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आरआइटी थाना क्षेत्र अंतर्गत कृष्णापुर बोंडी स्थित डीएलडी कंपनी के पास झाड़ीनुमा जंगल में मिला एक एक युवक का शव


सरायकेला : आरआइटी थाना क्षेत्र अंतर्गत कृष्णापुर बोंडी स्थित डीएलडी कंपनी के पास झाड़ीनुमा जंगल एक एक युवक का शव मिला है। 

मृतक की पहचान बेल्डीह बस्ती का रहनेवाला सोनाराम केराई के रूप में किया गया है।

जानकारी के अनुसार आरआइटी पुलिस को ग्रामीणों ने सूचित किया कि यहां एक युवक की लाश है और देखने से प्रतीत हो रहा है कि पत्थर से उसके सर को कूचल दिया गया है। 

जानकारी मिलने के बाद आरआइटी थाना प्रभारी विनय कुमार के साथ पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए सरायकेला सदर आसपताल भेज दिया है। वहीं मृतक के परिजनों को सूचित कर दिया गया है। 

आरआइटी थाना प्रभारी विनय कुमार ने बताया कि मृतक मूल रूप से सोनूवा का रहनेवाला है, उसके पिता का नाम माता केराई है और बेल्डिह बस्ती में रहकर मजदूरी का काम करता है। जिस मकान में रहता

था वहां के लोगो से मिली जानकारी के अनुसार जांच शुरू कर दिया गया है। 

पता चला है कि मृतक अपने एक दोस्त के साथ घर से निकला था और शराब पार्टी भी की थी। संभवत: विवाद के बाद उसकी पत्थर से कूचकर हत्या कर दी गयी है.मृतक सोनाराम केराई आदित्यपुर में ही दैनिक मजदूरी करता था। इस हत्या का शक उसके फरार दोस्त पर ही है।

 आरोपी अबतक पुलिस की गिरफ्त से फरार है। पुलिस

आरोपी की गिरफ्तारी के लिए तालाशी शुरू कर दी है। मामले में मृतक के पिता के बयान के आधार पर केस दर्ज कर लिया है। हालांकि इस हत्याकांड में किसी को नामजद नहीं बनाया गया है। पुलिस की माने तो जल्द आरोपी गिरफ्त में होंगे।

सरायकेला:सप्ताहिक जनता दरबार में फरियादी से मिले उपायुक्त,प्राप्त शिकायतों पर जांचोपरांत यथोचित करवाई करने के दिए निर्देश

सरायकेला : उपायुक्त के निर्देशानुसार सप्ताहिक जनता दरबार में जिले के विभिन्न क्षेत्र से व्यक्तिगत एवं समाजिक समस्याओं के निराकरण हेतू आए लोगो से अपर उपायुक्त श्री रविन्द्र गागराई मिलकर उनकी समस्याओं से अवगत हुए। 

जनता दरबार में प्राप्त आवेदनों को उन्होंने संबंधित विभागीय पदाधिकारियों को हस्तनांतरित करते हुए यथोचित कारर्वाई के निर्देश दिए, इस दौरान कुछ समस्याओं का तत्काल ही समाधान किया गया।

आज आयोजित जनता दरबार में मुख्य रुप से भूमि विवाद,वनाधिकार पट्टा, उत्क्रमित मध्य विद्यालय पदमपुर मे कक्षा 9 के परीक्षा हेतू JAC के निर्धारित दर से अधिक राशि की वशूल करने, चांडिल डैम विस्थापितों को स्वरोजगार से जुड़ने तथा विस्थापित समिति के उपस्थिति मे पर्यटन संवर्धन समिति के साथ ग्राम सभा आयोजित करने, कुकड़ू प्रखंड के लेटेमदा पंचायत नें अबुआ आवास योजना मे अनियमितता की जाँच करने, कुचाई सड़क दुर्घटना मे मृतक के आश्रित को मुआवजा राशि भुगतान करने, गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत रपचा पंचायत मे राशन वितरण मे अनियमितता बरतने, हिंदुजा लेयलैंड फाइनेंस ब्रांच जमशेदपुर द्वारा ऑटो लोन मे अधिक राशि भुगतान हेतू दबाव बनाने, गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत प्रियदर्शि हेमा प्राइवेट लिमटेड द्वारा सरकारी सड़क अधिगरहित कर आवागमन रोकने समेत विभिन्न आवेदन प्राप्त हुए।

