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*अब कांग्रेस निकालेगी 'भारत न्याय यात्रा', इस बार मणिपुर से मुंबई तक चलेंगे राहुल गांधी*

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भारत जोड़ो यात्रा के बाद अब राहुल गांधी मणिपुर से मुंबई तक यात्रा करेंगे। यह यात्रा 6200 किलोमीटर की होगी, जो कुल 14 राज्यों से होकर गुजरेगी। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि 14 जनवरी से शुरू होगी जो 20 मार्च तक चलेगी।रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस के इस आयोजन में पार्टी आलाकमान के अलावा प्रदेश कांग्रेस के तमाम नेता भी शिरकत करेंगे।पिछले साल सितंबर से लेकर इस साल 14 जनवरी तक भारत जोड़ो यात्रा करने के बाद अब राहुल गांधी 'भारत न्याय यात्रा' पर निकलेंगे।

इस बार पूर्व से पश्चिम की ओर सफर करेंगे राहुल

'भारत न्याय यात्रा' लोगों को सामाजिक और आर्थिक न्याय दिलाने के लिए की जा रही है। भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत कन्याकुमारी से हुई थी, जो कश्मीर में जाकर खत्म हुई थी। राहुल ने इस यात्रा में दक्षिण से उत्तर का सफर किया था। वहीं, भारत न्याय यात्रा की शुरुआत पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर से होगी, जो पश्चिम में महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में जाकर खत्म होगी। इस तरह राहुल भारत न्याय यात्रा में पूर्व से पश्चिम की ओर सफर करने वाले हैं।

यात्रा 14 राज्यों के 85 जिलों से होकर गुजरेगी

भारत न्याय यात्रा बस से की जाएगी। बता दें कि राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा पैदल कवर की थी। भारत न्याय यात्रा 14 राज्यों के 85 जिलों से होकर गुजरेगी। मणिपुर, नागालैंड, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीगढ़, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र से भारत न्याय यात्रा गुजरने वाली है।

हाशिए पर पड़े लोगों से मुलाकात करेंगे राहुल गांधी

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत न्याय यात्रा को लेकर जानकारी दी। उन्होंने कहा,21 दिसंबर को कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने सर्वसम्मति से अपना मत रखा कि राहुल गांधी को पूर्व से पश्चिम की ओर एक यात्रा करनी चाहिए। राहुल गांधी भी सीडब्ल्यूसी की इस इच्छा को पूरा करने के लिए तैयार हो गए। उन्होंने कहा, इस यात्रा में राहुल गांधी युवाओं, महिलाओं और हाशिए पर पड़े लोगों से मुलाकात करने वाले हैं। बस यात्रा के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा जाएगा। यात्रा में कुछ छोटे हिस्से को रुक-रुक कर पैदल भी कवर किया जाएगा।

यात्रा को मणिपुर से शुरू करने का क्या है मकसद?

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि इस यात्रा को मणिपुर से शुरू करने का मकसद यह है कि मणिपुर देश का महत्वपूर्ण हिस्सा है। हम वहां के लोगों के घाव पर मरहम लगाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि यह कोई राजनीतिक यात्रा नहीं है। यह आम लोगों के लिए है जो पीड़ित हैं। हम आपको इस यात्रा के बारे में विस्तार से बताएंगे।

भारत जोड़ो यात्रा क्या थी?

राहुल गांधी ने सितंबर 2022 में भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत की थी, जो जनवरी 2023 में जाकर खत्म हुई। राहुल गांधी की यात्रा की शुरुआत 7 सितंबर को कन्याकुमारी से हुई। इस यात्रा के जरिए उन्होंने 4500 किलोमीटर से ज्यादा का सफर पैदल ही तय किया। इस यात्रा का मकसद भारत को एकजुट और देश को मजबूत करना था। कांग्रेस की इस यात्रा से उसका संगठन काफी मजबूत हुआ था। भारत जोड़ो यात्रा 30 जनवरी, 2023 को कश्मीर में जाकर खत्म हुई। भारत जोड़ो यात्रा के जरिए 12 राज्यों और 2 केंद्रशासित प्रदेशों के 75 जिलों को कवर किया गया था। ये यात्रा जिस-जिस राज्य से होकर गुजरी, उस-उस राज्य में कांग्रेस नेताओं ने इसमें हिस्सा लिया। कई प्रमुख हस्तियों को भी भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होते हुए देखा गया था।

