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बड़ी छंटनी, Paytm ने 1000 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, बताया ये कारण

 डिजिटल भुगतान फर्म पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड ने लागत में कटौती के उपाय के तहत विभिन्न डिवीजनों में कम से कम 1,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। छंटनी की पुष्टि करते हुए, पेटीएम के प्रवक्ता ने कहा कि कटौती ने मुख्य रूप से संचालन और विपणन टीमों को प्रभावित किया और अक्टूबर में शुरू किया गया था। कंपनी का लक्ष्य दोहराए जाने वाले कार्यों और भूमिकाओं को स्वचालित करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के एकीकरण के माध्यम से अपने संचालन को सुव्यवस्थित करना है।

पेटीएम के प्रवक्ता ने बताया, "हम दक्षता बढ़ाने के लिए एआई-पावर्ड ऑटोमेशन के साथ अपने परिचालन को बदल रहे हैं, विकास और लागतों में दक्षता बढ़ाने के लिए दोहराए जाने वाले कार्यों और भूमिकाओं को खत्म कर रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप संचालन और विपणन में हमारे कार्यबल में थोड़ी कमी आएगी।" एआई कार्यान्वयन से प्रारंभिक अपेक्षाओं को पार करते हुए, कर्मचारी लागत में 10-15% की बचत होने की उम्मीद है। छंटनी के बावजूद, पेटीएम ने आगामी वर्ष में अपने मुख्य भुगतान व्यवसाय में अपने कर्मचारियों की संख्या 15,000 तक बढ़ाने की योजना बनाई है। कंपनी भारत के लिए निरंतर नवाचार के लिए प्रतिबद्ध रहते हुए भुगतान मंच और एक लाभदायक व्यवसाय मॉडल में अपनी प्रमुख स्थिति पर जोर देती है। पेटीएम का लक्ष्य बीमा और धन जैसे व्यावसायिक क्षेत्रों में विस्तार करना है।

पेटीएम में छंटनी नए जमाने की कंपनियों में कार्यों को अनुकूलित करने और लागत कम करने के लिए एआई-संचालित प्रौद्योगिकियों को अपनाने की व्यापक प्रवृत्ति को दर्शाती है। इसी तरह के उपाय वित्तीय उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों में देखे गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप नौकरियां चली गईं। अभी खरीदें, बाद में भुगतान करें (बीएनपीएल) की पेशकश, पेटीएम पोस्टपेड के तहत छोटे-टिकट ऋणों को कम करने के पेटीएम के हालिया फैसले ने भी इसके शेयर की कीमतों को प्रभावित किया है, जिससे कई ब्रोकरेज द्वारा नकारात्मक मूल्यांकन के बाद 20% की गिरावट आई है।

देश के विकास में मार्गदर्शक का काम करते हैं ईसा मसीह के सन्देश..', पीएम मोदी ने अपने आवास में ईसाई समुदाय के साथ मनाया क्रिसमस

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सोमवार (25 दिसंबर) को अपने आवास पर क्रिसमस कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने ईसा मसीह के जीवन संदेश और दया और सेवा के मूल्यों की सराहना की. पीएम मोदी ने कहा कि ईसा मसीह ने "सभी के लिए न्याय के साथ एक समावेशी समाज बनाने" की दिशा में काम किया, इस बात पर जोर दिया कि ये सिद्धांत देश के विकास के लिए मार्गदर्शक के रूप में काम करते हैं।

पीएम मोदी ने ईसाई समुदाय के लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि, "क्रिसमस वह दिन है जब हम ईसा मसीह के जन्म का जश्न मनाते हैं। यह उनके जीवन के संदेश और मूल्यों को याद करने का भी एक अवसर है। उन्होंने दया और सेवा के आदर्शों को जिया था। उन्होंने एक समावेशी समाज बनाने पर काम किया, जिसमें सभी के लिए न्याय हो। ये आदर्श हमारे देश की विकास यात्रा के लिए मार्गदर्शक के रूप में काम करते हैं.'' पीएम मोदी क्रिसमस पर अपने आवास पर समुदाय के सदस्यों के साथ बातचीत कर रहे थे, इस दौरान प्रधानमंत्री ने ईसाइयों के साथ अपने "पुराने, घनिष्ठ और मधुर संबंधों" को याद किया, गरीबों और वंचितों की सेवा के लिए उनके निरंतर समर्पण को स्वीकार किया।

