लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस का घोषणापत्र जारी, 5 न्याय और 25 गारंटियों पर फोकस, आरक्षण पर 50% का कैप हटाने का वादा
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लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने शुक्रवार को अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है।कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र को न्याय पत्र नाम दिया है। इस घोषणा पत्र को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने जारी किया। घोषणापत्र ‘पांच न्याय और 25 गारंटी’ पर आधारित है। यह पांच न्याय 'हिस्सेदारी न्याय', 'किसान न्याय', 'नारी न्याय', 'श्रमिक न्याय' और 'युवा न्याय' हैं। अपने मेनिफेस्टो में कांग्रेस ने कई तरह की गारंटियां शामिल की हैं. इसमें युवाओं, महिलाओं, किसानों और मजदूरों पर खास फोकस किया गया है।
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हमारा घोषणापत्र गरीबों को समर्पित है। उन्होंने कहा, 'हमारा यह घोषणापत्र देश के राजनीतिक इतिहास में न्याय के दस्तवेज के रूप में याद किया जाएगा। राहुल गांधी के नेतृत्व में चलाई गई 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' इसी पर केंद्रित थी। यात्रा के दौरान पांच स्तंभों- युवा न्याय, किसान न्याय, नारी न्याय, श्रमिक न्याय और हिस्सेदारी न्याय की घोषणा की गई। इन पांच स्तंभों में से 25 गारंटी निकलती हैं और हर 25 गारंटी में किसी न किसी को लाभ मिलता है।'
पार्टी के घोषणापत्र में 5 न्याय और 25 गारंटियां शामिल हैं। घोषणापत्र पांच न्याय – ‘हिस्सेदारी न्याय’, ‘किसान न्याय’, ‘नारी न्याय’, ‘श्रमिक न्याय’ और ‘युवा न्याय’- पर आधारित है। पार्टी ने ‘युवा न्याय’ के तहत जिन पांच गारंटी की बात की है उनमें 30 लाख सरकारी नौकरियां देने और युवाओं को एक साल के लिए प्रशिक्षुता कार्यक्रम के तहत एक लाख रुपये देने का वादा शामिल है। कांग्रेस ने ‘हिस्सेदारी न्याय’ के तहत जाति जनगणना कराने और आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा खत्म करने की ‘गारंटी’ दी है। पार्टी ने ‘किसान न्याय’ के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी दर्जा, कर्ज माफी आयोग के गठन तथा जीएसटी मुक्त खेती का वादा किया है। कांग्रेस ने ‘श्रमिक न्याय’ के तहत किसानों के लिए स्वामीनाथन फॉर्मूले के साथ एमएसपी का कानूनी गारंटी, श्रमिकों के लिए 25 लाख का हेल्थ कवर, मुफ्त इलाज, अस्पताल, डॉक्टर,दवा, टेस्ट, सर्जरी की घोषणा की गई है। घोषणापत्र में जिसके पास जमीन नहीं है, उसे जमीन देने का वादा किया गया है। न्यूनतम मजूदरी 400 रुपये प्रतिदिन सुनिश्चित करने और शहरी रोजगार गारंटी का वादा किया है। साथ ही ‘नारी न्याय’ के अंतर्गत ‘महालक्ष्मी’ गारंटी के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को एक-एक लाख रुपये प्रति वर्ष देने समेत कई वादे किए हैं।
पार्टी ने कहा है कि, अगर वह सत्ता में आती है, तो पार्टी ‘जातियों और उप-जातियों और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थितियों की पहचान करने के लिए” देशव्यापी जाति जनगणना कराएगी। कांग्रेस ने कहा कि आंकड़ों के आधार पर वह उन जातियों के लिए एजेंडे को मजबूत करेगी, जिन्हें सकारात्मक कार्रवाई की जरूरत है। कांग्रेस जाति जनगणना करवाएगी, आरक्षण पर 50 फीसदी कैप हटाएगी।
पार्टी को उम्मीद है कि उनकी ऐतिहासिक गारंटियां लोगों की तकदीर बदल देंगी।






लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने शुक्रवार को अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है।कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र को न्याय पत्र नाम दिया है। इस घोषणा पत्र को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने जारी किया। घोषणापत्र ‘पांच न्याय और 25 गारंटी’ पर आधारित है। यह पांच न्याय 'हिस्सेदारी न्याय', 'किसान न्याय', 'नारी न्याय', 'श्रमिक न्याय' और 'युवा न्याय' हैं। अपने मेनिफेस्टो में कांग्रेस ने कई तरह की गारंटियां शामिल की हैं. इसमें युवाओं, महिलाओं, किसानों और मजदूरों पर खास फोकस किया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हमारा घोषणापत्र गरीबों को समर्पित है। उन्होंने कहा, 'हमारा यह घोषणापत्र देश के राजनीतिक इतिहास में न्याय के दस्तवेज के रूप में याद किया जाएगा। राहुल गांधी के नेतृत्व में चलाई गई 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' इसी पर केंद्रित थी। यात्रा के दौरान पांच स्तंभों- युवा न्याय, किसान न्याय, नारी न्याय, श्रमिक न्याय और हिस्सेदारी न्याय की घोषणा की गई। इन पांच