दिल्ली में दूतावास के पास ब्लास्ट के बाद इजराइल ने जारी की एडवाइजरी, जानें क्या है पूरा मामला

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दिल्ली पुलिस समेत देश की सुरक्षा एजेंसियों में मंगलवार शाम को उस समय हड़कंप मच गया जब इजरायली एबेंसी के पास धमाके की सूचना मिली। नई दिल्ली स्थित इजराइली दूतावास के पास हुए विस्फोट की खबर के बाद इजराइली राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने भारत में अपने नागिरकों के लिए चेतावनी जारी की है। इजराइल ने हमले को संभावित आतंकी हमला माना है। इजराइल ने यहूदी और इजराइली नागरिकों के लिए एजवाइजरी जारी की गई है और उन्हें संभावित खतरे से बचने के लिए आगाह किया गया है।

इजराइल ने भारत में रह रहे अपने नागरिकों से कहा है कि वह सार्वजनिक और भीड़भाड़ वाली जगहों से जितना हो सके दूरी बनाएं। इसके अलावा इजरायली राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के अनुसार, इजरायली नागरिकों को पश्चिमी लोगों या यहूदियों और इजरायलियों की सेवा के रूप में पहचाने जाने वाले स्थानों पर जाने से बचने की चेतावनी दी गई है। उनसे सार्वजनिक जगहों जैसे रेस्तरां, होटल, पब में सतर्क रहने के लिए कहा गया है। इसके अलावा नागरिकों से अपने आने-जाने और किसी बड़े कार्यक्रम में शामिल होने की जानकारी सोशल मीडिया पर भी शेयर न करने की सलह दी गई है, साथ ही किसी तरह के इजरायली प्रतीकों को सार्वजनिक तरह से इस्तेमाल करने के लिए भी मना किया है।

वहीं, दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि दिल्ली पुलिस को सबसे पहले मंगलवार शाम करीब 5.45 बजे दूतावास के पीछे विस्फोट के बारे में सूचना मिली। सूचना इस्राइली एंबेसी के सुरक्षा गार्ड ने ही दी थी। उसने 100 मीटर दूर एक धमाके की आवाज सुनी थी। सूचना के बाद बाद दिल्ली पुलिस, जिला स्टाफ, स्पेशल सेल, दिल्ली फायर सर्विसेज और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी-कर्मचारी मौके पर पहुंच गए थे। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मौके से या आसपास से आग या विस्फोट का कोई संकेत नहीं है। बम खोजी कुत्ता दस्ते और बम निरोधक दस्ते भी मौके पर तैनात था।

बताया जा रहा है कि घटनास्थल से एक लेटर मिला है जिस पर इस्राइल के राजदूत को एड्रेस करके कुछ लिखा हुआ था। लेटर को फरेंसिक टीम अपने साथ लेकर गई है। फिंगर प्रिंट जानने के लिए लेटर फरेंसिक टीम को दिया गया है। लेटर पर एक झंडा भी बनाया हुआ था। आशंका जता रही है कि इतने हाई सिक्योरिटी जोन में संवेदनशील इस्राइली दूतावास के निकट ब्लास्ट को अंजाम देने से पहले जरूर साजिशकर्ताओं ने पहले से रेकी की होगी।

यह पहली बार नहीं है जब इस्राइली दूतावास को खतरे का अलार्म सुनाई दिया। इससे पहले साल 2021में इजरायली एंबेसी के पास एक कम तीव्रता का विस्फोट हुआ था। दिल्ली पुलिस की एक टीम को घटनास्थल पर इजरायली दूतावास के राजदूत को संबोधित एक पत्र भी मिला था। उस मामले की जांच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल से लेकर एनआईए को सौंप दी गई, जिसे अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। इससे पहले साल 2012 में भी इस्राइली दूतावास को टारगेट किया जा चुका है