पीएम मोदी ने पोप के साथ अपनी मुलाकात को एक "यादगार क्षण" के रूप में याद किया, जहां सामाजिक सद्भाव, वैश्विक भाईचारा, जलवायु परिवर्तन और दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के उद्देश्य से समावेशी विकास जैसे विषयों पर चर्चा हुई। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के बाद से ईसाई समुदाय के साथ अपने स्थायी बंधन पर प्रकाश डालते हुए, पीएम मोदी ने स्वतंत्रता संग्राम में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका और "गरीबों और वंचितों की सेवा" के लिए उनके निरंतर समर्पण की प्रशंसा की। उन्होंने पुष्टि की, "भारत गर्व से देश के लिए आपके योगदान को स्वीकार करता है।"

सनातन को मानने वाले लोगों को पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण नहीं करना चाहिए', क्रिसमस डे को लेकर बोले पंडित धीरेंद्र शास्त्री

 बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने क्रिसमस को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होने लोगों से अपील की कि क्रिसमस डे का जश्न पाश्चात्य संस्कृति का प्रतीक है तथा सनातन को मानने वाले लोगों को पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण नहीं करना चाहिए। धीरेंद्र शास्त्री ने लोगों से अपील की कि वह अपने बच्चों को सांता क्लॉस की जगह हनुमानजी की पूजा के लिए प्रेरित करें।

मीडिया से चर्चा करते हुए बाबा बागेश्वर ने कहा, 'यह क्रिसमस सनातनी संस्कृति के अनुरूप नहीं है। अभिभावकों को अपने बच्चों को सांता क्लॉस के पास ना भेजकर आसपास के मंदिरों में हनुमानजी के पास भेजना चाहिए। आज मातृ-पितृ पूजन, तुलसी पूजन दिवस भी है। मातृ-पितृ पूजन कराया जाए, तुलसी पूजन कराया जाए। सांता क्लॉस आएगा गिफ्ट लाएगा... ये क्या हम पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण कर रहे हैं? भारतीय एवं सनातनियों को इस पर विचार करना चाहिए तथा पाश्चात्य संस्कृति का बहिष्कार करना चाहिए। अभिभावकों को अपने बच्चों को हनुमानजी, मीराबाई एवं स्वामी विवेकानंद के आदर्शों की तरफ प्रेरित करना चाहिए, ना कि पाश्चात्य संस्कृति की तरफ।' 

बता दे कि धीरेंद्र शास्त्री का पूरा नाम धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री है। वह मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले स्थित बागेश्वर धाम सरकार मंदिर के मुख्य पुजारी हैं, जो बागेश्वर धाम महाराज के नाम से मशहूर हैं। वह सभाओं में धार्मिक कथाएं सुनाते हैं। धीरेंद्र का जन्म 4 जुलाई 1996 को छतरपुर जिले के ही गढ़ा गांव में हुआ था। वह सामान्य निर्धन परिवार से आते हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा सरकारी स्कूल से हुई है।

इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर क्या है कांग्रेस का प्लान? जयराम रमेश ने बताया पार्टी का क्या होगा फॉर्मूला

#congressreadyforseatsharingwithindialliancesaidjairamramesh

विपक्षी दलों के गठबंधन “इंडिया” की चौथी बैठक 19 दिसंबर को नई दिल्ली में हुई। मीटिंग में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद के दावेदार के रूप में पेश किया गया तो वहीं, 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग भी चर्चा का बड़ा विषय रहा।हालांकि, सीट शेयरिंग को लेकर इंडिया गठबंधन में अभी तक कोई एकमत नहीं बन पाया है। हां, बैठक में ये बात निकलकर सामने आई कि जनवरी के पहले हफ्ते तक सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय कर लिया जाएगा। इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर बड़ा बयान दिया है।

