

सिंचाई जलाशय में लगाए गए 4 केज में से एक भुवन पोर्ते के नाम पर आबंटित हुआ है, लेकिन भुवन पोर्ते को इसकी जानकारी नहीं है. मतस्य विभाग ने इस केज के तीन साल के लीज वसूली के लिए जब उसे नोटिस जारी किया तो वह हड़बड़ा कर विभाग पहुंचा. अधिकारियों ने उसे सारी जानकारी दी. इसके बाद भुवन पोर्ते ने कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और सहायक संचालक के पास अपनी शिकायत दर्ज कराई तब मामले का खुलासा हुआ. इस मामले में राजनांदगांव कलेक्टर संजय अग्रवाल का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है. रिपोर्ट में जो बातें सामने आएगी उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

इन रिश्तेदारों को आबंटित किए गए केज

केज आबंटन का यह प्रकरण वर्ष 2021 का है. इसमें शामिल लाभार्थी सरोज मोटघरे विभाग में कार्यरत ड्राईवर की मां बताई जा रही है. दुर्गेश नंदनी के नाम से भी केज आबंटित हुआ है, जो विभाग में पदस्थ भृत्य की बेटी बताई जा रही है. जब उनके नाम पर केज स्वीकृत किया गया तब वह नाबालिग थी. इसी तरह हेमलता रामटेके तत्कालीन सहायक संचालक गीतांजलि गजभिए की ननद बताई जा रही है. यह सभी राजनांदगांव निवासी हैं. इसके अलावा चौथा केज भुवन पोर्ते के नाम पर आबंटित किया गया है जो केसीजी जिले के ग्राम भोली निवासी है.

मछली पालन में भी भ्रष्टाचार, तीन साल का 15 लाख जमा नहीं

भुवन को विभाग का नोटिस मिलने के बाद केज आबंटन की जानकारी हुई. इन जलाशयों में केज आबंटन में करोड़ों की हेरफेर के अलावा तीन साल से मछली पालन भी किया जा रहा है. यह व्यवसाय बाहर से आए लोगों द्वारा किए जाने का मामला भी सामने आया है. प्रत्येक केज के लिए वार्षिक तौर पर अदा किए जाने वाले 7 हजार दो सौ रुपए का भुगतान भी 3 सालों से नहीं किया गया है. यह राशि लगभग 15 लाख रुपए है. इस लीज की रकम वसूली के लिए वास्तविक लाभार्थियों को नोटिस मिलने के बाद ही केज आबंटन में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है.

जानिए क्या है केज कल्चर

केज कल्चर एक ऐसी तकनीक है, जिसमें एक संलग्न जगह/ केज होता है, जो आसपास के जल स्रोत जैसे तालाब झील इत्यादि के साथ पानी के मुक्त आदान-प्रदान को बनाए रखती है. इसमें मछलियों को ऊँगली के आकार से बाजारू आकार में पाला जाता है.

जल जगार अभियान की हुई शुरूआत, आम नागरिकों से अपील जल बचाएं आने वाला कल बचाएं

रायपुर-  गर्मी के मौसम में देश के अधिकांश हिस्सों में पानी की समस्या विकराल रूप धारण कर लेती है और इस समस्या से धमतरी जिला भी अछूता नहीं है। राजधानी रायपुर, भिलाई सहित अन्य जिलों को साल भर पानी उपलब्ध कराने वाला धमतरी जिले का गंगरेल डेम आज खुद सूखे की चपेट में आकर सूखने की कगार पर आ गया है। इस विकट समस्या को समझते हुए कलेक्टर नम्रता गांधी ने जिले में नारी शक्ति से जल शक्ति अभियान के तहत् जल जगार उत्सव मनाने की योजना बनाई, जिसका मुख्य उद्देश्य रैन वाटर हार्वेस्टिग, रूफटर्फ वाटर और वेस्ट वाटर मेनेजमेंट के माध्यम से शुद्ध पानी को भूमि के अंदर भेजना है। अभियान अंतर्गत जिले के 4 विकासखंडों के 5-5 ऐसे गांव जिनमें पानी की समस्या रहती है, उनका चयन किया।

