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विधायकों की खरीद फरोख्त के आरोपों के बीच विश्वास मत हासिल करने के दाैरान बोले, अरविंद केजरीवाल - आप भाजपा के लिए बड़ी चुनौती

दिल्ली विधानसभा ने आज विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हुई। बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शक्ति प्रदर्शन किया। विधानसभा में विश्वास मत मांगने के दौरान सीएम केजरीवाल ने बीजेपी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, "AAP बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती है, यही वजह है कि उस पर हर तरफ से हमले हो रहे हैं."

CM केजरीवाल ने विधानसभा में मांगा विश्वास मत

यह दूसरी बार है जब अरविंद केजरीवाल सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत मांगा है। 70 सदस्यीय विधानसभा में आम आदमी पार्टी के 62 विधायक हैं और बीजेपी के आठ विधायक हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, "सदन में हमारे पास बहुमत है, लेकिन इस विश्वास प्रस्ताव की जरूरत थी क्योंकि बीजेपी AAP विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही थी।

सीएम केजरीवाल का BJP पर आरोप

शुक्रवार को विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव पेश करते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा था कि AAP के दो विधायकों ने उन्हें बताया कि उनसे बीजेपी के सदस्यों ने संपर्क कर दावा किया था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। अरविंद केजरीवाल ने कहा, "विधायकों को बताया गया कि 21 AAP विधायक पार्टी छोड़ने पर सहमत हो गए हैं और अन्य भी बीजेपी के संपर्क में हैं। उन्होंने विधायकों को बीजेपी में शामिल होने के लिए 25 करोड़ रुपये देने की पेशकश की. विधायकों ने मुझे बताया कि उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया। जब हमने अन्य विधायकों से बात की तो हमने पाया कि उन्होंने 21 नहीं, बल्कि सात से संपर्क किया था. वे एक और ऑपरेशन लोटस को अंजाम देने की कोशिश कर रहे थे।

"AAP के किसी विधायक ने दल नहीं बदला"

सीएम केजरीवाल ने कहा, ''मैं यह बताना चाहता हूं कि हमारे किसी भी विधायक ने दल नहीं बदला और सभी मजबूती से हमारे साथ बने हुए हैं.'' बता दें कि यह दूसरी बार है जब अरविंद केजरीवाल सरकार ने विश्वास मत मांगा है। 70 सदस्यीय विधानसभा में आम आदमी पार्टी के 62 विधायक हैं और बीजेपी के आठ विधायक हैं।

बता दें कि विश्वास मत से पहले, शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी किए गए पांच समन को नजरअंदाज करने पर अरविंद केजरीवाल आज सुबह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिल्ली की एक अदालत में पेश हुए. कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 16 मार्च को करेगी. उस दौरान केजरीवाल को फिजिकली अदालत में पेश होना होगा.

संदेशखाली में नरक भोग रहीं दलित महिलाएं ..! सारे दलित प्रेमी राजनेता खामोश, राष्ट्रीय SC आयोग ने की बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) ने शुक्रवार (16 फरवरी) को पश्चिम बंगाल के संदेशखाली के दौरे के बाद राज्य में पूर्ण अराजकता का हवाला देते हुए राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करते हुए महामहिम द्रौपदी मुर्मू को एक रिपोर्ट सौंपी है। दलित समुदाय के लिए कार्य करने वाले आयोग के अध्यक्ष अरुण हलदर ने भी राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात की है। बाद में उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, "हमने सिफारिश की है कि अनुच्छेद 338 के तहत पश्चिम बंगाल की स्थिति को देखते हुए वहां राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए, जिसका उद्देश्य अनुसूचित जातियों के अधिकारों की रक्षा करना है।"

अरुण हलदर ने कहा कि राष्ट्रपति ने NCSC टीम को आश्वासन दिया है कि वह मामले को देखेंगी और कार्रवाई करेंगी। जब NCSC टीम ने यौन उत्पीड़न के पीड़ितों से मिलने के लिए संदेशखाली में प्रवेश करने की कोशिश की, तो बंगाल के कई पुलिस अधिकारियों ने कथित तौर पर उनके साथ दुर्व्यवहार भी किया। हलदर ने बताया कि, ''राज्य सरकार ने अपराधियों से हाथ मिला लिया है।'' 8 फरवरी को, पश्चिम बंगाल में उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली की महिलाएं फरार TMC नेता और ममता बनर्जी के करीबी सहयोगी शेख शाहजहां और उसके कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए सड़क पर उतरीं हैं। 

