समाज सुधारक संत गाडगे जी की जयंती भाजपा प्रदेश कार्यालय में पुष्पांजलि अर्पित कर मनाई गयी
राँची: भाजपा प्रदेश कार्यालय में संत गाडगे जी की 148वी जयंती मनाई गई। जयंती समारोह में मुख्य रूप से प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सह राज्य सभा सदस्य दीपक प्रकाश उपस्थित हुए।
कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि संत गाडगे बाबा के जीवन का एकमात्र ध्येय था- लोक सेवा। दीन-दुखियों तथा उपेक्षितों की सेवा को ही वे ईश्वर की भक्ति मानते थे। दरिद्र नारायण के रूप में ईश्वर मानव समाज में विद्यमान है। मनुष्य को चाहिए कि वह इस भगवान को पहचाने और उसकी तन-मन-धन से सेवा करें। भूखों को भोजन, प्यासे को पानी, नंगे को वस्त्र, अनपढ़ को शिक्षा, बेकार को काम, निराश को ढाढस और मूक जीवों को अभय प्रदान करना ही भगवान की सच्ची सेवा संत गाडगे मानते थे।
संगठन महामंत्री ने कहा कि संत गाडगे द्वारा स्थापित 'गाडगे महाराज मिशन' आज भी समाज सेवा में रत है। मानवता के महान उपासक के 20 दिसंबर 1956 को ब्रह्मलीन होने पर प्रसिद्ध संत तुकडो जी महाराज ने श्रद्धांजलि अर्पित कर अपनी एक पुस्तक की भूमिका में उन्हें मानवता के मूर्तिमान आदर्श के रूप में निरूपित कर उनकी वंदना की। उन्होंने बुद्ध की तरह ही अपना घर परिवार छोड़कर मानव कल्याण के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया।
भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष किशुन दास ने कहा कि संत गाडगे बाबा ने तीर्थस्थानों पर कईं बड़ी-बड़ी धर्मशालाएं इसीलिए स्थापित की थीं ताकि गरीब यात्रियों को वहां मुफ्त में ठहरने का स्थान मिल सके। नासिक में बनी उनकी विशाल धर्मशाला में 500 यात्री एक साथ ठहर सकते हैं। वहां यात्रियों को सिगड़ी, बर्तन आदि भी निःशुल्क देने की व्यवस्था है। दरिद्र नारायण के लिए वे प्रतिवर्ष अनेक बड़े-बड़े अन्नक्षेत्र भी किया करते थे।
भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित पुष्पांजलि कार्यक्रम में प्रदेश मंत्री सीमा पासवान, राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य नीरज पासवान, अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष शिवधारी राम अन्य ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
Feb 23 2024, 20:12