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जल्दी बाहर मिलेंगे’, तिहाड़ जेल से मनीष सिसोदिया ने जनता के नाम लिखा पत्र, आजादी की लड़ाई का भी किया जिक्र

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया ने तिहाड़ जेल से जनता के नाम एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने आजादी की लड़ाई का जिक्र किया है. दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया तिहाड़ जेल में बंद हैं. अब यहां से उन्होंने जनता के नाम एक पत्र लिखा है और कहा कि हम फ्री और अच्छे एजुकेशन के लिए लड़ रहे हैं. दरअसल, सिसोदिया ने तिहाड़ जेल से अपने विधानसभा क्षेत्र (पटपड़गंज) के लोगों के नाम एक और पत्र लिखा है. उन्होंने अपने कारावास की तुलना स्वतंत्रता सेनानियों पर अंग्रेजों द्वारा किए गए अत्याचारों से की है. ‘आप’ नेता ने इस बात पर जोर दिया कि वह जल्द ही जेल से बाहर आएंगे. आपको बता दें कि पिछले दिनों दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इसके बाद ‘आप’ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को कोर्ट से जमानत मिल गई. जेल से बाहर आने के बाद संजय सिंह ने बीजेपी जोरदार हमला किया और कहा कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जल्द जेल से बाहर आएंगे. पत्र में और क्या लिखा मनीष सिसोदिया ने जेल से लिखे पत्र में ‘आप’ नेता मनीष सिसोदिया ने लिखा कि मैं अपने क्षेत्र की जनता को मिस कर रहा हूं. मैं अपने क्षेत्र की जनता को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने मेरी बीमार पत्नी का ख्याल रखा. आगे उन्होंने लिखा कि जेल के बाहर जल्द आपलोगों से मुलाकात होगी. सिसोदिया ने आजादी की लड़ाई का जिक्र अपने पत्र में किया और लिखा कि जिस तरह आजादी के समय सबने लड़ाई लड़ी वैसे ही हम अच्छी शिक्षा और स्कूल के लिए लड़ाई लड़ने का काम कर रहे हैं. ‘आप’ नेता ने अपने पत्र में लिखा कि अंग्रेजों की तानाशाही के बाद भी देश आजाद हुआ, उसी तरह एक दिन हर बच्चे को सही और अच्छी शिक्षा मिलेगी. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों को भी सत्ता का बहुत घमंड नजर आता था. अंग्रेज की भी आदत थी कि वे झूठे आरोप लगाकर जेल में डाल देते थे. अंग्रेजों ने कई सालों तक महात्मा गांधी जी को जेल में रखा. अंग्रेजों ने नेल्सन मंडेला के साथ भी ऐसा ही व्यवहार किया. सिसोदिया ने लिखा कि जल्द ही बाहर मिलेंगे.
11 करोड़ गारंटी कार्ड, संसद निर्वाचन क्षेत्रों में संचार विशेषज्ञ टीमों और कॉल सेंटरों से लैस, पढ़िए, कांग्रेस 5 न्याय गारंटी और 25 वादे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सांसद राहुल गांधी घोषणापत्र पत्र जारी करने वाले हैं. 11 करोड़ गारंटी कार्ड, संसद निर्वाचन क्षेत्रों में संचार विशेषज्ञ टीमों और कॉल सेंटरों से लैस, कांग्रेस 5 न्याय गारंटी और 25 वादों के साथ 2024 के चुनावी मैदान में उतरने के लिए पूरी तरह तैयार है. 

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने मतदाताओं के बीच अपनी गारंटी के बेहतर प्रचार-प्रसार के लिए सभी लोकसभा सीटों पर पहले ही संचार विशेषज्ञ टीमें भेज दी हैं. ये टीमें लोकसभा उम्मीदवारों को निर्वाचन क्षेत्र के स्थानीय मुद्दों पर विरोधियों पर हमला करने के लिए भी मार्गदर्शन करेंगी, जबकि पार्टी का सीनियर नेतृत्व बेरोजगारी, एजेंसियों के दुरुपयोग और पूंजीवाद जैसे अहम मुद्दों पर चुनाव लड़ेंगे.