जिनमे की मामलों का ऑन द स्पॉट निष्पादन किया गया वही अन्य आवेदनों पर आवश्यक कार्रवाई हेतु संबंधित विभाग के पदाधिकारियों को अग्रसरित किया गया।

सराईकेला में आज किया गया भूकंप के झटके महसूस

सरायकेला : सरायकेला खरसावां जिला के चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में आज सुबह 9 बजकर 6 मिनट पर भूकंप का जोरदार झटका गुड़ गुड़ाहाट की आवाज जमीन हिलने का अनुभव क्या गया।

सभी लोग घरों से बाहर निकले नदी ओ तलाब की पानी उथलने लगा जिसे देखकर लोगो ने नदी में नहाने के दौरान समतल में पहुंचे ।सभी घरों में राम नाम का धूनी गूजने लगा 

।बताया जाता इस प्रकार भूकंप का आवाज होने एक मात्र प्रभु राम की नाम लिया जाता ।

नासिक जिले के त्रयंबक गांव में स्थित त्र्यम्बकेश्वर ज्योर्तिलिंग मन्दिर को लेकर आइये जानते हैं पौराणिक दंतकथा


प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं अखण्डं अजं भानुकोटि प्रकाशम्।

त्रयं शूल निर्मूलन शूलपाणिं भजेऽहं भवानीपतिम भावगम्यम्।

सरायकेला : त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र प्रान्त में नासिक से लगभग 28 से 30 कि०मी० पश्चिम में अवस्थित है। 

त्र्यम्बकेश्वर ज्योर्तिलिंग मन्दिर महाराष्ट्र-प्रांत के नासिक जिले में त्रयंबक गांव में हैं।इस भव्य मंदिर के निर्माण को लेकर कहा जाता है कि इसका निर्माण तीसरे पेशवा बालाजी बाजीराव ने लगभग (1740-1760) के आसपास एक पुराने मंदिर के स्थान पर कराया था। 

इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि इस मंदिर को बनाने में कई साल लग गए थे। यहां के निकटवर्ती ब्रह्म गिरि नामक पर्वत से गोदावरी नदी का उद्गम है। इन्हीं पुण्यतोया गोदावरी के उद्गम-स्थान के समीप स्थित त्रयम्बकेश्वर- भगवान की भी बड़ी महिमा हैं गौतम ऋषि तथा गोदावरी के प्रार्थनानुसार भगवान शिव इस स्थान में वास करने की कृपा की और त्र्यम्बकेश्वर नाम से विख्यात हुए।

 मंदिर के अंदर एक छोटे से गढ्ढे में तीन छोटे-छोटे लिंग है, ब्रह्मा, विष्णु और शिव- इन तीनों देवों के प्रतीक माने जाते हैं। शिवपुराण के अनुसार ब्रह्मगिरि पर्वत के ऊपर जाने के लिये चौड़ी-चौड़ी सात सौ सीढ़ियाँ बनी हुई हैं। इन सीढ़ियों पर चढ़ने के बाद 'रामकुण्ड' और 'लक्ष्मणकुण्ड' मिलते हैं और शिखर के ऊपर पहुँचने पर गोमुख से निकलती हुई भगवती गोदावरी के दर्शन होते हैं।

माना जाता हैं की इस नदी में औषधीय गुण है। और ऐसी मान्यता हैं की गोदावरी नदी में नहाने से पाप नष्ट हो जाते हैं। माना जाता हैं की मंदिर के अंदर आध्यात्मिक शक्ति है। इसके दर्शन से मोक्ष प्राप्ति हो जाती हैं।

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग की पौराणिक कथा- एक बार महर्षि गौतम के तपोवन में रहने वाले ब्राह्मणों की पत्नियाँ किसी बात पर उनकी पत्नी अहल्या से नाराज हो गयीं। उन्होंने अपने पतियों को ऋषि गौतम का अपकार करने के लिये प्रेरित किया। उन ब्राह्मणों ने इसके निमित्त भगवान् श्री गणेश जी की आराधना की। उनकी आराधना से प्रसन्न हो गणेश जी ने प्रकट होकर उनसे वर माँगने को कहा। 

उन ब्राह्मणों ने कहा, “प्रभो! यदि आप हम पर प्रसन्न हैं तो किसी प्रकार ऋषि गौतम को इस आश्रम से बाहर निकाल दें।उनकी यह बात सुनकर गणेश जी ने उन्हें ऐसा वर न माँगने के लिये समझाया। किन्तु वे अपने आग्रह पर अटल रहे। अन्ततः गणेश जी को विवश होकर उनकी बात माननी पड़ी।