जयराम रमेश ने सीट शेयरिंग के मुद्दे पर कांग्रेस का रुख साफ कर दिया है। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, सीट शेयरिंग में बातचीत होगी। जो कुछ करना होगा, हम करेंगे। अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग परिस्थितियां हैं, उन्हें मद्देनजर रखते हुए सीट शेयरिंग की बात चल रही है। कांग्रेस नेता ने कहा कि हम खुले मन और बंद मुंह से ही हम सीट शेयरिंग पर बात आगे बढ़ाएंगे।उन्होंने कहा, कांग्रेस चाहती है कि इंडिया गठबंधन एकजुट और मजबूत। कांग्रेस जीत के लिए हर संभव कोशिश करेगी।

'हैं तैयार हम' रैली से चुनाव का होगा शंखनाद

जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस पार्टी विपक्षी गठबंधन को एकजुट और मजबूत करने पर काम कर रही है। कांग्रेस नेता ने कहा कि 28 दिसंबर को नागपुर में 'हैं तैयार हम' नाम से एक मेगा रैली होगी। रैली के दौरान कांग्रेस लोकसभा चुनाव 2024 का शंखनाद करेगी।

प्रियंका गांधी की भूमिका पर कही ये बात

जयराम रमेश ने 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रियंका गांधी की भूमिका पर भी बातें की। उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी एआईसीसी की महासचिव हैं और हमारी पार्टी में उनकी प्रमुख भूमिका रही है।कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को यूपी कांग्रेस में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के प्रभारी पद से मुक्त किए जाने पर कांग्रेस पार्टी के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, राजस्थान और मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान प्रियंका की भूमिका अहम रही है। उन्हें पूरा यकीन है कि आने वाले समय में भी उनकी यही भूमिका होगी।

मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार, कैलाश विजयवर्गीय समेत 28 मंत्रियों ने ली शपथ

#mpcabinetformation

मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है। आज सोमवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में नए मंत्रिमंडल में 28 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। 18 विधायकों कैबिनेट मंत्री, 6 नेताओं को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 4 विधायकों को राज्य मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई।13 दिसंबर को मोहन यादव के मुख्यमंत्री पद की शपथ लिए जाने के 12 दिन बाद अब जाकर कैबिनेट का विस्तार किया गया है। कैबिनेट विस्तार के लिए नए मुख्यमंत्री मोहन यादव को काफी मशक्कत करनी पड़ी है। शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री मोहन ने 3 बार दिल्ली का दौरा किया। तब जाकर आज मंत्रिमंडल का विस्तार संभव हो सकता है।

यादव सरकार में 28 विधायकों के मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय, प्रह्लाद पटेल और राकेश सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है और इन्होंने सबसे पहले शपथ ग्रहण किया।प्रदेश की सियासत के इन 3 बड़े नेताओं के अलावा विश्वास सारंग, प्रद्युमन सिंह तोमर, विजय शाह, संपतिया उईके ने भी मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। इनके अलावा कुंवर विजय शाह, तुलसी राम सिलावट और निर्मला भूरिया ने भी मंत्री के रूप में शपथ ली।

कैबिनेट मंत्री

1. प्रहलाद सिंह पटेल

2. कैलाश विजयवर्गीय

3. तुलसी सिलावट

4. उदय प्रताप सिंह

5. विजय शाह 

6. राकेश सिंह

7. प्रदुम्न सिंह तोमर

8. एदल सिंह कसाना

9. नारायण सिंह कुशवाहा

10. संपतिया उईके

11. करण सिंह वर्मा 

12. निर्मला भूरिया

13. विश्वास सारंग

14. गोविंद सिंह राजपूत

15. इंदर सिंह परमार

16. नागर सिंह चौहान

17. चैतन्य कश्यप

18. राकेश शुक्ला 

राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)