 

महिलाओं ने आरोप लगाया है कि आरोपियों ने क्षेत्र में गरीबों की जमीनें जबरदस्ती हड़प लीं और महिलाओं के साथ रात-रात भर यौन उत्पीड़न किया और संतुष्ट होने पर ही उन्हें रिहा किया। आरोपियों ने ग्रामीणों को उनके द्वारा चलाए जा रहे व्यवसाय में काम भी करवाया और उन्हें उसका भुगतान भी नहीं किया। NCSC प्रमुख ने कहा कि, "हमने सिफारिश की है कि अनुच्छेद 338 के तहत पश्चिम बंगाल की स्थिति को देखते हुए वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए, जिसका उद्देश्य अनुसूचित जाति के अधिकारों की रक्षा करना है।"

 

बता दें कि, संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत, NCSC अनुसूचित जाति (SC) के संवैधानिक सुरक्षा उपायों के कामकाज पर सालाना और अन्य वक़्त पर राष्ट्रपति को रिपोर्ट पेश करने के लिए बाध्य है। आयोग के अध्यक्ष अरुण हलदर ने कहा कि संदेशखाली में हिंसा अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों को प्रभावित कर रही है, यह देखते हुए कि पश्चिम बंगाल में देश में SC की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है। इसके अलावा आयोग ने बंगाल की TMC सरकार को भी नोटिस भेजकर फरार आरोपियों के खिलाफ फ़ौरन कार्रवाई करने का आदेश दिया है। 

उन्होंने कहा कि, "राज्य को उनकी (SC) रक्षा करनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है और वे वास्तव में राज्य सरकार के शासन के तहत पीड़ित हैं।" भाजपा की एक केंद्रीय टीम ने भी शुक्रवार को संदेशखाली का दौरा किया और कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल आज (शनिवार) आने वाला है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा संदेशखाली जाने के लिए गठित 6 सदस्यीय भाजपा प्रतिनिधिमंडल को शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में पुलिस ने रोक दिया। टीम में पार्टी नेता अन्नपूर्णा देवी, प्रतिमा भौमिक, सुनीता दुग्गल, कविता पाटीदार, संगीता यादव और बृज लाल शामिल थे। भाजपा नेता अग्निमित्र पॉल प्रतिनिधिमंडल के साथ संदेशखाली जा रहे हैं।

इस बीच, लोकसभा की विशेषाधिकार समिति ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार की शिकायत पर पश्चिम बंगाल के शीर्ष पुलिस अधिकारियों को तलब किया था। विशेषाधिकार समिति ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के शीर्ष पुलिस अधिकारियों को 19 फरवरी को भाजपा राज्य प्रमुख की शिकायत पर उनके सामने पेश होने का निर्देश दिया है। हालाँकि, गौर करने वाली बात ये भी है कि, संदेशखाली में दलित और आदिवासी महिलाएं नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं, लेकिन दलितों-आदिवासियों के नाम पर राजनीती करने वाले भीम आर्मी, बसपा, जैसे दलों ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है, वहीं, भाजपा और कांग्रेस धुर विरोधी होते हुए भी इस मुद्दे पर एकसाथ नज़र आ रहीं हैं और संदेशखाली की महिलाओं की आवाज़ बुलंद कर रहीं हैं।

शर्मनाक! MP में सरेआम बुजुर्ग महिला के कपड़े फाड़कर मुंह में भरा मानव मल, लगाया ये गंभीर आरोप