पार्टी के मुताबिक, वह पहले ही पार्टी की गारंटी की 11.5 करोड़ से ज्यादा कॉपीज के छापे जाने का ऑर्डर दे चुकी है और गारंटी की 11.5 करोड़ प्रतियों में से पार्टी को 8 करोड़ से ज्यादा प्रतियां मिल चुकी हैं. इसका उद्देश्य लोकसभा चुनाव में लगभग 60 करोड़ पात्र मतदाताओं को न्याय/गारंटी के बारे में बताना है.

सूत्रों ने यह भी बताया कि वोटर्स को बताने के लिए केंद्र और राज्य स्तर पर कॉल सेंटर बनाए गए हैं, लेकिन साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि गारंटी के बारे में मतदाता तक जानकारी पहुंची है या नहीं. उन्होंने कहा कि पार्टी अपने दम पर 325 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. जिन सीटों पर पार्टी को जीत की उम्मीद है, वहां एक्सपर्ट की टीमें पहले से ही डेरा जमाकर राजनीतिक गतिविधियों पर नजर रख रही हैं.

*“हमें लेक्चर ना दें”... निष्पक्ष चुनाव को लेकर यूएन की सलाह पर एस जयशंकर की दो टूक*
#s_jaishankar_responded_dont_need_un_to_lecture_on_fair_polls

भारत में चुनावों पर संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी की हालिया टिप्पणी पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने करारा जवाब दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत में निष्पक्ष चुनाव को लेकर यूएन को चिंता करने की जरूरत नहीं है। विदेश मंत्री जयशकंर ने केरल के तिरुवनंतपुरम में लोकसभा चुनाव के लिए अपने मंत्रिमंडल सहयोगी और भाजपा उम्मीदवार राजीव चंद्रशेखर के लिए प्रचार के दौरान यूएन की एक टिप्पणी का जवाब दिया। उन्होंने कहा, किसी भी ग्लोबल बॉडी को हमें यह बताने की जरूरत नहीं है कि भारत में चुनाव कैसे होना चाहिए। मेरे साथ भारत के लोग हैं। भारत के लोग यह सुनिश्चित करेंगे कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष हों। इसलिए, इसके बारे में चिंता न करें। *यूएन के अधिकारी ने दिया था बयान* बता दें कि पिछले हफ्ते, संयुक्त राष्ट्र महासचिव स्टीफन दुजारिक के प्रवक्ता से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और विपक्षी कांग्रेस पार्टी के बैंक खातों को जब्त करने के मद्देनजर आगामी राष्ट्रीय चुनावों से पहले भारत में राजनीतिक अशांति के बारे में पूछा गया था। डुजारिक ने कहा था, हमें बहुत उम्मीद है कि भारत में, जैसा कि चुनाव वाले किसी भी देश में होता है, राजनीतिक और नागरिक अधिकारों सहित सभी के अधिकारों की रक्षा की जाएगी और हर कोई स्वतंत्र और निष्पक्ष माहौल में मतदान करने में सक्षम होगा। *एस जयशंकर ने पहले भी चेताया* इससे पहले, जयशंकर ने अन्य देशों से भी कहा कि वे भारत के आंतरिक मामलों पर राजनीतिक बयान देने से बचें अन्यथा भारत से बहुत कड़ा जवाब मिलेगा। हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिका और जर्मनी के राजनयिकों की टिप्पणियों के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए, विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने यह बहुत स्पष्ट कर दिया है कि वह ऐसे बयानों का विरोध करता है।
जेल से मनीष सिसोदिया का पत्र, कहा- जल्द बाहर मिलेंगे, लव यू ऑल