"महर्षि गौतम पर गौहत्या का आरोप"- अपने भक्तों का मन रखने के लिये वे एक दुर्बल गाय का रूप धारण करके ऋषि गौतम के खेत में जाकर चरने लगे। गाय को फसल चरते देखकर ऋषि बड़ी नरमी के साथ हाथ में तृण लेकर उसे हाँकने के लिये लपके। 

उन तृणों का स्पर्श होते ही वह गाय वहीं मरकर गिर पड़ी। अब तो बड़ा हाहाकार मचा। सारे ब्राह्मण एकत्र हो गोहत्यारा कहकर ऋषि गौतम की भूरि-भूरि भर्त्सना करने लगे। ऋषि गौतम इस घटना से बहुत आश्चर्य चकित और दुःखी थे। अब उन सारे ब्राह्मणों ने उनसे कहा कि तुम्हें यह आश्रम छोड़कर अन्यत्र कहीं दूर चले जाना चाहिये। गोहत्यारे के निकट रहने से हमें भी पाप लगेगा ।

विवश होकर ऋषि गौतम अपनी पत्नी अहल्या के साथ वहाँ से एक कोस दूर जाकर रहने लगे। किन्तु उन ब्राह्मणों ने वहाँ भी उनका रहना दूभर कर दिया। वे कहने लगे, “गोहत्या के कारण तुम्हें अब वेद-पाठ और यज्ञादि के कार्य करने का कोई अधिकार नहीं रह गया है।” अत्यन्त कातर भाव से ऋषि गौतम ने उन ब्राह्मणों से प्रार्थना की कि आप लोग मेरे प्रायश्चित्त और उद्धार का कोई उपाय बतावें। तब उन्होंने कहा, “गौतम! तुम अपने पाप को सर्वत्र सबको बताते हुए तीन बार पूरी पृथ्वी की परिक्रमा करो। 

फिर लौटकर यहाँ एक महीने तक व्रत करो। इसके बाद ‘ब्रह्मगिरि’ की 101 परिक्रमा करने के बाद तुम्हारी शुद्धि होगी अथवा यहाँ गंगा जी को लाकर उनके जल से स्नान करके एक करोड़ पार्थिव शिवलिंगों से शिव जी की आराधना करो। इसके बाद पुनः गङ्गा जी में स्नान करके इस ब्रह्मगिरि की 11 बार परिक्रमा करो। फिर सौ घड़ों के पवित्र जल से पार्थिव शिवलिंग को स्नान कराने से तुम्हारा उद्धार होगा।”

"गौतम ऋषि की तपस्या"- 

ब्राह्मणों के कथनानुसार महर्षि गौतम वे सारे कृत्य पूरे करके पत्नी के साथ पूर्णतः तल्लीन होकर भगवान् शिव की आराधना करने लगे। इससे प्रसन्न हो भगवान् शिव प्रकट होकर उनसे वर माँगने को कहा। महर्षि गौतम ने उनसे कहा- भगवन्! मैं यही चाहता हूँ कि आप मुझे गोहत्या के पाप से मुक्त कर दें।

भगवान् शिव ने कहा, “गौतम! तुम सदैव, सर्वथा निष्पाप हो। गोहत्या तुम्हें छलपूर्वक लगायी गयी थी। छलपूर्वक ऐसा करवाने वाले तुम्हारे आश्रम के ब्राह्मणों को मैं दण्ड देना चाहता हूँ।

महर्षि गौतम ने कहा, “प्रभो! उन्हीं के निमित्त से तो मुझे आपका दर्शन प्राप्त हुआ है। अब उन्हें मेरा परमहित समझकर उनपर आप क्रोध न करें।” बहुत-से ऋषियों, मुनियों और देवगणों ने वहां एकत्र हो गौतम की बात का अनुमोदन करते हुए भगवान् शिव से सदा वहाँ निवास करने की प्रार्थना की।

 वे उनकी बात मानकर भगवान भोलेनाथ वहीं गौतमी-तट पर त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रतिष्ठित हो गए।गौतम जी द्वारा लायी गयी गंगा जी भी वहीं पास में गोदावरी नाम से प्रवाहित होने लगीं। 

