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विश्व पृथ्वी दिवस पर पर्यावरण संरक्षण गतिविधि द्वारा किया गया वृक्षारोपण


         

          

   इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के पेड़ उपक्रम प्रमुख रमेश कुमार सुदामा ने कहा कि वेद में कहा गया है--"भूमि माता पुत्रो अहं पृथ्वया। "अर्थात धरती हमारी माता है और हम सभी उनके सन्तान हैं। 

  

  माता मानकर हम सभी पृथ्वी की सुरक्षा हेतु छोटे छोटे प्रयास करें।पृथ्वी बचेगी हम सब बचेंगे। 2024 का थीम है--"प्लेनेट वर्सेस प्लास्टिक "। सिंगल यूज प्लास्टिक का उत्पादन बंद करना होगा। प्लास्टिक धरती माता को प्रदूषित करता है। भूमि को बंजर बना देता है। दिल्ली महानगर में पोलिथीन के कचड़े का पहाड़ बन गया है। 

        

 धरती माता को बचाने के लिए अपने आसपास पेड़ लगाये तथा 5 वर्षों तक उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करें। आस्ट्रेलिया सरकार का कानून है कि घर बनाने के लिए 5 पेड़ सामने अवश्य लगायें। वहाँ विद्यार्थियों के लिए एक पेड़ लगाने के बाद ही स्नातक की डिग्री मिलती है। 

         

 विश्व पृथ्वी दिवस पर जल संरक्षण का भी संकल्प करें। प्राकृतिक जल श्रोत नदी, झील, झड़ना, तालाब,कुआँ की सुरक्षा संसार के मानव को करना होगा। भविष्य में तृतीय विश्व युद्ध जल के लिए होगा। 

     

    संसार में जनसंख्या विस्फोट हुआ है। अतः अंधाधुंध जंगलों की कटाई हो रहा है। परिणामस्वरूप प्राकृतिक आपदायें मानव को परेशान कर रही है। इससे बचने के लिए पेड़ लगायें, पानी बचायें, पोलिथीन हटायें। 

    वृक्षारोपण कार्यक्रम में रमेश कुमार सुदामा दिनेश पांडेय ,इंद्रजीत राम , आशुतोष मिश्रा, शामू पांडेय इत्यादि ने भाग लिए।

प्राइवेट स्कूलों का सालाना लूट समारोह, किताबें-यूनिफार्म की कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश..

मार्च अप्रैल का महीना, बच्चों के मां-बाप के जेब कटने का महीना होता है. आमतौर पर जब कोई आपकी जेब काटता है तो आप चोर-चोर चिल्लाते हैं, लेकिन इन दो महीनों में जब मां-बाप की जेब कटती है तो वो स्कूल-स्कूल चिल्लाते हैं. किसी जेबकतरे की शिकायत आप पुलिस स्टेशन में कर सकते हैं. लेकिन जेब काटने वाले स्कूलों की आप कहीं शिकायत नहीं कर सकते हैं. बहुत मुमकिन है कि जेबकतरे को पुलिस पकड़कर जेल में भी डाल दे, आपका कुछ पैसा भी दिलवा दे, लेकिन स्कूलों पर कोई हाथ नहीं डालता है. क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों हैं. ऐसा इसलिए है कि मंत्री से लेकर अधिकारी तक, नौकरी पेशा से लेकर व्यापारी तक, सभी के बच्चे किसी ना किसी स्कूल में पढ़ते हैं.

उनके बच्चों को प्रताड़ित ना किया जाए, उनके बच्चों को स्कूल से ना निकाल दिया जाए, उनके बच्चे के साथ भेदभाव ना शुरु कर दिया जाए, इस डर से सब चुप रहते हैं. और चुप्पी ही स्कूली जेबकतरों की शक्ति है. वर्ष बदलते हैं लेकिन हालात नहीं बदले..फीस और किताबों के SET के नाम पर लुटेरों के जज्बात भी नहीं बदले हैं.

- इस वर्ष स्कूलों में कॉपी-किताबों के पूरे Set की कीमत, 40 प्रतिशत तक महंगी कर दी गई हैं.

- इसमें कॉपी-किताबें करीब 30 प्रतिशत तक महंगी हुई है.

- स्कूल ड्रेस और बैग वगैरह की कीमतों में 40 प्रतिशत का इज़ाफा किया गया है.

कीमतें हर वर्ष बढ़ाई जाती हैं...

हालांकि प्राइवेट स्कूली शिक्षा की दुनिया में कुछ बातें Universal Truth है, जैसे महंगाई के नाम पर कॉपी किताबों की कीमतें हर वर्ष हद से ज्यादा बढ़ाई जाती हैं. स्कूलों में बच्चों को ये सिखाया जाता है कि पेड़ काटना नहीं चाहिए. नए पेड़ लगाने चाहिए. लेकिन यही स्कूल अपने यहां हर वर्ष बच्चों को नई क्लास के लिए नए कॉपी-किताबों का सेट खरीदने के लिए मजबूर करते हैं. पुरानी किताबों को एक तरह से अछूत घोषित कर दिया जाता है.

