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*महिला के घर से चेन,अंगूठी और 15 हजार रुपए लेकर गए विद्युत कर्मचारी*

अमेठी। जिले में विद्युत विभाग के कर्मचारियों का बड़ा कारनामा सामने आया जहाँ बिजली चेकिंग करने घर मे घुसे बिजली के कर्मचारियों ने एक महिला के घर से सोने की चेन अंगूठी और 15 हजार रुपए लेकर फरार हो गए।महिला जब मामले की शिकायत लेकर जेई के पास गई तो जेई ने एक लाख रुपए घूस की मांग कर दी।फिलहाल महिला ने पूरे मामले की शिकायत ऊर्जा मंत्री,एसपी और थाने में की है।

दरअसल ये पूरा मामला अमेठी कोतवाली क्षेत्र के कस्बा स्थित गंगागंज मोहल्ले के है।जहां की रहने वाली एक महिला संगीता देवी ने ऊर्जा मंत्री,एसपी,एक्सईएन और थानाध्यक्ष को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया है कि दो जनवरी की शाम बिजली विभाग के कर्मचारी दूसरे के घर से उसके छत पर पहुँचे और जबरन बिजली का केबल काट दिया।

बिजली के कर्मचारियों में मेरी बेटी को छत पर बुलाया और घर मे केबिल के जांच के नाम पर घुसकर बेटी की शादी के रखे सोने की चैन,अंगूठी और 15 हजार रुपए लेकर चले गए।जब महिला इसकी शिकायत लेकर जेई के पास गई तो जेई ने मामले को सुलझाने के लिए एक लाख रुपए की मांग की।महिला का कहना था कि उसका कोई बकाया बिल भी बाकी नही है।

मामले का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमे बड़ी संख्या में बिजली कर्मचारी और अधिकारी उस महिला के घर का विद्युत केबल लेकर जाते नजर आरहे है।

अधीक्षण अभियंता ने कहा

वही पूरे मामले पर अधीक्षण अभियंता विद्युत ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।जांच के बाद आवश्यक विधिक कार्यवाही की जाएगी।

*अमेठी में रोडवेज बसों का चक्का जाम, स्टैंड से प्राइवेट टैक्सियां भी नदारद, गंतव्य पर जाने के लिए तरस रहे यात्री*

अमेठी- केंद्र सरकार द्वारा हाल ही लाये गए कानून के खिलाफ वाहन चालकों का विरोध बढ़ता ही जा रहा है।अमेठी बस स्टैंड पर रोडवेज बस चालको ने बसों का चक्का जाम कर दिया है।बस स्टैंड के पास लगने वाले स्टैंड से भी प्राइवेट गाड़िया नदारद हो गई जिसके बाद बड़ी संख्या में यात्री अपने गंतव्य पर जाने के लिए तरस रहे है।

दरअसल अभी हाल ही केंद्र सरकार ने वाहन चालकों के खिलाफ कानून लाया की हादसों में किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद वाहन चालक पर कड़ी कार्यवाही के बाद लाखों रुपए का जुर्माना भी देना पड़ेगा।सरकार द्वारा इस कानून को लाते ही विरोध शुरू हो गया।देश के कई रॉज्यो वाहन चालक अपनी गाड़ियों को खड़ा कर इस कानून को वापस करने की मांग कर रहे है तो अब अमेठी में भी इस कानून के खिलाफ विरोध शुरू हो गया है।

अमेठी बस पर बड़ी संख्या में वाहन चालकों ने अपनी बसों को खड़ा कर विरोध किया।बस चालको द्वारा पास में ही स्थित स्टैंड पर भी किसी प्राइवेट गाड़ियों को नही खड़ा करने दिया जा रहा है।सरकारी बसों का चक्का जाम और प्राइवेट वाहन नदारद होने के बाद बड़ी संख्या में यात्री अपने गंतव्य पर जाने के लिए तरस रहे है।अमेठी बस स्टैंड पर दर्जनों की संख्या में यात्री अपने गंतव्यों पर जाने के लिए हलकान हो रहे है।