सुबह-सुबह अखाड़े पहुंचे राहुल गांधी, कुश्ती संघ विवाद के बीच बजरंग पूनिया समेत कई पहलवानों से की मुलाकात

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पहलवानों और कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष व बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बीच लगातार खींचतान जारी है। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी बुधवार को सुबह-सुबह हरियाणा के झज्जर जिले में स्थित छारा गांव पहुंचे। यहां राहुल ने वीरेंद्र आर्य अखाड़ा जाकर बजरंग पूनिया समेत अन्य पहलवानों से मुलाकात की।बता दें कि छारा पहलवान दीपक पुनिया का गांव है।

राहुल ने ऐसे समय पर पहलवानों से मुलाकात की है, जब भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) को लेकर विवाद चल रहा है। केंद्रीय खेल मंत्रालय ने हाल ही में डब्ल्यूएफआई की नई संस्था को रद्द कर दिया। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह को भी सस्पेंड कर दिया गया। संजय सिंह को बीजेपी सांसद और डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का करीबी माना जाता है। बृजभूषण पर महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप है।

हाल ही संपन्न कुश्ती संघ के चुनाव में जब बृजभूषण के करीबी संजय सिंह को अध्यक्ष चुना गया तो विरोध में साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने का ऐलान कर दिया, जबकि बजरंग पुनिया ने अपना पद्म श्री, पीएम आवास के सामने फुटपाथ पर छोड़ दिया। इसके बाद सरकार ने फेडरेशन को ही सस्पेंड कर दिया। इस बीच विनेश फोगाट ने भी अपना अर्जुन आवार्ड और मेजर ध्याचंद खेल रत्न छोड़ने की घोषणा कर दी। 

इस बीच राहुल गांधी बुधवार सुबह-सुबह झज्जर जिले में पहुंचे। राहुल गांधी छारा गांव में वीरेंद्र आर्य अखाड़े पहुंचे। यहां उन्होंने बजरंग पूनिया समेत पहलवानों से बातचीत की। कुश्ती कोच वीरेंद्र आर्य ने कहा कि अखाड़े में सभी लोग अभ्यास कर रहे थे, तभी अचानक से सुबह-सुबह राहुल गांधी वहां पहुंच गए। उन्होंने बताया कि राहुल ने भी व्यायाम किया और खेल के बारे में बातचीत की।वीरेंद्र आर्य ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष को लेकर मचे बवाल पर कहा कि राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं होंगी लेकिन इस मुद्दे पर क्या किया जाएगा? उन्होंने कहा कि राहुल गांधी इस मुद्दे पर क्या कर सकते हैं। सिर्फ सरकार ही कुछ फैसला कर सकती है।

इससे पहले कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी पहलवान साक्षी मलिक के आवास पर पहुंची थी और उनसे बातचीत की थी। मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी ने कहा कि वो एक महिला के नाते यहां आई हैं। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति की मिमिक्री से प्रधानमंत्री जी आहत हो गए हैं, लेकिन देश का मान बढ़ाने वाली बेटी के यौन शोषण से आहत नहीं हुए। जो खिलाड़ी हमारा गौरव हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत से देश का झंडा ऊंचा किया। उनके साथ ये सरकार और कितना अत्याचार करेगी?

