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कौन हैं माधवी लता? सनातन के खिलाफ आक्रामक ओवैसी को मदरसों की मददगार बीजेपी प्रत्याशी ऐसी देंगी टक्कर

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लोकसभा चुनाव में इस बार हैदराबाद सीट पर मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। हैदराबाद से ओवैसी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने डॉ. माधवी लता को चुनावी मैदान में उतारा है। यानी माधवी लता असदुद्दीन ओवैसी को उनके ही 'गढ़' में चुनौती देंगी। माधवी लता पेशे से कारोबारी होने के साथ समाजसेवी भी हैं और वह लंबे समय से इस मुस्लिम-बहुल पुराने शहर में सक्रिय हैं। माधवी लता कट्टर हिंदूवादी होते हुए भी मदरसों की मदद करती हैं। वह कहती हैं कि इन्सानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं, लेकिन सनातन के खिलाफ अनावश्यक बयानबाजी करने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे में इस बार सनातन के खिलाफ आक्रामक ओवैसी को माधवी से जोरदार चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।

भाजपा ने हैदराबाद से पहली बार महिला उम्मीदवार पर दांव खेला है। इससे पहले पार्टी ने भगवत राव को उम्मीदवार बनाया था। हालांकि, भगवत को ओवैसी से लगभग 3 लाख वोटों से हार झेलनी पड़ी थी। माधवी लता ने टिकट मिलने के बाद यहां तक दावा किया कि ओवैसी को उनके ही गढ़ में डेढ़ लाख वोट से हराकर संसद से बाहर करेंगी और लोकतंत्र के मंदिर में हैदराबाद का प्रतिनिधित्व करने जाएंगी। माधवी कहती हैं अब तक जिस धोखे से ओवैसी जीतते आए हैं, इस बार उनका वह बोगस वोटबैंक काम नहीं आएगा। अगर हिंदू भाई-बहन एक हो गए तो असद भाई के लिए बहुत मुश्किल हो जाएगी।

बता दें कि हैदराबाद सीट एआईएमआईएम का गढ़ मानी जाती है। हैदराबाद की यह सीट वर्ष 1984 से ही एआईएमआईएम के पास रही है। असदुद्दीन ओवैसी के पिता सुल्तान सलाउद्दीन ओवैसी 1984 में पहली बार इस सीट से सांसद बने थे। 2004 तक वो सांसद रहे और इसके बाद अब ये सीट असदुद्दीन ओवैसी के पास है। ओवैसी इस सीट से मौजूदा सांसद हैं। बीजेपी को लगता है कि माधवी लता का करिश्मा इस सीट पर कमाल दिखाएगा।

कई कारकों के कारण बीजेपी ने माधवी लता को ओवैसी से मुकाबला करने के लिए उनके गढ़ में अपना उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी को लगता है कि माधवी लता स्मृति जैसा कोई करिश्मा कर दिखाएंगीमाधवी लता के बारे में कहा जाता है कि वह पुराने शहर के कुछ हिस्सों में परोपकारी गतिविधियों में सक्रिय हैं। कहा जाता है कि वह विभिन्न मुस्लिम महिला समूहों के संपर्क में हैं। लता लातम्मा फाउंडेशन और लोपामुद्रा चैरिटेबल ट्रस्ट की ट्रस्टी हैं और निराश्रित मुस्लिम महिलाओं की आर्थिक मदद भी करती रहती हैं। माधवी लता पुराने हैदराबाद में गरीब मुस्लिम परिवारों को शिक्षा और मदद देने के लिए कड़ी मेहनत करती हैं। साथ ही मुस्लिम परिवारों में बेटियों को बार-बार बेचने की प्रथा के खिलाफ भी आवाज बुलंद करती हैं। पार्टी उनके कार्यों के जरिए मुस्लिम वोटों का फायदा उठाना चाह रही है। अपने हिंदुत्व समर्थक भाषणों के लिए मशहूर माधवी लता ने तीन तलाक के खिलाफ भी अभियान चलाया था। वह एक गौशाला भी चलाती हैं।

अमेठी-रायबरेली में उम्मीदवारों को लेकर ऊहापोह की स्थिति में कांग्रेस, जानें कब तक होगा ऐलान