कार्यशाला एवं बैठक का आयोजन

प्रथम चरण में जल की महत्ता को समझते हुए भारत सरकार की जल शक्ति मंत्रालय के विशेषज्ञों के सहयोग से जिला स्तरीय अधिकारियों हेतु 3 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन जिला पंचायत के सभाकक्ष में किया गया। जल शक्ति मंत्रालय के विशेषज्ञों ने भू जल मुद्दों से निपटने की तकनीकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। द्वितीय चरण में जिले में संचालित सभी निजी स्कूलों, हास्पीटल, रेस्टोरेंट सहित ऐसे भवन जिनका आकार बड़ा है, उन्हें 15 जून तक अनिवार्य रूप से अपने भवन के समीप रेन वाटर हार्वेस्टिंग और रूफटर्फ वाटर स्ट्रक्चर बनाने के निर्देश दिये गये।

कुरूद विकाखंड के नवागावं (थुहा) से कार्यक्रम की हुई शुरूआत

धमतरी जिले के कुरूद विकासखंड अंतर्गत आने वाले नवागांव थुहा जल जगार कार्यक्रम की शुरूआत की गयी। जहां ग्रामीणों ने एक स्वर में जल संरक्षण की शपथ ली। इस अवसर पर गांव में जल संरक्षण की दिशा में अच्छा काम करने वाले ग्रामीणों को सम्मानित भी किया गया। गांव में अन्य लोगों को भी जल सरंक्षण की दिशा में काम करने हेतु प्रोत्साहित किया गया। पीकू - जिले में जल संरक्षण के संबंध में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से कलेक्टर गांधी के मार्गदर्शन में लोगो तैयार किया गया है साथ ही छोटे-छोटे वीडियो क्लिप्स भी बनाए गए हैं, जिसके जरिए जिलेवासियों को घरों में पानी का सदुपयोग करने, पानी बचाने की विधि सहित खेतों में कम पानी वाले फसलों के संबंध में प्रेरित किया गया है।

जागरूकता रैलियों का हो रहा आयोजन

धमतरी जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में गांवों में जल जगार कार्यक्रम प्रति दिन आयोजित किये जा रहे है। इस दिशा में ग्रामीणों में जल संरक्षण संबंधी जागरूकता हेतु कार्यक्रम के दो-तीन दिवस पूर्व रैलियां, दीवार लेखन, तालाबों व जल स्त्रोतों की सफाई आदि कार्य कर माहौल तैयार किया जा रहा है।

वाटर हीरो जल प्रहरी नीरज वानखेडे़ द्वारा दी जा रही जानकारी

जल संरक्षण की दिशा में बीते कई वर्षाे से कार्य करने वाले नीरज वानखेडे को भारत सरकार ने वाटर हीरो जल प्रहरी की पदवी से सम्मानित किया है। वे जिले के इन पानी की कमी से जुझने वाले गांवों में जाकर जल जगार कार्यक्रम अंतर्गत ग्रामीणों को पानी की महत्ता को समझा रहे है। साथ ही नीरज वानखेडे़ रेन वाटर हार्वेस्टिंग, रूफटर्फ वाटर स्ट्रक्चर और वेस्ट वाटर मेनेजमेंट की तकनीक भी समझा रहे है, जिसे लेकर ग्रामीणों में जल संरक्षण को लेकर जागरूकता निर्मित हो रही है।

शहरों में वाटर स्ट्रक्चर का निर्माण

तालाबों में जल संरक्षण हेतु गाद निकालने, समुचित सफाई करने टीम द्वारा किया गया सर्वे जिले के पांच नगर पंचायत क्षेत्र आमदी, भखारा, नगरी,मगरलोड एवं कुरूद नगर पंचायत क्षेत्र में विभिन्न तालाबों में गाद जमा है जिसके कारण तालाबों के पानी की गुणवत्ता एवं भंडारण क्षमता क्षमता प्रभावित हो रही है। इन्हें साफ करने हेतु रायपुर की एन.आई.टी टीम द्वारा सर्वे किया जायेगा।

शहर के जल भराव की समस्या की निवारण हेतु टीम ने किया सर्वे

एन आई टी द्वारा धमतरी शहर के संपूर्ण 40 वार्ड क्षेत्र से निस्तारी गंदे पानी एवं वर्षा जल की समुचित निकासी हेतु ड्रेनेज सिस्टम का संपूर्ण मूल्यांकन और मानचित्रण के माध्यम से धमतरी शहर में जल भराव वाले हॉटस्पॉट की पहचान करने, जल निकासी की बुनियादी ढांचे और स्टॉर्म वॉटर में सुधार के लिए एवं बाढ़ की स्थिति को कम करने के लिए एक विस्तृत योजना तैयार करने हेतु टीम द्वारा सर्वे किया किया गया है। यह टीम आगामी कुछ दिनों में अपनी रिर्पाेट प्रस्तुत करेगी, जिसके बाद निगम द्वारा कार्यवाही की जायेगी।