घने कोहरे में दिल्ली-एनसीआर की आंख मिचौली, विजिबिलिटी न के बराबर, उत्तर भारत के कई राज्यों में भी धुंआ-धुंआ

#dense_fog_in_delhi_ncr_up_rajasthan_punjab_haryana 

ठंड ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। इस साल ठंड थोड़ी देर से शुरू हुई है। अब साल के जाते जाते सर्दी सबको कांपने पर मजबूर कर रही है। दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में बुधवार को भी घना कोहरा पड़ रहा है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को लगातार दूसरे दिन कोहरे का कहर देखा गया।गुरुवार को और भी घना कोहरा होने की संभावना है। हरियाणा पंजाब से लेकर दिल्ली एनसीआर तक और उत्तर प्रदेश राजस्थान से लेकर बिहार झारखंड तक घना कोहरा छाया है। मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ में भी कोहरे के चलते दृश्यता खत्म हो गई है। इन सभी राज्यों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में एक से डेढ़ डिग्री तक की गिरावट हुई है।

घने कोहरे के चलते दृश्यता कम हो गई है, जिसके चलते लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कोहरे के कारण लोगों को सड़कों पर ड्राइव करने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। सड़कों पर सुबह-सुबह वाहनों को रेंगते हुए आगे बढ़ते देखा गया है। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर-पश्चिम भारत के राज्यों में अगले 2 से 3 दिनों घने से अति घना कोहरा छाए रहने का अनुमान है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार आज, 27 दिसंबर को सुबह 5 बजकर 20 मिनट पर पंजाब: अमृतसर- में 0 दृश्यता दर्ज की गई है। उत्तर प्रदेश में बरेली-25, लखनऊ-25, प्रयागराज-25 और वाराणसी-50, झांसी-200। वहीं मध्य प्रदेश के ग्वालियर-200; राजस्थान: गंगानगर-50; दिल्ली सफदरजंग-50; दिल्ली (पालम)- में 125 दर्ज किया गया है।

कोहरे के साथ-साथ सर्द हवाओं की वजह से पारा लुढ़क गया है। दिल्ली एनसीआर में पारा बुधवार की सुबह छह बजे 7.6 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि उत्तर प्रदेश के लखनऊ प्रयागराज में न्यूनतम तापमान 7 डिग्री से भी नीचे दर्ज किया गया। इसी प्रकार बिहार और झारखंड में भी तापमान 7 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया गया है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक अगले तीन दिनों में ठंड और बढ़ेगी। दरअसल पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी और उत्तर दिशा से चलने वाली सर्द हवाओं की वजह से अधिकतम तापमान में भी गिरावट आएगी। इससे रात के साथ दिन में भी ठंड का एहसास होगा। रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू कश्मीर से लेकर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड तक कई जगह हल्की बारिश और बर्फबारी हुई है।

पीएम मोदी के नाम एक और रिकॉर्ड, यूट्यूब चैनल पर हुए 2 करोड़ सब्सक्राइबर, ऐसा करने वाले दुनिया के पहले नेता बने

#pmmodibecomesfirstgloballeaderwith2croresubscribersin_youtube

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता किसी से छुपी नहीं है। चुनाव परिणाम में ही नहीं, किसी भी रैली या रोड शो में या विदेशी धरती पर स्वागत के दौरान गूंजने वाले मोदी-मोदी के नारे इसके प्रमाण है।पीएम मोदी की लोकप्रियता का प्रमाण दुनिया के सबसे बड़े वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब चैनल पर भी देखने को मिल रहा है। नरेंद्र मोदी यूट्यूब चैनल पर 2 करोड़ सब्सक्राइबर्स हो चुके हैं और इस मामले में वो विश्व के किसी अन्य नेता की तुलना में काफी आगे निकल गए हैं।

पीएम मोदी हमेशा से डिजिटल के पक्षधर रहे हैं। यही वजह है कि पीएम मोदी का नरेंद्र मोदी के नाम से यूट्यूब चैनल है। आज उनका यूट्यूब चैनल दुनिया के किसी भी दूसरे नेता के यूट्यूब चैनल से अधिक सब्सक्राइबर वाला चैनल बन गया है। पीएम मोदी के नरेंद्र मोदी चैनल पर 2 करोड़ से अधिक सब्सक्राइबर हो गए हैं। पीएम के चैनल की सबसे खास बात यह है कि उसपर अपलोड होने वाले वीडियो लोग काफी पसंद करते हैं। अक्सर वीडियो देखते-देखते मिलियन में व्यूज दे जाता है।