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग की सबसे अद्भुत और मुख्य बात यह हैं कि इसके तीन मुख (सिर) हैं, जिन्हें एक भगवान ब्रह्मा, एक भगवान विष्णु और एक भगवान रूद्र का रूप माना जाता है। इस लिंग के चारों ओर एक रत्न जड़ित मुकुट रखा गया है, जिसे त्रिदेव के मुखोटे के रुप में माना गया है। इस मुकुट में हीरा, पन्ना और कई बेशकीमती रत्न लगे हुए हैं। त्र्यंबकेश्वर मंदिर में इसको सिर्फ सोमवार के दिन शाम 4 से 5 बजे तक दर्शनार्थियों को दिखाया जाता है। गोदावरी नदी के किनारे बने त्र्यंबकेश्वर मंदिर का निर्माण काले पत्थरों से किया गया है। इस मंदिर की वास्तुकला बहुत ही अद्भुत और अनोखी है।

भव्य त्र्यंबकेश्वर मंदिर इमारत सिंधु आर्यशैली का अद्भुत नमूना है। इस मंदिर के भीतर एक गर्भगृह है, जिसमें प्रवेश करने के पश्चात् शिवलिंग आंख के समान दिखाई देता हैं, जिसमें जल भरा रहता हैं। यदि ध्यान से देखा जाए तो इसके भीतर एक इंच के तीन लिंग दिखाई देते हैं। इन तीनो लिंगो को त्रिदेव यानि ब्रह्मा, विष्णु, महेश का अवतार माना जाता है। इस मंदिर में कालसर्प दोष की शांति वैदिक पंडितों के द्वारा करवाई जाती हैं।

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन से पूरी होती हैं सभी मनोकामनाएं

 महाराष्ट्र का त्र्यम्बकेश्वर मंदिर भगवान शिव का ऐसा ही एक ज्योतिर्लिंग है, जिसकी महिमा अपार है।इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन जो भी करता है भगवान शिव उसके सभी कष्टों दूर करते हैं।यह महापातकों का नाशक और मुक्ति- प्रदायक है। जब सिंह राशि पर बृहस्पति आते हैं, तब इस गौतमी तट पर सकल तीर्थ, देवगण और नदियों में श्रेष्ठ गंगाजी पधारती हैं तथा महाकुंभ पर्व होता हैं। यह सभी का परम सौभाग्य है ।

उपायुक्त की अध्यक्षता में राजस्व से सम्बन्धित समीक्षा बैठक सम्पन्न


*दाखिल-ख़ारिज, स्व म्यूटेशन की धीमी प्रगति तथा परिशोधन पोर्टल के लंबित मामलों पर जताई नराजगी,

सरायकेला : जिला दण्डाधिकारी -सह- उपायुक्त श्री रविशंकर शुक्ला के अध्यक्षता में आज राजस्व से सम्बन्धित समीक्षा बैठक आहूत की गई। विडिओ कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित उक्त बैठक में उपायुक्त नें अंचल कार्यालय अंतर्गत संचालित योजनाओं जैसे- दाखिल ख़ारिज, सक्सेशन-म्यूटेशन, सीमांकन, परिसोधन पोर्टल पर प्राप्त आवेदन की वस्तु स्थिति, इ-गवर्नन्स कोर्ट से सम्बन्धित मामले, न्यायालय से सम्बन्धित लंबित वाद, पी एम किसान इ – के.वाई.सी समेत विभिन्न योजनाओं की समीक्षा के क्रम में दाखिल ख़ारिज, स्व म्यूटेशन तथा परिसोधन पोर्टल पर लंबित मामलों पर आपत्ति जताते हुए सम्बन्धित पदाधिकारियों को शोकॉज कर कार्य में शुद्धरात्मक प्रगति लाने के निर्देश दिए। इस क्रम में दाखिल ख़ारिज में धीमी प्रगति पर कुकड़ू एवं गम्हरिया गम्हरिया के पूर्व अंचलधिकारी को शोकॉज करने, स्व म्यूटेशन में चांडील, गम्हरिया एवं सरायकेला अंचल में अधिक रिजेक्शन पर जिला स्तर से टीम गठित कर जाँच कराने तथा परिसोधन पोर्टल पर चंडील एवं सरायकेला में सर्वाधिक लंबित मामले पर शोकॉज कर उक्त मामलों को यथाशीघ्र निष्पदित करने के निर्देश दिए।