1. कृष्णा गौर

2. धर्मेंद्र लोधी 

3. दिलीप जायसवाल 

4. गौतम टेटवाल

5. लखन पटेल 

6. नारायण पवार 

राज्यमंत्री

1. राधा सिंह

2. प्रतिमा बागरी

3. दिलीप अहिरवार

4. नरेन्द्र शिवाजी पटेल

मंत्रिमंडल पर बोले शिवराज

मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल गठन पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का भी बयान सामने आया है। शिवराज ने कहा कि मध्यप्रदेश का सौभाग्य है कि अटल जी की जयंती पर नई सरकार आकार ले रही है। मंत्रिमंडल में अनुभव की भट्टी में पके वरिष्ठ राजनेता और युवा जोश शामिल हैं। मंत्रिमंडल पूरी तरह संतुलित और क्षेत्रिय आवश्यकताओं को भी ध्यान में रखा गया है। पीएम मोदी जी के मार्गदर्शन और सीएम मोहन यादव जी की अगुवाई में प्रदेश को सुशासन देगी नई सरकार। प्रदेश के विकास और जनता के कल्याण में कोई कसर नहीं छोड़ेगी सरकार। मुझे विश्वास है कि, संकल्प पत्र के वचनों को पूरा करेगी नई सरकार। सभी मंत्री मित्रों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं। नया मंत्री मंडल पूरी निष्ठा के साथ जनता की सेवा का नया इतिहास रचेगा।

कोरोना के नए वैरिएंट का बढ़ता जा रहा खतरा, डब्ल्यूएचओ ने कहा सचेत रहने की जरूरत

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कोरोना संक्रमण बेहद खतरनाक होता जा रहा है। नए साल के ठीक पहले दुनिया में केरोना के नए वेरिएंट ने फिर एंट्री मारी है और तेजी से उसका संक्रमण फैलता भी जा रहा है। भारत में कोरोना के नए वैरिएंट जेएन.1 के मरीजों की संख्या बढ़कर 63 हो गई है। गोवा में सबसे ज्यादा मरीज नए वैरिएंट जेएन.1 से संक्रमित पाए गए हैं। गोवा में नए वैरिएंस से संक्रमित मरीजों की संख्या 34 है। वहीं महाराष्ट्र में छह, कर्नाटक में आठ, केरल में छह, तमिलनाडु में चार और तेलंगाना में दो लोग नए कोरोना वैरिएंट से संक्रमित पाए गए हैं। वहीं, बीते 24 घंटे में देशभर में एक्टिव कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 4054 तक पहुंच गया है। एक दिन पहले एक्टिव मामले 3742 रिपोर्ट किए गए थे। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि बीते 24 घंटे में केवल एक मरीज की मौत हुई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, नया वैरिएंट तेजी से फैल रहा है, लेकिन इससे मरीज गंभीर रूप से बीमार नहीं हो रहे हैं। बीते 24 घंटे में 315 मरीजों का कोरोना संक्रमण ठीक हो चुका है। इसी के साथ देशभर में अब तक 4.44 करोड़ से अधिक कोरोना संक्रमित संक्रमण मुक्त हो चुके हैं।

कोविड-19 के नए वेरिएंट जेएन.1 को लेकर,एम्स के पूर्व डायरेक्टर और वरिष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि हमें एक वैक्सीन की जरूरत है जो कोरोना वायरस के व्यापक प्रकार को कवर करे। हमारे पास कई संभावनाएं हैं। जेएन.1 है ओमीक्रॉन का सब वेरिएंट है। इसलिए ओमीक्रॉन के खिलाफ बनाया गया टीका इस नए वेरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी होगा। हालांकि इस विषय पर विस्तार से कुछ कहने के लिए अधिक डेटा की जरूरत होगी। जैसे- देश की आबादी यानी लोगों में इम्यूनिटी का वर्तमान स्तर कैसा है? और पिछले वैक्सीनेशन के आधार पर हमें कितनी सुरक्षा मिली है? विस्तृत डाटा के आधार पर ही ये तय हो सकता है कि क्या हमें एक नई वैक्सीन की आवश्यकता है, क्योंकि कोरोना के वेरिएंट तो आगे भी बदलते रहेंगे।

