गिरिडीह: बुढ़ीसराय में तीरंदाजी प्रतियोगिता आयोजित, आदिवासी सेंगलअभियान-आदिवासी समाज के लोग दूसरे धर्म में जा रहे हैं
गिरिडीह:जिले में डुमरी प्रखंड अंतर्गत टेंगराखुर्द पंचायत में बालेडीह के बुढ़ीसराय फुटबॉल मैदान में मांझी बाबा छोटेलाल मरांडी के नेतृत्व में बेझा तुंय अर्थात तीरंदाजी खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
इस प्रतियोगिता में आसपास क्षेत्रों के कुल 22 टीमों की सहभागिता से आयोजित इस प्रतियोगिता में प्रत्येक टीम को निर्धारित लक्ष्य को भेदने के लिए 3-3 अवसर दिया गया जिसमें प्रथम पुरस्कार नावाडीह के चांदो हेम्ब्रम को, द्वितीय पुरस्कार बेलरगड्डा के लालदेव बेसरा को और तृतीय पुरस्कार चंदनकुरुवा के सुशील मरांडी को दिया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सामाजिक कार्यकर्ता बिरजू मुर्मू ने कहा कि बेझा तुंय (तीरंदाजी ) खेल हमारे सांस्कृतिक रीति रिवाज के साथ जुड़ा हुआ पर्व है,यह खेल युगों से हमारे समाज के लोग मनाते रहे है।
आदिवासी सेंगल अभियान के जिला युवा अध्यक्ष मोतीलाल मुर्मू ने कहा कि जीवन में खेल बहुत जरूरी है लेकिन खेल के साथ साथ हमारे समाज को भी जागरूक होना होगा,अभी हमारे आदिवासी समाज का शोषण-अत्याचार हो रहा है और हमारा जमीन लूटा जा रहा है,हमारे समाज के लोग दूसरे धर्म में जा रहे हैं,हमारे लिए सरना धर्म कोड लेना जरूरी है,अगर सरकार 31 मार्च तक सरना धर्म कोड की घोषणा नहीं करता है तो 7 अप्रैल 2024 को अनिश्चितकालीन रेल रोड चक्का जाम किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यदि हमें सरना धर्म कोड मिल जाएगा तो अन्य धर्म की तरह धार्मिक आजादी मिल जाएगी।इस दौरान सरना धर्म कोड और संताली भाषा को झारखंड का हिंदी के साथ प्रथम राजभाषा का दर्जा मिले इसके लिए आंदोलन को तेज करने का निर्णय लिया गया।
मौके पर इस प्रतियोगिता में सुगन बेसरा,रतिराम बेसरा,
राजेश मुर्मू,सूर्यदेव बेसरा,सुनील बेसरा,रबीन्द्र बेसरा, सखीलाल मरांडी,सुरेश,बेसरा,तालो बेसरा पेंडो मरांडी
आदि सैकड़ों लोग उपस्थित थे।
Jan 17 2024, 18:24