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केरल में ईवीएम मॉक ड्रिल में बीजेपी को मिले अधिक वोट ? चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दिया जवाब

#eci_to_sc_reports_of_evms_showing_one_extra_vote_during_mock_poll 

लोकसभा चुनाव 2024 के तहत पहले चरण की वोटिंग शुरू होने में अब 24 घंटे से भी कम वक्‍त बचा है। वोटिंग से ठीक पहले सुप्रीम कोर्ट में ईवीएम मशीन की प्रमाणिकता को लेकर सुनवाई हुई। वहीं, वोटिंग से ठीक पहले कुछ जगह मॉक पोल के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी की खबरें सामने आई है।इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा है कि उस आरोप की जांच की जाए जिसमें बताया गया है कि केरल में ईवीएम के मॉक ड्रिल के दौरान बीजेपी को अतिरिक्त वोट मिले थे। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली बेंच के सामने ईवीएम और वीवीपएटी के पर्ची के मिलान से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान यह मामला उठाया गया। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली बेंच ने मामले में सुनवाई के दौरान मौखिक आदेश में चुनाव आयोग से कहा कि वह इस मामले में जो रिपोर्ट आई है उसे चेक करे।

इस आरोप पर चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया कि कासरगोड में ईवीएम में अनियमितता की खबरें गलत और आधारहीन है।वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त नीतेश कुमार व्यास ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की बेंच से कहा, ये खबरें गलत हैं। हमने जिलाधिकारी से आरोपों की पड़ताल की है और यह बात सामने आई है कि ये गलत हैं। हम अदालत में विस्तृत रिपोर्ट जमा करेंगे।

बता दें कि वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट में खबर की रिपोर्ट दिखायी थी कि मॉक ड्रिल के दौरान एक एक अतिरिक्त वोट भाजपा के पक्ष में पाया गया था।एडवोकेट प्रशांत भूषण ने केरल के कासरगोड में मॉक ड्रिल के दौरान ईवीएम में पाई गई अनियमितता का जिक्र किया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि मॉक ड्रिल के दौरान एक एक अतिरिक्त वोट बीजेपी के पक्ष में पाया गया था। जस्टिस खन्ना ने चुनाव आयोग से कहा कि पूरी प्रक्रिया बताएं कि वीवीपैट को कैसे कैलिब्रेट किया जाता है, किस चरण में उम्मीदवार प्रतिनिधि शामिल होते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए क्या तंत्र हैं कि कोई छेड़छाड़ न हो?

चुनाव आयोग ने कहा कि याचिकाएं सिर्फ आशंका हैं, और कुछ नहीं है। वीवीपैट सिर्फ एक प्रिटिंग मशीन है और सिंबल मशीन में अपलोड किए जाते हैं। जस्टिस खन्ना ने कहा कि आपने कहा कि वीवीपैट केवल एक प्रिंटर है। सिंबल का डेटा किस यूनिट में अपलोड किया जाता है? सुप्रीम कोर्ट में मौजूद ईसीआई अधिकारी ने डायस लेते हुए कहा कि मैं चुनाव योजना को देखता हूं। मैं जो भी कह रहा हूं अधिकारपूर्वक कह रहा हूं। मतपत्र इकाई केवल बटन नंबर बताती है। 3 दबा दिया गया है। बटन इकाई उम्मीदवारों के लिए तय नहीं है। कंट्रोल यूनिट में कुछ भी लोड नहीं है।हर एक मशीन में बटन नंबर अलग होता है।

