झारखंड कांग्रेस में अंतर्कलह, क्या ,गीता कोड़ा अपनी उपेक्षा से चिढ़कर भाजपा में गई, तीन कार्यकारी अध्यक्ष ने उठाया सवाल
झारखंड डेस्क
गीता कोड़ा को भाजपा ने टिकट देकर उसी सीट से खड़ा किया जहां से वह जीती थी। पहले यह सीट कांग्रेस के पाले में था अब अगर गीता कोड पुनः जीतती है तो यह भाजपा का सीट होगा। अब सवाल उठने लगा है कि क्यों कांग्रेस के लोग छोड़ कर दूसरे पार्टी का दामन थाम रहे हैं।इसका एक मात्र कारण है कांग्रेस के नेताओं का मठाधीश होना। जिन्हें कोई पद मिल जाता है तो वे इतने खास हो जाते हैं कि आम कार्यकर्ता को उन तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है।
कांग्रेस का इस अभिजात्य लक्षण का विकास उनके अंदर लंबे समय तक सत्ता में रहने के कारण हुआ था लेकिन दुर्भाग्य तो यह है कि पिछले 10 वर्षों से सत्ता से बाहर रहने के बावजूद भी कांग्रेस इस आत्मगुमान से बाहर नही निकल पायी जिसके कारण उनके प्रभावशाली लोग उनसे दूर होते गए।
पिछले दिन गीता कोड़ा को पार्टी से अलग होकर भाजपा में जाने का बाद भी इस विषय पर पार्टी के अंदर अंतर्कलह बढ़ने लगा।
और झारखंड कांग्रेस में घमासान मचा। प्रदेश आलाकमान की शिकायत लेकर तीन कार्यकारी अध्यक्ष दिल्ली पहुंचे।
इन कार्यकारी अध्यक्ष का आरोप था कि गीता कोड़ा प्रदेश अध्यक्ष के क्रियाकलाप के कारण विवश होकर भाजपा में गयी हैं। बंधु तिर्की ने कहा कि राजेश ठाकुर के रहते संगठन का भला नहीं हो सकता है।
तीन कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की, जलेश्वर महतो और शहजादा अनवर प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर की शिकायत लेकर दिल्ली आलाकमान के पास पहुंचे हैं। पार्टी के तीनों कार्यकारी अध्यक्ष ने प्रभारी गुलाम अहमद मीर और राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल से मिलकर प्रदेश अध्यक्ष की शिकायत करने का भी निर्णय लिया ऐसी बात मीडिया में आई।
बंधु तिर्की ने कहा कि राजेश ठाकुर के पास संगठन चलाने की क्षमता नहीं है। गीता कोड़ा पिछले कई महीनों से उपेक्षित महसूस कर रहीं थीं। वह पार्टी की एकमात्र सांसद थीं, लेकिन संगठन में उन्हें कोई तवज्जो नहीं दिया जा रहा था।उनसे कोई राय नहीं ली जाती थी ।
गीता कोड़ा प्रदेश अध्यक्ष के क्रियाकलाप के कारण विवश होकर भाजपा में गयी हैं। श्री तिर्की ने कहा कि राजेश ठाकुर के रहते संगठन का भला नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व से मिलकर झारखंड में संगठन की जमीनी हकीकत बतायेंगे। प्रदेश अध्यक्ष के पास अपना कोई जनाधार नहीं है। वह आम कार्यकर्ता के बीच स्वीकार नहीं किये जाते हैं।
इस तरह के कमजोर नेतृत्व से कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि संगठन में बदलाव के बिना पार्टी का भला नहीं हो सकता है. प्रदेश अध्यक्ष के पास कोई विजन नहीं है।
Mar 04 2024, 11:06