JN.1: वैरिएंट ऑफ कंसर्न नहीं बना है कोविड का यह बदला स्वरूप, अगले सात दिन बेहद महत्वपूर्ण
रिपोर्ट-नितेश श्रीवास्तव
कोविड के नए बदले वैरिएंट से जिस तरीके से मामले बढ़ने शुरू हुए हैं, उसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अलर्ट हो गया है। कोविड मामलों पर नजर रखने वाली कमेटी के पास पहुंची जिनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट से पुष्टि हुई है कि वायरस का यह बदला स्वरूप अभी वैरिएंट ऑफ कंसर्न नहीं बना है। यानी वायरस का यह बदला स्वरूप अभी खतरनाक श्रेणी में नहीं है। वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट यानी बदले हुए स्वरूप पर नजर रखी जानी बेहद जरूरी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार शाम को एक महत्वपूर्ण बैठक कर सभी राज्यों से इस पूरे मामले में रोजाना रिपोर्ट शेयरिंग के साथ स्क्रीनिंग बढ़ाने के लिए निर्देश दिए हैं। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी वायरस के बदले स्वरूप पर चिंता न करने की बात कही है। केरल में कोविड के बदले हुए स्वरूप के बाद लगातार बढ़ रहे मामलों पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को दो महत्वपूर्ण बैठकें कीं। पहली बैठक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने वायरस के उभरते हुए सब वैरिएंट को लेकर अलर्ट रहने के निर्देश दिए। दरअसल केरल में आए कोविड के मामलों के बाद जिनोम सीक्वेंसिंग की दूसरी रिपोर्ट भी बुधवार को आई। इस रिपोर्ट के मुताबिक जिस वायरस में म्यूटेशन हुई है, वह ओमिक्रान फैमिली का तो पाया गया है। इसलिए यह वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट तो है। देशभर में कोविड के मामलों पर नजर रखने वाली कमेटी के विशेषज्ञों कहना है कि अगर यह म्यूटेशन वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट तो वेरिएंट का कंसर्न पर भी नजर जरूर रखनी चाहिए। इसी आधार पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों खास तौर से दक्षिण के राज्यों में ज्यादा सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।देश के पूर्व मुख्य महामारी विशेषज्ञ रहे डॉक्टर समीरण पांडा कहते हैं कि अभी तक की मिली जानकारी के मुताबिक यह वैरिएंट उतना खतरनाक नहीं बताया जा रहा है। लेकिन जितने भी कोविड के बदले हुए स्वरूप आए हैं, वह शुरुआत में खतरनाक नहीं साबित हुए। हालांकि उनका कहना है कि अभी भी इस वैरिएंट पर बेहद नजर रखने की जरूरत है। खासतौर से उन राज्यों में जहां पर सबसे ज्यादा कोविड के मामले सामने आए हैं। डॉ. समीरन पांडा कहते हैं कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सब-वैरिएंट JN.1 का पता लगने के बीच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सतर्कता बरतने को कहा है। उनका कहना है कि अगले सात दिनों के भीतर इस वायरस के बदले स्वरूप की गंभीरता का अंदाजा और हो सकेगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने JN.1 के तेजी से बढ़ते प्रसार को देखते हुए इसे एक अलग वैरिएंट के रूप में वर्गीकृत किया है। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य निकाय ने कहा है कि यह वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए 'कम' खतरा पैदा करता है। विश्व स्वास्थ्य निकाय ने मंगलवार को कहा कि JN.1 वैरिएंट को पहले BA.2.86 सब-वैरिएंट के हिस्से के रूप में एक प्रकार (वीओआई) के रूप में वर्गीकृत किया गया था। हालांकि, हाल के हफ्तों में कई देशों में JN.1 के मामले सामने आए हैं। वैश्विक स्तर पर इसका प्रसार तेजी से बढ़ा है।
Dec 22 2023, 10:07