मोदी सरकार में एक्शन में ईडी, 10 साल में 86 गुना बढ़ी छापेमारी और जब्ती अभियान

#national_ed_raids_in_money_laundering_cases_increased_in_10_years 

केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार केन्द्रीय एजेंसियों के दुरूपयोग का आरोप झेल रही है। सरकार की ओर से विपक्षी नेताओं पर जानबूझकर सरकारी एजेंसियों की ओर से कार्रवाई करने के आरोप लगते रहे हैं। इस बीच आंकड़ों से पता चलता है कि बीते 10 वर्षों में भाजपा शासनकाल के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एक्शन मोड में है।मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत ईडी की छापेमारी के मामलों में 2014 से पहले के 9 वर्षों की तुलना में पिछले 10 साल में 86 गुना बढ़ोतरी हुई है। वहीं पिछली समान अवधि की तुलना में गिरफ्तारी और संपत्तियों की जब्ती लगभग 25 गुना बढ़ गई है। 

एक रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2014 से मार्च 2024 के बीच के आंकड़ों की जुलाई 2005 से लेकर मार्च 2014 तक के आंकड़ों से तुलना करने पर पता चलता है कि ईडी की सक्रियता में बीते 10 वर्षों में काफी तेजी आई है। आंकड़ों से पता चलता है कि ईडी ने पिछले 10 वर्षों के दौरान पीएमएलए के तहत 5,155 मामले दर्ज किए जबकि संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान कुल 1,797 एफआईआर दर्ज की गईं। इस तरह दोनों अवधि की तुलना करने पर पता चलता है कि मामलों में लगभग तीन गुना वृद्धि हुई है।

आंकड़ों से पता चलता है कि पहली बार 2014 के वित्तीय वर्ष में पीएमएलए के तहत किसी को दोषी ठहराया गया और अब तक 63 लोगों को इस कानून के तहत दंडित किया गया है। ईडी ने 2014-2024 की अवधि के दौरान देशभर में मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में 7,264 छापे मारे जबकि इससे पिछली अवधि में यह आंकड़ा केवल 84 था। इस तरह छापेमारी के मामलों में 86 गुना वृद्धि हुई। आंकड़ों में कहा गया है कि पिछले दस वर्षों के दौरान कुल 755 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 1,21,618 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई जबकि संप्रग काल में 29 गिरफ्तारियां हुईं और 5,086.43 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई थी। इस तरह गिरफ्तारियां 26 गुना ज्यादा बढ़ गई जबकि संपत्तियों की जब्ती से जुड़े आंकड़े में भी 24 गुना का उछाल आया।

यूपीए के कार्यकाल में जहां 102 चार्जशीट दाखिल की गईं, वहीं एनडीए के 10 सालों में ये संख्या 1281 तक पहुंच गई। यूपीए के समय कुल मामलों के मुकाबले चार्जशीट दाखिल करने का प्रतिशत 6% से भी कम था, जबकि एनडीए के तहत ये आंकड़ा करीब 25% हो गया। जब ईडी किसी मामले की जांच पूरी कर लेती है और उन्हें पैसा साफ करने का (पहली नज़र में) सबूत मिल जाता है, तो वो कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करती है। इसका मतलब है कि कोर्ट आरोपी के खिलाफ आरोप तय कर सकता है और मुकदमा शुरू हो सकता है।

पीएमएलए कानून को साल 2002 में बनाया गया था और 1 जुलाई 2005 को इसे लागू कर दिया गया था। यह कानून टैक्स की चोरी रोकने, काले धन और धन शोधन पर रोकथाम के लिए बनाया गया था। विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि सरकार, विरोधियों के खिलाफ ईडी का इस्तेमाल कर रही है। हालांकि केंद्र सरकार का दावा है कि सत्ताधारी दल का एजेंसी पर कोई दबाव नहीं है और यह स्वतंत्र रूप से भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करती है।