कोरोना वायरस के बढ़ते मामले को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ ) ने दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के देशों निगरानी को बढ़ाने की अपील की है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि लोगों को श्वसन संबंधी बीमारियों के मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर सुरक्षात्मक उपाय करें, जिसमें कोविड 19 और इसके नए उप-रोग वैरिएंट जेएन.1, और इन्फ्लूएंजा शामिल हैं। डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि कोविड-19 वायरस वैश्विक स्तर पर सभी देशों में विकसित, परिवर्तित और प्रसारित होता रहता है, जबकि वर्तमान साक्ष्य से पता चलता है कि जेएन.1 से सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम कम है।

फ्रांस में फंसे भारतीयों यात्रियों को बड़ी राहत, मानव तस्करी के शक में रोके गए थे 303 पैसेंजर, विमान को उड़ान भरने की मिली इजाजत

#plane_stopped_in_france_cleared_to_take_off

फ्रांस में रोके गए भारतीयों यात्रियों से भरे विमान को उड़ान की इजाजत मिल गई है। मानव तस्करी के शक में पेरिस के पास इस विमान को फ्रांस के अफसरों ने रोक लिया था। लंबी पूछताछ के बाद एक फ्रांसीसी अदालत ने रविवार को कहा कि विमान अब आगे की उड़ान के लिए स्वतंत्र है।जिसके बाद फंसा विमान आज मुंबई एयरपोर्ट पर लैंड करेगा। बता दें कि इस विमान में 300 से ज्यादा यात्री सवार हैं और उनमें अधिकतर भारतीय मूल के लोग शामिल हैं।

बता दें कि रोमानिया की लीजेंड एयरलाइंस के ए340 विमान ने दुबई से निकारागुआ के लिए उड़ान भरी थी। यह विमान तकनीकी खराबी के चलते फ्रांस के वेट्री एयरपोर्ट पर उतरा था। इसी दौरान फ्रांस की सरकार को सूचना मिली कि इस विमान से मानव तस्करी की जा रही है, जिसके बाद फ्रांस ने इस विमान को रोक लिया था। विमान को रोके जाने के बाद फ्रांस के अधिकारियों ने वेट्री एयरपोर्ट पर एक बड़े हॉल में सभी यात्रियों को रोक लिया। पुलिस और दूसरे अधिकारियों ने कई यात्रियों और क्रू के सदस्यों से लंबी पूछताछ की। चालक दल के सभी सदस्यों को पूछताछ के बाद रविवार को उन्हें उड़ान भरने की अनुमति दे दी गई।

विमान रोके जाने की सूचना मिलने के बाद एयरलाइंस की ओर से वकील मौके पर पहुंच गए थे। कंपनी की वकील लिलियाना बाकायोको ने तस्करी में किसी तरह की संलिप्तता को बेबुनियाद कहा है। वहीं भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने भी मौके पर पहुंचकर हालात की जानकारी ली। फ्रांस स्थित भारतीय दूतावास ने बताया कि भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उसके कर्मचारी हवाई अड्डे पर मौजूद रहे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह विमान कुछ ही देर बाद मुंबई एयरपोर्ट पर लैंड कर सकता है।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बुलावे पर मल्लिकार्जुन खरगे का जवाब, चिट्ठी लिखकर कहा- मैं आपसे अभी नहीं मिल पाऊंगा

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संसद केशीतकालीन सत्र के दौरान सदन ने 146 विपक्षी सांसद निलंबित कर दिए गए थे। इसके बाद उन्होंने सदन के बाहर रोज विरोध प्रदर्शन किया। यह सिलसिला सदन के अनिश्चितकालीन समय तक के लिए स्थगित होने तक चला। सदन गुरुवार 21 दिसंबर को स्थगित हो गई थी। इसके बाद उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने आज यानी 25 दिसंबर को कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे को संसद में व्यवधान और विपक्षी सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर बातचीत के लिए अपने आवास पर आमंत्रित किया था, मगर मल्लिकार्जुन खरगे आज नहीं मिल पाए।कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सभापति के पत्र का जवाब दिया और खत लिखकर मुलाकात न करने की वजह बताई है।