तीन सबसे पोपुलर वीडियोज, जिनके व्यूज 175 मिलियन

पीएम मोदी के यूट्यूब चैनल पर कुल 450 करोड़ व्यूज हैं। पिछले साल फरवरी में मोदी के चैनल के सब्सक्राइबर्स की संख्या ने 1 करोड़ के आंकड़े को पार किया था। पीएम मोदी के चैनल पर सबसे पोपुलर तीन वीडियोज हैं जिनके कुल व्यूज 175 मिलियन हैं।

पीएम के बाद दूसरे नंबर पर ये नेता

पीएम मोदी के बाद दुनिया के किसी नेता के यूट्यूब चैनल पर सबसे अधिक सब्सक्राइबर हैं तो वह नाम ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सनोरा का है। उनके चैनल पर 64 लाख से अधिक सब्सक्राइबर है। जो नरेंद्र मोदी यूट्यूब चैनल के एक तिहाई से थोड़ा कम है।

दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता

मॉर्निंग कंसल्ट जैसे कई वैश्विक सर्वेक्षणों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 75% से अधिक अप्रूवल रेटिंग के साथ सबसे लोकप्रिय वैश्विक नेता के रूप में दर्जा दिया है, जो उनके वैश्विक समकालीनों से कहीं ऊपर है। दूसरे नंबर पर मैक्सिको के प्रेसिडेंट ओब्राडोर हैं जिन्हें 66 प्रतिशत रेटिंग मिली। जबकि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन को 37 प्रतिशत अप्रूवल रेटिंग मिली। इसी तरह नरेंद्र मोदी यूट्यूब चैनल भी व्यूज और सब्सक्राइबर्स के मामले में अपने वैश्विक समकालीनों के यूट्यूब चैनलों से कहीं आगे निकल गया है।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर असमंजस में “इंडिया”, सीपीआई(एम) के इंनकार के बाद क्या होगा कांग्रेस का रूख?

#ramlalapranpratisthaandindiaalliance

अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कई लोगों को भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से प्राण प्रतिष्ठा समारोह में विपक्षी नेताओं को भी निमंत्रण भेजा गया है। इस कार्यक्रम में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी न्योता दिया गया है।पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा को भी राम मंदिर का न्योता भेजा गया है। इसके अलावा लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी भी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित किए गए हैं।

सीपीआई(एम) का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने से इंकार

विपक्ष को निमंत्रण भेजकर राम मंदिर ट्रस्ट ने इसको लेकर किसी भी प्रकार की राजनीति से बचने की कोशिश की है। हालांकि इसको लेकर सियासत तेज होती दिख रही है।दरअसल, विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' में शामिल एक पार्टी ने साफ तौर पर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने से इंकार कर दिया है। मंगलवार को सीपीआई(एम) ने बयान में कहा कि धर्म एक निजी पसंद है।सीपीआई(एम) ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट में पोस्ट साझा करते हुए कहा कि हमारी नीति धार्मिक मान्यताओं और प्रत्येक व्यक्ति के अपने विश्वास को आगे बढ़ाने के अधिकार का सम्मान करना है। धर्म एक निजी पसंद है, जिसे राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। पार्टी के नेता सीताराम येचुरी समारोह में शामिल नहीं होंगे। बता दें सीताराम येचुरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्धाटन समारोह में शामिल होने का आमंत्रण मिला है।

कांग्रेस ने साध रखी है चुप्पी

गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के न्योते पर चुप्पी साध रखी है। कहा जा रहा है कि राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मंगलवार को मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की और उन्हें प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण दिया। यह भी कहा जा रहा है कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से सोनिया गांधी को निमंत्रण दिया है। राम मंदिर कार्यक्रम में शामिल होने पर कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से अभी फैसला न लिए जाने की भी बात कही जा रही है।पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने निमंत्रण की पुष्टि की लेकिन संवाददाताओं से कहा कि आपको पार्टी के रुख के बारे में बताया जाएगा। आपको 22 जनवरी को पता चलेगा।