*एसडीएम के अर्दली ने ट्रेन के आगे कूदकर दी जान, पारिवारिक कलह बनी मौत की वजह*

अमेठी- देर रात पारिवारिक कल के चलते एसडीएम के अर्दली ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली।ग्रामीणों की सूचना के बाद मौके पर पहुँची पुलिस में शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज मामले की जांच शुरू कर दी है।मृतक गौरीगंज थाना क्षेत्र के महिमापुर गांव का रहने वाला था। पूरा मामला अमेठी कोतवाली क्षेत्र के लखनऊ वाराणसी रेल मार्ग स्थित ताला स्टेशन के नजदीक लोहरता गांव का है।जहां देर रात गौरीगंज एसडीएम के अर्दली भोला पांडेय ने पारिवारिक कलह के चलते ट्रेन के आगे खुद कर आत्महत्या कर ली। 

भोर में शौच के लिए गए ग्रामीणों ने रेलवे ट्रैक पर शव पड़ा देखा तो हड़कप मच गया। जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही अमेठी कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज मामले की जांच शुरू कर दी।बताया जा रहा है कि कल देर शाम मृतक भोला पांडेय का उसके परिवार के साथ किसी बात को लेकर विवाद हुआ था जिसके बाद वो रेलवे ट्रैक पर पहुंचा और ट्रेन के आगे कूद गया।।मृतक गौरीगंज थाना क्षेत्र के महिमापुर गांव का रहने वाला था।

एसएचओ ने कहा

पूरे मामले पर अमेठी एसएचओ अरुण द्विवेदी ने कहा कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि भोला पांडेय का कल देर शाम किसी बात को लेकर परिवार में विवाद हुआ था जिसके बाद उमाशंकर ने ट्रेन के आगे खुद का आत्महत्या कर ली है।सूचना के बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। जांच में यह भी पता चला है कि देर शाम करीब 7 बजे मृतक भोला पांडेय एसडीएम आवास के बाहर अलाव ताप रहा था इसके बाद वहां से कहीं चला गया।

अपने दो दिवसीय दौरे पर अमेठी पहुंची केंद्रीय मंत्री और सांसद स्मृति ईरानी

अमेठी।अपने दो दिवसीय दौरे पर अमेठी पहुंची केंद्रीय मंत्री और सांसद स्मृति ईरानी दौरे के दूसरे दिन अलग ही अंदाज में दिखी।एचएएल गेस्ट हाउस से निकलकर जन संवाद कार्यक्रम यात्रा में शामिल होने जा रही सांसद मुंशीगज बाजार में चाय पीने के लिए रुकी।

सांसद के रुकते ही मुंशीगंज बाजार में व्यापारियों ने पानी निकासी के लिए नाल ना होने की शिकायत सांसद से जिसके बाद सांसद स्मृति ईरानी गांधी खानदान पर जमकर हमला बोला।सांसद ने कहा कि 40 साल पहले गांधी खानादान ने यहाँ गेस्ट हाउस बना लिया लेकिन उन्हें इसी बाजार में लोगों की सबसे बड़ी समस्या नाला नही दिखा।15 सालों तक राहुल गांधी यहाँ के सांसद थे और यही पर उनका गेस्ट हाउस था लेकिन उन्हें बाजार में नाले की समस्या नही दिखी।

सांसद ने ये भी कहा कि 40 साल से इस नाला को बनाने का प्रस्ताव ही नही दिया गया तो नाला कहां से बन जायेगा।व्यपारियों की समस्या को देखते हुए सांसद ने तत्काल मौके पर मौजूद जिला पंचायत अद्यक्ष राजेश अग्रहरी को जल्द से जल्द नाला बनवाने का आदेश दिया।आपको बता दे मुंशीगंज चौराहे के पास में ही स्थित संजय गांधी अस्प्ताल के गेस्ट हाउस में रुककर पूर्व सांसद राहुल गांधी लोगों से मुलाकात किया करते थे।

