क्या जयराम महतो का हो सकता है नामांकन रद्द,या जेल में रहकर लड़ सकते चुनाव...?तय होगा 7 मई को..!
झारखंड डेस्क
गिरिडीह लोकसभा से JBKSS के प्रत्याशी जयराम महतो का मुसीबत कम होने का नाम नही ले रहा है। दो साल पहले के एक केस में वारंट रांची से एक वारंट में गिरफ्तारी नही दिये जाने से मामला बिगड़ता जा रहा है।
वैसे जयराम का आरोप है कि चुनाव में सत्ताधारी दल उन्हे किसी भी हाल में सियासी मैदान में नही देखना चाहते हैं इसी लिए एक पुराने वारंट को आधार बनाकर ठीक नमांकन के बाद गिरफ्तार करना चाहती है।क्योंकि उन्हें इस बात का अहसास है कि जनता अब समझ चुकी है कि इस बार सियासी जंग में किसे चुनना है।
इधर बोकारो उपायुक्त सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय से जारी एक पत्र से यह संभावना बढ़ गयी है कि जयराम का नामांकन हीं रद्द हो सकता है।क्योंकि जिला निर्वाचन पदाधिकारी को संदेह है कि
जयराम महतो का हस्ताक्षर संदेहास्पद है।
इसके लिये जयराम महतो को 7 मई को निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष बुलाया गया है।
बता दे की बता दे की उपायुक्त सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय से एक नोटिस जारी करते हुए कहा गया है कि धनबाद जिले के तोपचांची थाना क्षेत्र के मानटांड के निवासी जयराम कुमार महतो द्वारा एक मई 2024 को 06 गिरिडीह लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचित पदाधिकारी के समक्ष तीन सेट में नामांकन पत्र दाखिल किया गया है।
आपके द्वारा समर्पित नाम निर्देशन पत्र में उल्लेखित प्रस्तावकों में से सभी का हस्ताक्षर आपको अवगत कराने हेतु 6 गिरिडीह लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के सहायक निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा 2 मई 2024 को 2.40 बजे में नाम निर्देशन पत्र में उल्लेखित पत्र में उल्लिखित आपके मोबाइल पर संपर्क किया गया।
परंतु आपके द्वारा फोन नहीं उठाया गया एवं आपके आपसे किसी प्रकार का प्रति उत्तर भी प्राप्त नहीं हुआ।
अतः आपको सूचित किया जाता है कि यह नोटिस आपका नाम निर्देशन पत्र में उल्लेखित पते एवं चार दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित की जा रही है। सूचना प्रकाशन के पश्चात आपका नाम निर्देशन पत्र में उल्लेखित सभी प्रस्तावों को एवं उनके वैध पहचान पत्र के साथ अधोहस्ताक्षरी के समक्ष उपस्थित होना सुनिश्चित करेंगे।
इस नोटिस् के बाद जयराम महतो को अगर चुनाव लड़ना है तो हर हाल में तय तिथि को निर्वाचन पदा धिकारी के समक्ष उपस्थित होना है।अगर इस अवधि में कोर्ट से जयराम को वेल नही मिलती है तो उपायुक्त कार्यालय से उसकी गिरफ्तारी भी हो जाएगी।
हलाकि कानूनी प्रक्रिया पर सवाल तो नही उठाया जा सकता है।अगर वारंट था तो जयराम को नामांकन से पहले
इसे वेल करा लेना चाहिए था लेकिन अब इस कानूनी चक्रव्यूह में उलझ कर कहीं नामांकन रद्द हो जाती है तो जयराम चुनाव लड़ने से वंचित हो जाएंगे।
हलाकि इसका साइड इफेक्ट सत्ताधारी दल पर भी पड़ेगा।जयराम् के समर्थक की नाराजगी से सत्ताधारी दल के बजाय उसके विरोधी को यह वोट चला जायेगा। इस हाल में सत्ताधारी दल को भी भारी नुकसान हो सकता है।
अब देखना है कि जयराम महतो चुनाव लड़ सकते जेल में रह कर या उसका नामांकन होता है रद्द
May 04 2024, 09:58