जेडीयू को समारोह में शामिल होने से नहीं है एतराज

गठबंधन को जोड़ने में अगुआ रही जेडीयू ने इस प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का फैसला किया है। पार्टी नेता केसी त्यागी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही राम मंदिर का निर्माण संभव हो पाया है। राम हम सबके हैं। राम किसी पार्टी के नहीं हैं। राम किसी खास कम्युनिटी के नहीं है। राम दुनिया के आदर्श हैं। ये सच है कि बीजेपी इसे राजनैतिक कार्यक्रम बनाने की कोशिश कर रही है। फिर भी निमंत्रण आएगा तो हम वहां जरूर पहुंचेंगे।

क्या है समाजवादी पार्टी का रूख?

इधर समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने हाल में कहा था कि अगर उन्हें ट्रस्ट की ओर से निमंत्रण मिलता है तो वे इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जरूर शामिल होंगे। हालांकि उनकी पार्टी के संभल से मुस्लिम सांसद शफीकुर्ररहमान बर्क के कड़वे बयान से उनका कार्यक्रम में शामिल हो पाना मुश्किल नजर आ रहा है। बर्क ने विवादित बयान देते हुए कहा, प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शिरकत करने का सवाल ही नहीं उठता। मंदिर का निर्माण इंसानियत, धर्म और कानून के खिलाफ है। उन्होंने पूरी ताकत से हमारी मस्जिद पर कब्ज़ा कर लिया, उसे शहीद कर दिया। ये इंसानियत के खिलाफ है।

22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा

बता दें कि 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होनी है।रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए कई बड़ी हस्तियों को निमंत्रण भेजा है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए अयोध्या में खास तैयारियां की जा रही है। इसके लिए अयोध्या में सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए जा रहे हैं।

एमवी केम प्लूटो जहाज पर ड्रोन अटैक को लेकर राजनाथ सिंह का बयान, बोले-हमलावरों को पाताल से भी खोज लाएंगे

#will_find_attackers_even_from_bottom_of_sea_rajnath_singh_warn_arabian_sea_drone_attackers 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत सरकार ने अरब सागर में ‘एमवी केम प्लूटो’ पर ड्रोन हमले और लाल सागर में ‘एमवी साईबाबा’ पर हमले की घटना को गंभीरता से लिया है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमलावर को पाताल से भी खोज निकाला जाएगा।यह हमला गुजरात के वेरावल से 200 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में किया गया था।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आजकल समंदर में हलचल बढ़ गयी है।अरब सागर में हुए ड्रोन हमले और कुछ समय पहले हुए एक और हमले को हमने गभीरता से लिया है. सिंह ने कहा कि जिसने इसे अंजाम दिया है, उसे हम आकाश-पाताल से खोज भी निकालेंगे. सिंह ने कहा कि शिप पर हमला करने वालो पर सख्त कार्यवाई की जाएगी।‘एमवी केम प्लूटो’ पर ड्रोन हमले और लाल सागर में ‘एमवी साईबाबा’ पर हमले के बाद पहली बार रक्षा मंत्री समंदर के खतरे पर इतना खुलकर बोले है। 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वाणिज्यिक पोतों पर हाल के हमलों के बाद भारत ने समुद्र में गश्त बढ़ा दी है। राजनाथ सिंह ने कहा कि हम वाणिज्यिक पोतों पर हुए हालिया हमलों के जिम्मेदार लोगों का हर हाल में पता लगाएंगे और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।वे स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक ‘आईएनएस इंफाल’ के भारतीय नौसेना में शामिल होने के कार्यक्रम के मौके पर बोल रहे थे। यह घातक युद्धपोत विस्तारित दूरी की सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल दागने की क्षमता से भी लैस है।

युद्धपोत INS इंफाल भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल, समंदर में भी “पानी” के लिए तरसेंगे देश के दुश्मन