मोदी सरकार में एक्शन में ईडी, 10 साल में 86 गुना बढ़ी छापेमारी और जब्ती अभियान*
#national_ed_raids_in_money_laundering_cases_increased_in_10_years केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार केन्द्रीय एजेंसियों के दुरूपयोग का आरोप झेल रही है। सरकार की ओर से विपक्षी नेताओं पर जानबूझकर सरकारी एजेंसियों की ओर से कार्रवाई करने के आरोप लगते रहे हैं। इस बीच आंकड़ों से पता चलता है कि बीते 10 वर्षों में भाजपा शासनकाल के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एक्शन मोड में है।मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत ईडी की छापेमारी के मामलों में 2014 से पहले के 9 वर्षों की तुलना में पिछले 10 साल में 86 गुना बढ़ोतरी हुई है। वहीं पिछली समान अवधि की तुलना में गिरफ्तारी और संपत्तियों की जब्ती लगभग 25 गुना बढ़ गई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2014 से मार्च 2024 के बीच के आंकड़ों की जुलाई 2005 से लेकर मार्च 2014 तक के आंकड़ों से तुलना करने पर पता चलता है कि ईडी की सक्रियता में बीते 10 वर्षों में काफी तेजी आई है। आंकड़ों से पता चलता है कि ईडी ने पिछले 10 वर्षों के दौरान पीएमएलए के तहत 5,155 मामले दर्ज किए जबकि संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान कुल 1,797 एफआईआर दर्ज की गईं। इस तरह दोनों अवधि की तुलना करने पर पता चलता है कि मामलों में लगभग तीन गुना वृद्धि हुई है। आंकड़ों से पता चलता है कि पहली बार 2014 के वित्तीय वर्ष में पीएमएलए के तहत किसी को दोषी ठहराया गया और अब तक 63 लोगों को इस कानून के तहत दंडित किया गया है। ईडी ने 2014-2024 की अवधि के दौरान देशभर में मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में 7,264 छापे मारे जबकि इससे पिछली अवधि में यह आंकड़ा केवल 84 था। इस तरह छापेमारी के मामलों में 86 गुना वृद्धि हुई। आंकड़ों में कहा गया है कि पिछले दस वर्षों के दौरान कुल 755 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 1,21,618 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई जबकि संप्रग काल में 29 गिरफ्तारियां हुईं और 5,086.43 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई थी। इस तरह गिरफ्तारियां 26 गुना ज्यादा बढ़ गई जबकि संपत्तियों की जब्ती से जुड़े आंकड़े में भी 24 गुना का उछाल आया। यूपीए के कार्यकाल में जहां 102 चार्जशीट दाखिल की गईं, वहीं एनडीए के 10 सालों में ये संख्या 1281 तक पहुंच गई। यूपीए के समय कुल मामलों के मुकाबले चार्जशीट दाखिल करने का प्रतिशत 6% से भी कम था, जबकि एनडीए के तहत ये आंकड़ा करीब 25% हो गया। जब ईडी किसी मामले की जांच पूरी कर लेती है और उन्हें पैसा साफ करने का (पहली नज़र में) सबूत मिल जाता है, तो वो कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करती है। इसका मतलब है कि कोर्ट आरोपी के खिलाफ आरोप तय कर सकता है और मुकदमा शुरू हो सकता है। पीएमएलए कानून को साल 2002 में बनाया गया था और 1 जुलाई 2005 को इसे लागू कर दिया गया था। यह कानून टैक्स की चोरी रोकने, काले धन और धन शोधन पर रोकथाम के लिए बनाया गया था। विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि सरकार, विरोधियों के खिलाफ ईडी का इस्तेमाल कर रही है। हालांकि केंद्र सरकार का दावा है कि सत्ताधारी दल का एजेंसी पर कोई दबाव नहीं है और यह स्वतंत्र रूप से भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करती है।
क्यों बढ़ रहा है केजरीवाल का शुगर? कोर्ट के सामने ईडी का खुलासा

#kejriwal_is_consuming_sugar_ed_claims

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका दायर की थी कि उन्हें अपने निजी चिकित्सक से कंसल्ट करने की अनुमति दी जाए। इस आवेदन पर ईडी ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल कर दिया है। ईडी का कहना है कि केजरीवाल अपनी जमानत के लिए एक आधार बना रहे हैं। केजरीवाल ने कोर्ट में कहा है कि उन्हें हाई ब्लड शुगर है, लेकिन वह जेल में आम व मिठाई खा रहे हैं।