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देश का माहौल पूरी तरह से चुनावमय हो गया है। लोकसभा चुनाव को लेकर 19 अप्रैल को पहले चरण के लिए मतदान होना है। इससे पहले पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवारों का ऐलान करने में जुटी है। देशभर में यूं तो कई हॉट सीटें है, जिनपर जनता की खास नजर होती है। इन्हीं सीटों में से दो महत्वपूर्ण सीटें हैं, अमेठी और रायबरेली। अमेठी और रायबरेली कांग्रेस की पारिवारिक सीट रही है। ये दोनों वे सीटें हैं, जिनपर उम्मीदवारी को लेकर चुनाव से पहले से ही चर्चा हो रही है। हालंकि, कांग्रेस अभी तक यूपी की अमेठी और रायबरेली जैसी अहम सीटों पर उम्मीदवारों का नाम फाइनल नहीं कर पाई है। अटकलें हैं कि अगले सप्ताह कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति इन सीटों पर बड़ा फैसला ले सकती है। फिलहाल, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।

अमेठी और रायबरेली कांग्रेस की पारिवारिक सीट रही है। जिसके बाद अब दोनों सीटों पर उम्मीदवारों के नाम को लेकर चर्चा चल रही है, लेकिन ऐलान किसी भी नाम का नहीं हो सकता है। अमेठी और रायबरेली सीट पर गांधी परिवार के सदस्यों के चुनाव लड़ने को लेकर सियासी अटकलों-चर्चाओं का दौर जारी है। उत्तर प्रदेश की इन दो महत्वपूर्ण सीटों की उम्मीदवारी पर जारी यह सस्पेंस लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान तक जारी रहने के पुख्ता संकेत हैं। खबर है कि, 26 अप्रैल को वायनाड में वोटिंग के बाद इन दोनों सीटों से गांधी परिवार की उम्मीदवारी का सस्पेंस खत्म होने की संभावना है।

पार्टी सूत्र ने अमेठी व रायबरेली में गांधी परिवार के सदस्यों के चुनाव लड़ने के बारे में किसी तरह की परोक्ष या प्रत्यक्ष टिप्पणी नहीं कि मगर चर्चा से मिले संकेतों के हिसाब से अमेठी और रायबरेली से राहुल तथा प्रियंका के चुनाव लड़ने के पुख्ता इरादे हैं। कांग्रेस सूत्रों ने साफ किया है कि अभी तक राहुल गांधी के अमेठी और प्रियंका गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने पर न तो हां हुआ है और ना ही न हुआ है. यानी अमेठी से राहुल गांधी और रायबरेली से प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की संभावना अभी बनी हुई है।

बता दें कि अमेठी और रायबरेली में पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होगा। इन दोनों सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया 26 अप्रैल से शुरू होगी। यूपी में कांग्रेस के हिस्से में 17 लोकसभा की सीटें हैं, जिनमें से 14 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार का ऐलान कर दिया गया है। सिर्फ रायबरेली, अमेठी और प्रयागराज पर उम्मीदवार तय करना बाकी है।

साल का पहला सूर्य ग्रहण आज, जानें भारत में दिखाई देगा या नहीं ?

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आज साल का पहला सूर्य ग्रहण लगेगा। यह सूर्य ग्रहण 50 वर्षों बाद सबसे लंबा चलने वाला ग्रहण होगा जो करीब 5 घंटे और 25 मिनट तक चलेगा। भारतीय समय के अनुसार, साल का पहला सूर्य ग्रहण आज यानी 8 अप्रैल दिन सोमवार को लगने जा रहा है। यह ग्रहण रात के 9 बजकर 12 मिनट से शुरू होने वाला है। बता दें कि साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण का प्रभाव भारत पर नहीं पड़ेगा और ना ही कोई सूतक काल मान्य रहेगा।

5 घंटे तक रहेगा ग्रहण का प्रभाव

सूर्य ग्रहण आज रात 9 बजकर 12 मिनट से शुरू होगा और अगले दिन सुबह 2 बजकर 20 मिनट खत्म होगा।यानी ग्रहण का प्रभाव लगभग 5 घंटे तक रहेगा और यह पूर्ण ग्रहण लगेगा। बता दें कि पूर्ण ग्रहण का प्रभाव भारत में नहीं देखने को मिलेगा।

