गया के गांधी मैदान से नियोजित शिक्षकों ने मशाल जुलूस निकालकर सक्षमता परीक्षा का किया विरोध, सरकार को चेताया
गया। बिहार शिक्षक एकता मंच के आह्वान पर गया के गांधी मैदान से नियोजित शिक्षकों ने मशाल जुलूस निकालकर सक्षमता परीक्षा का विरोध किया। जिसके अध्यक्षता बिहार शिक्षक एकता मंच के अध्यक्ष रमेश कुमार और शत्रुघ्न प्रसाद ने किया। इस मौके पर बिहार शिक्षक एकता मंच गया के अध्यक्ष रमेश कुमार और शत्रुघ्न प्रसाद ने कहा कि सरकार सूबे के नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालय अध्यक्षों को बिना शर्त राज्य कर्मी का दर्जा दें।
उन्होंने कहा कि सूबे के सभी नियोजित शिक्षक और पुस्तकालय अध्यक्ष दक्षता और पात्रता परीक्षा उतीर्ण हैं और दक्षता, पात्रता परीक्षा की उत्तीर्णता के बाद सक्षमता परीक्षा का कोई औचित्य ही नहीं है। सरकार सिर्फ सक्षमता परीक्षा के माध्यम से नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालय अध्यक्षों को छटनीग्रस्त करना चाहती है।
जो सरकार की नियोजित शिक्षक विरोधी मानसिकता को प्रदर्शित करती है। साथ ही शिक्षक ने कहा कि सरकार की मानसिकता नियोजित शिक्षकों के प्रति साफ नहीं है। सरकार नियोजित शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। सरकार बीपीएससी परीक्षा ऑनलाइन ली है और ले रही है। जबकि वहां सभी युवा और नये शिक्षक बहाल हो रहे हैं।
परीक्षार्थी बुजुर्ग और कम्प्यूटर शिक्षा से कोसो दूर और अधिकांश सेवा निवृति के कगार पर हैं। इससे यह स्पष्ट प्रतीत होता है कि सरकार दोहरी नीति अपनाकर नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालय अध्यक्षों को अपमानित, परेशान करना एवं नौकरी से हटाना चाहती है। शिक्षा और शिक्षक जगत के लिए सरकार द्वारा उठाया गया दुर्भाग्यपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए कहा कि सूबे के नियोजित शिक्षक और पुस्तकालय अध्यक्ष आप के द्वारा ही बहाल कर्मी हैं और आज आप के सामने विभागीय पदाधिकारी द्वारा दोहरी नीति अपनाकर उन्हें अपमानित किया जा रहा है। शिक्षकों ने सड़क पर इस दौरान आगजनी भी किया और साक्षमता परीक्षा के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
Feb 10 2024, 20:12