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले से एक शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। आरोप है कि यहां कुछ लोगों ने एक वृद्ध महिला पर जादू-टोने का आरोप लगाते हुए मुंह में मानव मल भर दिया। घटना के पश्चात् अपराधी स्वयं पीड़ित महिला को पुलिस थाने ले गए थे। आरोप है कि पुलिस ने भी मामले की लीपापोती करने में कोई कमी नहीं छोड़ी। पुलिस ने एक कागज पर महिला का केवल नाम लिखकर उसे भगा दिया। फिलहाल पीड़ित वृद्ध महिला एवं उसके पति ने पुलिस के सीनियर अफसरों से न्याय की गुहार लगाई है। साथ ही अपराधियों पर कार्रवाई करने की मांग की है।

पीड़ित वृद्ध महिला सिला नगर की रहने वाली है। पीड़िता का आरोप है कि 15 फरवरी की प्रातः लगभग 10 बजे वह अपने घर वापस आ रही थी। इस के चलते वृद्ध महिला को उसके घर के पास रहने वाली देवका एवं उसके घर वालों ने बीच रास्ते में रोक लिया। देवका एवं उसका पूरा परिवार वृद्ध महिला पर जादू-टोने का आरोप लगाने लगे। पीड़िता के अनुसार, जब उसने जादू-टोने की बात से मना किया तो देवका एवं उसके घर वालों ने मारपीट आरम्भ कर दी।

वही इसके चलते अपराधियों ने पीड़िता के कपड़े भी फाड़ दिए। फटे कपड़ों की हालत में ही अपराधी परिवार ने वृद्ध महिला को पूरे गांव में घुमाया। इतना ही नहीं अपराधियों ने वृद्ध महिला के मुंह में जबरदस्ती मानव मल भर भी दिया। पीड़िता के अनुसार, पूरा गांव यह सब कुछ देख रहा थे मगर किसी ने उन्हें रोकने का प्रयास नहीं किया। महिला का आरोप है कि घटना के पश्चात् जब वह अपने पति के साथ अमोला पुलिस थाने पहुंची तथा पुलिस से शिकायत दर्ज करने के लिए कहा तो पुलिस ने केवल उसका नाम एक कागज पर लिखकर थाने से भगा दिया। 

महिला ने उन पुलिसकर्मियों पर भी अपराधियों के साथ मिले होने का आरोप लगाया है। तत्पश्चात, पीड़ित महिला एवं उनका पति न्याय की उम्मीद लेकर पुलिस अधिक्षक के घर पहुंचे, जहां उन्होंने पुलिस अधीक्षक रघुवंशी सिंह भदोरिया के सामने आपबीती बताई तथा अपराधियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं रघुवंशी सिंह भदोरिया ने पीड़ित वृद्ध लोगों को मामले में तहकीकात कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

' बंगाल में 13 वर्षीय लड़की का अपहरण कर आंखें फोड़ीं, स्तन काटे और...', अब कब्र से शव निकालकर होगी जांच

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में उच्च न्यायालय के आदेश पर लड़की का शव कब्र से निकाला गया। लड़की के घरवालों का आरोप है कि 13 वर्षीय बेटी का अपहरण कर उसे शारीरिक यातनाएं दी गईं। उसकी आंखें निकाल ली गईं। स्तन भी काट दिए गए। लड़की की मौत के लगभग 20 दिन पश्चात् शव के परीक्षण के लिए मासूम लड़की का शव अब कब्र से निकाला गया। शुक्रवार को मुर्शिदाबाद जिले के हरिहरपारा क्षेत्र में ये हैरान कर देने वाली घटना हुई है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए SSKM हॉस्पिटल कोलकाता भेजा जाएगा। हरिहरपारा की रहने वाली 13 वर्षीय लड़की लगभग 5 दिनों से लापता थी। 27 जनवरी को हरिहरपारा के एक गांव के सरसों के खेत से लड़की का शव बरामद किया गया था। परिवार का दावा है कि लड़की की आंखें निकाल ली गईं, स्तन काट दिए गए। लड़की के परिजनों का आरोप है कि अपहरण एवं शारीरिक यातना देने के बाद उसका क़त्ल कर सरसों के खेत में फेंक दिया गया। इस घटना में पुलिस 2 अपराधियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है, किन्तु उससे पहले ही शव को दफना दिया गया।