सूर्यग्रहण का भारत में नहीं होगा प्रभाव

सोमवती अमावस्या पर इस साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। जिसका प्रभाव शुभ व अशुभ देश-दुनिया के लोगों पर पड़ सकता है। सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक लग जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार, वर्ष 2024 के पहले सूर्य ग्रहण का प्रभाव भारत पर नहीं पड़ेगा। जब भारत में ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ेगा तो सूतक काल भी मान्य नहीं रहेगा। इसलिए सभी भारतीय अपने रोज की तरह सभी कार्य कर सकते हैं। दरअसल, ग्रहण के दौरान लगने वाले सूतक में पूजा-पाठ व धार्मिक कार्य नहीं किए जाते और इस दौरान मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं।

7.5 मिनट तक सूर्य लोगों को दिखाई ही नहीं देगा

ज्योतिषियों के अनुसार, यह ग्रहण बेहद ही दुर्लभ माना जा रहा है। इस साल ग्रहण के कारण 7.5 मिनट तक सूर्य लोगों को दिखाई ही नहीं देगा। विज्ञान के अनुसार, कई सालों बाद ऐसा सूर्यग्रहण देखने को मिलता है। जब इस स्थिति में पृथ्वी के एक भाग पर पूरी तरह से अंधेरा हो जाता है। इस समय चंद्रमा, पृथ्वी के सबसे निकट आ जाता है और इस सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में आ जाते हैं।

क्या होता है सूर्य ग्रहण

जैसे कि हम सभी जानते हैं कि सूर्य के चारों ओर पृथ्वी चक्कर लगाती है और पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा घूमता है। जब सूर्य, पृथ्वी और चांद तीनों ही एक सीध में आ जाते हैं तो इस घटना के कारण सूर्य और चंद्र ग्रहण होता है। जब चांद पृथ्वी के चक्कर काटते हुए सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है तो इसे सूर्य ग्रहण कहते हैं। इस दौरान सूर्य से पृथ्वी पर आने वाली प्रकाश की किरणें चांद की वजह से पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती है। और चांद की छाया पृथ्वी पर पड़ती है। इस घटना को ही सूर्य ग्रहण कहते हैं।

कांग्रेस का घोषणा पत्र मुस्लिम लीग के विचारों की छाप', नवादा की रैली में बोले पीएम मोदी

डेस्क : लोकसभा चुनाव को लेकर चुनाव प्रचार ने जोर पकड़ लिया है। इस कड़ी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज बिहार के नवादा पहुंचे। यहां उन्होंने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि उसके द्वारा हाल में जारी घोषणापत्र में ‘तुष्टिकरण की राजनीति’ की बू आ रही है और ये ऐसा है मानो इसे मुस्लिम लीग लेकर आई है।

टुकड़े-टुकड़े गैंग की मानसिकता

पीएम मोदी ने राजस्थान में चुनाव प्रचार के दौरान धारा 370 को खत्म करने के संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की टिप्पणी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा,‘‘ कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष कोई छोटा पद नहीं है। वह कहते हैं कि धारा 370 का राजस्थान से क्या लेना-देना है। यह टुकड़े-टुकड़े गैंग की मानसिकता है। उनके विचार राजस्थान और बिहार के सुरक्षाकर्मियों का अपमान हैं, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ते हुए प्राण गंवाए और उनके शव तिरंगे में लिपटे हुए वापस आए।’’ 

मोदी के शासन में ही संभव 

प्रधानमंत्री ने कहा ,‘‘ कांग्रेस, बिहार में उसकी सहयोगी राजद और विपक्षी गुट ‘इंडिया’ के अन्य घटक संविधान के बारे में बात करना बहुत पसंद करते हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में बाबा साहेब आम्बेडकर के संविधान को लागू क्यों नहीं किया? यह केवल मोदी के शासन में ही संभव हो सकता है।’’ 

तुष्टिकरण की बू 

प्रधानमंत्री ने तीन तलाक प्रथा के खिलाफ अपनी सरकार के कदम का भी जिक्र किया और कहा,‘‘ कांग्रेस हाल ही में एक घोषणापत्र लेकर आई है जो ऐसा प्रतीत होता है मानो यह मुस्लिम लीग का घोषणापत्र हो। इसमें तुष्टिकरण की बू आती है।’’ 

सनातन धर्म के खिलाफ 

उन्होंने विपक्षी गुट ‘इंडिया’ पर निशाना साधते हुए कहा ‘‘वे अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नहीं आए जबकि मंदिर का निर्माण सार्वजनिक दान से किया गया है सरकारी धन से नहीं। राम नवमी आ रही है। उनके पापों को मत भूलिए।’’ प्रधानमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि ‘इंडिया’ गुट के जो नेता राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हुए थे उन्हें अपनी पार्टियों में निष्कासन का सामना करना पड़ा। ये पार्टियां सनातन धर्म के खिलाफ बोलती हैं और दक्षिण भारत को एक अलग देश बनाने की वकालत करती हैं।’’

राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी की धोनी से की तुलना, बताया भारतीय राजनीति का बेस्ट ‘फिनिशर’

डेस्क: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तुलना महेंद्र सिंह धोनी से करते हुए हुए कहा कि धोनी की तरह वह भी मैच को जल्दी खत्म करने में माहिर हैं। वे भारतीय राजनीति के बेस्ट फिनिशर हैं। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में एक चुनाव प्रचार रैली में अपने संबोधन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व अध्यक्ष सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस का भ्रष्टाचार के साथ ‘‘अटूट’’ रिश्ता है। उन्होंने कहा, ‘‘ एक समय भारतीय राजनीति में कांग्रेस का दबदबा था, लेकिन अब केवल दो या तीन छोटे राज्यों में ही उसकी सरकार है।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे कभी-कभी आश्चर्य होता है कि ऐसा क्यों हो रहा है, तो मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचता हूं। क्रिकेट में सबसे अच्छा ‘फिनिशर’ कौन है? (लोगों के जवाब देने के बाद) धोनी। अगर कोई मुझसे पूछता है कि भारतीय राजनीति में सबसे अच्छा ‘फिनिशर’ कौन है, तो मैं कहूंगा कि वह राहुल गांधी हैं। यही कारण है कि कई नेताओं ने कांग्रेस छोड़ दी है।’’ 

कांग्रेस और भ्रष्टाचार एक दूसरे से जुड़े हैं-राजनाथ

इससे पहले की एक रैली में सिंह ने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्होंने कसम खाई है कि जब तक वह कांग्रेस को ‘खत्म’ नहीं कर देंगे, तब तक वह नहीं रुकेंगे। भाजपा के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस और भ्रष्टाचार परस्पर एक दूसरे से जुड़े हुए हैं तथा अधिकांश कांग्रेस सरकारों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में किसी भी मंत्री के खिलाफ ऐसा कोई आरोप नहीं लगा। 

एक राष्ट्र, एक चुनाव की वकालत-राजनाथ

रक्षामंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के साथ कांग्रेस के रिश्ते को सलमान खान अभिनीत फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ के गाने ‘तू चल मैं आई’ से वर्णित किया जा सकता है। सिंह ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की भी वकालत की और दावा किया कि इससे समय और संसाधनों की बचत होगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कथन के विपरीत, एक साथ चुनाव होने से भारतीय लोकतंत्र मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि चुनाव पांच साल में बस दो बार होने चाहिए- एक बार स्थानीय निकायों के लिए, उसके बाद विधानसभाओं और लोकसभा के लिए। 

भारत 2045 तक बनेगा महाशक्ति-राजनाथ

रक्षा मंत्री ने कहा कि कुछ बड़ी वित्तीय कंपनियां भविष्यवाणी कर रही हैं कि भारत 2027 की शुरुआत तक दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्था में होगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पहले ही देश की अर्थव्यवस्था को शीर्ष पांच में ला दिया है जो 10 साल पहले 11 वें स्थान पर थी। सिंह ने कहा कि भारत 2045 तक महाशक्ति बन जाएगा। उन्होंने कहा कि सत्ता में रहते हुए कांग्रेस ने कई वादे किए और अगर उनमें से कुछ वादे भी पूरे हुए होते तो भारत बहुत पहले ही एक शक्तिशाली देश बन गया होता। सिंह ने कहा कि दूसरी ओर, भाजपा ने दस वर्षों में अपने सभी वादे पूरे किए। 

उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे सभी घोषणापत्र देखें और हमने जो कहा वह किया। हम 1984 से कह रहे हैं कि हम (अयोध्या में) राम मंदिर का निर्माण करेंगे। विपक्ष तारीख मांग रहा था। अब प्राण प्रतिष्ठा (रामलाल की मूर्ति की) हो चुका है।’’ इसके साथ ही उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पार्टी ने अनुच्छेद 370 को निरस्त किया और तीन तलाक पर रोक लगाई। उन्होंने कहा, ‘‘ हम सभी बहनों और माताओं के साथ खड़े हैं, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो। अगर बहनों और माताओं की गरिमा और अस्तित्व खतरे में है तो भाजपा उनके साथ खड़ी रहेगी, चाहे हमारी सरकार रहे या न रहे।’’