#indian_navy_strength_ins_imphal

भारतीय नेवी की ताकत अब और बढ़ गई है। स्वदेश निर्मित स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक ‘आईएनएस इंफाल’ आज भारतीय नौसेना में शामिल हो गया।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में आज मंगलवार को इसे नौसेना में शामिल किया गयाष रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इम्फाल पहला वॉरशिप है, जिसका नाम उत्तर पूर्व के एक शहर के नाम पर रखा गया है।आईएनएस इंफाल नौसेना में कमीशन होने का कार्यक्रम मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में हुआ है।

आईएनएस इंफाल सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस है।आईएनएस इंफाल में ब्रह्मोस, बराक जैसे मिसाईल, राकेट लांचर और एसआरजीएम गन से लैस हैं।ब्रह्मोस मिसाइल 90 डिग्री घूमकर दुश्मनों पर हमला कर सकता है।

आईएनएस इंफाल ताकत और तकनीक में काफी आगे है। आईएनएस इंफाल भारतीय नौसेना का सबसे नया स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रायर है और अब ये नौसेना की पश्चिमी कमान का हिस्सा बन चुका है जिसकी ज़िम्मेदारी अरब सागर से लेकर मध्यपूर्व पर भारत के हितों की सुरक्षा करना है। आईएनएस इंफाल को टोटल एटमॉस्फिरिक कंट्रोल सिस्टम से लैस किया गया है और इसे न्यूक्लियर-केमिकल-बायोलॉजिकल वातावरण में काम करने के लिए तैयार किया गया है। यानि परमाणु हमला हो चुका हो, केमिकल हथियार इस्तेमाल हो चुके हों या बाहर का पूरा वातावरण बायो हथियारों से दूषित हो चुका हो आईएनएस इंफाल पर कोई असर नहीं पडता।

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि आईएनएस इंफाल से हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों के बीच भारत की समुद्री क्षमता मजबूत होगी। आईएनएस इंफाल पहला युद्धपोत है जिसका नाम उत्तर पूर्व के एक शहर के नाम पर रखा गया है। इसे राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता और समृद्धि के लिए क्षेत्र के महत्व के रूप में भी देखा जा रहा है।

...तो गाज़ा-फिलिस्तीन जैसा होगा कश्मीर का हाल, जानें फारूक अब्दुल्ला ने ऐसा क्यों कहा?

#farooq_abdullah_said_the_condition_of_kashmir_will_be_like_gaza

पुंछ में हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुखिया फारूक अब्दुल्ला का बड़ा बयान सामने आया है।जम्मू कश्मीर में आतंकवाद और इसको लेकर सेना की कार्रवाई पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि अगर समस्या का समाधान हुआ, तो हमारा भी हाल गाजा और फिलीस्तीन वाला होगा।इसके साथ ही फारूख अब्दुल्ला ने भारत-पाक वार्ता की वकालत की है।

समाचार एजेंसी एएएनआई के मुताबिक, नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि अगर भारत और पाकिस्तान बातचीत के जरिए विवादों को खत्म नहीं करते हैं, तो कश्मीर का भी गाजा और फिलिस्तीन जैसा ही हश्र होगा, जिन पर बमबारी की जा रही है।साथ उन्होंने केंद्र सरकार भी निशाना साधा और सवाल उठाया है कि पाकिस्तान से वार्ता क्यों नहीं की जा रही है? पत्रकारों से बात करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि वॉर इज़ नॉट ऑप्शन, यानी युद्ध विकल्प नहीं है। अब बातचीत से मसले हल करने हैं।

अटल बिहारी वाजपेयी के बयान को दोहराया

फारूक अब्दुल्ला ने कहा, देखिए मैंने हर बार यह कहा है। वाजपेयी जी ने तो कहा था कि दोस्त बदले जा सकते हैं, पड़ोसी नहीं बदले जा सकते हैं। अगर पड़ोसियों के साथ दोस्ती में रहेंगे तो दोनों तरक्की करेंगे। अगर दुश्मनी में रहेंगे तो हम आगे नहीं बढ़ सकते हैं।