ईडी की तरफ से पेश हुए वकील जुहैब हुसैन ने बताया क‍ि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का शुगर बढ़ने की वजह उनका घर का खाना है। उन्हें घर से आलू पूरी, आम, मिठाई और मिठी चीजें खाने के लिए दी जा रही हैं। वहीं ईडी ने कोर्ट को बताया क‍ि अरविंद केजरीवाल चीनी वाली चाय पी रहे है और यह मेडिकल के आधार पर जमानत दाखिल करने का आधार बनाया जा रहा है।

अरविंद केजरीवाल के वकील विवेक जैन ने ईडी के वकील की दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि जांच एजेंसी यह बयान मीडिया के लिए दे रही है। अरविंद केजरीवाल के वकील ने कहा क‍ि उनका फास्टिंग शुगर 243 था, जोकि बहुत ज्यादा है। केजरीवाल को डॉक्टर द्वारा निर्देशित भोजन ही दिया जा रहा है।

टाइम मैगजीन ने जारी की 100 प्रभावशाली लोगों की लिस्ट, बीजेपी सांसद के खिलाफ आंदोलन करने वाली साक्षी मलिक को मिला स्थान

#olympian_sakshi_malik_name_in_the_list_of_time_magazine_100_most_influential_people

टाइम मैगजीन ने दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची जारी की।जिसमें बॉलीवुड स्टार आलिया भट्ट, विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा, माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला, पहलवान साक्षी मलिक और भारतीय मूल के ब्रिटिश अभिनेता देव पटेल ने जगह बनाई है। टाइम मैगजीन की लिस्ट में शामिल पहलवान साक्षी मलिक भारत की एकमात्र महिला ओलंपिक पदक विजेता हैं। बता दें कि साक्षी ने पिछले साल भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन में मुख्य भूमिका निभाई थी। इस कारण बृजभूषण शरण सिंह को अपने पद से हाथ धोना पड़ा था और कुश्ती महासंघ ने फिर से चुनाव हुए थे।

साक्षी मलिक के बारे टाइम मैगजिन ने लिखा, "वह भारत के सबसे प्रसिद्ध पहलवानों में से एक हैं। वह भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण सिंह की तत्काल गिरफ्तारी और इस्तीफे की मांग के लिए 2023 की शुरुआत में दिल्ली के जंतर मंतर पर आंदोलन में शामिल हुई थीं। बृजभूषण सिंह पर महिला एथलीटों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है।"

टाइम मैगजीन में अपना नाम देखकर साक्षी मलिक काफी खुश हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा 2024 का टाइम 100 सूची में शामिल होने पर गर्व है।साक्षी कुश्ती में भारत के लिए पदक जीतने वाली इकलौती महिला पहलवान हैं। साक्षी ने दो बार की वर्ल्ड चैंपियनशिप की ब्रॉन्ज मेडल विजेता विनेश फोगाट और टोक्यो ओलंपिक के ब्रॉन्ज मेडल विनर बजरंग पुनिया के साथ जंतर-मंतर पर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था।

टाइम के 'वर्ष 2024 के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों' में अमेरिकी ऊर्जा विभाग के ऋण कार्यक्रम कार्यालय के निदेशक जिगर शाह, येल विश्वविद्यालय में खगोल विज्ञान और भौतिकी की प्रोफेसर प्रियंवदा नटराजन, भारतीय मूल की रेस्तरां मालकिन अस्मा खान एवं रूसी विपक्षी नेता एलेक्सी नवेलनी की विधवा यूलिया नवेलनाया भी शामिल हैं।

बंगाल के मुर्शिदाबाद में रामनवमी शोभायात्रा पर छतों से की गई पत्थरबाजी और फेंके बम, लहूलुहान हुए हिंदू श्रद्धालु