स्तंभों में से 25 गारंटी निकलती हैं और हर 25 गारंटी में किसी न किसी को लाभ मिलता है।' पार्टी के घोषणापत्र में 5 न्याय और 25 गारंटियां शामिल हैं। घोषणापत्र पांच न्याय – ‘हिस्सेदारी न्याय’, ‘किसान न्याय’, ‘नारी न्याय’, ‘श्रमिक न्याय’ और ‘युवा न्याय’- पर आधारित है। पार्टी ने ‘युवा न्याय’ के तहत जिन पांच गारंटी की बात की है उनमें 30 लाख सरकारी नौकरियां देने और युवाओं को एक साल के लिए प्रशिक्षुता कार्यक्रम के तहत एक लाख रुपये देने का वादा शामिल है। कांग्रेस ने ‘हिस्सेदारी न्याय’ के तहत जाति जनगणना कराने और आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा खत्म करने की ‘गारंटी’ दी है। पार्टी ने ‘किसान न्याय’ के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी दर्जा, कर्ज माफी आयोग के गठन तथा जीएसटी मुक्त खेती का वादा किया है। कांग्रेस ने ‘श्रमिक न्याय’ के तहत किसानों के लिए स्वामीनाथन फॉर्मूले के साथ एमएसपी का कानूनी गारंटी, श्रमिकों के लिए 25 लाख का हेल्थ कवर, मुफ्त इलाज, अस्पताल, डॉक्टर,दवा, टेस्ट, सर्जरी की घोषणा की गई है। घोषणापत्र में जिसके पास जमीन नहीं है, उसे जमीन देने का वादा किया गया है। न्यूनतम मजूदरी 400 रुपये प्रतिदिन सुनिश्चित करने और शहरी रोजगार गारंटी का वादा किया है। साथ ही ‘नारी न्याय’ के अंतर्गत ‘महालक्ष्मी’ गारंटी के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को एक-एक लाख रुपये प्रति वर्ष देने समेत कई वादे किए हैं। पार्टी ने कहा है कि, अगर वह सत्ता में आती है, तो पार्टी ‘जातियों और उप-जातियों और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थितियों की पहचान करने के लिए” देशव्यापी जाति जनगणना कराएगी। कांग्रेस ने कहा कि आंकड़ों के आधार पर वह उन जातियों के लिए एजेंडे को मजबूत करेगी, जिन्हें सकारात्मक कार्रवाई की जरूरत है। कांग्रेस जाति जनगणना करवाएगी, आरक्षण पर 50 फीसदी कैप हटाएगी। पार्टी को उम्मीद है कि उनकी ऐतिहासिक गारंटियां लोगों की तकदीर बदल देंगी।

भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की 3 दिन से चल रही मीटिंग के नतीजों का ऐलान हो गया है। चुनाव से पहले रिजर्व बैंक ने लोगों को बड़ी राहत दी है।रिजर्व बैंक ने एक बार फिर रेपो रेट को 6.5% पर बरकरार रखने का फैसला किया है। यह सातवीं बार है जब आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसकी जानकारी दी है। बता दें, ब्याज दरों की समीक्षा के लिए आरबीआई एमपीसी की बैठक 3 अप्रैल से 5 अप्रैल के बीच हुई थी, जिसमें 6 सदस्य की एमपीसी में से 5 सदस्यों ने बहुमत के आधार पर ब्याज दरों में बदलाव नहीं का फैसला लिया गया है। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि मॉनेटरी पॉलिसी को लेकर विथड्रॉल ऑफ अकोमडेशन रुख एमपीसी ने बरकरार रखा है। महंगाई में कमी आ रही है और अर्थव्यवस्था की स्थिति मजबूत नहीं हुई है। रेपो रेट के अलावा एसडीएफ और एमएसएफ में कोई भी बदलवा नहीं किया गया है। इन्हें 6.25 प्रतिशत और 6.75 प्रतिशत पर यथावत रखा गया है। साथ ही रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो रेट 3.35% पर स्थिर रखा है। *ग्रोथ की गति बरकरार* आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास कहा कि ग्रोथ ने सभी अनुमानों को पार करते हुए अपनी गति बरकरार रखी है। जनवरी और फरवरी दोनों महीनों की हेडलाइन मुद्रास्फीति घटकर 5.1% हो गई है, और यह पहले से इन दो महीनों में दिसंबर के महीने 5.7% के पीक से घटकर 5.1% हो गई है। आगे देखते हुए, मजबूत विकास संभावनाएं नीति को मुद्रास्फीति पर ध्यान केंद्रित करने और 4% के लक्ष्य तक इसके बढ़ने को सुनिश्चित करने का अवसर प्रदान करती हैं। *7.6 प्रतिशत पर रहेगी रियल जीडीपी ग्रोथ* दास ने आगे बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 की रियल जीडीपी ग्रोथ 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। साथ ही बताया कि जीडीपी मजबूत रहने की वजह मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर का मजबूत रहना है। फरवरी और मार्च में पीएमआई 60 के ऊपर रहा है, जो कि 16 वर्षों का उच्चतम स्तर है। *अर्थव्यवस्था की स्थिति मजबूत* वहीं, रियल जीडीपी ग्रोथ 7 प्रतिशत पर बने रहने की उम्मीद है। पहले यह 6.9 प्रतिशत था। गवर्नर ने कहा कि ग्रामीण के साथ शहरी क्षेत्रों में खपत मजबूत बनी हुई है। रबी सीजन में बंपर पैदावार होने के चलते महंगाई में कमी आ सकती है। हालांकि, वैश्विक चुनौतियां और सामान्य के अधिक तापमान रहने के कारण कुछ चुनौतियां जरूर आएंगी।
Apr 05 2024, 13:58
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