सामाजिक संगठनों का मिल रहा सहयोग

कलेक्टर नम्रता गांधी की इस पहल को जिले के सामाजिक एवं स्वयंसेवी संगठनों का पूरा सहयोग मिल रहा है। भारतीय जैन संघटना द्वारा कुरूद ब्लॉक के ग्राम मड़ेली तथा जी जामगांव में तालाबों को पुनर्जीवित कर जल संरक्षण का कार्य किया जा रहा है। तालाबों से निकली मिट्टी को खेतों की उर्वरक क्षमता बढ़ाने के लिए खेतों में डाला जा रहा है। भारतीय जैन संघटना शाखा धमतरी द्वारा जल निकायों का पुनरूद्धार के तहत ग्राम पंचायत जी जामगांव के उल्लाही खार तालाब में 14 मई से 28 मई तक कार्य किया गया। इसमें 2 जेसीबी लगाया गया, जिसमें 1948 ट्रेक्टर मिट्टी निकाला गया।

जल जगार उत्सव से प्रेरित होकर औद्योगिकी इकाईयों में किया जा रहा सघन जल संरक्षण कार्य

जिले में संचालित सभी औद्योगिक इकाईयां जैसे-अरवा, उसना, राईस मिल, कोल्ड स्टोरेज, फ्लाई एश ब्रिक्स सहितं अन्य औद्योगिक संस्थाओं में केन्द्रीय भूजल बोर्ड के मानकों के अनुपालन हेतु आयोजित कार्याशाला में दिये गये निर्देश के परिपालन में जिले में अब तक कुल 225 इकाईयों का पंजीयन पूरा हो गया है। इनमें 79 राईस मिल, 7 फ्लाई एश ब्रिक्स एवं 2 उद्योगों द्वारा पंजीयन पूरा किया गया और उद्योगों द्वारा स्वयं पंजीयन भी किया गया।

36 कमार परिवार जल संरक्षण हेतु बना रहे तालाब, डबरी

पानी का संरक्षण करने और उसके दुरूपयोग को रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा जिले में जल जगार उत्सव मनाया जा रहा है। पानी के गिरते हुए स्तर से चिंतित होकर कमार आदिवासी भी स्वयं की जमीन में वर्षा जल को संचित करने के लिए वचनबद्ध हैं। जिले के वनांचल आदिवासी बाहुल्य नगरी विकासखण्ड के ग्राम पीपरहीभर्री के 36 कमार परिवारों ने वन अधिकार अधिनियम के तहत उन्हें मिले जमीन पर जल संरक्षण और संवर्द्धन की दिशा में तीन कमार आदिवासी परिवार जहां मछली पालन के लिए तालाब बनाए हैं, वहीं बारिश के पानी को रोकने के लिए 10 डबरियों का भी निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा गांव के समीप से गुजरने वाले नाला में डाईक संरचना बनाई जा रही है, जिससे पानी का स्तर ऊंचा उठे और जमीन पर नमी बनी रहे। कमार आदिवासी परिवार वनों को हरा-भरा बनाए रखने और वन्य प्राणियों की प्यास बुझाने तथा आने वाले समय में पानी की कमी से निजात पाने के लिए मुस्तैदी से जल संरक्षण की दिशा में कार्य को कर रहे हैं।

आने वाले बारिश के दौरान किया जाएगा वृक्षारोपण, तैयारियां जोरों पर

जल संरक्षण की दिशा में वृक्षारोपण का भी महत्वपूर्ण योगदान है। इसके लिए जिले में आयोजित जल जगार उत्सव में ग्रामीणों द्वारा वृक्षारोपण के लिए की जा रही तैयारी की जानकारी दी जा रही है। साथ ही सभी एक स्वर में वृक्षारोपण करने की बात भी कह रहे हैं।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर लगी आध्यात्मिक प्रदर्शनी, MLA राजेश मूणत ने जागरुकता लाने के लिए की अपील…