सांसद स्मृति ईरानी ने जिला विद्यालय निरीक्षक को फोन कर लगाई फटकार

अमेठी । जिले में जिला विद्यालय निरीक्षक की कार्य प्रणाली से नाराज रिटायर्ड शिक्षकों ने सांसद स्मृति ईरानी से शिकायत कर दी।शिकायत मिलते ही सांसद स्मृति ईरानी ने डीआईओएस को फोन कर जमकर फटकार लगाई और शासन के निर्देशों का पालन करने की नसीहत दी।सांसद स्मृति ईरानी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

दअरसल केंद्रीय मंत्री और सांसद आज अमेठी दौरे के दूसरे दिन जन संवाद यात्रा कार्यक्रम में शामिल होने रामदयपुर गांव पहुँची थी।

इस दौरान रिटायर्ड शिक्षक पेंशनर एसोसिएशन के जिला सचिव रामलखन मिश्र कई रिटायर्ड शिक्षकों के साथ पहुँचे और जिला विद्यालय निरीक्षक पर वेतन न देने की शिकायत सांसद से की।शिकायत मिलते ही सांसद ने जिला विद्यालय विद्यालय निरीक्षक को फोन पर शिकायत की जानकारी दी।काफी देर तक फोन पर जिला विद्यालय निरीक्षक रीता सांसद को सफाई देती रही जिससे सांसद नाराज हो गई और कहा कि आप शासन के आदेशों का पालन नही कर रही है और इस भीषण ठंड में बुजुर्ग रिटायर्ड शिक्षकों को दौड़ा रही है।

सांसद ने कहा यह अमेठी है और यहां की जनता अपने सांसद तक सबूतों के साथ आसानी से पहुँच जाती है।रिटायर्ड शिक्षकों का आरोप था कि मार्च 2022 का वेतन उनको नही मिला इसके लिए वो कई महीनों से चक्कर लगा रहे है लेकिन जिला विद्यालय निरीक्षक कोई कार्यवाही नही कर रही है।वो जब भी आफ़िस जाते है तो जिला विद्यालय निरीक्षक आफिस में नही रहती है।

शासन ने खाली पदों को भरने का दिया था आदेश

रिटायर्ड शिक्षकों के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में शासनादेश जारी किया था जिसमे राजकीय विद्यालय में खाली पदों पर रिटायर्ड शिक्षकों को तैनात करने मे आदेश दिया था जिसमे उनको 15 और 20 हजार का मानदेय मिलना था।शिक्षकों का आरोप था कि अमेठी की जिला विद्यालय अपनी मनमर्जी काम कर रही है।आसपास के जिलों में तैनाती हो गई लेकिन अमेठी में किसी की तैनाती नही हुई।अमेठी के राजकीय विद्यालयों में 758 पद है लेकिन सिर्फ 168 शिक्षक की तैनात है बाकी पद खाली है।उन्हें मार्च 2022 का वेतन भी नही मिला जिसके लिए वो कई महीनों से डीआईओएस आफिस का चक्कर लगा रहे है।