उपराष्ट्रपति की ओर से तमाम मसलों पर चर्चा के लिए बुलाए जाने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने जवाब दिया है। मल्लिकार्जुन खरगे ने जवाबी खत में कहा कि वह आज मुलाकात नहीं कर पाएंगे, क्योंकि वह अभी दिल्ली से बाहर हैं और दिल्ली वापस आते ही वह उनसे मुलाकात करेंगे।उन्होंने कहा कि यह मेरा विशेषाधिकार होगा और वास्तव में मेरी ड्यूटी होगी कि मैं दिल्ली वापस आते ही आपके सुविधानुसार जल्द से जल्द मिलूं। खरगे ने शीतकालीन सत्र के बाद धनखड़ के सुझाव पर भी सहमति व्यक्त की है। उनका कहना है कि इसका उत्तर खुद को संविधान, संसद, संसदीय प्रथाओं और लोकतंत्र में सहज विश्वास के प्रति सच्चा रखने में निहित है, जबकि एक सत्तावादी सरकार संसद को खत्म करने पर आमादा है।

मल्लिकार्जुन खरगे ने उपराष्ट्रपति और उच्च सदन के सभापति जगदीप धनखड़ के पत्र के जवाब में लिखा और कहा कि लोकसभा और राज्यसभा दोनों से सांसदों का सामूहिक निलंबन ‘सरकार द्वारा पूर्व निर्धारित और पूर्व नियोजित लगता है।मल्लिकार्जुन खरगे ने आगे कहा कि सभापति सदन का संरक्षक होता है और उसे सदन की गरिमा बनाए रखने, संसदीय विशेषाधिकारों की रक्षा करने और संसद में बहस, चर्चा और उत्तर के माध्यम से अपनी सरकार को जवाबदेह रखने के लोगों के अधिकार की रक्षा करने में सबसे आगे रहना चाहिए। यह दुखद होगा, जब इतिहास बिना बहस के पारित किए गए विधेयकों और सरकार से जवाबदेही की मांग न करने के लिए पीठासीन अधिकारियों को कठोरता से आंकेगा।

इससे पहले राज्यसभा सभापति ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा था कि उन्होंने सदन के चैंबर में बातचीत के लिए प्रस्ताव दिया था, जिसे अस्वीकार किया गया. उपराष्ट्रपति का कहना था कि इससे उन्हें दुख पहुंचा है। वहीं, उन्होंने खरगे को पत्र लिखकर शीतकालीन सत्र के दौरान सांसदों के निलंबन को लेकर चर्चा करने का सुझाव दिया था। इसके लिए 25 दिसंबर की तारीख तय की गई।

बता दें कि इस बार संसद का शीतकालीन सत्र बेहद हंगामेदार रहा है। 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक देखने को मिली, जहां लोकसभा में विजिटर गैलरी से दो लोगों ने कूदकर स्मोक बम का इस्तेमाल किया। सुरक्षा में हुई लापरवाही को लेकर विपक्ष ने सरकार पर सवाल खड़े किए। उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के जवाब की मांग की। विपक्ष लगातार हंगामा करता रहा, जिसके चलते सदन की कार्यवाही में व्यवधान खड़ा हुआ। राज्यसभा और लोकसभा में व्यवधान पैदा करने की वजह से विपक्ष के 146 सांसदों को निलंबित कर दिया गया, जिसमें लोकसभा के 100 सांसद और राज्यसभा के 46 सांसद शामिल थे।

कुमारी शैलजा को दी गई उत्तराखंड कांग्रेस की कमान, देवेन्द्र यादव की विदाई के बाद लोस चुनाव में होगी पहली परीक्षा