रायपुर- आज 31 मई को दुनियाभर में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर रायपुर रेलवे स्टेशन में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी मेडिकोज ने एक दिवसीय नशा मुक्ति आध्यात्मिक प्रदर्शनी का आयोजन किया। पूर्व कैबिनेट मंत्री और विधायक राजेश मूणत ने इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा, कि अगर स्वस्थ जीवन जीना है, तो तम्बाकू और उससे निर्मित पदार्थों को ना कहना सीखना पड़ेगा।

विधायक मूणत ने कहा कि तंबाकू का सेवन स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है। ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की तरफ से दी जाने वाली शिक्षा और कार्यक्रम नाश मुक्ति अभियान में बेहद ही महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

जागरुकता का लें संकल्प : विधायक राजेश मूणत

विधायक मूणत ने लोगों अपील करते हुए कहा कि आइए ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ के अवसर पर स्वस्थ समाज के निर्माण हेतु तंबाकू के दुष्परिणामों के प्रति जन-जन को जागरूक करने का संकल्प लें।

छत्तीसगढ़ में चिलचिलाती धूप में भी संचालित हो रहे आंगनबाड़ी केंद्र, अभिभावकों की बढ़ी चिंता, जोखिम में लाखों बच्चों की जान!

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में भीषण गर्मी और लू की वजह से लोगों की मौत हो रही है. आग बरसाते सूरज को देखते हुए स्कूलों में आयोजित समर कैंप को भी स्थगित कर दिया गया है. प्रदेश में पारा 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. मौसम विभाग ने लू की चेतावनी जारी की है तो वहीं स्वास्थ्य विभाग भी लू के खतरे को लेकर अलर्ट है.

अलर्ट के बीच चौंकाने वाली बात यह है प्रदेश के लाखों छोटे-छोटे बच्चों की जान जोखिम में डाली जा रही है. आंगनबाड़ी केंद्र तपती गर्मी में भी संचालित किया जा रहा है. नन्हे मुन्ने बच्चों के अभिभावक पूछ रहे हैं इतनी गर्मी के बीच कुछ दिनों के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद क्यों नहीं किया जा रहा है ? बच्चों को कुछ हुआ तो कौन जिम्मेदार होगा ?

इनकी जान जोखिम में

प्रदेश में लगभग 52,193 आंगनबाड़ी केंद्र है. जिसमें टोटल हितग्राही 26,16,931 हैं. आंगनबाड़ी केंद्रों में 6 माह से तीन साल के बच्चों की संख्या लगभग 10,47,630 है. तो वहीं 3 से 6 साल के बच्चों की संख्या 11,75,975 है और 1,57,274 गर्भवती महिला हैं.

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता

प्रदेश भर के लिए 52153 आंगनबाड़ी केंद्रों में 50,912 वर्कर कार्यरत हैं. जो आंगनबाड़ी बंद करने की स्थिति में पोषण सुपोषण आहार हितग्राहियों के घर तक पहुंचा सकते हैं.

आंगनबाड़ी बंद के फैसले के बाद भी न टूटे पोषण आहार का चक्र

भीषण गर्मी को देखते हुए अगर बच्चों की जान को ध्यान में रखते हुए आंगनबाड़ी केंद्र बंद किए जाते हैं तो उनको दिए जाने वाला पोषण आहार उनके घरों में 15 दिन या एक माह के लिए मुहैया कराया जाना चाहिए. जिससे पोषण आहार का चक्र भी न टूटे और प्रदेश में कुपोषण से लड़ाई भी जारी है.

क्या कहते हैं डॉक्टर

IMA के अध्यक्ष डॉक्टर राकेश गुप्ता ने कहा आपदा, प्रकोप, बीमारी इन सब में बच्चे और बूढ़े रेड जोन में होते हैं यानी सर्वाधिक खतरा इनको होता है. तेज धूप और गर्म हवा से डिहाइड्रेशन होता है और लू के शिकार होते है. तेज धूप का असर त्वचा पर ही नहीं बल्कि मस्तिष्क पर भी होता है. इसलिए बच्चों को धूप से बचाकर रखने की जरुरत है. प्रदेश में पारा बढ़ गया है ऐसे में खतरा सबको है. इसलिए सब को सलाह है कि बाहर ना निकले. अति आवश्यक काम होने पर ही शरीर को अच्छे से ढक कर ही निकले.