#manish_sisodia_wrote_letter_from_jail

दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने तिहाड़ जेल से अपने विधानसभा क्षेत्र पटपड़गंज की जनता के नाम पत्र लिखा है।चार पेज का इस पत्र पर 15 मार्च की तारीख अंकित है। यानी यह केजरीवाल की गिरफ्तारी से पहले लिखा गया था और अब सार्वजनिक तौर पर सामने आया है। मनीष सिसोदिया ने लिखा कि जल्द ही बाहर मिलेंगे। साथ ही सिसोदिया ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि मुझे खुशी है अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली में शिक्षा क्रांति आई। 

अपनी इस चिट्ठी में मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा कि अंग्रेजों को भी अपनी सत्ता का बहुत घमंड था, अंग्रेज भी झूठे आरोप लगाकर लोगों को जेल में बंद करते थे। अंग्रेजों ने महात्मा गांधी को भी जेल बंद किया था। अंग्रेजों को भी सत्ता का घमंड था। वे लोगों को झूठे आरोप लगाकर जेल में बंद करते थे। उन्होंने गांधी जी को भी जेल में रखा। नेल्सन मंडेला को जेल में डाला गया। ये लोग मेरी प्रेरणा हैं और आप मेरी ताकत हैं। 

आप नेता ने आगे लिखा, अंग्रेजों की तानाशाही के बाद आजादी का सपना सच हुआ था, उसी तरह एक दिन प्रत्येक बच्चे को सही और अच्छी शिक्षा मिलेगी। जैसे आजादी की समय लड़ाई लड़ी गई थी, वैसे ही हम अच्छी शिक्षा और स्कूल के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। विकसित देश के लिए अच्छी शिक्षा और स्कूल का होना बहुत जरूरी है। मुझे खुशी है अरविंद केजरीवाल जी के नेतृत्व में दिल्ली में शिक्षा क्रांति आई। अब पंजाब शिक्षा क्रांति की खबर पढ़कर सुकून मिलता है। वैसे ही एक दिन हर बच्चे को सही और अच्छी शिक्षा मिलेगी।

मनीष सिसोदिया ने पत्र में लिखा, बीते एक साल से आप सभी मुझे बहुत याद आए। सबने ईमानदारी से काम किया। जल्दी ही बाहर मिलेंगे। शिक्षा क्रांति जिंदाबाद, लव यू ऑल।

क्या अमेठी से रॉबर्ट वाड्रा लड़ेंगे लोकसभा चुनाव ? जानें स्मृति ईरानी के खिलाफ लड़ने को लेकर क्या कहा

#robertvadrawillcontestelectionsfromamethi 

लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दल एक-एक कर प्रत्याशी उतार रहे हैं। लेकिन कांग्रेस ने अभी तक अपनी प्रतिष्ठित सीट अमेठी और रायबरेली को लेकर किसी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। बीजेपी ही नहीं राजनीति में रूची रखने वाले इंतजार कर रहे हैं कि स्मृति ईरानी के खिलाफ कांग्रेस किसे मैदान में उतारने वाली है। इस बीच प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने अमेठी को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। रॉबर्ट वाड्रा ने कहा है कि जनता चाहती है कि वह चुनाव लड़ें। इन दोनों निर्वाचन क्षेत्रों के लोग यह चाहते हैं कि उनका प्रतिनिधित्व गांधी परिवार ही करे।

एक चैनल को दिए इंटरव्यू में रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, मैं रायबरेली और अमेठी में 1999 से प्रचार कर रहा हूं। अब लोग चाहते हैं मैं राजनीति में आऊं। फिर चाहे वह रायबरेली सीट हो, अमेठी सीट हो, मुरादाबाद सीट हो, तेलंगाना हो या फिर दिल्ली की कोई सीट हो। चाहें केंद्र हो या राज्य चुनाव, मुझे लगता है कि मुझे राजनीति में आने की जरूरत है। गांधी परिवार का सदस्य होने की वजह से राजनीति से दूरी बहुत ही मुश्किल है। कई जगहों से चुनाव लड़ने की मांग की जा रही है। जहां जाता हूं वहां के लोग चाहते हैं कि मैं वहां का प्रतिनिधित्व करूं। मेरे नाम के पोस्टर लगे दिखाई देते हैं।