मध्यप्रदेश के देवास में बड़ा हादसा, चलती बस में लगी भीषण आग, सवार थे 100 से ज्यादा यात्री, किसी तरह बचाई जान

मध्य प्रदेश के देवास जिले में एक तीर्थ यात्री बस में आग लग गई है. यह घटना जिले के बैंक नोट प्रेस थाना क्षेत्र के मक्सी रोड बाईपास की है. इसमें सवार 100 यात्रियों ने किसी तरह बचाई है. घटना के बाद यात्रियों में दहशत बना हुआ है. मौके पर पहुंची पुलिस ने दूसरी वाहन की व्यवस्था कर यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचाया.  

जानकारी के मुताबिक़ महाराष्ट्र के पुणे (Pune) से करीब 100 तीर्थ यात्री बस में सवार होकर नेपाल की ओर जा रहे थे. देवास के मक्सी रोड के पास सुबह जैसे ही पहुंची चलती बस में आग लग गई. बस में बैठे हैं करीब 100 से ज्यादा यात्री बस का इमरजेंसी गेट और दरवाजे तोड़कर बाहर निकले. बताया जाता है कि बस में बैठे करीब 100 से ज्यादा लोग सो रहे थे. आग लगते ही बस में भगदड़ मच गई और सवारी बस का गेट तोड़कर बाहर निकले.  

इसकी सूचना पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम को मिली तो तुरंत ही दोनों टीमें मौके पर पहुंची। दो घंटे की कड़ी मशक्क्त के बाद आग पर काबू पाया गया. इस घटना में यात्रियों के लाखों रूपये का सामान भी जलकर ख़ाक हो गया है. इस आगजनी की खौफनाक घटना के बाद यात्रियों में दहशत है. मौके पर सीएसपी बीएनपी, थाना प्रभारी पहुंचे। बस में सवार यात्रियों को उनके स्थान पर जाने के लिए बसों की व्यवस्था भी कराई गई  

बस में सवारी यात्रियों ने बताया कि नेपाल में गुड़ी पड़वा और रामनवमी बनाने के लिए वह जा रहे थे. अचानक टायर में लगी आग टायर में आग लगने से धीरे-धीरे पूरी बस जलकर खाक हो गई. जब आगजनी की घटना हुई तो सभी यात्री सो रहे थे. सभी ने एक दुसरे को जगाया. भगदड़ मच गई. हालंकि सभी सुरक्षित निकलने में कामयाब हो गए. इस घटना में यात्रियों के बैग, पैसे, मोबाइल सहित अन्य कई सामान जलकर ख़ाक हो गए हैं. थाने के टीआई अमित सोलंकी ने बताया कि बीएस के टायर में आग लगने के कारण यह घटना हुई है. बस में 100 यात्री सवार थे. सभी सुरक्षित हैं.

गुजरात की बनासकांठा सीट पर होगी लेडी फाइट, BJP-कांग्रेस ने मैदान में उतारीं महिला कैंडिडेट

डेस्क: बनासकांठा गुजरात की एकमात्र ऐसी लोकसभा सीट है जहां से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस दोनों ने महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की दो बार की विधायक गेनीबेन ठाकोर का मुकाबला भाजपा की उम्मीदवार एवं इंजीनियरिंग प्रोफेसर रेखा चौधरी से है। जहां एक ओर भाजपा कैंडिडेट रेखा चौधरी खुद को मोदी का उम्मीदवार बताती हैं तो वहीं कांग्रेस की गेनीबेन ठाकोर बनासकांठा के जातिगत गणित में फिट बैठती हैं। बता दें कि गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीट पर एक ही चरण में सात मई को मतदान होगा और मतगणना चार जून को होगी।

कौन हैं कांग्रेस की गेनीबेन ठाकोर?

गेनीबेन ठाकोर ने 2017 के विधानसभा चुनाव में गुजरात के तत्कालीन मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता शंकर चौधरी और 2022 में भाजपा के स्वरूपजी ठाकोर को हराया था। महिलाओं के अधिकारों की वकालत के लिए जानी जाने वाली ठाकोर ने 2020 में गुजरात में 14 महीने की एक बच्ची के साथ कथित बलात्कार के मामले पर कहा था कि बलात्कारियों को पुलिस को सौंपने के बजाय जिंदा जला दिया जाना चाहिए। वह उन 17 कांग्रेस उम्मीदवारों में से एक थीं, जिन्होंने 2022 के विधानसभा चुनाव में अपनी सीट पर जीत हासिल की थी। 

भाजपा कैंडिडेट रेखा चौधरी कौन हैं?