प्राइवेट स्कूली शिक्षा की बातें...

मतलब ये है कि एक ही परिवार के अगर दो बच्चे एक ही स्कूल में पढ़ रहे हों, तो स्कूल उन्हें किताबें शेयर करने की इजाज़त नहीं देता है. यानी 7वीं क्लास में पढ़ने वाली कोई बच्ची, 8वीं क्लास में पढ़ने वाली अपनी बड़ी बहन की किताबें इस्तेमाल नहीं कर सकती. उसको 8वीं की नई चमचमाती किताबें ही लेनी होंगी. और जैसा की हम कह रहे हैं कि प्राइवेट स्कूली शिक्षा की दुनिया में कुछ बातें Universal Truth है, उसमें से एक ये भी है कि किताबें छापने वाली कंपनियां और प्राइवेट स्कूलों में गहरे करीबी संबंध होते हैं, कई बार स्कूलों के ही अपने Publishing House भी होते हैं.

अलग-अलग मुद्दों पर सर्वे करने वाली संस्था Local Circle ने प्राइवेट स्कूलों की फीस और कॉपी किताबों के Set की कीमत बढ़ाने को लेकर एक सर्वे किया है. ये सर्वे देश के अलग-अलग प्रदेशों के करीब 312 जिलों में किया गया है. जिसमें अभिभावकों से स्कूल के खर्च पर बात की गई. सर्वे में 66 प्रतिशत पुरुष और 34 प्रतिशत महिलाएं शामिल की गई थीं.

- Local Circle के इस सर्वे में पता चला है कि पिछले 2 वर्षों में प्राइवेट स्कूलों की फीस में 30 प्रतिशत या उससे ज्यादा की बढ़ोतरी की गई है. सर्वे में शामिल अभिभावकों में से 50 प्रतिशत ने ये बात कही है.

- 8 प्रतिशत अभिभावकों ने माना है कि स्कूल की फीस में 40 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है.

- 42 प्रतिशत अभिभावकों ने माना है कि स्कूल की फीस 30 से 50 प्रतिशत बढ़ी है.

- अभिभावकों ने सर्वे में ये भी बताया कि स्कूल के Session की शुरुआत में नई कॉपी किताबों की लागत की वजह से खर्चे और ज्यादा बढ़े हैं.

- सर्वे के मुताबिक टियर-1 शहरों के स्कूलों की वार्षिक फीस 1 लाख से 4 लाख रुपये की बीच है.

- टियर 2 शहरों में स्कूलों की फीस सालाना 35 हजार से 2 लाख रुपये तक है.

ये एक ऐसी दुकान हैं. जहां स्कूल की किताबें मिलती हैं. आप जिस तरह से अपने बच्चों के लिए कॉपी किताबें खरीदते हैं. यहां पर भी वैसी खरीदारी हो रही है. ना आप कुछ बोलते हैं ना दुकानदार कुछ बोलता है, लेकिन कॉपी-किताबों के SET का लेनदेन पूरा हो जाता है. जो लोग इस प्रक्रिया को नहीं जानते हैं उन्हें बता दें कि पहले

- प्राइवेट स्कूल....कॉपी किताबों के सेट खरीदने के लिए एक पर्ची और साथ में कॉपी-किताबों की लिस्ट देता है.

- पर्ची पर पहले से निर्धारित एक खास विशेष दुकान का नाम लिखा होता है.

- आप उस दुकान पर जाते हैं, दुकानदार को वो पर्ची देते हैं.

- पर्ची लेकर दुकानदार आपको एक बैग थमा देता है, इस बैग में पहले ही वो सारी कॉपी-किताबें और स्टेशनरी मौजूद होती है जो स्कूल ने अपने लिस्ट में लिखी थी.

- ना आप दुकानदार से कुछ बोलते हैं, ना दुकानदार आपसे कुछ कहता है, पर्ची,पैसों और किताबों का लेनदेन हो जाता है. काम खत्म.

Publishing House के मालिकों के नेक्सस...

हवाला कारोबार के नेक्सस पर तो देश की सुरक्षा एजेंसियों की नजर होती है, पुलिस उस पर कार्रवाई करती है. लेकिन प्राइवेट स्कूलों और कॉपी-किताबों वाले Publishing House के मालिकों के नेक्सस पर कभी कोई सवाल नहीं उठाया जाता है, कार्रवाई तो भूल ही जाइए. प्राइवेट स्कूलों की इस मानमानी का असर, उन मां-बाप पर पड़ता है जो अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में भेजने को मजबूर हैं.

कई बार तो कॉपी किताबों का बिल भी नहीं दिया जाता है. अपराध की दुनिया में हवाला कारोबार भी कुछ ऐसे ही होता है. एक निशानी लेकर जाइए, दूसरे शख्स से उसकी पहचान कराइए, पैसे लीजिए या दीजिए. काम खत्म. मैच फिक्सिंग की तरह स्कूलों की ओर से फिक्स हो चुकी दुकानों में पहले से ही किताबों और नोटबुक के बंडल बनाकर रखे जा चुके होते हैं.