ED की टीम ने फिर कैलाश रूंगटा के ठिकानों पर दी दबिश, कस्टम मिलिंग से जुड़ा है मामला…

दुर्ग- लोकसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच में भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रफ्तार थमती नजर नहीं आ रही है. इस कड़ी में ईडी की टीम तीसरी बार छत्तीसगढ़ राइस मिलर एसोसिएसन के अध्यक्ष कैलाश रूंगटा के निवास पर पहुंची है।

बता दें कि ईडी की टीम ने पहले भी कैलाश रूंगटा के ठिकानों पर कस्टम मिलिंग के माध्यम से राज्य सरकार को राजस्व क्षति पहुंचाने समेत हवाला कारोबार से जुड़े मामले की छानबीन करते हुए दबिश दे चुकी है. ईओडब्ल्यू/ एसीबी ने ईडी की रिपोर्ट के बाद कस्टम मिलिंग घोटाले के मामले में धारा 409, 120 बी के तहत अपराध दर्ज किया है.

चिंतन शिविर पर कांग्रेस के तंज पर मंत्री रामविचार नेताम का पलटवार, कहा- हम उनके जैसे नहीं, जिनका ध्यान

रायपुर- 5 माह में साय सरकार की पोल खुलने वाले बयान के जरिए कांग्रेस के भाजपा के चिंतन शिविर पर कसे गए तंज पर मंत्री रामविचार नेताम ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेसियों को कुछ बोलना है. लेकिन हम उनके जैसे नहीं कि योजना बनाएं और जमीन पर उतरने से पहले उनके पॉकेट कैसे गरम हों, इस पर ध्यान रहे. हमारे यहां ऐसे काम नहीं होता है. 

मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि चिंतन शिविर पहले भी होते रहे हैं. हमारी प्रशासन विशेष ध्यान देती है कि हम काम करने से पहले पूरी योजनाओं का अध्ययन करें. मुख्यमंत्री की इच्छा अनुरूप आने वाले दस साल का रोड मैप तैयार करने और किस दिशा में काम करना है, इसके लिए शिविर का आयोजन किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ की बेहतरी और योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.

चिंतन शिविर के लिए सीएम विष्णु देव साय IIM पहुंचे. उप मुख्यमंत्री अरुण साव, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, दयाल दास बघेल, श्याम बिहारी जायसवाल, लक्ष्मी रजवाड़े भी शिविर में पहुंचे हैं.

बलरामपुर में युवक-युवती की संदिग्ध अवस्था में हुई मौत पर व्यक्त की जा रही शंका पर मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि पुलिस ने गंभीरता से जांच की है, लेकिन परिजन जांच से संतुष्ट नहीं है. निष्पक्ष जांच के लिए आश्वस्त किया गया है. स्पेशल टीम गठित कर मामले की जांच कराई जाएगी.

मंत्री नेताम ने कहा कि घटना के संबंध में कुछ लोग जानबूझकर कर गुमराह कर रहे हैं. लोगों ने सीमा तोड़ गैर कानूनी तौर से चक्काजाम किया. ऐसी वारदात नहीं होनी चाहिए. कानून से ऊपर कोई नहीं है. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जांच रिपोर्ट लोगों के बीच आने दे. कोई तथ्य या जानकारी है, तो उसे गोपनीय तरीके से पुलिस के समक्ष रखें. संयम रखें, जांच चलने दे और सहयोग करें. बता दें कि युवक बजरंग दल से जुड़ा होने के साथ-साथ मंत्री नेताम का करीबी था.

आईआईएम रायपुर में दो दिवसीय चिंतन शिविर का शुभारंभ, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सहित मंत्रिमंडल के सदस्य ले रहे हिस्सा

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज यहां रायपुर स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान(आईआईएम) में आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर का शुभारंभ किया। चिंतन शिविर में मुख्यमंत्री श्री साय सहित उप मुख्यमंत्री द्वय अरुण साव एवं विजय शर्मा तथा मंत्रिमंडल के अन्य सहयोगी हिस्सा ले रहे हैं। प्रथम सत्र को नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने संबोधित किया। अपने संबोधन में श्री सुब्रमण्यम ने विकसित भारत की संकल्पना और इसे प्राप्त करने की रणनीति के संबंध में विस्तार से अपनी बातें साझा की। उन्होंने कहा कि बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत तेजी से आगे बढ़ा है और दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में अपनी जगह बनाने में सफल रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने विकसित भारत 2047 बनाने का संकल्प लिया है और इसे पूरा करने की रणनीति बनाई गई है।

