संदेशखाली को लेकर बंगाल में बवाल, जहां महिलाएं लगा रहीं यौन सोषण का आरोप, जानें क्या है पूरा मामला?
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पश्चिम बंगाल का संदेशखाली इलाका इस समय जल रहा है। इसकी वजह है महिलाओं का आंदोलन। महिलाओं के विरोध ने बंगाल सरकार की नींद उड़ा दी है। आरोप एक टीएमसी नेता पर लगा है, महिलाओं के यौन उत्पीड़न से उसका कनेक्शन है।दरअसल, टीएमसी नेता शेख शाहजहां और उसके समर्थकों पर कथित रूप से यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोप लगाए हैं।बीते दिनों महिलाओं ने टीएमसी नेता के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था और इसके बाद सड़क से विधानसभा तक संदेशखाली का मामला गूंजा। भारतीय जनता पार्टी भी ममता बनर्जी सरकार पर हमलावर है। बीजेपी ने भी मुद्दे को भुनाते हुए जांच के लिए अपने स्तर पर कमेटी बना दी है। वहीं अब मामला कोलकाता हाईकोर्ट पहुंच गया है।अब सवाल ये उठता है कि ये सारा विवाद है क्या, आखिर ऐसा क्या हुआ कि इतनी सारी महिलाएं सड़क पर उतर आईं?
कहां से शुरू हुआ मामला?
दरअसल, 5 जनवरी 2024 को ED की टीम कथित राशन घोटाले के सिलसिले में तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां के घर पर रेड करने के लिए संदेशखाली पहुंची थी। इस दौरान ईडी अधिकारियों और सीआरपीएफ जवानों पर भीड़ ने हमला कर दिया। इसमें तीन अधिकारी घायल हुए थे। इसके बाद से ही शाहजहां फरार चल रहा है और उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हुआ है। इसके बाद टीएमसी नेता के खिलाफ विरोध के स्वर मुखर होने लगे। लोगों ने खुलकर शाहजहां का विरोध और उसकी गिरफ्तारी की मांग शुरू कर दी। इस विरोध में महिलाएं भी शामिल हुईं। इस घटना के एक महीने बाद 9 फरवरी को संदेशखाली में आक्रोशित ग्रामीणों ने टीएमसी नेता शिवप्रसाद हाजरा के पोल्ट्री फार्म में आग लगा दी।
कथित भूमि राशन आवंटन घोटाले में टीएमसी नेता शाहजहां शेख की गिरफ्तारी की मांग करते हुए स्थानीय लोगों, विशेष रूप से महिलाओं ने हाथों में चप्पलें लेकर संदेशखाली के विभिन्न हिस्सों में मार्च किया।संदेशखाली में शुरू हुए बवाल ने धीरे-धीरे विकराल रूप ले लिया। विरोध प्रदर्शन के दौरान महिलाएं लाठी-डंडों और बांस के साथ सड़कों पर उतर आईं। महिलाओं की मांग थी कि तृणमूल के स्थानीय नेता शेख शाहजहां, ब्लॉक अध्यक्ष शिवप्रसाद हाजरा और उनके साथी उत्तम सरदार को गिरफ्तार किया जाए।हालाँकि पुलिस का कहना है कि उसे ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है। हालाँकि महिलाओं ने मीडिया के सामने इन नेताओं पर ये आरोप लगाए
समाचार एजेंसी एएनआई की 14 फरवरी की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला प्रदर्शनकारियों में से एक ने कहा, "वो रात के 12 बजे हम दोनों पुरुषों और महिलाओं से जबरदस्ती काम कराते थे। वो हमें हमारे घरों से उठा लेते थे और हमसे जबरदस्ती काम कराते थे, भले ही किसी की तबीयत ही क्यों न खराब हो।आरोप है कि शाहजहां ने पार्टी के नाम पर गांव वालों पर लम्बे समय तक जो अत्याचार किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, महिला प्रदर्शनकारी ने कहा कि शाहजहां शेख और उनके लोग महिलाओं को इस हद तक शारीरिक रूप से प्रताड़ित करते थे कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। उन्होंने कहा, वे महिलाओं को भी मारते थे। वो उनके हाथ-पैर तोड़ देते थे। कई लोगों को 3-4 दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है
इंडियन एक्प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक अन्य महिला ने कहा, "वे हमें मीटिंग के लिए बुलाते थे - कभी स्वयं सहायता समूह की और कभी पार्टी की। हमारे पतियों को नहीं बुलाया जाता था। जब हम वहां गए, तो एक त्वरित 'पार्टी मीटिंग' हुई जिसमें कहा गया कि हमें पार्टी की जीत के लिए काम करना होगा. इनमें से कुछ ने खाना बनाती थीं और मेरे समेत कुछ महिलाओं को वहीं रुकने के लिए कहा गया। वे मेरी साड़ी खींचते थे और मुझे गलत तरीके से छूते थे। मैं चुप रही क्योंकि मुझे पता था कि अगर मैं विरोध करती तो क्या होता।
घटना के दो दिन बाद 9 फरवरी की रात से संदेशखाली में धारा 144 लागू कर दी गई। इसके बाद से कई दिनों तक संदेशखाली ब्लॉक-2 के 8 ग्राम पंचायत इलाकों में दुकान-बाजार बंद रहे। इंटरनेट सेवाएं भी ठप कर दी गई। संदेशखाली थाना क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए। इलाकों में पुलिस लगातार गश्ती लगा रही है। संदेशखाली जाने वाले सभी मार्गों (जल व सड़क) पर पुलिस कड़ी नजर रख रही है। हालांकि हाईकोर्ट ने संदेशखाली में धारा 144 को खारिज करने का आदेश दिया है। स्थिति अब भी तनावपूर्ण है।
Feb 17 2024, 12:47