अभिभावकों को केवल बच्चे का नाम और उसकी कक्षा का नाम बताना होता है. केवल दो मिनट में किताबें हाथ में आ जाती हैं. अभिभावक चाहकर भी अपनी पसंद की दुकान से कॉपी किताबें नहीं खरीद पाते हैं. प्राइवेट स्कूल की Education Fixing में शामिल दुकानदार इसीलिए मनचाही कीमत पर कॉपी, किताबें, स्टेशनरी और बाकी सामान बेचते हैं. और मां-बाप उन्हें खरीदने को मजबूर होते हैं.

प्राइवेट स्कूल, खास पब्लिशर की किताब खास जगह से खरीदनों को क्यों कहते हैं ये आप इस तरह से समझ सकते हैं कि जिन किताबों से बच्चों को ज्ञान मिलता है,..आरोप है उन्हीं किताबों की कीमत से प्राइवेट स्कूलों को कमीशन मिलती है.

ई कॉपियां, नई किताबें..नई स्टेशनरी...

ई कॉपियां, नई किताबें..नई स्टेशनरी से जितना प्यार बच्चों को होता है, उससे ज्यादा प्यार प्राइवेट स्कूलों, पब्लिशिंग हाउस और दुकानदारों को होता है. बच्चों को नई चीजें देखकर खुशी मिलती है...और बाकी सभी को उससे होने वाली कमाई देखकर. स्कूलों की मनमानी हर वर्ष ऐसे ही चलती है, बच्चो के मां-बाप मन मारकर रह जाते हैं और स्कूल्स को कुछ नहीं कह पाते हैं.

स्थिति ये है कि जो किताब बाजार में 100 रुपये की मिलती है, वही किताब स्कूलों की ओर से बताई गई दुकान पर 140 रुपये तक बेची जा रही है. कीमतों में दिख रहा ये अंतर, कमीशन का गहरा खेल है. जिसको समझना एक सामान्य मां-बाप के लिए मुश्किल है. मां-बाप जब अपने बच्चों के लिए कॉपी किताबें खरीदने के लिए जाते हैं, तो वो स्कूल की लिस्ट के हिसाब से निश्चित दुकान पर फिक्स्ड प्राइस पर सामान खरीदते हैं. उन्हें प्राइवेट स्कूलों की तरफ से इतना भी अधिकार नहीं दिया जाता है कि वो दूसरी दुकान से किताबें खरीद सकें. हमने इस मुद्दे पर कुछ ऐसे अभिभावकों से बात की, जो स्कूलों की मनमानी से परेशान हैं.

कई बार अभिभावकों को प्राइवेट स्कूलों की ओर से ऐसे संकेत दिए जाते हैं, कि अगर वो फीस या स्टेशनरी संबंधित दिशा निर्देशों का पालन नहीं कर सकते, तो वो अपने बच्चों का एडमिशन कहीं और करवा सकते हैं. बस यही बात माता पिता के डर की वजह बनता है.

उन्हें मालूम है कि प्राइवेट स्कूल्स के संबंध बड़े-बड़े व्यापारी घरानों से भी होते हैं. ऐसे में अभिभावकों को स्कूलों की मनमानी के खिलाफ ना तो कार्रवाई की उम्मीद होती है, ना ही कड़े नियम कानून बनने की उम्मीद होती है.

प्राइवेट स्कूल भी बेधड़क वही करते हैं जिससे उनकी कमाई हो सके. देश में शिक्षा के हालात ऐसे है कि मां-बाप को अपने बच्चों के लिए प्राइवेट स्कूल चुनने के लिए मजबूर किया जाता है. प्राइवेट स्कूल अभिभावकों की इसी मजबूरी का लाभ उठाते हैं.

अच्छे कार्य करने वाले पदाधिकारी/कर्मियों को उपविकास आयुक्त ने किया सम्मानित

भोजपुर : आज दिनांक 03.04.2024 को विद्या भवन सभागार में उप विकास आयुका, भोजपुर के अध्यक्षता में माह जनवरी, 2024, फरवरी, 2024 एवं मार्च 2024 महीने के उत्कृष्ट कार्य करने वाले चयनित पदाधिकारी / कर्मियों को पुरस्कृत किया गया । 

जनवरी, 2024 के लिए मनीष कुमार, कार्यक्रम पदाधिकारी, मनरेगा, शैलेन्द्र कुमार, सिंगल विडीऑपरेटर डी०ए० कार्यालय, फरवरी, 2024 के लिए बिन्दु कुमारी, पंचायत रोजगार सेवक, मनरेगा, पीरो, चन्द्रदीप कुमार, प्रखण्ड समन्वयक, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान, आरा सदर सुषमा श्रेष्ठ, कार्यपालक सहायक, आवास योजना, गड़हनी तथा मार्च, 2024 को लिए राकेश कुमार, प्रखण्ड समन्वयक, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान, उदवन्तनगर एवं सुश्री पुनम कुमारी, उच्च वर्गीय लिपिक, प्रखण्ड कार्यालय, आरा सदर को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।