गलत जन प्रतिनिधि का चुनाव कर अमेठी के लोग दुखी-वाड्रा

रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि अमेठी के लोगों की इच्छा है कि जो भी वहां का सांसद हो, वह यहां की प्रगति और विकास पर फोकस करे ना कि भेदभाव की राजनीति करे। इसी के साथ उन्होंने कहा कि आज अमेठी की जनता परेशान हैं। शायद उन्हें इस बात का दुख है कि उन्होंने अपने लिए गलत जन प्रतिनिधि का चुनाव कर लिया है। रॉबर्ट वॉड्रा ने स्मृति ईरानी पर हमला करते हुए कहा कि अमेठी में विकास बहुत पीछे छूट गया है। उन्होंने यहां की जनता को शिकायत करने का पूरा मौका दिया है। उन्होंने कहा कि आज वहां की जनता ये सोच रही है कि मौजूदा सांसद अमेठी की बुनियादी प्रगति पर ध्यान ना देकर नेहरू-गांधी परिवार पर बेवजह हमले करती रहती हैं। इससे अमेठी के नाम पर केवल राजनीति हो रही है ना कि विकास। यहां की जनता इससे बहुत दुखी नजर आ रही है।

मैं चाहता हूं कि प्रियंका सांसद बनें-वाड्रा-वाड्रा

वाड्रा ने आगे कहा कि मैं हमेशा चाहता हूं कि प्रियंका गांधी पहले सांसद बनें, तब उसके बाद मैं भी संसद आ सकता हूं। मैं दूसरे नेताओं से मिलता हूं तो वे पूछते हैं कि आप राजनीति में आने में देर क्यों लगा रहा हैं, आप हमारी पार्टी से आ जाइए। उन्होंने कहा कि मेरी अलग पार्टी लाइन के नेताओं से भी दोस्ती है, उनको यह लगता है कि अगर मैं सांसद बनता हूं तो अलग स्तर पर काम हो पाएगा। वाड्रा ने कहा कि सही समय आने पर वे फैसला लेंगे।

कांग्रेसी की अब नई उम्मीद रॉबर्ट वाड्रा

बता दें कि अमेठी में राहुल गांधी के चुनाव लड़ने पर बने सस्पेंस के बीच अब एक और नाम को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। कांग्रेसी की अब नई उम्मीद रॉबर्ट वाड्रा बने हैं। कार्यकर्ताओं ने वाड्रा को अमेठी से प्रत्याशी बनाने की मांग की है। सोशल मीडिया पर कांग्रेस कार्यकर्ता इसको लेकर एक्टिव मोड में हैं। उनको उम्मीदवार बनाने के लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए हैं, जिसमें लिखा है, "जन-जन के मन का भाव, अमेठी मांगे बदलाव। रॉबर्ट वाड्रा बनें बदलाव का चेहरा। अंत में लिखा है - राहुल- प्रियंका गांधी सेना"

करोड़ों के मालिक है राहुल गांधी, पांच साल में 28 फीसदी बढ़ी संपत्ति, लेकिन ना घर है, ना गाड़ी