समीक्षा क्रम में उपायुक्त नें मुख्यमंत्री फसल राहत योजना अंतर्गत रवी एवं खरीफ के लंबित लैंड वेरिफिकेशन कार्य को इस सप्ताह तक पूर्ण करने, पी एम किसान योजना अंतर्गत न्यू रजिस्ट्रेशन के लंबित कार्य को 1 मार्च तक पूर्ण करने के निर्देश दिए। वही मनकी-मुंडा, ग्राम प्रधान के सम्मान राशि भुगतान का समीक्षा करने हुए तकनीकी समस्याओ का आपसी तालमेल स्थापित कर दूर करते हुए जनवरी माह तक का भुगतान करने तथा फ़रवरी माह के भुगतान हेतू प्रक्रिया प्रारम्भ करनें के निर्देश दिए।

बैठक के अंत में उपायुक्त नें अपर उपायुक्त को योजनाओं के क्रियान्वयन पर विशेष निगरानी रखने तथा सभी अंचलधिकारी को अंचल स्तर पर योजनाओं का नियमित समीक्षा करने तथा योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन हेतू आपसी तालमेल स्थापित कर कार्य करने के निर्देश दिए।

बैठक में उपायुक्त के साथ अपर उपायुक्त श्री रविन्द्र गागराई, अनुमंडल पदाधिकारी सरायकेला, अनुमंडल पदाधिकारी चंडील, जिला भु अर्जन पदाधिकारी सरायकेला, जिला भु अर्जन पदाधिकारी चंडील, सभी अंचलधिकारी एवं अन्य सम्बन्धित पदाधिकारी उपस्थित रहें।

सरायकेला :रेलवे फाटक जे.सी.52 के समीप जामडीह और बकारकुड़ी में 13 करोड़ 82 , लाख की लागत रखा गया अंडरपास का आधारशिला

सरायकेला :- आज पीएम मोदी ने किया अमृत भारत योजना का क लोकार्पण ,इसके तहत झारखंड के जामडीह- बकरकुड़ी के समीप 13करोड़ 82 , लाख की लागत से बनेगा अंडरपास  

प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे भारत मे 554 स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत और 1500 विभिन्न परियोजनाओ का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लोकार्पण कर जनता को समर्पित किया ।

इस अवसर पर आद्रा मंडल में 6 स्टेशन और 50 अन्य स्थानों पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

दक्षिण पूर्व रेलवे आद्रा मंडल के अधीन पुरूलिया चांडिल के बीच जामडीह रेलवे फाटक जेसी 52 के समीप ओर मुरी डिवीजन के बकारकुड़ी में कुल 13 करोड़ 82, लाख की लागत से अंडरपास का आधार शिला रखा गया।

दक्षिण पूर्व रेलवे आद्रा मंडल झारग्राम-पुरूलिया रेलवे स्टेशन के बीच नई रेल लाइन के निर्माण हेतु मंजूरी मिली है। आद्रा के पथ निर्माण, वाणिज्य निरीक्षक संतोष कुमार, वरिष्ठ अभियंता संजय चौधरी ने मंच का संचालन किया।

डी एल सी सदस्य दिवाकर सिंह,भोला सिंह मानिक चंद गोराई , अनिता पारित, नीमडीह प्रखंड के बीडीओ कुमार एस अभिनव, पंचायत के मुखिया वीणा पानी माझी स्कुल छात्रों ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। 

तिल्ला गांव में 6 करोड़ 91, लाख के लगभग रूपए से अंडर पास की आधारशिला रखी गयी 

आद्रा आद्रा: रेलवे बोर्ड ने दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर मंडल के झारग्राम रेलवे स्टेशन और आद्रा मंडल के पुरूलिया रेलवे स्टेशन के बीच 125 किमी नई रेल लाइन निर्माण के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे कार्य को मंजूरी दे दी है। 3.12 करोड़ की लागत से इस नई रेल लाइन का डीपीआर तैयार किया जाएगा। इस नई रेल लाईन के निर्माण हो जाने से इस क्षेत्र के लाखो लोगों को इसका लाभ मिलेगा और उन्हें पुरूलिया से झारग्राम के लिए सीधा संपर्क प्राप्त होगी। 

इस परियोजना के साथ -साथ चक्रधरपुर रेल मंडल के लठिकटा और कलूंगा रेलवे स्टेशनो के बीच भी 25 किमी लंबी नई रेलवे लाइन बिछाने के लीये फाइनल लोकेशन सर्वे को मंजूरी भी दी गई है। कुल 3.63 करोड़ की लागत से इन दोनों नई रेल लाइनो का डीपीआर तैयार किया जाएगा।

सरायकेला :रेलवे फाटक जेसी 52 के समीप जामडीह ओर बकारकुड़ी में 13 करोड़ 82 , लाख की लागत रखा गया अंडरपास का आधारशिला