अपने संबोधन के क्रम में उप विकास आयुक्त के द्वारा पुरस्कृत पदाधिकारियों/कर्मियों के कार्यों की सराहना करते हुए भविष्य में अपनी कार्यक्षमता एवं प्रदर्शन को बनाये रखने की बात कही गयी। आगे इनके द्वारा बताया गया कि अच्छे कार्य करने वाले पदाधिकारी/कर्मियों के मनोबल को बढ़ाने के लिए समय-समय पर ऐसे सम्मान कार्यक्रम आयोजित किये जाते रहेंगे। 

इस मौके पर शालनी प्रज्ञा सहायक परियोजना अधिकारी, क्रांति कुमार सहायक परियोजना अधिकारी , इस कार्यक्रम का संचालन रंजय बैठा जिला समन्वयक जिला जल एवम स्वच्छता भोजपुर , और धन्यवाद ज्ञापन प्रियंका कुमारी जिला परियोजना प्रबंधक जल जीवन हरियाली के द्वारा किया गया ।

भोजपुर से अरुण कुमार ओझा

जिस देश में आर्थिक तंगी से बच्चा और जिस्म बेचा जाता हो उस देश-प्रदेश का मुखिया अपने आप को जनसेवक कहे, इससे बड़ा हास्यपद बात कोई नही हो सकता है:-

भोजपुर – पूर्व विधायक भाई दिनेश ने पीएम मोदी और सीएम नीतीश पर बिना नाम लिए बड़ा तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि जिस देश और प्रदेश में आर्थिक तंगी के कारण अपना बच्चा और जिस्म बेचा जाता हो वैसे प्रदेश और देश के मुखिया द्वारा एड़ी उठाकर अपना प्रदेश और देश को विकसित ,विकासशील होने डंका बजाया जाता है जो अपने एक सभा पर 10 करोड़,पांच करोड़,दो करोड़ रुपए खर्च करते हो यह पूरी तरह हास्यपद बाते है।

उन्होंने कहा कि जहां खाद्य पदार्थों में मिलावट होता हो, जहां जीवन रक्षक दावा में भी मिलावट होता हो, जहां समाज का रक्षक ही समाज का शोषण करता हो,जहा भगवान का दूसरा रूप कहे जाने वाले डाक्टर पैसा के लिए आम इंसान का जान लेता हो, केवल पैसा के लिए जो जरूरी नहीं है वैसे भी दावा मंगाते हो,जांच कराते हो ,किडनी निकालते हो, मरे हुए मरीज को आईसीसीयू ,विंडेलेटर पर रखकर पैसा लेते हो वैसे प्रदेश और देश का मुखिया अपने आप को जन सेवक कहे क्या यह अति हास्यपद नही है?

 

भाई दिनेश ने कहा कि जिसे देश की सीमा - समाज - सम्मान की सुरक्षा का जिमेवारी है वही पैसे के लिए घुसपैठ करता हो,अपमानित करता हो फिर हम कहे की विश्व गुरु बन गया हूं क्या यह हास्यपद नही है ? लोकतंत्र का पाया विधायिका ,कार्यपालिका ,न्यापालिका और चौथा स्तंभ जिसका जिमेवारी और जवाबदेही आम जनता का समस्या जानना और समाधान करना ,आम आदमी के नियम और नीति बनाना,समय पर कार्य का निपटारा करना ,पीड़ित को न्याय देना सरकार और प्रशासन को समाज का वास्तविक स्थिति को दिखाना है अगर वो ही पैसे से ,पद से,पूर्वाग्रह से ग्रसित हो जाए फिर हम कहे शुसान है , कलम और कैमरा स्वतंत्र है तो ये हास्यपद ही है।

कहा कि शिक्षा -स्वास्थ्य जिसे मानव जीवन के संपूर्ण विकाश की नीव रखी जाती है उसे पूर्णरूप से बाजारीकरण कर देना फिर भी कहना की हम 140 करोड़ का ख्याल रखते है तो यह हास्यपद ही है। भाई दिनेश ने कहा कि जिस संविधान की रक्षा के लिए कसम खाते हैं उस संविधान को ही समाप्त करने की नियत रखते है ,संविधान के विरुद्ध काम करते हैं,संविधान को कमजोर करते है अपने महत्त्वकांक्षा को पूरा करने के लिए संविधान में संशोधन करते है फिर भी कहते हैं की मैं बाबा साहेब डाक्टर भीम राव अम्बेडकर जी के संविधान की रक्षा करते है तो यह हास्य पद ही है ।

भाई दिनेश ने कहा कि जिस देश का मुखिया अपने वादे को जुमला कहे इससे बड़ा हास्य पद बाते कोई हो ही नहीं सकता है जो बहुत ही लोकतंत्र गलत है।