कांग्रेस हाईकमान ने कई राज्यों के प्रभारी बदल दिए। बदलाव के इस झोंके में उत्तराखंड कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव की भी विदाई हो गई। उनकी जगह प्रभारी की जिम्मेदारी पूर्व केंद्रीय मंत्री रहीं कुमारी शैलजा को दी गई। शैलजा वर्ष 2017 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में बतौर स्क्रीनिंग कमेटी में शामिल रहीं। उत्तराखंड कांग्रेस में प्रभारी रहते देवेंद्र यादव क्षत्रपों की जिस गुटबाजी पर लगाम लगाने में नाकाम रहे, शैलजा के सामने सबको एकजुट करना पहली चुनौती होगा।

वर्ष 2024 के आम चुनाव से पहले किए गए इस महत्वपूर्ण बदलाव के उत्तराखंड कांग्रेस के लिए खास मायने हैं। वैसे तो कहा जा रहा है कि उत्तराखंड में प्रभारी की कमान संभाल रहे देवेंद यादव को प्रमोशन देकर बड़े राज्य पंजाब भेजा गया है, लेकिन जिस तरह से उनके पूरे कार्यकाल में उत्तराखंड कांग्रेस खेमों में बंटी नजर आई और वह क्षत्रपों को साथ लाने में नाकाम रहे, उनकी विदाई को इससे भी जोड़कर देखा जा रहा है।

देवेंद्र के कार्यकाल में विस चुनाव में कांग्रेस 11 से 19 सीटों पर जरूर पहुंची, लेकिन हवा का रुख कांग्रेस की ओर होने के बावजूद वह जीत के जादुई आंकड़े तक पार्टी को नहीं पहुंचा पाए। विस चुनाव की हार के बाद चंपावत और बागेश्वर उपचुनाव में भी वह कोई करिश्मा नहीं दिखा पाए। प्रभारी होने के बावजूद वह कई अहम मौकों पर उत्तराखंड से दूर ही रहे। प्रभार वाले राज्य में उनकी अनदेखी को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच अकसर सवाल उठते रहे हैं।

पार्टी के कार्यकर्ताओं सहित कई बड़े नेताओं ने बतौर प्रभारी देवेंद्र यादव के कामकाज के तरीकों पर सवाल उठाए। विस चुनाव की हार के बाद खुले तौर पर उनका इस्तीफा तक मांगा गया। अब शैलजा को जिम्मेदारी दी गई है। शैलजा को गांधी परिवार का नजदीकी माना जाता है। वह एक सुलझी हुई नेता हैं और युवाओं को राजनीति में तरजीह देती हैं। उत्तराखंड कांग्रेस में गुटबाजी को तोड़कर दिग्गजों को एक मंच पर लाना उनके लिए भी चुनौती रहेगा। इसके बाद लोस चुनाव सिर पर खड़ा है। जहां उनकी पहली परीक्षा होगी।

यूपीए सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं शैलजा

कुमारी शैलजा अंबाला और सिरसा से सांसद रह चुकी हैं। यूपीए सरकार में वह सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं। वर्तमान में शैलजा एआईसीसी में राष्ट्रीय महासचिव के पद पर हैं। शैलजा कांग्रेस के बड़े नेता रहे चौधरी दलवीर सिंह की बेटी हैं। सिंह भी हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष और केंद्र में कई बार मंत्री रहे हैं। पिता की विरासत को संभालने वाली शैलजा कांग्रेस में तमाम महत्वपूर्ण पदों पर रही हैं।

उत्तराखंड कांग्रेस के नेताओं ने दी बधाई

कुमारी शैलजा के प्रदेश प्रभारी बनने में पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल, प्रीतम सिंह, उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी, लालचंद शर्मा, सूर्यकांत धस्माना, धीरेंद्र प्रताप सहित तमाम नेताओं ने उन्हें बधाई दी है।

अयोध्या में राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे INDIA गठबंधन के सीताराम येचुरी और डी राजा, ठुकराया ट्रस्ट का निमंत्रण !

 भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (CPIM) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कथित तौर पर उत्तर प्रदेश के अयोध्या में अगले साल 22 जनवरी को होने वाले राम लला की प्राण प्रतिष्ठा या अभिषेक समारोह में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) में उनके समकक्ष डी राजा, जिन्हें भी इस महत्वपूर्ण अवसर के लिए आमंत्रित किया गया था, के भी इसमें शामिल न होने की संभावना है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने उन्हें निमंत्रण दिया था। इस शुभ कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व पार्टी अध्यक्ष और लोकसभा सांसद सोनिया गांधी और निचले सदन में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी को भी आमंत्रित किया गया है। बता दें कि, डी राजा और येचुरी दोनों, 28 विपक्षी दलों द्वारा भाजपा को हराने के लिए बनाए गए INDIA गठबंधन के सदस्य हैं। माना जा रहा है कि, राजा और येचुरी के इस फैसले के पीछे कारण अपने मुख्य वोटर मुस्लिम समाज को नाराज़ होने से बचाना है, क्योंकि ये समुदाय शुरू से अयोध्या में राम मंदिर का विरोध करता रहा है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी उनमे मंदिर निर्माण के प्रति नाराज़गी है। हो सकता है कि, इसी कारण INDIA गठबंधन के अन्य दल, जैसे कांग्रेस के बड़े नेता, गांधी परिवार, इस शुभ आयोजन से दूरी बना लें, क्योंकि वे भी अपने मुख्य वोटर को नाराज़ नहीं करना चाहेंगे। वैसे भी कांग्रेस शुरू से राम मंदिर का विरोध करती रही है, पार्टी ने तो अपनी सरकार के समय सुप्रीम कोर्ट में बाकायदा हलफनामा देकर श्री राम को काल्पनिक करार दे दिया था। कांग्रेस के पूर्व सीएम नरसिम्हा राव ने विवादित जगह पर वापस मस्जिद बनवाने का वादा किया था, ऐसे में माना जा रहा है कि, कांग्रेस के बड़े नेता भी अयोध्या से दूर ही रहना चाहेंगे। 

वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौड़ा को भी निमंत्रण भेजा गया है। पूर्व प्रधान मंत्री के स्टाफ ने उनकी नाजुक स्वास्थ्य स्थिति के कारण डॉ मनमोहन सिंह से मुलाकात के निपेंद्र मिश्रा के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। इस ऐतिहासिक समारोह में पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, रामनाथ कोविंद और सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती को भी निमंत्रण दिया गया है। प्रतिष्ठा समारोह के लिए अयोध्या में व्यापक तैयारियां की जा रही हैं, जिसमें 8,000 लोगों के आने की उम्मीद है। कार्यक्रम में वक्ताओं में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) सरसंघचालक मोहन भागवत शामिल हैं।

एलएंडटी समूह के एसएन सुब्रमण्यन और टाटा समूह के नटराजन चंद्रशेखरन सहित मंदिर के निर्माण से जुड़े बड़ी संख्या में लोगों को भी ट्रस्ट द्वारा आमंत्रित किया गया है। वीवीआईपी मेहमानों के लिए व्यापक तैयारियों के बावजूद, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय तीर्थयात्रियों को भीड़भाड़ से बचने के लिए 22 जनवरी को अयोध्या के बजाय निकटतम मंदिर में प्रार्थना करने की सलाह दे रहे हैं। उपस्थित लोगों में काशी विश्वनाथ और वैष्णो देवी जैसे महत्वपूर्ण मंदिरों के आध्यात्मिक नेता, योग गुरु बाबा रामदेव, तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा, सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली जैसे क्रिकेटरों के साथ-साथ संवैधानिक और धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हैं। आमंत्रित किए गए लोगों में रजनीकांत, अमिताभ बच्चन, माधुरी दीक्षित, दीपिका चिखलिया और अरुण गोविल जैसे अभिनेता, मधुर भंडारकर जैसे फिल्म निर्देशक और मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी जैसे व्यवसायी, प्रसिद्ध चित्रकार वासुदेव कामत और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के निदेशक नीलेश देसाई शामिल हैं। विश्व हिंदू परिषद ने इस आयोजन के लिए लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे दिग्गज भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से भी संपर्क किया।