सरायकेला :- आज पीएम मोदी ने किया अमृत भारत योजना का क लोकार्पण ,इसके तहत झारखंड के जामडीह- बकरकुड़ी के समीप 13करोड़ 82 , लाख की लागत से बनेगा अंडरपास  

प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे भारत मे 554 स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत और 1500 विभिन्न परियोजनाओ का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लोकार्पण कर जनता को समर्पित किया ।

इस अवसर पर आद्रा मंडल में 6 स्टेशन और 50 अन्य स्थानों पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

 दक्षिण पूर्व रेलवे आद्रा मंडल के अधीन पुरूलिया चांडिल के बीच जामडीह रेलवे फाटक जेसी 52 के समीप ओर मुरी डिवीजन के बकारकुड़ी में कुल 13 करोड़ 82, लाख की लागत से अंडरपास का आधार शिला रखा गया।

दक्षिण पूर्व रेलवे आद्रा मंडल झारग्राम-पुरूलिया रेलवे स्टेशन के बीच नई रेल लाइन के निर्माण हेतु मंजूरी मिली है। आद्रा के पथ निर्माण, वाणिज्य निरीक्षक संतोष कुमार, वरिष्ठ अभियंता संजय चौधरी ने मंच का संचालन किया।

डी एल सी सदस्य दिवाकर सिंह,भोला सिंह मानिक चंद गोराई , अनिता पारित, नीमडीह प्रखंड के बीडीओ कुमार एस अभिनव, पंचायत के मुखिया वीणा पानी माझी स्कुल छात्रों ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। 

तिल्ला गांव में 6 करोड़ 91, लाख के लगभग रूपए से अंडर पास की आधारशिला रखी गयी 

आद्रा आद्रा: रेलवे बोर्ड ने दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर मंडल के झारग्राम रेलवे स्टेशन और आद्रा मंडल के पुरूलिया रेलवे स्टेशन के बीच 125 किमी नई रेल लाइन निर्माण के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे कार्य को मंजूरी दे दी है। 3.12 करोड़ की लागत से इस नई रेल लाइन का डीपीआर तैयार किया जाएगा। इस नई रेल लाईन के निर्माण हो जाने से इस क्षेत्र के लाखो लोगों को इसका लाभ मिलेगा और उन्हें पुरूलिया से झारग्राम के लिए सीधा संपर्क प्राप्त होगी। 

इस परियोजना के साथ -साथ चक्रधरपुर रेल मंडल के लठिकटा और कलूंगा रेलवे स्टेशनो के बीच भी 25 किमी लंबी नई रेलवे लाइन बिछाने के लीये फाइनल लोकेशन सर्वे को मंजूरी भी दी गई है। कुल 3.63 करोड़ की लागत से इन दोनों नई रेल लाइनो का डीपीआर तैयार किया जाएगा।

सरायकेला :रेलवे फाटक जेसी 52 के समीप जामडीह ओर बकारकुड़ी में 13 करोड़ 82 , लाख की लागत रखा गया अंडरपास का आधारशिला


सरायकेला :- आज पीएम मोदी ने किया अमृत भारत योजना का क लोकार्पण ,इसके तहत झारखंड के जामडीह- बकरकुड़ी के समीप 13करोड़ 82 , लाख की लागत से बनेगा अंडरपास  

प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे भारत मे 554 स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत और 1500 विभिन्न परियोजनाओ का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लोकार्पण कर जनता को समर्पित किया ।

इस अवसर पर आद्रा मंडल में 6 स्टेशन और 50 अन्य स्थानों पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

 दक्षिण पूर्व रेलवे आद्रा मंडल के अधीन पुरूलिया चांडिल के बीच जामडीह रेलवे फाटक जेसी 52 के समीप ओर मुरी डिवीजन के बकारकुड़ी में कुल 13 करोड़ 82, लाख की लागत से अंडरपास का आधार शिला रखा गया।

दक्षिण पूर्व रेलवे आद्रा मंडल झारग्राम-पुरूलिया रेलवे स्टेशन के बीच नई रेल लाइन के निर्माण हेतु मंजूरी मिली है। आद्रा के पथ निर्माण, वाणिज्य निरीक्षक संतोष कुमार, वरिष्ठ अभियंता संजय चौधरी ने मंच का संचालन किया।

डी एल सी सदस्य दिवाकर सिंह,भोला सिंह मानिक चंद गोराई , अनिता पारित, नीमडीह प्रखंड के बीडीओ कुमार एस अभिनव, पंचायत के मुखिया वीणा पानी माझी स्कुल छात्रों ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। 