#rahul_gandhi_net_worth 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी चुनावी रण में उतर चुके हैं। राहुल गांधी केरल के वायनाड से एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं। उन्होंने बुधवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। बुधवार को शक्ति प्रदर्शन करते हुए चुनाव नामांकन भरा। इस दौरान उनके साथ बहन प्रियंका गांधी भी रहीं। वहीं चुनाव नामांकन भरने के बाद उनकी प्रॉपर्टी की जानकारी सामने आई है।चुनाव आयोग को दिए गए रिकॉर्ड के मुताबिक, राहुल गांधी करोड़ों की प्रॉपर्टी के मालिक हैं, लेकिन इसमें सबसे दिलचस्प बात यह सामने आई है कि उनके पास कोई घर नहीं है। पिछले दिनों उनके सरकारी आवास को लेकर काफी विवाद भी हुआ था। राहुल गांधी के पास कोई भी वाहन नहीं है। 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के पास कुल 20 करोड़ रुपये की संपत्ति है। केरल की वायनाड लोकसभा से दूसरी बार नामांकन दाखिल करने में राहुल गांधी ने इसका खुलासा किया है। चुनावी हलफनामे के मुताबिक राहुल गांधी की पास कुल चल संपत्ति 9,24,59,264 रुपये की है। वहीं उनके पास कुल अचल संपत्ति करीब 11,14,02,598 रुपये की है। इस तरह से उनके पास कुल संपत्ति 20,38,61,862 रुपये की है। 

राहुल गांधी ने शपथ पत्र में बताया है कि बीते पांच सालों में उन्हें कुल 6 करोड़ रुपये की आमदनी हुई। उनके पास कुल 20.4 करोड़ रुपये की संपत्ति है। राहुल गांधी ने बताया है कि उनके पास कुल नकदी 55 हजार रुपये की है और इसके अलावा 26 लाख रुपये की धनराशि बैंक में जमा है। राहुल के एफीडेविट में जिक्र किए ब्योरे के अनुसार उनकी संपत्ति में 2019 की तुलना में 28 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

चुनावी हलफनामे के मुताबिक राहुल गांधी के पास 15.2 करोड़ रुपये के गोल्ड बॉन्ड्स हैं। उन्होंने इंश्योरेंस पॉलिसीज, नेशनल सेविंग्स स्कीम्स और पोस्टल सेविंग्स में भी 61.52 लाख रुपये निवेश किए हैं। हलफनामे के मुताबिक राहुल गांधी ने टाइटन, टीसीएस, बजाज फाइनेंस, नेस्ले, पिडिलाइट इंडस्ट्रीज, एल्किल अमीन्स केमिकल्स लिमिटेड, इन्फोसिस, एशियन पेंट्स, दीपक नाइट्रिक, एचयूएल, आईसीआईसीआई, इन्फो एज और दूसरी कई लिस्टेड कंपनियों में निवेश किया है। पिडिलाइट इंडस्ट्रीज, एशियन पेंट्स, बजाज फाइनेंस और टाइटन में उनके निवेश की कीमत 30 लाख रुपये से अधिक है। इसी तरह हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईसीआईसीआई बैंक और एलटीआई माइंडट्री में उनके निवेश की कीमत 20 लाख रुपये से अधिक है। इन्फोसिस में उनके इनवेस्टमेंट की वैल्यू 14,21,580 रुपये और टीसीएस में 9,87,305 रुपये है।

राहुल गांधी ने अपने चुनावी हलफनामें में बताया है कि उनके खिलाफ कुल 18 केस दर्ज हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (53) ने सूरत कोर्ट की तरफ से सुनवाई गई सजा का भी जिक्र किया है। कांग्रेस ने ऐफिडेविट में बीजेपी और आरएसएस पर राजनीति के तहत केस दर्ज करने का आरोप लगाया है।

सिद्धू मूसेवाला के परिवार से आई बड़ी खबर, कांग्रेस में शामिल हो सकते है मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह, इस सीट से लड़ सकते है चुनाव!