वहीं भाजपा कैंडिडेट रेखा चौधरी के दादा गल्बाभाई चौधरी ने बनास डेयरी की स्थापना की थी, जो हर दिन 4.5 लाख किसानों से दूध खरीदती है। उनके पति हितेश चौधरी भाजपा पदाधिकारी हैं। प्रचार के दौरान अपने भाषणों में रेखा चौधरी कहती रही हैं कि उनकी उम्मीदवारी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का समर्थन प्राप्त है। वह अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले पर प्रकाश डालती हैं। उन्होंने बनासकांठा की लाखानी तालुका में एक रैली के दौरान ने कहा, "मैं मोदी साहब की उम्मीदवार हूं जिनके नेतृत्व में राम मंदिर का निर्माण हुआ, लाखों लोगों के सपने पूरे हुए। मेरी प्रतिद्वंद्वी राहुल गांधी की उम्मीदवार हैं। वह जाति के आधार पर चुनाव लड़ रही हैं, जबकि मैं यहां लोगों की सेवा करने के लिए हूं।" रेखा मोदी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं खासकर महिलाओं के लिए योजनाओं पर भी प्रकाश डालती हैं। 

किसका पलड़ा ज्यादा भारी?

बात जब जातिगत गणित की होती है, तो ठाकोर का पलड़ा भारी लगता है क्योंकि वह जिस अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय जिससे आती हैं, उसके इस निर्वाचन क्षेत्र में लगभग चार लाख मतदाता हैं। रेखा चौधरी भी ओबीसी वर्ग से हैं लेकिन उनके समुदाय की गिनती बनासकांठा में ठाकोर से लगभग आधी है। स्थानीय राजनीतिक पर्यवेक्षकों का दावा है कि भाजपा ने 2004 से चौधरी समुदाय से उम्मीदवार उतारे हैं, जो कथित तौर पर प्रभावशाली ठाकुरों को पसंद नहीं आया है। साल 2019 में भाजपा ने चौधरी समुदाय से परबत पटेल को मैदान में उतारा, जिन्होंने कांग्रेस के पार्थी भटोल को 3.68 लाख मतों के अंतर से हराया था। 

बनासकांठा के क्या हैं चुनावी मुद्दे?

भाजपा का अभियान प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार की उपलब्धियों जैसे कि राम मंदिर का निर्माण और जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर केंद्रित है। लेकिन कुछ स्थानीय लोगों के अनुसार राजस्थान और पाकिस्तान की सीमा से लगा बनासकांठा जिला गंभीर जल संकट का सामना कर रहा है। 

पालनपुर में भारतीय किसान संघ के तालुका अध्यक्ष मावजी लोह ने दावा किया कि राज्य सरकार ने चुनाव से पहले मतदाताओं को लुभाने के लिए झीलों को नर्मदा नहर के पानी से भरने की योजना शुरू की है, लेकिन प्रयास का परिणाम दो साल बाद ही पता चलेगा। उन्होंने दावा किया कि नर्मदा नहर का पानी लाने के प्रयास को भाजपा सरकार ने बहुत प्रचारित किया था, लेकिन इसका समग्र प्रभाव महत्वपूर्ण नहीं रहा और जिले का केवल पांच-सात प्रतिशत हिस्सा ही इसके दायरे में आता है।

अखिलेश यादव पहुंचे गाजीपुर, मुख्तार की मौत के बाद अंसारी परिवार से की मुलाकात, दिया बड़ा बयान

डेस्क: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद क्षेत्र में पहुंचे। यहां उन्होंने बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी के परिजनों से मुलाकात की। बता दें कि अखिलेश यादव की यह मुलाकात अफजाल अंसारी के घर पर हुई, जिसे फाटक के नाम से जाना जाता है। इस दौरान समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि मैं इस दुख की घड़ी में मुख्तार अंसारी के परिवार के सभी सदस्यों से मिला। जो घटना हुई वो सबके लिए चौंकाने वाली थी। हमें उम्मीद है कि सरकार सच्चाई सामने लाएगी और परिवार को न्याय मिलेगा। 

