शत्रु बाधा और कोर्ट कचहरी से बचाती है माता बगलामुखी
मुजफ्फरपुर बगलामुखी प्रकटोत्सव व बगलामुखी जयंती पर बगलामुखी मंदिर मे मां बगलामुखी की विशेष पूजा आराधना षोडशोपचार पूजन उपरांत महाश्रृंगार व महाआरती व चुनरी ओढाकर कर हवन आदी कर हुई।
महंत देवराज ने बताया कि वैशाख माह की अष्टमी तिथि के दिन मां बगलामुखी की जयंती मनाई जाती है जिसे लेकर माता का प्रकटोत्सव मनाया जा रहा है।
10 महाविद्याओं में से एक 8वीं महाविद्या बगलामुखी है। बगलामुखी देवी का प्रकाट्य स्थल गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में माना जाता है। कहते हैं कि हल्दी रंग के जल से इनका प्रकाट्य हुआ था। इसी कारण माता को पीतांबरा कहते हैं।शत्रु बाधा और कोर्ट कचहरी,मुकदमे आदि में इनका अनुष्ठान सफलता प्राप्त करने वाला माना जाता है। इनकी आराधना करने से साधक को विजय प्राप्त होती है। शत्रु पूरी तरह पराजित हो जाते हैं।
महंत देवराज ने बताया की बगला शब्द संस्कृत भाषा के वल्गा का अपभ्रंश है, जिसका अर्थ होता है दुल्हन। कुब्जिका तंत्र के अनुसार, बगला नाम तीन अक्षरों से निर्मित है व, ग, ला; 'व' अक्षर वारुणी, 'ग' अक्षर सिद्धिदा तथा 'ला' अक्षर पृथ्वी को संबोधित करता है।
अत: मां के अलौकिक सौंदर्य और स्तंभन शक्ति के कारण ही इन्हें यह नाम प्राप्त है।गुरुवार इनका विशेष दिन माना जाता है।वही मां दही हल्दी चढाने का विशेष विधान है जिससे भक्तो के दुःखो का नाश होता है।इस दौरान मंदिर के पुजारी रंजय झा,अखिलेश झा,देवनारायण मिश्र, संजय बाबा,भाजपा नेता प्रभात मालाकार,सौरभ आदि मौजूद रहे।
May 16 2024, 09:38