भोजपुर से अरुण कुमार ओझा

अतिक्रमण के खिलाफ चला प्रशासन का डंडा, बुलडोजर से ध्वस्त किये गए अवैध निर्माण

आरा ; जिले के कोइलवर प्रखण्ड के चंदा पंचायत के बड़का चंदा गांव में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर बनाये गए खंडहरनुमा मकान पर आज बुधवार को दूसरी बार बुलडोजर चला कर उसे जमींदोज कर दिया गया। 

आज बुधवार को कोईलवर सीओ प्रियंका कुमारी, अमीन, राजस्वकर्मी और भारी संख्या में पुलिस बल के साथ बड़का चंदा अतिक्रमित जगह पर पहूंची। 

अंचलाधिकारी कोईलवर द्वारा निर्गत पत्र के पत्रांक 296/15.2.24 के आलोक में बड़का चंदा निवासी मुख्य शिकायतकर्ता चंद्रदेव राय अतिक्रमण हटाने के लिए प्रथम अपीलीय प्राधिकार सह जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी भोजपुर के आलोक में खंडहरनुमा मकान से अतिक्रमण हटाया गया। इससे पहले भी 17 मई 2023 को इसी मकान का अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई थी, लेकिन उस समय पोकलेन मशीन खराब हो जाने से आधा ही अतिक्रमण हटाया गया था। 

हालांकि बाद में अतिक्रमणकारी राम शरण राय और राम करण राय द्वारा मा. न्यायालय सब जज-5 सिविल कोर्ट आरा का एक आदेश उपलब्ध कराया गया था, जिसमें सरह जमीन पर दिनांक 22.5.23 तक यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया गया था। बाद में अंचल कार्यालय के पत्रांक 2248 दिनांक-21.12.23 को दी गयी। 

सूचना के उपरांत अतिक्रमणकारी राम शरण राय और राम करण राय की तरफ से सिविल कोर्ट आरा पुनः स्थगन सम्बन्धी आदेश की कापी उपस्थापित की गयी। जिसके आलोक में अतिक्रमण वाद संख्या-05/2021-22 को स्थगित कर दिया गया। प्रतिपक्षी द्वारा 31.01.24 के बाद न्यायालय का कोई भी स्थगन आदेश की कापी उपलब्ध नहीं कराया गया।

भोजपुर से अरुण कुमार ओझा

भोजपुर में पूर्व के जमीनी विवाद को लेकर बाप-बेटे की गोली मारकर हत्या

पिता ने घटनास्थल एवं उतरने इलाज के लिए आरा शहर के निजी अस्पताल आंधी के दौरान रास्ते में थोड़ा तोड़ा दम

पुलिस ने तोडी करवाई करते हुए मुठभेड़ के दौरान हत्या में दो आरोपियों को किया गिरफ्तार