अखिलेश यादव पहुंचे गाजीपुर

अखिलेश यादव ने आगे कहा कि जो व्यक्ति इतने वर्षों तक जेल में रहा हो, उसके बाद भी जनता उसे जिता रही है। इसका मतलब उस व्यक्ति ने जनता के बीच में रहकर दुख और दर्द को बांटा है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि सरकार सच्चाई सामने लाएगी और परिवार को न्याय मिलेगा। जब वे भाजपा की सरकार आई है तब से संस्थाओं पर भरोसा कम हुआ है। लोग अपने न्याय के लिए आत्मदाह तक कर रहे हैं। आखिरकार सरकार क्या चाहती है। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्तार अंसारी की मौत तो चौंकाने वाली है ही। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि उन्होंने खुद कहा था कि उन्हें जहर दिया गया है।

मुख्तार अंसारी की मौत पर क्या बोले अखिलेश?

अखिलेश यादव ने कहा कि क्या स्वतंत्रता आंदोलन में उमर और मनु अंसारी के दादा की कोई भूमिका नहीं थी। सरकार इन चीजों को छिपाना चाहती है। कभी-कभार लोग दूर बैठे होते हैं और किसी भी व्यक्ति की छवि को पहचान नहीं पाते हैं। लोगों के बीच मुख्तार अंसारी की छवि को जिस तरीके से प्रसारित किया गया है, वो वैसे नहीं थे। 

अंसारी परिवार हमेशा से गरीबों के लिए कल्याणकारी कामों को करने में शामिल रही है। यही कारण है कि मुख्तार अंसारी के अंतिम संस्कार के दौरान हजारों की संख्या में लोग पहुंचे और उन्होंने यह बता दिया कि मुख्तार अंसारी के परिवार के साथ लोग खड़े हैं। हम कैसे मान सकते हैं कि मुख्तार अंसारी की मौत सामान्य मौत है। रूस में भी विपक्षी नेता को जेल के अंदर जहर देकर मार दिया गया था।

केजरीवाल CM थे, हैं और रहेंगे', AAP सांसद संजय सिंह बोले-जब मैं जेल से बाहर आया तो...

डेस्क: दिल्ली शराब घोटाला कांड में जहां सीएम अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जेल में हैं जबकि आप सांसद संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है और वे जेल से बाहर हैं। उन्होंने कहा है कि मैंजेल से बाहर आया तो दूसरे ही दिन साथियों से पता चला कि गहरी साजिश के तहत केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया। मैं आज ये कहता हूं कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सीएम थे, हैं और रहेंगे। केजरीवाल का मुकदमा फर्जी है, इसे पहली नज़र में तो एक होम गार्ड भी फर्जी बता देगा। 

साजिश के तहत केजरीवाल को फंसाया

संजय सिंह ने कहा कि ईडी और सीबीआई ने मिलकर 456 गवाह बनाया, लेकिन इनमें से सिर्फ 4 जगह ही केजरीवाल का नाम है। इस पूरे केस में मगुंटा रेड्डी, राघव मगुंटा, शरद रेड्डी और सीएम अरविंद के केजरीवाल के नाम लिए गए हैं, जिसमें से मगुंटा रेड्डी ने पूछताछ में जब केजरीवाल का नाम नहीं लिया, तो उसके बेटे को जेल में डाल दिया गया। उसके बाद ही राघव ने 6 बार, फिर जब 7 वीं बार में जाकर केजरीवाल का नाम लिया तो उसके कुछ दिन बाद उसे जमानत मिल गयी।

शरद रेड्डी को जमानत मिली, सिसोदिया को नहीं

बता दूं कि इस मामले में 10 में 8 बयान में केजरीवाल का नाम नहीं है। इन बयानों में केजरीवाल की बेगुनाही का सबूत हैं। उसको छुपा लिया गया है, ये सब अदालत के आदेश से हमारे वकीलों को मिला है। शरद रेड्डी के 12 बयानों में से सिर्फ आखिरी बयान में केजरीवाल का नाम लिया गया है। जिसे मुख्य आरोपी बनाया गया था, उसे कमर दर्द के नाम पर जमानत मिल गयी। वहीं, मनीष सिसोदिया की पत्नी को 20 साल से गंभीर बीमारी है लेकिन मनीष को जमानत नहीं दी गई। शरद रेड्डी ने गिरफ्तारी से लेकर जमानत तक बीजेपी को 55 करोड़ रुपये दिए। 