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में रामनवमी के जुलूस पर पथराव एवं बमबाजी की खबर आ रही है। घटना में कई भक्तों को चोटें आईं हैं। कुछ की स्थित गंभीर बताई जा रही है। सोशल मीडिया पर बुधवार (17 अप्रैल 2024) को हुई इस घटना के वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। वीडियो में पत्थर फेंकते लोग एवं सड़क पर बम फटते स्पष्ट नजर आ रहे हैं। इन्हीं में से एक वीडियो शेयर करते हुए भाजपा ने ममता बनर्जी की तुष्टिकरण की नीति पर सवाल खड़े किए हैं। बीजेपी ने लिखा, “पश्चिम बंगाल में रामनवमी की शोभा यात्राओं की सुरक्षा करने में ममता बनर्जी नाकाम साबित हुई हैं। ये स्थिति भयावह है। मुर्शिदाबाद के रेजिनगर में हिंदुओं को निशाना बनाया गया जो उस क्षेत्र में अल्पसंख्यक हैं।”

वही इस वीडियो में कई लोग छतों पर खड़े नजर आ रहे हैं। वो वहाँ से नीचे ईंट-पत्थर फेंक रहे हैं। नीचे शोभायात्रा में सम्मिलित लोग हैं जिनमें चीख पुकार मची नजर आ रही है। वीडियो में हेलमेट पहने कुछ पुलिसकर्मी भी नजर आ रहे हैं। वो छत से पत्थर फेंक रहे उपद्रवियों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं। हालाँकि उनकी अपील का कोई भी प्रभाव हमलावरों पर होता नहीं नजर आ रहा है। 23 सेकेंड के इस वीडियो में नीचे खड़े लोग शोरगुल करते सुनाई दे रहे हैं। इस घटना पर बीजेपी नेता जगन्नाथ चट्टोपाध्याय ने अपना बयान जारी किया है। जगन्नाथ ने इस हमले के पीछे प्रशासनिक लापरवाही को मुख्य तौर पर जिम्मेदार बताया है। जगन्नाथ का आरोप है कि पहले से हमले की आशंका होने के बाद भी प्रशासनिक अफसरों ने सुरक्षा के कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए थे। उन्होंने चुनाव आयोग से दोषी अफसर पर कार्रवाई करने की माँग की है। जगन्नाथ चट्टोपाध्याय ने जो वीडियो जारी किया है उसमें पश्चिम बंगाल पुलिस के साथ पैरामिलिट्री के जवान भी हालात को नियंत्रित करने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं। बॉडी प्रोटेक्टर और हेलमेट पहने जवान दुकानों के आगे खड़े हो कर किसी को रोकने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं।

वही इस वीडियो में जुलूस के बीच बम फटते नजर आ रहा है। इसके अतिरिक्त तस्वीरों में किसी रामभक्त के सिर से खून आता दिखाई दे रहा है तो किसी के कपड़े रक्त से सने हैं। लोगों को हड़बड़ी में इधर-उधर भागते भी देखा जा सकता है। ध्यान हो कि बंगाल में रामनवमी जैसे मौकों पर हिंदुओं द्वारा शोभा यात्रा निकालना मुश्किल हो गया है। मुर्शिदाबाद में कई स्थानों से मिले देसी बम रिकवर किए जाने की खबरों के बीच यह घटना देखने को मिली, जहाँ रामभक्तों पर खुले में देसी बम फेंके गए तथा कोई कुछ नहीं कर पाया। प्राप्त एक की रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना में 20 से अधिक लोग घाटल हुए हैं। एक महिला को गंभीर चोटें आई हैं जिसे मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज एंव चिकित्सालय में भर्ती कराया दया है। बाकियों को लोकल चिकित्सालय में भर्ती किया गया है।

जबरन धर्मान्तरण करवाने के मामले में हजरतबल दरगाह के मौलवी पर हुई कार्रवाई, वक़्फ़ बोर्ड ने दिए जांच के आदेश

 जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड ने श्रीनगर के हजरतबल दरगाह में हरियाणा निवासी सनीप कुमार को जबरन इस्लाम में परिवर्तित करने में शामिल होने के लिए हजरतबल दरगाह के मौलवी डॉ कमालुद्दीन फारूकी को उनके बर्खास्त कर दिया है। फारूकी को इमाम-ओ-खतीब, असर-ए-शरीफ, हजरतबल (हजरतबल की दरगाह) के कर्तव्यों से मुक्त करने के अलावा, उनके खिलाफ एक जांच भी शुरू की गई है। वक्फ बोर्ड के एक बयान में कहा गया है कि उसे इस संबंध में शिकायतें मिल रही हैं और उसने इन आरोपों का संज्ञान लिया है कि फारूकी ने जुमात उल विदा (ईद से पहले आखिरी शुक्रवार) की नमाज के दौरान जबरन धर्मांतरण की अध्यक्षता की थी।

इस मामले की जांच के लिए वक्फ बोर्ड द्वारा गठित जांच समिति की अध्यक्षता सैयद मोहम्मद हुसैन करेंगे, जो बोर्ड के सदस्य हैं। इसमें एक अन्य बोर्ड सदस्य गुलाम नबी हलीम और श्रीनगर के करण नगर में सैयद करम शाह साहिब के इमाम-ओ-खतीब (मुख्य मौलवी) मोहम्मद यासीन खान भी शामिल होंगे। फारूकी के खिलाफ कार्रवाई करने और जांच समिति के संबंध में निर्णय सांप्रदायिक सद्भाव पर प्रभाव के संबंध में आशंकाओं को देखते हुए बोर्ड द्वारा एक आपात बैठक के बाद लिया गया। वक्फ बोर्ड के केंद्रीय कार्यालय में आपातकालीन बैठक बुलाई गई और बोर्ड के प्रमुख इमाम-ओ-खतीब (विभिन्न धर्मस्थलों के मौलवी) ने भाग लिया। 

बैठक के बाद सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जबरन धर्म परिवर्तन की घटना गंभीर शांति भंग का कारण बन सकती है और जनता के बीच कलह फैल सकती है। कुछ प्रमुख मौलवियों ने यह भी कहा कि जबरन धर्म परिवर्तन के इस मामले के दौरान, इस्लामी न्यायशास्त्र के अनुसार उचित प्रक्रियाओं, सरकार द्वारा स्थापित कानून और नियमों की अनदेखी की गई। 7 अप्रैल को संदीप कुमार को जबरन इस्लाम कबूल कराने के कुछ वीडियो वायरल होने के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। संदीप कुमार नौहट्टा निवासी इस्लामवादी अनायत मुंतज़िर के घर पर घरेलू नौकर के रूप में काम करता था। अब यह पता चला है कि उसके नियोक्ता ने संदीप को इस्लाम कबूल करने और हजरतबल दरगाह पर कलमा पढ़ने के लिए मजबूर किया था। इसके बाद, भारतीय दंड संहिता (IPC) के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत निगीन पुलिस स्टेशन में 2024 की FIR 55 दर्ज की गई और जांच एक उप-निरीक्षक को सौंप दी गई।

ऐसा प्रतीत होता है कि कश्मीर में 10 अप्रैल (मंगलवार) को ईद पड़ने के मद्देनजर पुलिस ने अब तक अपनी जांच के संबंध में कोई विवरण नहीं दिया है। वक्फ बोर्ड द्वारा हजरतबल दरगाह के मौलवी के खिलाफ कार्रवाई की घोषणा नहीं करने का भी यही कारण प्रतीत होता है। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि इसके बाद घटनाओं की शृंखला तय करते हुए, मंदिर में नियोक्ता अनायत मुंतज़िर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की संभावना है।