श्री सुब्रमण्यम ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी स्केल, स्पीड और इनोवेशन पर जोर देते हैं। बदलते अंतराष्ट्रीय परिदृश्य और समय को देखते हुए विकसित भारत का विजन तैयार किया गया है ताकि भारत अपनी विशिष्ट जगह बना सकें। उन्होंने कहा कि अब दुनिया की निगाहें ग्लोबल साउथ पर हैं। अब नजरिया पश्चिम से पूर्व की ओर देखने का है और भारत इन संभावनाओं को पूरा करने के लिए सक्षम है। भारत की जनांकिकी, भारत की रणनीतिक स्थिति और भारत में तेजी से हुए सुधारों से इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए भारत तैयार है। चाहे डिजिटल इकानामी हो, अथवा कर संबंधी सुधार हो। नवाचार को बढ़ावा देना हो, भारत इसमें अग्रणी रहा है और आने वाले समय में इन्हें तेजी से बढ़ाना है। विकसित भारत सबके लिए समृद्धि लेकर आये, इसके लिए कार्य करना है। क्लाइमेट चेंज जैसी समस्याओं को देखते हुए ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देते हुए सतत विकास की दिशा में काम करना है। उन्होंने कहा कि जब हम विजन लेकर चलते हैं तो स्वाभाविक रूप से हमें एक गाइड मैप मिल जाता है और इसके अनुरूप हम बढ़ते जाते हैं। श्री सुब्रमण्यम ने कहा कि विकसित भारत का संकल्प पूरा करने में छत्तीसगढ़ की अहम भागीदारी होगी। छत्तीसगढ़ में विकसित राज्य बनने के लिए और तीव्र विकास के लिए असीम संभावनाएं हैं और इस दिशा में आगे बढ़कर छत्तीसगढ़ अपने विकास के साथ ही विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

सभी मंत्रिगणों ने संवाद में भागीदारी करते हुए छत्तीसगढ़ में इस संबंध में बनाई जा रही नीतियों के बारे में बताया। साथ ही उन्होंने श्री सुब्रमण्यम के समक्ष अपनी जिज्ञासाएं भी रखीं जिस पर विकसित छत्तीसगढ़ और विकसित भारत के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए सार्थक परिचर्चा हुई। उल्लेखनीय है कि दो दिवसीय इस चिंतन शिविर में छत्तीसगढ़ के विजन हेतु सार्थक विमर्श होना है। साथ ही संसाधनों के सतत उपयोग एवं योजनाओं के अभिसरण सहित विविध विषयों पर चर्चा होगी।

चिंतन शिविर में कृषि मंत्री रामविचार नेताम, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप,खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी रजवाड़े, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा मौजूद रहे।

अंतिम चरण का थमा चुनावी प्रचार, पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा –

रायपुर- बनारस में चुनाव प्रचार कर रायपुर लौटे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने मोदी के कन्याकुमारी में रुकने पर कटाक्ष करते हुए कहा, अवतारी पुरुष अब मानव हो गए. उन्हें कहीं जाने की जरूरत ही क्या थी ? उन्हें तो भाजपा के लोग भगवान कहने लगे हैं.

अंतिम चरण के चुनाव पर भूपेश बघेल ने कहा, देश में बदलाव की बयार है. अंतिम चरण के लिए प्रचार थम चुका है. प्रधानमंत्री मोदी ने कभी अपनी सरकार की योजनाओं पर बात नहीं की. उन्होंने हिन्दू-मुसलमान, पाकिस्तान, धर्म की ही बात कही. अब तो मुजरा तक में आ गए हैं. आरक्षण के खिलाफ, लोकतंत्र के खिलाफ ही उन्होंने बोला है.

साय सरकार के गौवंश अभ्यारण्य पर बघेल ने कहा, गौठान में क्या कमी थी ? यह बताना चाहिए और कितने अभ्यारण्य बनाएंगे ? जंगल कहां-कहां बना लेंगे ? कांग्रेस सरकार की योजना यह सोचकर पूर्व की जनहित योजनाओं को बंद करना क्या सही है ? महात्मा गांधी पर पीएम मोदी की टिप्पणी पर भूपेश बघेल ने कहा, प्रधानमंत्री का सामान्य ज्ञान कमजोर है. अधिकारियों ने जो लिखा वही पढ़ दिए. 25 साल मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री रहने के बाद का ऐसा हाल, इसे क्या कहा जाए. दुनिया में सर्वाधिक लोकप्रिय नेता महात्मा गांधी हुए हैं.

शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने PTRSU के कुलसचिव पर कार्रवाई का दिया आश्वासन, कहा- जांच हुई है तो कार्रवाई होगी…

रायपुर- शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मुलाकात कर PTRSU के कुलचचिव शैलेन्द्र पटेल को निष्काशित करने की मांग रखी। इस दौरान शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कुलपति के योग्यता पर यदि जांच हुई है, तो कार्रवाई भी होगी। साथ ही इस मामले में अधिकारियों को निर्देशित करने का आश्वासन भी दिया है।

एबीपी के प्रदेश मंत्री यज्ञदत्त वर्मा ने कहा, कि पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के उपकुलसचिव शैलेंद्र कुमार पटेल की योग्यता और अनुभव से संबंधित दस्तावेजों की चौथी बार जांच के बावजूद फर्जी होने का मामला सामने आया है। इससे पहले तीन बार उच्च शिक्षा विभाग के अपर संचालक, संयुक्त संचालक आयुक्त और तीन प्राचार्यों की समिति ने पटेल के दस्तावेजों की जांच कर रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि पटेल की योग्यता उपकुलसचिव के पद के लिए निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करती है।

यज्ञदत्त ने आगे कहा कि कुलपति पटेल ने दावा किया था, कि उसने 5 फरवरी 2013 से 5 फरवरी 2015 तक सीवी रमन यूनिवर्सिटी, बिलासपुर से गणित में पीएचडी की है, जबकि इस अवधि में वह भिलाई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, रायपुर में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत था। लेकिन रायपुर और बिलासपुर के बीच 300 किलोमीटर (आना-जाना मिलाकर) की दूरी को प्रतिदिन तय करना असंभव है, जिससे यह साफ हो जाता है कि पटेल का दावा गलत है। इसके अलावा, पटेल को बिना नेट परीक्षा उत्तीर्ण किए ही सहायक प्राध्यापक की नौकरी मिल गई थी, जो नियमों के खिलाफ है। 

यज्ञदत्त ने बताया कि इस मामले में जांच समिति ने पटेल की एमफिल डिग्री को भी फर्जी पाया, क्योंकि 2007-08 में विनायक मिशन यूनिवर्सिटी, सालेम से एमफिल करने की जानकारी दी थी, जबकि उस संस्था का एमफिल मान्य नहीं है। भ्रष्टाचार के कई मामलों, जैसे प्रश्न पेपर घोटाला और नैक घोटाला में भी पटेल का नाम सामने आया है।

अयोग्य घोषित होने के बाद भी पदस्थ हैं शैलेंद्र पटेल : एबीपी

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश मंत्री यज्ञदत्त वर्मा ने कहा, “जिस तरह से पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में कुलसचिव के घोटाले और फर्जी डिग्री का विषय बार-बार सामने आ रहा है, यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। तीन बार जांच समिति बनाकर जांच की जा चुकी है और हर बार अयोग्य घोषित किया गया, फिर भी आज वहां पर शान से बैठकर छात्रों को धमकी देता है। यह सरकार की निर्णय लेने की असमर्थता को दर्शाता है। यदि जल्द ही इस मामले में निर्णय नहीं लिया गया, तो विद्यार्थी परिषद उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगी, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।

एबीपी के रायपुर महानगर मंत्री प्रथम राव फुटाने ने कहा- “शिक्षा में शिक्षकों का सबसे बड़ा योगदान होता है। अगर वे लोग ही ऐसे फर्जीवाड़े में पकड़े जाएंगे और पकड़े जाने के बाद भी उनके ऊपर कार्यवाही नहीं की जाति है तो इससे छात्र समुदाय में गलत प्रभाव पड़ेगा” लेकिन कुलसचिव शैलेन्द्र पटेल का अब बचना अब नामुनकिन है।

प्रथम ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने ठान लिया है, कि शैलेन्द्र पटेल के खिलाफ उचित कार्यवाही करवा के रहेगी कुलसचिव के भ्रष्टाचार का घड़ा अब भर चुका है।