वही इस मामले में उचित तहकीकात की मांग को लेकर पीड़ित परिवार ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उच्च न्यायालय ने शव को कब्र से बाहर निकाला तथा दोबारा शव परीक्षण का आदेश दिया है। शुक्रवार को उच्च न्यायालय के आदेश पर शव को कब्र से निकाला गया। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए शव निकालने के चलते क्षेत्र में बड़े आंकड़े में पुलिस बल को भी तैनात किया गया। नाबालिग लड़की के साथ हुई दरिंदगी के पश्चात् स्थानीय लोगों को गुस्सा सातवें आसमान पर था। स्थानीय लोग अपराधियों को कड़ी सजा दिए जाने की मांग कर रहे हैं।

बंगाल सफारी पार्क में 'शेर का नाम 'अकबर' और शेरनी का रखा 'सीता', VHP ने की बदलने की मांग, कोर्ट में मामला पहुंचा

त्रिपुरा से हाल ही में बंगाल सफारी पार्क में शेर का एक जोड़ा लाया गया है। शेर का ये जोड़ा 12 फरवरी को त्रिपुरा के विशालगढ़ स्थित सिपाहीजला जूलॉजिकल पार्क से बंगाल सफारी पार्क पहुंचा था। सफारी पार्क में आई शेरनी का नाम सीता है। शेर का नाम अकबर रखा गया है। शेर के इस नाम पर विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों को रोष व्यक्त किया है। इसलिए उन्होंने सीता का नाम परिवर्तित करने की मांग करते हुए शुक्रवार को जलपाईगुड़ी में कलकत्ता हाई कोर्ट की जलपाईगुड़ी सर्किट बेंच में प्रदेश सरकार के खिलाफ मामला दायर किया है।

मामले को उठाते हुए VHP के राष्ट्रीय प्रवक्ताविनोद बंसल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया… एक खबर है जो मन को झकझोरने वाली है… सिलीगुड़ी के बंगाल सफारी पार्क में जिन शेर-शेरनी को प्रजनन के लिए रखा गया है। उनका नाम अकबर एवं सीता रखा गया है। आखिर ये नाम किसके दिमाग की उपज है। इस पूरे मामले की तहकीकात होनी चाहिए। साथ ही, इनके नाम भी तत्काल बदलने चाहिए। इस हरकत से हिन्दू जन-भावनाओं पर चोट पहुंचा है। संबंधित अफसर माफी मांगे।

शुक्रवार को विहिप सिलीगुड़ी ने DFO के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया तथा सिलीगुड़ी पुलिस आयुक्त के साथ उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। विहिप ने बंगाल सफारी में पहुंचे शेर और शेरनी को ‘अकबर’ और ‘सीता’ बोलने पर घोर आपत्ति व्यक्त की है। ममता सरकार मामले में तुरंत कार्रवाई करने की मांग भी की है। विनोद बंसल ने नाराजगी व्यक्त करते हुए X पर लिखा कि सरकार को गहरी नींद से जगाने के लिए हमें कलकत्ता उच्च न्यायालय का द्वार खटखटाना पड़ा। हमारी शिकायत अदालत की तरफ से सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली गई है। अदालत इस मामले में 20 फरवरी को सुनवाई करेगा।

जानिए, क्या है AP फाइबरनेट घोटाला ? जिसमे पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू को CID ने बनाया मुख्य आरोपी, चार्जशीट दाखिल

114 करोड़ रुपये के AP फाइबरनेट घोटाला मामले में आंध्र प्रदेश पुलिस के अपराध जांच विभाग द्वारा दायर आरोपपत्र में तेलुगु देशम पार्टी (TDP) सुप्रीमो और पूर्व सीएम एन चंद्रबाबू नायडू को मुख्य आरोपी नामित किया गया है। शुक्रवार को विजयवाड़ा एसीबी कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया है। 

नायडू के अलावा, CID ने अन्य आरोपी व्यक्तियों के रूप में नेट इंडिया, हैदराबाद के प्रबंध निदेशक वी हरि कृष्ण प्रसाद और IRTS अधिकारी के संबाशिव राव को भी नामित किया। CID ने एक बयान में कहा कि, "तत्कालीन मुख्यमंत्री नायडू के पास ऊर्जा, बुनियादी ढांचा और निवेश विभाग का प्रभार था। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से फाइबर नेट परियोजना को क्रियान्वित करने की सिफारिश की थी।" इसमें कहा गया है कि एक पसंदीदा कंपनी को 330 करोड़ रुपये के एपी फाइबरनेट प्रोजेक्ट के चरण - 1 का कार्य आदेश आवंटित करने के लिए निविदा प्रक्रिया में हेरफेर किया गया था।