मुठभेड़ के दौरान दोनों आरोपियों लगी गोली,सदर अस्पताल में कराया जा रहा है इलाज

पुलिस ने शव का सदर अस्पताल में कराया पोस्टमार्टम

हत्या के बाद आक्रोशित परिजनों सड़क किया जाम

उदवंतनगर थाना क्षेत्र के रघुनीपुर गांव स्थित खेत मंगलवार की सुबह घटी घटना

आरा। भोजपुर जिले के उदवंतनगर थाना क्षेत्र के रघुनीपुर गांव स्थित गेहूं के खेत में पूर्व के जमीनी विवाद को लेकर मंगलवार की सुबह खेत में गेहूं काट रहे बाप-बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जिसमें पिता की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। जबकि पुत्र ने आरा शहर के निजी अस्पताल लाने के दौरान रास्ते में ही दम तोड़ दिया। घटना को लेकर गांव एवं आसपास की इलाके में सनसनी मच गई है। वहीं घटना की सूचना मिलते ही उदवंतनगर थानाध्यक्ष राम कल्याण यादव पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंच मामले की छानबीन में जुट गए है। जानकारी के अनुसार मृतकों में उदवंतनगर थाना क्षेत्र के रघुनीपुर गांव निवासी 65 वर्षीय रामाधार सिंह एवं 30 वर्षीय उनका पुत्र मुकेश कुमार शामिल है। वहीं घटना की सूचना पाकर एएसपी परिचय कुमार आरा सदर अस्पताल पहुंचे और मृतक के परिजनों से मिल घटना की पूरी जानकारी ली। इसके पश्चात पुलिस ने शवो को अपने कब्जे में लेकर उनका पोस्टमार्टम सदर अस्पताल में करवाया। पोस्टमार्टम के बाद मृतक के परिजनों का आक्रोश भड़क उठा। जिसके बाद आक्रोशित परिजनों ने आरोपियों की गिरफ्तारी एवं उन पर सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग को लेकर बाप-बेटे के शव को गांव के मेंन रोड पर सड़क के बीचों-बीच रख सड़क जाम कर दिया। मृतक के आक्रोशित परिजनों द्वारा कुछ देर तक सड़क जाम रखा गया। सड़क जाम होने के कारण सड़क के दोनों और वाहनों की लंबी लाइन लगी रही और आवागमन पूरी तरह तप रहा। वहीं सड़क जाम की सूचना पाकर स्थानीय थाना घटनास्थल पर पहुंची और लोगों को समझा बूझकर जाम को हटवाया। इधर मृतक रामाधार सिंह के बेटे जगेश कुमार ने बताया कि वर्ष 2009 से ही आरोपी पक्ष के लोगों से दो कट्ठा जमीन को लेकर विवाद चला आ रहा है। मंगलवार की सुबह जब उसके पिता रामाधार सिंह और बड़े भाई मुकेश कुमार गांव में स्थित खेत में गेहूं काट रहे थे। तभी आरोपी पक्ष के लोग हथियार से लैस होकर वहां धमके और ताबड़तोड़ गोली मारकर उसके पिता और भाई की हत्या कर दी। वहीं दूसरी तरफ मृतक के बेटे जगेश कुमार ने गांव के ही विनोद यादव,उसके पुत्र अमन कुमार,चमन कुमार,पिता चंद्रमा सिंह,धर्मेंद्र यादव एवं उनके साथ रहे अन्य लोगों पर पूर्व के दो कट्ठा जमीन के विवाद को लेकर अपने पिता व भाई की गोली मारकर हत्या करने का आरोप लगाया है। उधर घटना के बाद एसपी प्रमोद कुमार नेतृत्व में एएसपी परिचय कुमार,उदवंतनगर थानाध्यक्ष राम कल्याण यादव सहित आधा दर्जन थाना के पुलिसकर्मियों के द्वारा आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर रघुनीपुर गांव में घेराबंदी की गई। जिसमें घेराबंदी के दौरान सभी आरोपी पुलिस को देखकर भागने लगे और आरोपियों द्वारा पुलिस पर लगातार फायरिंग की जाने लगी। जिसके पश्चात जब पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई में उन पर फायरिंग की तो फायरिंग के दौरान दो आरोपियों को गोली लग गई। जिसके बाद जख्मी दोनों आरोपियों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर पुलिस अभीरक्षा में इलाज के लिए आरा सदर अस्पताल लाया गया जहां उनका इलाज कराया जा रहा है। जबकि अन्य आरोपी वहां से भाग निकले। जिनकी गिरफ्तारी को लेकर पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। जानकारी के अनुसार गोली से जख्मी आरोपियों में उसी थाना क्षेत्र के रघुनीपुर गांव निवासी स्व.ललन सिंह का 35 वर्षीय पुत्र जज कुमार एवं चंद्रमा सिंह का 50 वर्षीय पुत्र विनोद कुमार शामिल है एवं दोनों रिश्ते में चचेरे भाई लगते है। इसमें जख्मी विनोद कुमार को दाहिने जांघ में एवं जख्मी जज कुमार को दाहिने साइड कमर के निचले हिस्से में गोली लगी है। वहीं इस मामले में इसकी प्रमोद कुमार ने बताया कि उदवंतनगर,संदेश,पवना,अजीमाबाद एवं चांदी थाना सहित अन्य पुलिस बाल के साथ हमलोग घटनास्थल पर पहुंचे तो देखा की आरोपी भाग रहे है। तभी उनकी गिरफ्तारी को लेकर घेराबंदी की तो यह लोग भागने लगे और बेलाउर गांव के बगल के गांव के बधार क्षेत्र पहुंच गए। जब हमलोगों ने वहां भी घेराबंदी की तो ये लोग पुलिस पर क्रॉस फायरिंग करने लगे। इनलोगों द्वारा पुलिस पर काफी फायरिंग की गई। लेकिन किसी भी पुलिसकर्मी के साथ कोई हताहत नहीं हुई। लेकिन जब पुलिस द्वारा बचाव के क्रम में फायरिंग की गई तो गोली लगने से दो क्रिमिनल जख्मी हो गए। जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए आरा सदर अस्पताल भेज दिया गया है और यहां पर स्थित बिल्कुल सामान्य है। वहीं एसपी प्रमोद कुमार ने बताया कि अभी फायरिंग की पुष्टि नहीं हो पाई है की कितनी राउंड फायरिंग की गई है। लेकिन कुछ पुलिस जवान द्वारा बताया गया कि क्रिमिनल के द्वारा करीब बीस राउंड से अधिक फायरिंग की गई है। जिसके जवाब में हमारी पुलिस टीम ने भी कई राउंड फायरिंग की है। उन्होंने बताया कि क्रिमिनलों के पास लगभग पचास से सौ कारतूस होंगे। जिसके कारण वह पुलिस पर लगातार फायरिंग कर रहे थे और भागने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन हमारे टीम ने काफी अच्छा काम किया है और दोनों आरोपियों को धर दबोचा है। बताया जाता है कि मृतक रामाधार सिंह के परिवार में पत्नी सुनैना देवी,तीन पुत्र जगेश,भजेंद्र, फागुन व तीन पुत्री धनवंती देवी,मानो देवी एवं सिकांती देवी है। जबकि मृतक मुकेश कुमार अपने चार भाई व तीन बहन में दूसरे स्थान पर था। उसके परिवार में मां सुनैना देवी,पत्नी बेबी देवी व दो पुत्री प्रीती,कृति एवं एक पुत्र शिवम है। घटना के बाद मृतकों के घर में कोहराम मच गया है। घटी इस घटना के बाद मृतकों के परिवार के सभी सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है।