*महुआ का पेड़ व उसकी लपसी*

अमेठी। बचपन के दिनों में हमारे आसपास महुआ के बड़े बड़े वृक्ष हुआ करते। इन पेड़ों की उम्र बहुत ज़्यादा हुआ करती थी। इतनी ज़्यादा की किसी से पूछो यह पेड़ कितना पुराना है तो लोग कहते पता नही जब से समझता हूं इसी तरह देख़ रहा हूं। यह तो रही उम्र की बात आकार बहुत बड़ा पीपल की तरह पत्ते भी बड़े बड़े, शाखाएं इतनी बड़ी की उनसे बहुत सारे काम लिए जाते. पुराने कच्चे मकानों में धन्न बडेर बनाया जाता। बडेर वह लकड़ी जिस पर बहुत सी छोटी छोटी धन्न रखी जाती। बडेर का मतलब दीवार के इस ओर से दूसरी ओर तक दोनों दीवारों को जोड़ने का काम करती. इसी धन्न बडेर के ऊपर मिट्टी सरपत के ऊपर खपरा जिसे कवला भी कहा जाता है. डाला जाता खपरा के साथ नरिया डाली जाती। खपरा पुरुष का प्रतीक नरिया स्त्री का, अब जब घर बन हीं रहा है तो बिना दोनों के कैसे सम्भव है. खपरा नरिया मिट्टी के ही होते पर इन्हें भट्टी लगाकर पका लिया जाता. इस तरह घर में महुआ काम आता घर की छत पर, रसोई में भी काम आता लकड़ी को जलाने में।

महुआ फलदार पेड़ है. इसमें जो फल लगता उसे कोआ कहा जाता. हरे रंग का जिसमें कुसली रहती. इस कोये की भी सब्जी उनदिनों बना करती थी जो की बहुत स्वदिष्ट हुआ करती थी. कोआ जब पेड़ में ही रहते पक जाता तो उसमें से कुसली निकलती जिससे उनदिनों तेल निकाला जाता. वह तेल ठंड के दिनों में किसानो के लिए आज की कोल्ड क्रीम की तरह काम आता वह उस जमाने में वास लीन या कहें बाडी लोसन का काम करता. किसानो की फ़टी बेवाई में मरहम का काम करता. अब ये बेवाई क्या है मत पूछना... इसलिए तो कहा गया है. जा के पाँव न फ़टी बेवाई ऊ का जाने पीर पराई।

कोआ लगने के पहले महुआ में फूल आते हैं. उन फूलों को महुआ ही कहा जाता है. सफ़ेद रंग के कुछ कुछ हल्के पीले रंग के भी. इतने फूल होते की पेड़ के नीचे की धरती सफ़ेद फूलों की चादर ओढ़ लेती. उन फूलों के बीच कहीं कहीं से झांकती धरती ऐसे लगती मानो कोई दुल्हन घुघट की आड़ से अपने प्रिय को झाँक रही हो।

महुआ के फूलों को बड़े से बरतन उस जमाने में तो महुआ की लकड़ी का बड़ा बरतन होता जिसे कठौता कहा जाता उसमें उसे निचोड़ लिया जाता. उसमें से बहुत सारा रस मिल जाता. उसी रस को आटे के साथ मिलाकर चूल्हे पर उबाला जाता. उस उबले हुये रस को आटे और रस के मिलन के बाद जो व्यंजन बनता उसे ही लपसी कहते. आटे और रस का मिलना के बाद आटा कहाँ रस कहाँ अब तो बस लपसी ही लपसी. मानो लोहे को पारस छू गया हो. अब लोहा कहाँ सोना ही सोना।

सोना ही सोना होने के बाद बारी जोहारियों की मतलब खाने वालों की. लपसी के साथ रोटी रोटी के साथ चटनी वह भी कच्चे आम की वह भी धनिया संग वह भी थोडी सी हरी मिर्ची व लहसुन भईया संग फिर क्या कहना. उस जमाने में चम्मच वम्मच छोड़ो वही तर्जनी जिससे कभी लक्ष्मण न डरे थे. यहाँ तर्जनी अपना कमाल कर जाती. तर्जनी से लपसी को लपेटते फिर धीरे से तर्जनी को चटनी को ओर ले जाते.तर्जनी पहले से ही लपसी से लिपटी है उसके अग्र भाग पर चटनी लगते ही लगता मानों आत्मा का परमात्मा से मिलन हो गया. इस मिलना के बाद जैसे ही तर्जनी ऊँगली जिहवा से मिलती फिर क्या? साक्षात् मोक्ष. क्या स्वाद ! क्या स्वाद ! आत्मा बिलकुल तृप्त हो जाती।

*केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के अमेठी दौरे का दूसरा दिन आजख्आधा दर्जन गांवों में जन संवाद विकास यात्रा में होंगी शामिल*



अमेठी। केन्द्रीय मंत्री और सांसद स्मृति ईरानी के अमेठी दौरे का आज दूसरा दिन है।सांसद आज अमेठी के आधा दर्जन गांवों में जन संवाद विकास यात्रा कार्यक्रम में शामिल होकर ग्रामीणों की समस्यायों को सुनेंगी।

दरअसल केंद्रीय मंत्री और सांसद स्मृति ईरानी गुरुवार को देर शाम अपने दो दिवसीय दौरे पर अमेठी पहुँची।कल सांसद ने जगदीशपुर में भले सुल्तान शहीद स्मारक थाने का उद्द्घाटन किया और दिव्यांगों को कृत्रिम उपकरण बांटे।आज सांसद के अमेठी दौरे का दूसरा दिन है।सांसद आज सुबह 11.15 बजे रामदयपुर गांव पहुचेंगी जहाँ वो जन संवाद विकास यात्रा में शामिल होकर लोगों की समस्याओं को सुनेंगी।दोपहर 12 बजे सरायखेमा गांव में जन संवाद विकास यात्रा में शामिल होकर ग्रामीणों की समस्यायों को सुनने के साथ ही एक सड़क का उद्द्घाटन करेंगी।

दोपहर 12.45 बजे अमेठी ब्लाक के लोनियापुर गांव में सांसद जन संवाद विकास यात्रा में शामिल होंगी।दोपहर 1.15 बजे पीठीपुर गांव में जन संवाद विकास यात्रा में शामिल होंगी।दोपहर तीन बजे सांसद धनापुर गांव में जन संवाद विकास यात्रा में शामिल होंगी।शाम चार बजे सांसद सरैया दुबान गांव में जन संवाद विकास यात्रा में शामिल होंगी।शाम पांच बजे सांसद एच ए एल गेस्ट हाउस पहुचेंगी जहाँ वो रात्रि विश्राम करेंगी।

एक दिन और बढ़ा सांसद का दौरा

बताया जा रहा है कि सांसद स्मृति ईरानी का दौरा एक दिन और बढ़ गया है।सांसद कल इंडस्ट्रियल एरिया त्रिशुण्डी में किसी बड़े प्रोजेक्ट के उद्द्घाटन कार्यक्रम में शामिल होंगी जिसका उद्द्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअली माध्यम से करेंगे।

*गायिका आशा भोंसले से बात करेगी दिव्यांग छात्रा,सांसद ने दिया बात कराने के भरोसा,छात्रा को दिया प्रोत्साहन राशि और स्मार्टफोन,टैबलेट देने का वाद

अमेठी। केंद्रीय मंत्री और अमेठी सांसद स्मृति ईरानी कल देर शाम दो दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी पहुंची थी।गौरीगंज के नवोदय विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान तिलोई में स्थित दिव्यांग स्कूल की एक छात्रा ने अपनी टीम के साथ देशभक्ति गाना गाया।छात्रा के गाने से मंत्रमुग्ध हुई सांसद ने छात्रा को नगद पुरस्कार देने के साथ ही एक स्मार्ट फोन गिफ्ट किया।सांसद ने छात्रा की सुप्रसिद्ध गायक आशा भोंसले से बात करवाने का वादा करते हुए उसे एक टेबलेट देने की बात कही।