कथित टेंडर हेरफेर मामला 2014 और 2019 के बीच पूर्ववर्ती टीडीपी सरकार के दौरान हुआ था। CID ने यह भी कहा कि निविदा आवंटित करने से लेकर पूरी परियोजना को पूरा करने तक कई कथित अनियमितताएं हुईं, जिसके परिणामस्वरूप सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ। CID के आरोपपत्र के अनुसार, नायडू ने इस तथ्य पर विचार किए बिना फाइबरनेट परियोजना के अनुमान को मंजूरी दे दी थी कि वस्तुओं की कीमतों या पालन किए जाने वाले मानकों के लिए कोई बाजार सर्वेक्षण नहीं किया गया था। 

इसके अलावा, CID ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ने अन्य अनियमितताओं के बीच कथित तौर पर वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों पर हरि कृष्ण प्रसाद को विभिन्न निविदा मूल्यांकन समितियों में शामिल करने, टेरासॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड की ब्लैकलिस्टिंग को रद्द करने और अंततः उसी कंपनी को टेंडर देने के लिए दबाव डाला। CID की चार्जशीट में यह भी उजागर किया गया है कि आरोपी व्यक्तियों ने कथित तौर पर फर्जी चालान का उपयोग करके अपने सहयोगियों से संबंधित कंपनियों के एक नेटवर्क के माध्यम से गलत तरीके से धन का उपयोग किया।

*दिल्ली के सीएम केजरीवाल की आज राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी, जानें क्या है मामला*

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दिल्ली मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल की आज राजउ एवेन्यू कोर्ट में पेशी है। केजरीवाल की कोर्ट में यह पेशी ईडी की शिकायत के बाद हो रही है। दिल्ली शराब घोटाले में कई बार समन जारी होने के बाद भी सीएम पेश नहीं हुए थे। इसके बाद ईडी ने कोर्ट का रुख किया था। 

समन की अनदेखी पर कोर्ट पहुंची ईडी

शराब घोटाला मामले में केंद्रीय एजेंसी के समन का पालन नहीं करने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंची थी। प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली सीएम को पांच समन भेज चुकी है। लेकिन केजरीवाल पेश नहीं हुए। जिसके बाद जांच एजेंसी ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। ईडी ने केजरीवाल को अलग-अलग तारीखों पर पांच बार समन जारी किया और पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन वे हर बार समन का पालन करने में असमर्थ रहे और जानबूझ कर जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। ऐसे में तय नियमों में केजरीवाल के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाए। कोर्ट ने मामले की सुनवाई सात फरवरी तय की थी। 

इन तारीखों पर जारी हो चुके हैं समन

ईडी ने 2 फरवरी, 17 जनवरी, तीन जनवरी, 21 दिसंबर और दो नवंबर को केजरीवाल को समन भेजा था, लेकिन दिल्ली सीएम पेश नहीं हुए थे। इससे पहले आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को दिए जवाब में पूछा कि यदि वह आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी नहीं हैं, तो उन्हें समन क्यों जारी किया गया।

इस बीच आज दिल्ली विधानसभा में विश्वास मत पर चर्चा होगी।सीएम केजरीवाल ने शुक्रवार को विधानसभा में विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया था। प्रस्ताव पेश करते हुए उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधा और कहा कि उन्हें झूठे केसों में फंसाया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी, आप विधायकों को ‘खरीदने’ की कोशिश कर रही है। विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव पेश करते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा कि आप के दो विधायकों ने उन्हें बताया कि उनसे भाजपा के सदस्यों ने संपर्क किया था, जिन्होंने दावा किया था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।

पुतिन के सबसे बड़े विरोधी एलेक्सी नवलनी की रहस्यमय मौत, धोखाधड़ी और विद्रोह के आरोपों में काट रहे थे साल की सजा