 सिद्धू मूसेवाला के परिवार से बड़ी खबर आ रही है। दिवंगत सिंगर के पिता बलकौर सिंह लोकसभा चुनाव 2024 लड़ सकते हैं। उनके कांग्रेस जॉइन करने की अटकलें हैं। साथ ही उन्हें बठिंडा लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारने की भी चर्चा है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस ने बलकौर सिंह से बातचीत कर ली है और वे चुनाव लड़ने के लिए भी राजी हैं। हालांकि इन दिनों वे अपने नवजात बेटे के साथ व्यस्त हैं, जिसका हाल ही में जन्म हुआ है, लेकिन जश्न के बीच बलकौर सिंह के चुनाव लड़ने की खबर ने घर के माहौल को राजनीतिक भी बना दिया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बलकौर सिंह ने कुछ महीने पहले राजनीति में एंट्री करने के संकेत दिए थे। तब उन्होंने बयान दिया था कि हम राजनीति में क्यों न आएं? बेअंत सिंह के पोते रवनीत बिट्टू भी तो राजनीति में आए, सांसद बने और उन्होंने अपने दादा के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए प्रयास किए और उन प्रयासों में कामयाब हुए। अगर वह राजनीति में आकर न्याय की लड़ाई लड़ सकते हैं और एक मकसद हमारे पास भी है। बता दें कि बलकौर सिंह को कांग्रेस कई बार पार्टी की सदस्यता ऑफर कर चुकी है। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने भी कहा था कि अगर बलकौर सिंह इच्छा जताएंगे तो कांग्रेस उन्हें लोकसभा चुनाव टिकट दे सकती है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दिवंगत सिंगर सिद्धू मूसेवाला ने भी 2022 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस की टिकट से लड़ा था, हालांकि वे चुनाव हार गए थे, लेकिन उनके चुनाव लड़ने से उनके फैंस काफी खुश थे। वहीं अब अगर बलकौर सिंह बठिंडा से लोकसभा चुनाव लड़ते हैं तो मुकाबला काफी कड़ा रहेगा, क्योंकि बठिंडा शिरोमणि अकाली दल का गढ़ है।

बादल परिवार की बहू हरसिमरत कौर बादल सांसद हैं और इस बार भी इस सीट से टिकट की सबसे बड़ी दावेदार वही हैं। बठिंडा से भाजपा अकाली नेता सिकंदर सिंह मलूका की बहू परमपाल कौर को चुनावी रण में उतार सकती है। ऐसे में बलकौर सिंह अकाली-भाजपा उम्मीदवारों को कड़ी टक्कर दे सकते हैं, क्योंकि दिवंगत बेटे के फैन्स का उन्हें पूरा समर्थन मिलेगा।

भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर को मिली गोली मारने की धमकी, कुछ दिनों पहले ही हुआ था जानलेवा हमला

 उत्तर प्रदेश की नगीना सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे भीम आर्मी प्रमुख एवं आजाद समाज पार्टी के संस्थापक चंद्रशेखर को गोली मारने की धमकी दी गई है। मामले की शिकायत लेकर आसपा जिला अध्यक्ष करणवीर सिंहशाहिद के दर्शन कार्यकर्ता एसपी से मिलने पुलिस लाइन पहुंचे।जिला अध्यक्ष करणवीर सिंह ने बताया कि सोशल मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हो रहा है, जो पार्टी तक भी पहुंचा है। 

ऑडियो में एक युवक चंद्रशेखर को गोली मारने की बात कह रहा है। धमकी देने वाला कौन है? कहां का है? यह साफ नहीं है लेकिन उसका मोबाइल नंबर पकड़ में आ रहा है। मामले में एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा को ऑडियो सहित शिकायती पत्र दिया जा रहा है। बता दें कि करीब आठ महीने पहले चंद्रशेखर पर हमला हो चुका है, जिसमें उन पर गोली चलाई गई थी जो उनको छूते हुए निकली थी। 

घटना में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा कुछ दिन पहले ही मेरठ के किसी व्यक्ति ने चंद्रशेखर को जान से मारने की धमकी दी थी जिसके बाद चंद्रशेखर को पिछले सप्ताह ही वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है।