भोजपुर समाहरणालय परिसर से मतदाता जागरूकता रैली का आयोजन किया गया

आरा : लोकसभा निर्वाचन 2024 हेतु मतदाता जागरूकता अभियान कार्यक्रम की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भोजपुर समाहरणालय परिसर से एक भभ्य रैली का आयोजन किया गया*। इस कार्यक्रम को हरी झंडी दिखाकर वरीय उपसमाहर्ता श्रीमती हीना सह नोडल पदाधिकारी स्वीप कोषांग और जिला परियोजना अधिकारी नमामि गंगे अमित कुमार सिंह और राष्ट्रीय सेवा योजना के विश्विद्यालय स्मानवायक साधना रावत ने रवाना किया। रैली भोजपुर भोजपुर समाहरणालय के मुख्य परिसर से विभिन्न मार्गो से होते हुए, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के डाक्टर राधा कृष्ण सभागार में समाप्त हुआ ।इस दौरान राष्ट्रीय सेवा योजना वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं हाथों में वोट देने की अपील की तख्तियां लेकर चल रहे थे। जिसमें पहले मतदान फिर जलपान, चाहे नर हो या नारी मतदान सब की जिम्मेवारी, वोट डालने जाना है अपना फर्ज निभाना है, सत्य और ईमान से सरकार बनाएंगे मतदान से, अब जागो प्यारे, मतदाता वोट हमारा अधिकार, कभी ना करें इसका बहिष्कार जैसी स्लोगन लिखा था। वरीय उपसमाहर्ता श्रीमती हीना ने कहा कि भारत एक मजबूत लोकतांत्रिक देश है। भारत के नागरिकों को शत प्रतिशत मतदान देकर एक सशक्त सरकार का निर्माण करने में अहम भूमिका निभाना चाहिए। देश के हर नागरिक जिनका उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक हो गया हो वे सभी 1 जुलाई को अपना मतदान जरूर करें। जिला परियोजना पदाधिकारी अमित कुमार सिंह ने कहा की है। मतदान का दिन भारत के सभी नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन भारत के सभी नागरिकों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए जागरूक किया जाता है। मतदान एक नागरिक का अधिकार है, साथ ही यह एक कर्तव्य भी है। मतदान के माध्यम से हम अपने देश के भविष्य को आकार देते हैं। एक मतदान से सरकारें बदल सकती हैं, देश का विकास हो सकता है और समाज में बदलाव आ सकता है। इसलिए, सभी नागरिकों को अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए और अपने देश के विकास में योगदान देना चाहिए। इस रैली को सफल बनाने में लिपिक प्रभाकर कुमार ,अमानत हुसैन स्वीप कोषांग भोजपुर और सभी महाविद्यालय के चुने गए कैंपस एंबेसडर की महत्वपूर्ण भूमिका रही ।

भोजपुर में बाइक से गिरकर महिला जख्मी , जख्मी महिला का आरा सदर अस्पताल में कराया जा रहा है इलाज

कोईलवर थाना क्षेत्र के दुर्जनचक गांव में मंगलवार की दोपहर घटी घटना

आरा। भोजपुर जिले के कोईलवर थाना क्षेत्र के दुर्जनचक गांव में बाइक से गिरकर एक महिला गंभीर रूप से जख्मी हो गई। इसके बाद परिजन द्वारा उसे इलाज के लिए आरा सदर अस्पताल लाया गया जहां उसका इलाज कराया जा रहा है। जानकारी के अनुसार जख्मी महिला बड़हरा थाना क्षेत्र के राम शहर गांव निवासी चंद्रशेखर राम की पत्नी मंजू देवी है। इधर जख्मी महिला के बेटे मनीष ने बताया कि वह अपनी मां मंजू देवी व चचेरे भाई सिकंदर के साथ बाइक से राम शहर से पटना जा रहा था। उसी दौरान दुर्जनचक गांव के समीप उसकी मां अचानक गस्ती खाकर बाइक से नीचे गिर पड़ी और गंभीर रूप से जख्मी हो गई। जिसके बाद परिजन द्वारा उसे इलाज के लिए आरा सदर अस्पताल लाया गया जहां उसका इलाज कराया जा रहा है। हादसे जख्मी महिला को सिर में काफी गंभीर चोटे आई है।

ई० गणेश कुमार अल्फा ने दोनो डिप्टी सीएम से की शिष्टाचार मुलाक़ात, भेंट की अपनी लिखित पुस्तक