#russian_opposition_leader_alexei_navalny_is_died_in_jail 

जेल में बंद रूसी विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी की मौत हो गई है। एलेक्सी नवलनी की जेल में रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई है। वह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कट्टर आलोचक थे। पुतिन के सबसे प्रमुख और कट्टर आलोचकों में से एक 47 वर्षीय नवलनी को आर्कटिक सर्कल के उत्तर में लगभग 40 मील दूर एक जेल में रखा गया था। उनकी मौत राजनीतिक हत्या के रूप में देखा जा रहा है।

यमालो-नेनेट्स इलाके की जेल सेवा ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। इस जेल में एलेक्सी नवलनी अपनी सजा काट रहे थे। अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित एक बयान में यमालो-नेनेट्स स्वायत्त जिले की संघीय प्रायद्वीपीय सेवा ने कहा कि नवलनी ने शुक्रवार को टहलने के बाद “अस्वस्थ महसूस किया” और “लगभग तुरंत होश खो बैठे।” रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह कहते हुए कि मेडिकल स्टाफ को बुलाया गया था, लेकिन वे नवलनी को होश में नहीं ला पा रहे हैं। सरकारी सूत्रों ने कहा कि एलेक्सी नवलनी की मौत के कारण का अभी पता लगाया जा रहा है।

इस बीच, क्रेमलिन ने दावा किया है कि उसे नवलनी की मौत के कारण के बारे में कोई जानकारी नहीं है। रूस की सरकार ने कहा कि जेल सेवा उसकी मौत के संबंध में सभी जांच कर रही थी. रूस की जांच समिति ने मौत की प्रक्रियात्मक जांच शुरू कर दी है।

रूस के सबसे प्रमुख विपक्षी नेता और पुतिन के मुखर आलोचक एलेक्सी नवलनी को चरमपंथ के आरोप में पिछले साल अगस्त में एक रूसी अदालत ने 19 साल और जेल की सजा सुनाई थी। पिछले साल नवलनी की सजा को 19 साल तक बढ़ा दिया गया था। जिसके बाद उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, मैं नहीं आप डरे हुए हैं और विरोध करने की इच्छाशक्ति खो रहे हैं। विरोध करने की इच्छाशक्ति मत खोइए। एक विशेष शासन कॉलोनी में 19 साल। इस आंकड़े का कोई मतलब नहीं है। मैं पूरी तरह से समझता हूं कि कई राजनीतिक कैदियों की तरह मेरी सजा आजीवन है। नवलनी को पैरोल उल्लंघन, धोखाधड़ी और अदालत की अवमानना से संबंधित कई मामलों में आरोपी पाया गया था।

आरबीआई ने पेटीएम को दी बड़ी राहत, डिपॉजिट, क्रेडिट ट्रांजैक्‍शन की डेडलाइन 15 मार्च तक बढ़ाई

#paytm_payments_bank_rbi_gives_big_relief_to_paytm_users_credit_card_deadline

पेटीएम पेमेंट बैंक से जुड़े ग्राहकों के लिए बड़ी खबर है।पेटीएम पेमेंट्स बैंक के लिए राहत भरी खबर आई है। आरबीआई ने डिपॉजिट और क्रेडिट लेनदेन के लिए पेटीएम पेमेंट्स बैंक की समयसीमा 15 मार्च तक बढ़ा दी है।पहले आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 29 फरवरी के बाद नए डिपॉजिट्स लेने और क्रेडिट ट्रांजैक्शंस पर रोक लगाने का आदेश दिया था। अब पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 15 मार्च, 2024 तक का समय दिया गया है।

आरबीआई की ओर से जारी बयान के मुताबिक, 15 मार्च, 2024 (29 फरवरी, 2024 की पूर्व निर्धारित समयसीमा से विस्तारित) के बाद किसी भी कस्टमर अकाउंट्स, प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट, वॉलेट, फास्टैग, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड आदि में कोई और डिपॉजिट या क्रेडिट ट्रांजैक्शन या टॉप अप की अनुमति नहीं दी जाएगी। केंद्रीय बैंक के मुताबिक, पेटीएम के ग्राहक सेविंग्स बैंक अकाउंट्स, करंट अकाउंट्स, प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट, फास्टैग, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड आदि सहित अपने अकाउंट्स से शेष राशि की निकासी या उपयोग बिना किसी रेस्ट्रिक्शन के कर सकेंगे।