तिल्ला गांव में 6 करोड़ 91, लाख के लगभग रूपए से अंडर पास की आधारशिला रखी गयी 

आद्रा आद्रा: रेलवे बोर्ड ने दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर मंडल के झारग्राम रेलवे स्टेशन और आद्रा मंडल के पुरूलिया रेलवे स्टेशन के बीच 125 किमी नई रेल लाइन निर्माण के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे कार्य को मंजूरी दे दी है। 3.12 करोड़ की लागत से इस नई रेल लाइन का डीपीआर तैयार किया जाएगा। इस नई रेल लाईन के निर्माण हो जाने से इस क्षेत्र के लाखो लोगों को इसका लाभ मिलेगा और उन्हें पुरूलिया से झारग्राम के लिए सीधा संपर्क प्राप्त होगी। 

इस परियोजना के साथ -साथ चक्रधरपुर रेल मंडल के लठिकटा और कलूंगा रेलवे स्टेशनो के बीच भी 25 किमी लंबी नई रेलवे लाइन बिछाने के लीये फाइनल लोकेशन सर्वे को मंजूरी भी दी गई है। कुल 3.63 करोड़ की लागत से इन दोनों नई रेल लाइनो का डीपीआर तैयार किया जाएग।

सरायकेला :लावा गांव में जेबीकेएसएस द्वारा खतियानी महाजूटान में उमड़े लोग

झारखंड से भ्रष्ट सरकार को उखाड़ फेंकने की संकल्प लें : गोपेश महतो 

सरायकेला : नीमडीह प्रखंड के गुंडा पंचायत अंतर्गत लावा गांव में जेबीकेएसएस द्वारा खतियानी महाजूटान का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता जेबीकेएसएस के केंद्रीय सचिव गोपेश महतो ने कहा कि क्षेत्र के लोगों में जिस प्रकार का आक्रोश पिछली 2 दशक से विधायकों सांसदों पर जताया जा रहा है। 

उससे स्पष्ट प्रतीत हो रहा है कि जनप्रतिनिधियों ने जनता का काम न कर सिर्फ अपना ही विकास किया गया। उन्होंने कहा कि चांडिल बांध के विस्थपित विस्थापन के दंश झेलते हुए 116 गांव और 84 मौजा के लोग आश लिए रहते हैं कि उनके लिए कुछ वैसी नीतियां बनेगी लेकिन बाहरी के प्रतिनिधित्व से ईचागढ़ के सीधे सादे निवासी परेशान हो गए हैं। 

आज तक विस्थापितों के लिए कोई नीतियां नहीं बनाई गई। चालीस साल से जितने भी बाहरी नेताओं ने ईचागढ़ में प्रतिनिधित्व किया सभी स्वयं को ओर अपने रिश्तेदार भाई बंधुओं का विकास किया है। उनलोगों ने ईचागढ़ विधान सभा के भोले भाले जनता को श्याम दाम दंड भेद और छल कपट प्रपंच से सब्जबाग दिखाकर सिर्फ ठगने का काम किया है। उन्होंने कहा कि हजारों की इस जन सैलाब से चारों तरफ से एक ही आवाज आई स्थानीय और जेबिकेएसएस की सरकार बनानी आवश्यक है। 

जो फायर ब्रांड जुझारू झारखंड प्रेमी युवा टाईगर जयराम महतो के नेतृत्व में झारखंड का दिशा दशा और बदलाव आयेगा। मौके पर उपस्थित झारखंड स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष देवेंद्र नाथ महतो ने कहा कि झारखंड को और ईचागढ़ विधान सभा को बाहरी लोगों ने लूट का चारागाह बना दिया। जिसे अब लूटने नहीं दिया जायेगा। 

कोल्हान शेरनी बेबी महतो ने कहा कि झारखंड के जनता टाईगर जयराम महतो के नेतृत्व में बदलाव चाहते हैं। 

 महिला मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष दमयंती मुंडा ने कहा कि झारखंड में 19 साल से आदिवासी मुख्यमंत्रीयों ने शासन चलाया लेकिन सबने निजी लोगों को का विकास किया और जनता को गरीबी के सागर में बहा दिया। अब जनता जाग उठी है और झारखंडप्रेमी टाईगर जयराम महतो के नेतृत्व में झारखंड से अराजक नेतृत्व को उखाड़ फेंकेगी। इस अवसर पर जेबिकेएसएस रामदास सोरेन, सिद्धार्थ होनहागा, जेबीकेएसएस केंद्रीय सचिव गोपेश महतो, ग्राम प्रधान आनंद लाल महतो, मुखिया बुका सिंह, युवा जुझारू नेता फूलचंद महतो, रामविलास, राकेश, मंटू महतो, सुरेश, विष्णु , चेतन, चिरंजीत, जगदीश, राजीव आदि हजारों युवा महिला पुरुष उपस्थित थे।