अमेरिका भारत के विपक्ष के लिए तो आवाज उठाता है लेकिन पाकिस्तान के लिए, जानें पत्रकार के इस सवाल पर क्या बोला यूएस

#us_spoke_person_squirming_on_pakistani_journalist_question 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में बंद है। अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद अमेरिका, जर्मनी और संयुक्त राष्ट्र के अफसरों ने बयान जारी किया था। हांलाकि, भारत की ओर से इन पर आपत्ति जाहिर की गई थी। भारत ने अपने आंतरिक मामलों में दखल ना देने की सलाह दी थी। अब बुधवार को अमेरिका के विदेश विभाग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसके प्रवक्ता मैथ्यू मिलर इस मामले में फंसते नजर आए। इसे लेकर अमेरिका पर पक्षपात का आरोप लग रहा है। दरअसल एक पत्रकार ने अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर से पूछा कि अमेरिका, भारत में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर मुखर है, लेकिन पाकिस्तान में इमरान खान की गिरफ्तार पर उसने चुप्पी क्यों साधी हुई है? 

अमेरिका ने इसपर सफाई देते हुए कानून के शासन को बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया कि सभी के साथ निष्पक्षता और मानवाधिकारों के सम्मान के साथ व्यवहार किया जाए।दरअसल, प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पाकिस्तानी मूल के पत्रकार ने पूछा, अमेरिका भारत के विपक्ष के लिए तो आवाज उठाता है लेकिन ऐसा पाकिस्तानी विपक्ष को लेकर देखने नहीं मिलता है। जबकी पाकिस्तान में कई पॉलिटिकल लीडर जेलों के अंदर है जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं। जिसके जवाब में स्पोकपर्सन ने ज्यादा कुछ नहीं बोलने का नहीं रहा। उन्होंने जवाब दिया कि अमेरिका का स्टेंड सभी देशों के लिए समान है। कई मौकों पर हमने पाकिस्तान के लिए भी ऐसी ही आवाजें उठाई है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद मिलर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अमेरिका केजरीवाल की गिरफ्तारी की निगरानी कर रहा है और भारत से निष्पक्ष और समय पर कानूनी प्रक्रिया सुनिश्चित करने का आह्वान किया। हालांकि पाकिस्तान के मामले में मिलर का बयान अलग देखा जाता रहा है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अगस्त 2023 में गिरफ्तार किया गया था। मिलर ने तब इसे पाकिस्तान का आंतरिक मामला बताया था। मिलर से पूछा गया था कि क्या उन्हें लगता है कि इमरान की सुनवाई निष्पक्ष होगी? इसपर उन्होंने कहा था, 'हमारा मानना है कि यह पाकिस्तान का आंतरिक मामला है।' इसके अलावा उन्होंने इमरान को सजा सुनाए जाने की भी कोई आलोचना नहीं की थी।

बता दें कि दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया है, जिस पर अमेरिका, जर्मनी और संयुक्त राष्ट्र ने बयान जारी किया। इस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने एक बयान में कहा कि हम एक संप्रभु राष्ट्र हैं और हम नहीं चाहते कि हम एक दूसरे के आंतरिक मामलों में दखल दें।

ऋषिकेश एम्स में पहली बार हुई दुर्लभ सर्जरी, बना ऐसा करने वाला देश का पहला सरकारी स्वास्थ्य संस्थान

यदि किसी नवजात बच्चे का सिर जन्म के समय से ही टेढ़ा-मेढ़ा अथवा अविकसित स्थिति में है तो घबराइए नहीं, एम्स ऋषिकेश में इसका इलाज उपलब्ध है।

स्प्रिंग असिस्टेड क्रिनियोप्लास्टी तकनीक के माध्यम से संस्थान ने डेढ़ माह के एक बच्चे के सिर को नया आकार प्रदान किया है। दावा है कि भारत में एम्स ऋषिकेश ही एकमात्र सरकारी स्वास्थ्य संस्थान है, जहां इलाज की यह सुविधा उपलब्ध है।

