चुनाव आचार संहिता के नाम पर चयन प्रक्रिया ठप्प होने पर युवाओं में नाराजगी
प्रयागराज।चुनाव आचार संहिता के दौरान सरकारी घोषणाओं पर रोक है लेकिन उत्तर प्रदेश में आचार संहिता का हवाला देते हुए चयन प्रक्रिया ठप्प कर दी गई है। दरअसल सरकार रोजगार के सवाल पर कभी भी गंभीर नहीं रही है, यही वजह है कि लाखों युवाओं के भविष्य को लेकर सरकार को कोई चिंता नहीं है। इससे युवाओं में जबरदस्त रोष व्याप्त है। इसी के मद्देनजर आज युवा मंच की ओर से राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को पत्र लिखकर चुनाव के दौरान चयन प्रक्रिया जारी रखने के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया गया है।
युवा मंच अध्यक्ष अनिल सिंह की ओर से प्रेषित पत्र में विशेष जोर देते हुए राज्यपाल महोदया के संज्ञान में लाया गया है कि चुनाव आचार संहिता में लंबित चयन प्रक्रिया पर किसी तरह की रोक नहीं है बावजूद इसके उत्तर प्रदेश में लोक सेवा आयोग समेत अन्य चयन संस्थाओं में चयन प्रक्रिया ठप्प है।
प्रेषित पत्र में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा तत्काल संशोधित परीक्षा कैलेंडर जारी करने , आरओ/एआरओ पेपर रद्द करने की नोटिस जारी करने, 2 साल पहले विज्ञापित टीजीटी-पीजीटी असिस्टेंट प्रोफेसर समेत अन्य लंबित भर्तियों को आयोजित कराने के संबंध नवगठित शिक्षा सेवा चयन आयोग द्वारा तत्काल निर्णय लेने, एलटी व प्रवक्ता जीआईसी व बीईओ आर्हता विवाद प्रकरण निस्तारित करने, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में आईटीआई अनुदेशक समेत अन्य लंबित भर्तियों की चयन प्रक्रिया शुरू करने , पेपर लीक व धांधली प्रकरण में रद्द हुई पुलिस भर्ती परीक्षा की पुनर्परीक्षा तिथि घोषित करने जैसे सवालों को हल करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया है। यह भी आरोप लगाया गया है कि युवाओं ने चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले प्रदेश में 6 लाख रिक्त पदों को भरने के लिए आवाज उठाई लेकिन उसे अनसुना कर दिया गया।
युवा मंच द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि प्रदेश व देश में बेरोजगारी चरम पर है, चयन प्रक्रिया में रिकॉर्ड भ्रष्टाचार है। आम चुनावों में उपरोक्त सवालों को लेकर मुहिम चलाई जाएगी। कहा कि गरिमापूर्ण रोजगार सुनिश्चित करना राज्य व सरकार का संवैधानिक दायित्व है इसलिए रोजगार को मौलिक अधिकारों में शामिल करने के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जाएगा।
Apr 08 2024, 19:00