गोधूलि बेला: गोधूलि बेला मांगलिक कार्यों के लिए बहुत शुभ माना जाता है, इस मुहूर्त में लक्ष्मी पूजन करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है


रिपोर्ट : विजय कुमार गोप

सरायकेला खरसावां 

 गोधूलि बेला पूरे दिन का सबसे अच्छा मुहूर्त होता है। यह वह समय होता है जब सूर्यास्त से पहले गायों की घर वापसी होती है। उनके चलने से पैरों से धूल उठती है, इसलिए इसे गोधिला बेला कहा गया है।

नो वा योगो न मृतिभवनं नैव जामित्र दोषो।गोधूलिः सा मुनिभिरुदिता सर्वकार्येषु शस्ता।

गोधूलि बेला संध्या काल के पहले की स्थिति होती है। इस समय आकाश में सूर्य की किरणें सुनहरी छटा बिखेर रही होती हैं। सूर्य में लालिमा होती है और धूप की उपस्थिति भी बनी रहती है। इसे अपराह्न के तुरंत बाद और संध्याकाल से पहले की अवस्था भी कहा जा सकता है।

क्या है, गोधूलि बेला 

सूर्यास्त या दिन अस्त के जो बीच का समय होता है, उसे गोधूलि बेला या गोधूलि काल कहा जाता है। यह शाम 05 से 07 बजे के बीच का समय होता है। इस बेला या काल को हिंदू धर्म में बहुत ही शुभ माना गया है, क्योंकि इसी समय गायें अपने घर वापसी करती हैं और यह मां लक्ष्मी के आगमन का समय माना जाता है।

गोधूलि बेला का महत्व

गोधूलि बेला का संबंध घर वापसी से होता है। इस समय गायें, पशु-पक्षियां और अन्य जन अपने घर की ओर लौटते हैं। पक्षियां भी एक कतार में आसमान में उड़ते हुए अपने घोंसने की ओर जाते हैं। यह समय उत्साह, आनंद और उमंग भरा होता है। इसलिए इस बेला में सामान्य दोष सहज ही नष्ट हो जाते हैं।

गोधूलि बेला में कई दोष होते हैं दूर।

शुभ या मांगलिक कार्यों के लिए इस बेला को बहुत शुभ माना गया है। इस मुहूर्त में लक्ष्मी पूजन करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। यह बेला पात और जामित्रादि दोष को नाश करने वाला भी होता है। साथ ही गोधूलि बेला लग्न के दोषों को भी दूर करता है और अष्टम भाव यानी पाप भाव में गोचर कर रहे ग्रहों के कारण उत्पन्न हुए अनिष्टों से मुक्त रखता है।

गोधूलि बेला में जरूर करें ये काम

गोधूलि बेला में तुलसी के पास दीपक जलाना चाहिए। साथ ही इस बेला में आप पीपल, केला और बरगद जैसे धार्मिक वृक्षों के पास भी दीपक जलाएं। इससे त्रिदेवों और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है।

इस बेला में सूर्य को अर्घ्य देने से धन, बल, बुद्धि, विद्या और दिव्यता की प्राप्ति होती है। छठ पूजा में इसी बेला में अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।

पूजा-पाठ के लिए गोधूलि बेला को बहुत अच्छा माना जाता है। इस समय पूजा करने घर पर बरकत बनी रहती है और देवी-देवता प्रसन्न होते हैं।

गोधूलि बेला में घर पर आरती जरूर करें। इससे सुख-शांति आती है और घर पर मां लक्ष्मी का वास होता है। साथ ही रोग-शोक दूर हो जाते हैं।

प्रार्थना के लिए गोधूलि बेला को बहुत अच्छा माना गया है। कहा जाता है कि, इस समय की गई प्रार्थना भगवान सुनते हैं और उसे पूरा करते हैं।

संकटों से बचने और सुख-समृद्धि के लिए गोधूलि बेला में मौन रहना चाहिए। इसलिए इस समय भूलकर भी घर पर वाद-विवाद या कलह-क्लेश न करें।