स्वास्थ्य सुविधाओं और इलाज की नवीनतम तकनीकों के मामले में एम्स ऋषिकेश लगातार नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। हाल ही में यहां एक ऐसे नवजात बच्चे के सिर की सर्जरी की गई है जिसका सिर गोल आकार में न होकर बेडौल किस्म का था। यह बच्चा हरिद्वार का रहने वाला है और इसका जन्म भी एम्स ऋषिकेश में ही हुआ है।

न्यूनतम चार महीने के शिशु की ही की जाती है सर्जरी

संस्थान के प्लास्टिक सर्जरी और पुनर्निमाण विभाग ने न्यूरो सर्जरी और एनेस्थेसिया विभाग के साथ टीमवर्क से यह चमत्कार कर दिखाया है। आमतौर पर यह सर्जरी न्यूनतम चार महीने के शिशु की ही की जाती है। लेकिन इतनी छोटी उम्र के बच्चे के सिर की सर्जरी कर उसके बेडौल सिर को सामान्य आकार देने का यह पहला मामला है। मेडिकल क्षेत्र में इस तकनीक को स्प्रिंग असिस्टेड क्रिनयोप्लास्टी कहा जाता है।

बर्न एवं प्लास्टिक चिकित्सा विभाग की सर्जन डा. देवब्रती चटोपाध्याय ने बताया कि स्प्रिंग असिस्टेड क्रिनियोप्लास्टी, शैशव अवस्था से बच्चे के असामन्य (संकीर्ण, लंबा, तिरछा अथवा बेडौल) सिर के आकार को सुविकसित करने के लिए किया जाता है। यह प्रक्रिया मस्तिष्क की क्षति को बेहतर ढंग से बचाने और अविकसित सिर की मरम्मत करने में विशेष कारगर है।

डा. देवब्रती ने बताया कि इसे कपालीय स्प्रिंग सर्जरी के नाम से भी जाना जाता है। टीम में शामिल रहे न्यूरो सर्जन और न्यूरो सर्जरी विभाग के हेड प्रो. रजनीश अरोड़ा ने बताया कि इस बच्चे का सिर का साइज बहुत छोटा और बेडौल किस्म का था। यदि यह सर्जरी नहीं की जाती तो उम्र बढ़ने पर उसके सिर और मस्तिष्क का विकास नहीं हो पाता है।

उन्होंने बताया कि चूंकि यह सिर (कपाल) के उस भाग को भी प्रभावित करती है जहां हमारा मस्तिष्क अथवा दिमाग होता है, इसलिए यह सर्जरी बेहद संवेदनशील और जोखिम भरी थी। चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने इसे तकनीक युक्त सर्जरी के क्षेत्र में मील का पत्थर बताया और सर्जरी में शामिल रहे चिकित्सकों की टीम की सराहना की।

क्या है स्प्रिंग्स असिस्टेड क्रियोनेप्लास्टी

बर्न एवं प्लास्टिक शल्य चिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष डा. विशाल मागो बताते हैं कि नवजात बच्चों के सिर की सर्जरी की यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें खोपड़ी के अंतर को चौड़ा करने के लिए सिर में छोटे चीरे लगाकर वहां स्टेनलेस स्टील स्प्रिंग्स फिट कर दी जाती है। ताकि मस्तिष्क को बढ़ने के लिए जगह मिल सके।

स्प्रिंग खुलने पर कुछ महीनों बाद वहां नई हड्डी बन जाती है और शिशु के सिर को एक नया स्वरूप मिल जाता है। इस सर्जरी में सिर की त्वचा को घुलनशील टांकों से बंद कर दिया जाता है और बाद में टांके हटाने की जरूरत नहीं पड़ती है।