युवाओं ने प्रदर्शन कर रोजगार के लिए बुलंद की आवाज, सरकार पर वादाखिलाफी का लगाया आरोप
विश्वनाथ प्रताप सिंह,प्रयागराज।हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और प्रदेश में 6 लाख व देश में एक करोड़ रिक्त पदों को भरने, चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता,शिक्षा सेवा चयन आयोग गठन जैसे सवालों को लेकर पत्थर गिरजाघर में 90 दिनों से अनवरत धरना के प्रथम चरण के समापन मौके पर छात्रों ने युवा मंच के बैनर तले जोरदार प्रदर्शन कर रोजगार अधिकार के लिए आवाज बुलंद की।
आंदोलन का नेतृत्व युवा मंच संयोजक राजेश सचान व अध्यक्ष अनिल सिंह ने किया। प्रदर्शन में छात्रों ने शिक्षा सेवा चयन आयोग गठन में जानबूझकर देरी का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर सीएम योगी चाहें तो कुछेक घंटे में ही शिक्षा आयोग गठन किया जा सकता है। गंभीर आरोप लगाया कि शिक्षा आयोग गठन साल भर से ज्यादा समय से न किया जाना रोजगार को लेकर सरकार की वादाखिलाफी का सटीक उदाहरण है घंटों चले प्रदर्शन के बाद प्रशासन की ओर से धरना स्थल पर पहुंचे सदर तहसीलदार ने कहा कि युवाओं की मांगों को उत्तर प्रदेश सरकार तक पहुंचा दिया जाएगा।
इस पर छात्रों ने जबरदस्त प्रतिवाद करते हुए कहा कि सीएम को 1 मार्च और उसके पहले अनेकों मांगपत्र प्रशासन के माध्यम से प्रेषित किए गए हैं जिसमें प्रमुख रूप से 6 लाख रिक्त पदों को भरने के वायदे को पूरा करने, शिक्षा सेवा चयन आयोग गठन, एलटी व प्रवक्ता जीआईसी, बीईओ आर्हता विवाद, प्राथमिक शिक्षक भर्ती, उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 46 हजार बीपीएड शिक्षकों की नियमित भर्ती, यूपीपीसीएल समेत तकनीकी संवर्ग व समूह 'ग'आदि के सभी रिक्त पदों को भरने, चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता की गारंटी जैसे युवाओं की जिंदगी से जुड़े ज्वलंत मुद्दे शामिल हैं।
छात्रों ने प्रशासन से जानना चाहा कि इन सवालों को हल करने के लिए अभी तक सरकार ने क्या किया है। पहले तो प्रशासन द्वारा जानकारी न होने का हवाला दिया लेकिन छात्रों के तेवर को देखते हुए उन्होंने बताया कि उपरोक्त किसी भी सवाल को शासन द्वारा अभी हल नहीं किया गया है।
जल्द लागू होने जा रही आचार संहिता के मद्देनजर अनवरत जारी धरना स्थगित करने और प्रदेशव्यापी जनजागरण अभियान संचालित करने का निर्णय लिया गया जिसमें मोदी-योगी सरकार की जनविरोधी नीतियों को उजागर किया जाएगा। आरोप लगाया कि इन नीतियों से प्रदेश व देश में बेकारी की भयावह स्थिति पैदा हुई है।
इस मौके पर राष्ट्रपति द्रोपदी मूर्मू को संबोधित ज्ञापन प्रशासन को सौंपा गया जिसमें प्रमुख रूप से रोजगार को मौलिक अधिकारों में शामिल करने, देश में रिक्त एक करोड़ पदों को तत्काल भरने, अग्निवीर समेत संविदा/निविदा व्यवस्था खत्म करने, हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की गारंटी की जाए। रोजगार न दे पाने की स्थिति में जीविकोपार्जन लायक बेकारी भत्ता देने, बड़े कारपोरेट घरानों पर संपत्ति व उत्तराधिकार जैसे कर लगाने जैसे सवालों को हल करने हेतु हस्तक्षेप की अपील की गई।
पत्र में जिक्र किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने मौलिक अधिकारों के अनुच्छेद 21 व नीति निदेशक तत्वों की व्याख्या में माना है कि राज्य व सरकार का नागरिकों को गरिमापूर्ण आजीविका सुनिश्चित करना संवैधानिक दायित्व है। लेकिन आज इस संवैधानिक दायित्व से पल्ला झाड़ लिया है। उनके संज्ञान में लाया गया कि किस तरह उत्तर प्रदेश सरकार युवाओं की वाजिब मांगों की अनदेखी कर रही है।
प्रदर्शन में युवा मंच संयोजक राजेश सचान व अध्यक्ष अनिल सिंह, संयुक्त युवा मोर्चा के ई. आर बी पटेल, शीतला प्रसाद ओझा, एडवोकेट प्रदीप चौधरी, केडी सिंह, अनुज सिंह, अर्जुन प्रसाद,अखंड प्रताप सिंह, आशीष कुमार, जय करन सोनकर, सुशील पाल, अरविंद पाल, अशोक शर्मा, प्रदीप कुमार, रजनीश कुमार, अशोक गौतम, दिनेश पाल, लाल चंद, विनोद कुमार, सूर्य कुमार यादव, अवनीश कुमार मौर्य, सुजीत कनौजिया,जय प्रकाश पाल, पुष्प राज सिंह, मिथिलेश चौहान, संजय कुमार,राम नरेश, नीरज कुमार,सुरेश कुमार सिंह, टीडी मौर्या,एस के सोनकर, राहुल मिश्रा, लव कुमार चौधरी, अमित यादव समेत सैकड़ों युवाओं की मौजूदगी रही। इस मौके पर जनमुक्ति संघर्ष वाहिनी के विभूति विक्रम सिंह भी मौजूद रहे।
Mar 11 2024, 12:37