आरबीआई ने यह फैसला बैंक के ग्राहकों के हित में लिया गया है। केंद्रीय बैंक को लगता है कि उन्‍हें वैकल्पिक व्यवस्था के लिए अधिक समय की जरूरत पड़ सकती है। आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक ग्राहकों को चीजें स्पष्ट करने के लिए एफएक्‍यू (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न) भी जारी किया है। आरबीआई के इस फैसले का मतलब यह है क‍ि ग्राहकों के पास अब पेटीएम पेमेंट्स बैंक का व‍िकल्‍प तलाशने के ल‍िए थोड़ा और समय होगा।

केंद्रीय बैंक ने 31 जनवरी को निर्देश दिया था कि वह 29 फरवरी, 2024 के बाद किसी भी ग्राहक खाते, वॉलेट, फास्टैग और अन्य उपकरणों में जमा या टॉप-अप स्वीकार करना बंद कर दे। आरबीआई ने कहा था कि एक व्यापक सिस्टम ऑडिट रिपोर्ट और बाहरी ऑडिटरों की सत्यापन रिपोर्ट में पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड की ओर से दिशा-निर्देशों को नहीं मानने के संकेत मिले हैं। उसके बाद केंद्रीय बैंक की ओर से मामले की जांच की जा रही है।

रविचंद्रन अश्विन ने रचा इतिहास, पूरे किए 500 विकेट, बने इस मुकाम तक पहुंचने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज

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अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट में 500 विकेटों का मकाम हासिल कर लिया है। इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में ये कमाल करने से चूकने वाले अश्विन ने तीसरे टेस्ट की पहली पारी में ये उपलब्धि हासिल करते हुए इतिहास रच दिया। अश्विन ने इंग्लैंड के ओपनर जैक क्रॉली को अपने करियर का 500वां शिकार बनाया और इस तरह यहां तक पहुंचने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय गेंदबाज बन गए।

भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही टेस्ट सीरीज का तीसरा मुकाबला दिग्गज स्पिनर आर अश्विन के लिए यादगार बन गया। इस मुकाबले में वह एक बड़ा कीर्तिमान बनाने से महज एक विकेट की दूरी पर खड़े थे। इंग्लैंड के खिलाफ पहली पारी में ओपनर जैक क्राउले का विकेट लेने के साथ ही उन्होंने एक ऐसा रिकॉर्ड बना डाला जो सपने जैसा लगता है। टेस्ट क्रिकेट में इस गेंदबाज ने भारत की तरफ से सबसे तेज 500 टेस्ट विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया।

पूरी दुनिया में सिर्फ दूसरे ऐसे गेंदबाज

अश्विन से पहले आठ गेंदबाज टेस्ट में 500 विकेट का आंकड़ा पार कर चुके हैं। इसके साथ ही दिग्गज स्पिनर ने कुछ खास रिकॉर्ड अपने नाम भी कर लिए। अश्विन सबसे तेजी से 500 विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज हैं। वहीं पूरी दुनिया में सिर्फ दूसरे ऐसे गेंदबाज हैं। इस मामले में श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन शीर्ष पर हैं। उन्होंने 133 टेस्ट मैचों में 800 विकेट लिए हैं। भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज कुंबले हैं। उनके नाम 132 टेस्ट में 619 विकेट हैं।

कुंबले से इस मामले में आगे निकले अश्विन

अश्विन सबसे कम टेस्ट मैचों में 500 विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज बन गए। इस मामले में उन्होंने अनिल कुंबले, ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न और ग्लेन मैक्ग्रा को पीछे छोड़ दिया। अश्विन ने 98वें टेस्ट में 500वां विकेट लिया। कुंबले ने 105, वॉर्न ने 108 और मैक्ग्रा ने 110 टेस्ट में यह उपलब्धि हासिल की थी। इस मामले में शीर्ष पर मुरलीधरन हैं। उन्होंने 87 टेस्ट मैचों में ही 500 विकेट ले लिए थे।