दरअसल गुरुवार की देर शाम केंद्रीय मंत्री और सांसद स्मृति ईरानी दो दिवसीय दौरे पर अमेठी पहुँची।गौरीगंज के नवोदय विद्यालय में दिव्यांगजनो को कृत्रिम उपकरण वितरण के दौरान तिलोई के फूला गांव में स्थित जीवन पद्धति दिव्यांग विद्यालय की छात्रा लक्ष्मी ने देशभक्ति गीत ये मेरे वतन के लोगो गाना सुनाया।छात्रा के गाना सुनाते ही सांसद मंत्रमुग्ध होकर पूरे गाने को सुना।गाना समाप्त होने के बाद सांसद ने उसे नगद पुरस्कार देते एक स्मार्टफोन भी दिया।सांसद ने छात्रा की मांग पर सुप्रसिद्ध गायिका आशा भोंसले से बात करवाने की बात कही और जल्द ही उसे एक टेबलेट देने का वादा किया।

विद्यालय के प्रबंधक ने कहा

जीवन पद्धति दिव्यांग विद्यालय के प्रबंधक दिव्यांग चंद्रशेखर शुक्ला ने कहा कि उन्होंने विद्यालय की स्थापना 26 जनवरी 2003 को किया था।तब इसमें कई प्रदेशों के बच्चे पढ़ते जो धीरे धीरे कम होते गए।इस समय विद्यालय में 22 छात्र छात्राये पढ़ते है।अभी सांसद से बात हुई तो उन्होंने विद्यालय में सोलर लाइट,दो डीजी प्लेयर,लैपटॉप और प्रोजेक्टर देने का वादा किया है।

छात्रा ने कहा

दिव्यांग छात्रा लक्ष्मी कुमारी ने कहा कि वो पढ़ाई करने के साथ ही गीत संगीत सिखाती है।उसने एमए की परीक्षा 71 प्रतिशत से पास की है।सांसद ने आशा भोसले से भी बात करवाने का वादा किया है।

*बासी सकपहिता भात....ठंडी की स्पेशल डिश...तब का बच्चों का पिज़्ज़ा*

अमेठी।पूर्वी उत्तर प्रदेश में ठंडी के दिनों में खेतों में एक पौधा साग पाया जाता था। आलू ,मटर,गेहूं आदि के बीच यह स्वयं ही उग आता था। अवधी में इसे बथुई अथवा बथुआ कहते है। अब भी कहीं कहीं देखने मिल जाता है।

 बथुई के साथ उड़द की दाल बनाई जाती। जिसे सकपहिता कहा जाता। चूंकि शीत ऋतु में यह स्वयं उग आती । इसलिए यह उसी मौसम में बनाई जाती। मेथी से मिलती जुलती शकल है इसकी। इसको खाने का आंनद ही कुछ और था। मुझे लगता है इसकी तासीर गर्म ही होगी।

प्रकृति में स्वयं से उगने वाले पौधे या फल उस वातावरण के अनुकूल ही होते है। हम जो नैसर्गिक खेती करते है। वह भी इंसानों के अनुकूल ही होती है। ठंडी में आलू,गर्मी में गेहूं,बरसात में धान यहाँ तक की साग सब्जियां भी। तो मैं सकपहिता के बारे में बता रहा था। 

सकपहिता में बथुई के साथ जब उड़द को मिला कर पकाया जाता। तो दोनों के मिलन से जो खुशबू आती घर महक उठता। उड़द और बथुई के इस मिलन में हींग बहन बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती उनके बिना यह मिलना सम्भव ही न था।

यही समझो फ़िल्म " नदिया के पर ' की , अगर "गुंजा" बथुई थी तो, उड़द, "चंदन ", हींग, "भौजी "। इन तीनों व अन्य कुछ कलाकारों को मिलाकर जो सकपहिता बनता, तो उस ज़माने में भी करोड़ों का कारोबार न सही,पर करोड़ो को अपने स्वाद से मोह लेता।

थाली में जब इसे भोजन की प्रतीक रोटी, के भीतर समाकर खाने वाला, निवाला होठों के बीच से होते ,जैसे ही जीभ देखते इस पर तुरन्त टूट पड़ती। जीभ की ततपरता देखकर दांत भाई, जीभ बहन की मदद में आ जाते।