क्या वजह है कि हम बातचीत के लिए तैयार नहीं-अब्दुल्ला

फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि पाकिस्तान में एक बार फिर नवाज शरीफ प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं, उधर से बार-बार बातचीत के लिए कहा जा रहा है।क्या वजह है कि हम बातचीत के लिए तैयार नहीं है। अगर बातचीत से इसे हमने नहीं सुलझाया तो मैं माफी चाहता हूं कहने के लिए कि हमारा भी वही हाल होगा जो आज गाजा और फिलिस्तीन का हो रहा है, जिन पर आज इजरायल की तरफ से बमबारी की जा रही है।

चुनावी मोड में आई बीजेपी, मिशन 2024 के लिए बनाया मेगाप्लान

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देश में लोकसभा चुनाव के लिए सियासी बिसात बिछने लगी है।विपक्षी इंडिया गठबंधन में शामिल घटक दल अभी मतभेद सुलझाने की कोशिश में जुटे हैं तो वहीं भारतीय जनता पार्टी भी चुनावी मोड में आ गई है।बीजेपी ने इस बार के लोकसभा चुनाव के लिए 350+ का टारगेट रखा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 303 का करिश्माई आंकड़ा छू लिया था। इस बार इन सीटों से अधिक सीटों को जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने बड़ा लक्ष्य तय किया है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी लगातार बड़ी और कई प्लानिंग भी कर रही है।

क्लस्टर में बांटे जाएंगे लोकसभा क्षेत्र

पार्टी ने फैसला किया कि हर लोकसभा क्षेत्र के लिए एक लोकसभा प्रभारी और लोकसभा संयोजक बनाया जायेगा। इसके अलावा पार्टी पिछले तीन चुनावों का बूथ स्तर पर विश्लेषण करेगी और हर राज्य में 3-4 लोकसभा सीट मिला कर एक क्लस्टर बनाया जायेगा। साथ ही इनके अलग से क्लस्टर प्रभारी भी बनाए जाएंगे। इन फैसलों में सबसे बड़ी बात यह है कि जो भी लोकसभा संयोजक बनेगा, वह चुनाव नहीं लड़ेगा। जिला और प्रदेश स्तर पर ज्वॉइनिंग टीम का गठन किया जाएगा। इसके अलावा जिन राज्यों में केवल 4 या 5 लोकसभा सीट हैं, वहां क्लस्टर नहीं बनाये जायेंगे। क्लस्टर प्रवास के तहत पार्टी अध्यक्ष, गृहमंत्री, रक्षा मंत्री मीटिंग लेंगे। लोकसभाओं में प्रवास और मीटिंग के लिए वरिष्ठ नेताओं की मीटिंग होगी। विधानसभाओं में प्रवास के लिए राज्यों के नेताओं की ड्यूटी लगाई जायेगी। लोकसभा चुनाव कार्यालय 30 जनवरी से पहले शुरू कर दिए जायेंगे।

ग्रामीणों से जुड़ने के लिए बीजेपी का ‘रूरल’ प्लान

आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी ने ‘रूरल’ प्लान भी बनाया है। इस प्लान के तहत बीजेपी 7 लाख गांवों को जोड़ेगी। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोमवार को सभी प्रदेशों के अध्यक्षों को चिट्ठी भेजकर इसकी तैयारी में जुटने के निर्देश दिए है।नड्डा ने सभी राज्यों के बीजेपी इकाइयों को अगले एक महीने तक का टास्क दिए हैं।इसके तहत प्रत्येक गांव के लिए एक कार्यकर्ता जोड़े जाएंगे। वहीं बड़े गांवों में एक से अधिक कार्यकर्ताओं को जोड़ने के निर्देश दिए गए हैं।मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों सहित सभी वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को एक गांव में जोड़ने का निर्देश दिया गया है। जनवरी-फरवरी में एक मेगा ड्राइव ‘गांव गांव चलो अभियान’ चलाने के निर्देश दिए गए हैं।