इससे पहले दिन (बुधवार) में, जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष डॉ दरख्शां अंद्राबी ने हजरतबल दरगाह में ईद की नमाज अदा की। प्रार्थना के बाद उन्होंने पत्रकारों से बात की और कहा कि उन्होंने पूरी मानवता की भलाई के लिए प्रार्थना की है। उन्होंने कहा, दशकों की अशांति के बाद हमें जो शांति मिली है, उसके लिए हमें आभारी होना चाहिए। डॉ. अंद्राबी ने कहा, हम सभी को इस शांतिपूर्ण माहौल को बनाए रखने के लिए अपने प्रयास करने होंगे। हम बिना किसी कानून-व्यवस्था की समस्या के डर के आज ईद मना रहे हैं। सर्वशक्तिमान अल्लाह हमें शांति भंग करने वालों की बुरी नजर से बचाएं, और सद्भाव और समृद्धि हमारा भविष्य हो।

इमरान खान का सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर पर गंभीर आरोप, बोले- पत्नी को कुछ हुआ तो छोड़ूंगा नहीं

#pti_imran_khan_accuses_pakistan_army_chief_for_wife_imprisonment

जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने गंभीर आरोप लगाया है। इमरान खान का आरोप है कि उनकी पत्नी बुशरा बीबी को जेल भेजने में सीधे तौर पर सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर शामिल हैं। बता दें कि 49 साल की बुशरा बीबी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। इसके साथ ही 71 साल के इमरान खान के साथ अवैध निकाह के मामले में भी वह दोषी ठहराई गई हैं। इस समय बुशरा बीबी को इस्लामाबाद में उनके बानी गाला निवास में हिरासत में रखा गया है।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक और जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को सोशल मीडिया हेंडल के जरिए पाक सेना प्रमुख पर गंभीर आरोप लगाते हुए लिखा कि अगर मेरी पत्नी को कुछ हुआ तो मैं आसिम मुनीर को नहीं छोड़ूंगा, जब तक मैं जिंदा हूं मैं आसिम मुनीर को नहीं छोड़ूंगा। मैं उनके असंवैधानिक और अवैध कदमों का पर्दाफाश करूंगा।

तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक ने अडियाला जेल में पत्रकारों से बातचीत में सेना प्रमुख पर कई आरोप लगाए. इस बाबत खान के आधिकारिक ‘एक्स’ अकाउंट पर एक लंबी पोस्ट अपलोड की गई है। खान ने कहा कि मेरी पत्नी को दी गई सजा में जनरल आसिम मुनीर सीधे तौर पर शामिल हैं। उन्होंने दावा किया कि बुशरा को दोषी ठहराने वाले न्यायाधीश ने कहा कि उन्हें यह फैसला देने के लिए मजबूर किया गया था।

पूर्व पीएम ने कहा कि देश में जंगल राज है और सबकुछ जंगल के राजा के मुताबिक हो रहा है। अगर जंगल का राजा चाहता है कि नवाज शरीफ के खिलाफ सारे मामले माफ कर दिए जाएंगे तो ऐसा हो जाता है। जब वह चाहता है कि किसी को सजा देनी है तो तीन दिन में ही पांच मामलों में हमें सजा हो गई।

बता दें कि बीते दिनों बुशरा बीबी ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने दावा किया था कि उनके सबजेल के वॉशरूम में गुप्त कैमरे लगे हुए हैं। उनका कमरा और बाथरूम खराब है। उसमें हिडन कैमरे लगाए गए हैं। इससे पहले 2020 में पंजाब की सीएम मरियम नवाज ने पिछली सरकार पर यही आरोप लगाए थे। हिरासत के दौरान उसके सेल और बाथरूम में कैमरे लगाए गए थे।

वडोदरा-अहमदाबाद एक्सप्रेसवे पर एक ओवरलोड निजी वाहन के ट्रक से टकरा जाने से 10 लोगों की मौत

 वडोदरा-अहमदाबाद एक्सप्रेसवे पर एक ओवरलोडेड निजी वाहन के ट्रक से टकरा जाने से 10 लोगों की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक, एक तेज रफ्तार इनोवा कार, जिसका इस्तेमाल एक्सप्रेसवे पर यात्रियों को ले जाने के लिए शटल वाहन के रूप में किया जाता था, ट्रक से टकरा गई। आठ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य ने इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया।

गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने कहा, ''यह दुर्घटना गुजरात में सड़क सुरक्षा पर सवाल उठाती है। “नियमों के बावजूद, निजी वाहन अपनी क्षमता से कहीं अधिक यात्रियों को ले जा रहे हैं। सरकार को परिवहन कानूनों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए।

राहुल गांधी को जीतने के लिए समुद्र पार कर चुनाव लड़ना पड़ेगा, जबलपुर में बोले एमपी के सीएम मोहन यादव

लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण के प्रचार अभियान के चलते सीएम डा. मोहन यादव जबलपुर पहुंचे। यहां उन्होंने महाकोशल-विध्य की प्रथम चरण की 6 सीट पर जीत का दावा किया। उन्होंने कांग्रेस के राहुल गांधी के चुनाव लड़ने के प्रश्न पर कहा कि राहुल बाबा जो उत्तर भारत में अपनी सीट नहीं बचा सके, पिछले लोकसभा चुनाव में हारते हुए दक्षिण की ओर चले गए थें इस बार तो भारतीय जनता पार्टी 400 पार के नारे को सार्थक बनाने जा रही है ऐसे में राहुल गांधी को केरल के पश्चात् समुद्र पार करके कोई अन्य सीट पर चुनाव लड़ने जाना होगा। सीएम मोहन यादव ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में NDA 400 पार करेगा और मध्य-प्रदेश में हम 29 की 29 सीटें जीतेंगे। पूरा देश और प्रदेश मोदीमय हो चुका है। 

डा.यादव ने सिविल लाइन स्थित नर्मदा जैक्सन होटल में प्रेसवार्ता की। जहां पर लोकसभा उम्मीदवार आशीष दुबे के साथ जबलपुर का द्ष्टि पत्र भी जारी किया। सीएम मोहन यादव ने कहा कि घमंडिया गठबंधन के बूते पर जिस प्रकार से छह-आठ माह से यह लोग माहौल बना रहे थे वह पूर्ण रूप से फेल साबित हो गए। डा.यादव ने बताया कि राहुल गांधी को पश्चिम बंगाल में सभा के लिए जगह नहीं उपलब्ध करवाई। जिस प्रकार से हालात बने हैं उससे आगे झारखंड एवं बिहार प्रदेशों में भी ऐसा ही होगा। द्ष्टि पत्र के चलते उनके साथ लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मीकि, पूर्व मंत्री एवं MLA अजय विश्नोई, विधायक अशोक रोहाणी, MLA अभिलाष पांडे, विधायक नीरज सिंह, विधायक संतोष बरकड़े, नगर अध्यक्ष प्रभात साहू, शुभम अवस्थी, नितिन भाटिया, रविन्द्र तिवारी समेत कई अन्य नेता उपस्थित रहे।

सीएम यादव ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में आतंकी नक्सलवादियों का खात्मा हुआ है। उन्होंने छत्तीसगढ़ में 29 नक्सली ढेर करने वाले हमारे BSF के जवानों एवं डिस्ट्रिक्ट रिजर्व पुलिस बल को सेल्यूट करते हुए कहा कि अब देश में कोई नक्सली नहीं बचेगा। आतंकवाद एवं नक्सलवाद का पूर्ण रूप से सफाया हो रहा है। देश में अमन एवं चैन, सुख और शांति अगर आई है तो केंद्र की मोदी सरकार लाई है। काल का प्रवाह है कि देश को मोदी एवं शाह जैसा नेतृत्व मिला है। कांग्रेस सरकारों ने नक्सलवाद और आतंकवाद को पाला-पोसा और बढ़ा किया। हजारों निर्दोष इनके तांडव में काल के गाल में समा गए। और अब नक्सलियों एवं आतंकवादियों की भारत की जमीन में कोई जगह नहीं है। छत्तीसगढ़ में कोई जगह नहीं है तथा मध्यप्रदेश में भी कोई जगह नहीं है। देश में तीसरी बार चार सौ पार के साथ मोदी की सरकार बनने वाली है।