दोनों भाई बहन मिलकर इसे वही सज़ा देते,जो कभी अकबर ने अनारकली को दिया था, ठीक उसी तरह इसे पेट के भीतर भेज देते है।

बच्चें जब इसे सुबह ,अपनी अपनी थाली में ,भात के साथ मिलाकर अपने अपने बनाएं ईंट के चूल्हे पर जब सकपहिता भात की थाली को आग पर रखते।

कुछ गर्मी पाने के बाद यह छंन्न छंन्न की आवाज करता। एक विशेष प्रकार की खुशबू से घर महक उठता। 

सकपहिता का यह रुप और गंध जिसने देखा और चखा हो वह कम भाग्यशाली नही। कभी कभी आग की कुछ राख भी इस व्यंजन को सर्वोत्तम बनाने में सहायता करती। 

सकपहिता जैसा स्वाद और बासी सकपहिता की महक की कोई तुलना नही। दाल बहनों की तरह प्रयोग में लाया जाने वाला सकपहिता ठंडी के मौसम की सबसे बड़ी सौगात था.

पुरानी यादें बेटी ने बासी सकपाहिता गर्म करते फ़ोटो खींच ली. स्टील के बर्तन में वो बात कहाँ जो जस्ते के बर्तन में बासी सकपाहिता की थी.

*त्याग और सेवा भाव की मूर्ति थी पूर्व प्रधान राधा,प्रेरणा एवं गरीबों की सेवा के लिए राधा फाउंडेशन का हो रहा संचालन*

अमेठी। 1970 के दशक में जन्मी राधा श्रीवास्तव शुरू से ही सेवा भाव की प्रतिमूर्ति रही। पढ़ाई के बाद वैवाहिक एवं पारिवारिक जीवन में आने के बाद भी वह संस्कार संस्कृति और परिवार एवं समाज के लिए हमेशा चिंतनशील रही और समर्पित रही। समाज और परिवार के लिए जहां वह बढ़ चढ़कर हमेशा हिस्सा लेती रही वहीं अमेठी ब्लाक की ग्राम पंचायत लोहरता की ग्राम प्रधान रहकर उन्होंने लोगों की सेवा की। 

ग्राम पंचायत में उन्होंने जो विकास की आधारशिला रखी और विकास कार्य किए। वह आज भी लोगों के लिए पत्थर की लकीर बने हुए हैं। उनके सेवा भाव समर्पण को देखते हुए उनकी प्रेरणा से राधा फाउंडेशन की आधारशिला अरविंद श्रीवास्तव ने रखी। आज इस सेवा भाव को याद करते हुए उनकी पांचवीं पुण्यतिथि पर ग्राम पंचायत के लाल का पूर्व सोमपुर मनकठं में 9 जनवरी 2024 को उनके पैतृक आवास पर गरीबों को नेत्र एवं स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराए जाने की पहल की गई है। पुण्यतिथि पर मुंशीगंज स्थित संजय गांधी अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सक की टीम आयोजित कैंप में मौजूद रहकर लोगों का परीक्षण कर उनका उपचार करेगी।

 वहीं इसी शिविर में मुंशीगंज स्थित इंदिरा गांधी आई हॉस्पिटल के विशेषज्ञ चिकित्सक आंख संबंधी मरीजों का निशुल्क परीक्षण कर उनका उपचार करेंगे। कार्यक्रम को लेकर तैयारियां तेजी से की जा रही है। संस्था अध्यक्ष अरविंद श्रीवास्तव ने बताया कि नेत्र और स्वास्थ्य शिविर में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा मरीज का उपचार किया जाएगा। ज्यादा से ज्यादा लोगों की इस कैंप में सेवा की जा सके इस भावना के साथ कार्यकर्ता गांव-गांव प्रचार प्रसार में जुटे हैं। कार्यक्रम की तैयारी पूरी कर ली गई हैं।