भोजपुर : अल्फा इंटरनेशनल पब्लिक के संस्थापक ई० गणेश कुमार अल्फा ने उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा से शिष्टाचार मुलाक़ात की। इस दौरान अपने द्वारा लिखी “सक्सेसफुल पैरेंटिंग “ पुस्तक भेट की।

इंजीनियर गणेश कुमार अल्फा ने कहा कि हमारे बच्चे ईश्वर की ओर से हमें उपहार मिला है। अगर उस बच्चे की अच्छी परवरिश की जाए तो वह हमारी ओर से ईश्वर को दिया गया उपहार होगा।

उन्होंने कहा जरा सोचिए आपकी साठ साल की उम्र के बाद कोई आपसे नही पूछेगा कि कितने लाख रुपया इकट्ठा किए है? कितनी गाड़ियां है कितने बंगले हैं। आपसे केवल दो ही सवाल पूछा जाएगा पहला आपकी तबियत क़ैसी हैं? दूसरा सवाल आपके बच्चे क्या करते है? अगर दूसरे सवाल का जबाब ख़ुशी ख़ुशी देना है तो आपको तैयारी आज से ही शुरू करनी पड़ेगी और यह पुस्तक इस तैयारी के लिए आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगी।

भोजपुर से अरुण कुमार ओझा

मैट्रिक परीक्षा में ज्ञानोदय +2 उच्च माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों ने रचा इतिहास, बड़ी संख्या प्रथम श्रेणी के साथ शत-प्रतिशत छात्र-छात्राए

भोजपुर : आज अपराह्न 1:30 बजे जैसे ही बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा मैट्रिक का परिणाम घोषित किया गया,वैसे ही छात्र-छात्राओं में खुशी की लहर दौड़ गयी। एक बार फिर से ज्ञानोदय +2 उच्च माध्यमिक विद्यालय ,बभनौली के छात्र-छात्राओं ने एक नया इतिहास कायम करते हुए शत-प्रतिशत सफलता हासिल की। 

इस अवसर पर विद्यालय के निदेशक धर्मेन्द्र उपाध्याय, प्राचार्य वेद प्रकाश तिवारी, वरिष्ठ शिक्षक संतोष कुमार साह, मनोज कुमार सिंह, धनजी कुमार, अमरजीत सिंह, रविशंकर सिंह, मुकेश कुमार,ब्रजेश ओझा, रमेश कुमार यादव, विजय शंकर सिंह, सत्येंद्र पाण्डेय द्वारा सभी सफल छात्र-छात्राओं को मिठाई खिलाकर बधाई दी गई। 

विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक मनोज कुमार सिंह ने इस उपलब्धि के लिए खासकर विद्यालय के निदेशक धर्मेंद्र उपाध्याय, प्राचार्य वेद प्रकाश तिवारी एवं सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं का आभार जताया तथा उनके कार्यो की सराहना भी की। विद्यालय के निदेशक की जितनी भी सराहना की जाय वो कम ही होगा, उनके समर्पण के लिए सभी शिक्षक-शिक्षिका उनका हमेशा आदर और सम्मान करते है। 

अपने संबोधन में निदेशक महोदय ने सभी छात्र-छात्राओं को शुभकामनाए दी। साथ ही शिक्षको को भी अच्छे कार्य के लिए के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी। वहीं छात्र-छात्राओं से इंटरमीडिएट में भी ज्ञानोदय में नामांकन लेकर पढने की अपील की। 

सफलता प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं में अरमान अशरफ 466(93.2%) ,अतुल तिवारी (90.8%), माही कुमारी 447 (89.4),दिक्षा शर्मा 444 (88.8%), खुशी कुमारी 442( 88.4%), प्रिंस राज 440 (88%), मिन्हाज अहमद 439(87.8%)  निक्की कुमारी434 ( 86.8%) प्रिंस कुमार 424 (84.8%),संजीव कुमार423(84.6%),सचिन कुमार यादव 417 (83.4%) ,मितल राज 415 (83%) ,आदित्य कुमार 411(82.2%),अभिषेक कुमार 409 (81.8%),आदित्य कुमार सिंह 406( 81.2%),अंशु कुमारी 393(78.6%), रागनी कुमारी 387(77.4%),पाण्डेय दिप्ती मनोज 381(76.2%), चंचल कुमारी 381(76.2%), सलोनी कुमारी 389(77.8%), खुशी कुमारी 378(79.6), निखिल राज 377(75.4%),राजा कुमार यादव 379(75.8%), अनिकेत कुमार 381(76.2%), साहिल कुमार 385 (77%) ,स्वेता कुमारी 367(73.6%) मनोज कुमार ने अपने स्लोगन में कहा कि सपने देखने वालों के लिए रात छोटी पड़ जाती है और सपना पूरा करने वालों के लिए दिन। सफलता हम सब प्राप्त करेंगे, ज्ञानोदय का नाम रौशन करेंगे। 

धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य वेद प्रकाश तिवारी ने किया।

भोजपुर से अरुण कुमार ओझा