भाजपा है भ्रष्ट पार्टी

संजय सिंह ने कहा कि शराब घोटाला बीजेपी वालों ने किया, अगर उपराज्यपाल में थोड़ी सी नैतिकता है तो वो बीजेपी के खिलाफ जांच लाएं ईडी और सीबीआई को इस बारे में लिखें। भ्रष्टाचार के लिए बीजेपी वाले बोलते रहते हैं और उन्होंने उद्योगपतियों के 15 लाख करोड़ रुपये को माफ कर दिया। सभी भ्रष्टाचारियों को मिला लिया। दुनिया की सबसे भ्रष्ट पार्टी है बीजेपी। जब उन्होंने गलत मुकदमा लगाए, झूठे गवाह बनाए तो फिर इस बिना पर केजरीवाल इस्तीफा क्यों दें।

BJP के बागी ने उठाया बड़ा कदम, PM मोदी की तस्वीर के इस्तेमाल पर दायर की कैविएट याचिका

डेस्क: कर्नाटक की शिवमोग्गा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ने पर अड़े कर्नाटक बीजेपी के बागी नेता के.एस. ईश्वरप्पा ने बड़ा कदम उठा लिया है। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर का उपयोग करने के संबंध में जिला अदालत में एक कैविएट याचिका दायर की है। ईश्वरप्पा ने शुक्रवार को कैविएट याचिका दायर की क्योंकि उन्हें लग रहा था कि यदि बीजेपी नेता इस संबंध में अर्जी दायर करते हैं तो कोर्ट बागी नेता को PM मोदी की तस्वीरों का इस्तेमाल न करने का निर्देश दे सकती है।

‘पीएम मोदी राघवेंद्र के पिता की प्रॉपर्टी नहीं’

बता दें कि बीजेपी के शिवमोग्गा उम्मीदवार और सांसद बी.वाई. राघवेंद्र और ईश्वरप्पा के बीच पहले से ही जुबानी जंग जारी है। राघवेंद्र ने चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी की तस्वीरें इस्तेमाल करने पर ईश्वरप्पा का मजाक उड़ाया था। इस पर ईश्वरप्पा ने कहा था कि पीएम मोदी राघवेंद्र के पिता की संपत्ति नहीं हैं। ईश्वरप्पा अपने बेटे के.ई. कंथेश को हावेरी लोकसभा सीट से टिकट नहीं देने के बीजेपी के फैसले से नाराज हैं। हालांकि, वह बीजेपी उम्मीदवार राघवेंद्र को हराने के लिए शिवमोग्गा से चुनाव लड़ रहे हैं, जो पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के बेटे हैं।

‘अमित शाह ने मुझसे मुलाकात नहीं की’

ईश्वरप्पा ने कहा है कि येदियुरप्पा ने उन्हें धोखा दिया है। उन्होंने येदियुरप्पा के एक और बेटे बी.वाई. विजयेंद्र को कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष पद से हटवाने की भी कसम खाई है। ईश्वरप्पा ने घोषणा की थी कि वह 12 अप्रैल को अपना नामांकन दाखिल करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बेंगलुरु दौरे के दौरान व्यक्तिगत रूप से उनसे फोन पर बात की थी। ईश्वरप्पा ने कहा था, ‘गृह मंत्री अमित शाह ने मुझसे मुलाकात नहीं की। उनके कार्यालय ने मुझे बताया कि वह अनुपलब्ध हैं। मैं मानता हूं कि यह उनकी ओर से संकेत है कि मैं एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के अपने फैसले पर आगे बढ़ सकता हूं।’

‘मैं निर्दलीय चुनाव जीतने जा रहा हूं’

ईश्वरप्पा ने कहा, ‘अगर अमित शाह ने मुझसे एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपनी उम्मीदवारी वापस लेने के लिए कहा होता, तो मैं वापस लेने के लिए मजबूर हो जाता। मैं एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ूंगा। बीजेपी शिवमोग्गा संसदीय क्षेत्र को छोड़कर सभी 27 सीटें जीतने जा रही है। वहां मैं एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विजयी होऊंगा। अगर मैं प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन नहीं करता हूं तो मुझे अच्छा महसूस नहीं होगा। शिवमोग्गा से जीतने के बाद मैं अपनी जीत प्रधानमंत्री मोदी को समर्पित करूंगा।’